कला-संस्कृति लेख साहित्य अयोध्या से दक्षिण कोरिया का अटूट पौराणिक सम्बन्ध April 28, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति किम देई जुंग और पूर्व प्रधानमंत्री हियो जियोंग और जोंग पिल किम कारक वंश से ही संबंध रखते थे। कारक वंश के लोगों ने उस पत्थर को भी सहेज कर रखा है जिसके विषय में यह कहा जाता है कि अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना अपनी समुद्र यात्रा के दौरान नाव का संतुलन बनाए रखने के लिए उसे रखकर लाई थी। किमहये शहर में राजकुमारी हौ की प्रतिमा भी है। कोरिया में रहने वाले कारक वंश के लोगों का एक समूह हर साल फरवरी-मार्च के दौरान राजकुमारी सुरीरत्ना की मातृभूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने अयोध्या आता है। Read more » अयोध्या दक्षिण कोरिया राजकुमारी सुरीरत्ना
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म जानिए घर की किस दिशा में दीपक लगाने से पूरी होती हैं आपकी मनोकामना/विश— April 28, 2017 / April 28, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment आखिर क्यों भारतीय संस्कृति की परम्पराओं में दीपक का इतना महत्व हैं ? किसी भी देश की संस्कृति उसकी आत्मा होती है। भारतीय संस्कृति की गरिमा अपार है। इस संस्कृति में आदिकाल से ऐसी परम्पराएँ चली आ रही हैं, जिनके पीछे तात्त्विक महत्त्व एवं वैज्ञानिक रहस्य छिपा हुआ है। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ […] Read more » दीपक दीपक का महत्व
कला-संस्कृति विविधा संस्कृति April 26, 2017 by गंगानन्द झा | Leave a Comment सलाद-बाउल प्रारुप में देश की विभिन्न संस्कृतियाँ सलाद के घटकों की तरह पास-पास में रहते हुए अपनी खासियतें बरकरार रखती हैं। अब यह प्रारूप राजनीतिक रूप से अधिक सही एवम् सम्माननीय माना जाता है, क्योंकि यह हर विशिष्ट संस्कृति को अभिव्यक्ति देता है। इस विचारधारा के हिमायतियों का दावा है कि परिपाचनवाद आप्रवासियों को उनकी संस्कृति से विच्छिन्न कर देता है, जब कि यह समझौतावादी विचारधारा उनके और उनकी बाद की पीढ़ियों के लिए अपने मेजबान राष्ट्र के प्रति निष्ठा को सर्वोपरि रखते हुए अपने वतन की संस्कृति के साथ जुड़े रहने की राह हमवार कर देती है। मेजबान और मूल राष्ट्र तथा निष्ठा और सुविधावाद के बीच इस किस्म का नाजुक सन्तुलन कायम रखा जा सकता है या नहीं, यह तो देखने की बात होगी। Read more » संस्कृति
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म एक अनूठा त्यौहार है अक्षय तृतीया April 26, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment अक्षय तृतीया का पावन पवित्र त्यौहार निश्चित रूप से धर्माराधना, त्याग, तपस्या आदि से पोषित ऐसे अक्षय बीजों को बोने का दिन है जिनसे समयान्तर पर प्राप्त होने वाली फसल न सिर्फ सामाजिक उत्साह को शतगुणित करने वाली होगी वरन अध्यात्म की ऐसी अविरल धारा को गतिमान करने वाली भी होगी जिससे सम्पूर्ण मानवता सिर्फ कुछ वर्षों तक नहीं पीढ़ियों तक स्नात होती रहेगी। अक्षय तृतीया के पवित्र दिन पर हम सब संकल्पित बनें कि जो कुछ प्राप्त है उसे अक्षुण्ण रखते हुए इस अक्षय भंडार को शतगुणित करते रहें। यह त्यौहार हमारे लिए एक सीख बने, प्रेरणा बने और हम अपने आपको सर्वोतमुखी समृद्धि की दिशा में निरंतर गतिमान कर सकें। अच्छे संस्कारों का ग्रहण और गहरापन हमारे संस्कृति बने Read more » Featured अक्षय तृतीया अक्षय तृतीया 2017
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म ख़ालसा पंथ का उदय तथा श्री गुरु गोबिन्द सिंघ जी के दिशा-निर्देश April 26, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment 30 मार्च सन् 1699 को वैषाखी के दिन श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी ने आन्नदुपर (पंजाब) में, सभी सिक्खों को एकत्र कर एक विशाल सम्मेलन का आयोजन किया। प्रातः भजन-कीर्तन के पश्चात् उस ऐतिहासिक दिवस पर, श्रद्धालुओं के अपार जन-समूह के सम्मुख हाथ में नग्न तलवार लिए श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी ने उच्च स्वर […] Read more » ख़ालसा पंथ का उदय श्री गुरु गोबिन्द सिंघ जी के दिशा-निर्देश
कला-संस्कृति लेख आगरा का इकलौता राजपूत सती स्मारक जसवंत की छतरी April 23, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी अमर इतिहास:- अमर सिंह राठौर जोधपुर के राजा गजसिंह के बड़े बेटे थे। मतभेद के बाद उन्होंने पिता का घर छोड़ दिया। अमर सिंह उस वक्त वीर योद्धाओं में गिने जाते थे और मुगल शहंशाह शाहजहां के दरबार में खास अहमियत रखते थे। सन् 1644 में अन्य दरबारियों ने उन पर जुर्माना […] Read more » सती स्मारक जसवंत की छतरी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म शिव :पूर्वोत्तर भारत के सर्वमान्य ईश्वर April 15, 2017 by वीरेन्द्र परमार | Leave a Comment प्रकृतिपूजक समुदाय पर भी हिंदू धर्म और संस्कृति का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है I प्रकारांतर से भगवान शिव की सर्वोच्चता में पूर्वोत्तर के सभी समुदायों की आस्था है I असमिया साहित्यभ, संस्कृमति, समाज व आध्याआत्मि क जीवन में युगांतरकारी महापुरुष श्रीमंत शंकर देव का अवदान अविस्मोरणीय है । उन्होंभने पूर्वोत्तार क्षेत्र में एक मौन अहिंसक क्रांति का सूत्रपात किया । उनके महान कार्यों ने इस क्षेत्र में सामाजिक- सांस्कृंतिक एकता की भावना को सुदृढ़ किया । उन्हों ने रामायण और भगवद्गीता का असमिया भाषा में अनुवाद किया । Read more » पूर्वोत्तर भारत शिव शिव सर्वमान्य ईश्वर
