कला-संस्कृति भारत भवन : याद रह गयी तेरी कहानी February 11, 2015 / February 11, 2015 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार 13 फरवरी 1982 का दिन और आज तैंतीस बरस बाद 13 फरवरी 2015 का दिन। यह तारीख बार बार और हर बार आयेगी लेकिन भारत भवन का वह गौरव कभी आयेगा, इस पर सवाल अनेक हैं। यह सवाल विमर्श मांगता है किन्तु विमर्श की तमाम संभावनायें पीछे छूट गयी हैं। इतनी पीछे कि […] Read more » भारत भवन
कला-संस्कृति मकर सक्रान्ति पर्व और हम January 14, 2015 / January 14, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मकर सक्रान्ति पर्व सूर्य के मकर राशि में संक्रान्त वा प्रवेश करने का दिवस है। इस दिन को उत्साह में भरकर मनाने के लिए इसे मकर संक्रान्ति, लोहड़ी व पोंगल आदि नाम दिए गये हैं। मकर संक्रान्ति क्या है? इसका उत्तर है कि पृथिवी एक सौर वर्ष में सूर्य की परिक्रमा पूरी करती है। पृथिवी […] Read more » मकर सक्रान्ति पर्व
कला-संस्कृति जन-जागरण धर्म प्रवतर्कों व प्रचारकों के लिए वेद-ज्ञानी होना अपरिहार्य’ January 14, 2015 / January 14, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on धर्म प्रवतर्कों व प्रचारकों के लिए वेद-ज्ञानी होना अपरिहार्य’ देश व विदेशों में नाना मत मतान्तर, जो स्वयं को धर्म कहते हैं, सम्प्रति प्रचलित हैं। इनमें से कोई भी वेदों को या तो जानता ही नहीं है और यदि वेदों का नाम आदि जानता भी है तो वेदों के यथार्थ महत्व से वह सर्वथा अपरिचित होने के कारण वेदों का उपयोग नहीं कर […] Read more » धर्म प्रवतर्कों प्रचारक वेद-ज्ञानी
कला-संस्कृति वैदिक युग में विमान January 8, 2015 by प्रमोद भार्गव | 4 Comments on वैदिक युग में विमान प्रमोद भार्गव हमारे देश में एक बड़ी विडंबना है कि जब भी कोई विद्वान प्राचीन भारत अथवा वैदिक युग में विज्ञान की बात करता है तो उस विचार पर नए सिरे सोच की बजाय उसे खारिज करने प्रतिक्रिया ज्यादा सुनाई देने लगती है। भारतीय विज्ञान कांग्रेस के मुबंई में आयोजित 102 वे सम्मेलन में एक […] Read more » वैदिक युग में विमान
कला-संस्कृति समाज गुरूकुल शिक्षा का उद्देश्य वेद प्रचारक वैदिक विद्वान बनाना है January 8, 2015 / January 8, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on गुरूकुल शिक्षा का उद्देश्य वेद प्रचारक वैदिक विद्वान बनाना है सृष्टि के आरम्भ से जो गुरूकुल वा विद्यालयीय शिक्षा आरम्भ हुई और महाभारत काल व उसके अनेक वर्षों बाद तक सफलतापूर्वक चली, वह निश्चित ही गुरूकुलीय शिक्षा प्रणाली थी। आजकल की विद्यालयीय शिक्षा में विद्यार्थी अपने परिवार और विद्यालय के बीच में फंसा रहता है। उसकी सर्वांगीण शारीरिक व आत्मिक उन्नति नहीं हो पाती। उसका […] Read more » गुरूकुल शिक्षा
कला-संस्कृति जन-जागरण क्यूँ करें गोरक्षा ? January 6, 2015 / January 6, 2015 by मानव गर्ग | 7 Comments on क्यूँ करें गोरक्षा ? हृदय में प्रभु की भक्ति की जल रही ज्योति से प्राप्त हुई प्रेरणा से गत वर्षों में गोरक्षा के विषय में मेरे मन में जो विचार उत्पन्न हुए हैं, उन्हें इस लेख के द्वारा मैं सङ्ग्रहीत कर रह हूँ । मेरा मानना है कि ये विचार ज्ञानी पुरुषों व इस विषय में अनुभवी व कार्यरत […] Read more » cow conservation गोरक्षा
कला-संस्कृति जन-जागरण वैदिक युग में थे रिवर्स गेयर वाले विमान December 28, 2014 / December 29, 2014 by अलकनंदा सिंह | 4 Comments on वैदिक युग में थे रिवर्स गेयर वाले विमान वैदिक युग में भारत में ऐसे विमान थे जिनमें रिवर्स गियर था यानी वे उलटे भी उड़ सकते थे। इतना ही नहीं, वे दूसरे ग्रहों पर भी जा सकते थे। सच है या नहीं, कौन जाने। अब एक जाना-माना वैज्ञानिक इंडियन साइंस कांग्रेस जैसे प्रतिष्ठित कार्यक्रम में भाषण के दौरान ऐसी बातें कहेगा तो आप […] Read more » रिवर्