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म जानिए क्यों हैं हनुमान मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता…?? April 9, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment तंत्र शास्त्र के आदि देवता और प्रवर्तक भगवान शिव हैं। इस प्रकार से हनुमानजी स्वयं भी तंत्र शास्त्र के महान पंडित हैं। समस्त देवताओं में वे शाश्वत देव हैं। परम विद्वान एवं अजर-अमर देवता हैं। वे अपने भक्तों का सदैव ध्यान रखते हैं। उनकी तंत्र-साधना, वीर-साधना है। वे रुद्रावतार और बल-वीरता एवं अखंड ब्रह्मचर्य के प्रतीक हैं। अतः उनकी उपासना के लिए साधक को सदाचारी होना अनिवार्य है। उसे मिताहारी, जितेन्द्रिय होना चाहिए। हनुमान साधना करने के लिए हर व्यक्ति उसका पालन नहीं कर सकता, इसलिए इस चेतावनी का सदैव ध्यान रखना चाहिए कि हनुमानजी को सिद्ध करने का प्रयास भौतिक सुखों की प्राप्ति या चमत्कार प्रदर्शन के लिए कभी नहीं करना चाहिए। Read more » hanuman jayanti हनुमान हनुमान जन्मोत्सव हनुमान मंगलकर्ता हनुमान विघ्नहर्ता
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मंगलकर्ता और विघ्नहर्ता हैं हनुमान April 9, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment हनुमान जयन्ती- 11 अप्रैल 2017 पर विशेष – ललित गर्ग – भगवान हनुमानजी को हिन्दू देवताआंे में सबसे शक्तिशाली माना गया है, वे रामायण जैसे महाग्रंथ के सह पात्र थे। वे भगवान शिव के ग्यारवंे रूद्र अवतार थे जो श्रीराम की सेवा करने और उनका साथ देने त्रेता युग में अवतरित हुए थे। उनको बजरंग […] Read more » हनुमान जयन्ती
कला-संस्कृति शख्सियत समाज किशोरी अमोनकर के शास्त्रीय संगीत में भारतीय संस्कृति की आत्मा बसती थी April 9, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment किशोरी अमोनकर की प्रस्तुतियां ऊर्जा और सौन्दर्य से भरी हुई होती थीं। उनकी प्रत्येक प्रस्तुति प्रशंसकों सहित संगीत की समझ न रखने वालों को भी मंत्रमुग्ध कर देती थी। उन्हें संगीत की गहरी समझ थी। उनकी संगीत प्रस्तुति प्रमुख रूप से पारंपरिक रागों, जैसे जौनपुरी, पटट् बिहाग, अहीर पर होती थी। इन रागों के अलावा किशोरी अमोनकर ठुमरी, भजन और खयाल भी गाती थीं। किशोरी अमोनकर ने फिल्म संगीत में भी रुचि ली और उन्होंने 1964 में आई फिल्म ‘गीत गाया पत्थरों ने’ के लिए गाने भी गाए। Read more » Featured Kishori Amonkar veteran of classical music kishori amonkar किशोरी अमोनकर
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म मनोवांछित फल प्रदाता और समस्त कामना पूर्ण करने वाली कामदा एकादशी April 8, 2017 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment मान्यतानुसार मनोवांछित फल प्रदाता और समस्त कामना पूर्ण करने वाली कामदा एकादशी व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन किया जाता है। पौराणिक कथानुसार धर्मावतार महाराज युधिष्ठिर के द्वारा पूछे जाने पर वसुदेव-देवकी नंदन भगवान श्री कृष्ण ने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में स्थित कामदा एकादशी का विधान व माहात्म्य बतलाते हुए कहा कि एक समय यही प्रश्न राजा दिलीप ने अपने गुरुदेव वशिष्ठ जी से किया था। तब उन्होंने जो उत्तर दिया था वही मैं आपकी जिज्ञासा शांत करने हेतु श्रवण कराता हूं, आप एकाग्रचित्त से श्रवण करें। र Read more » कामदा एकादशी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म युवाओं के लिए प्रेरक भगवान श्रीराम April 5, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment समाजिक समरसता की स्थापना के लिए भगवान श्रीराम ने सदा न्याय का साथ दिया और अन्याय के विरूद्ध खड़े हुये। इसका संुदर उदारहण बालिवध का प्रसंग है। बालि ने जब धर्म की दुहाई देते हुए श्रीरामजी के कार्य को अन्याय बताया तो उन्होनें उसकी बात का खण्डन करते हुए कहा कि -”बालि तुम्हें तुम्हारे पाप का ही दण्ड मिला है। तुमने अपने छोटे भाई की स्त्री को जो तुम्हारी पुत्रवधू के समान है बलपर्वूक रख लिया है। अतः तुम्हें दण्ड देकर मैनें राजधर्म, मित्रधर्म एवं प्रतिज्ञा का पालन किया है।“ Read more » भगवान श्रीराम रामनवमी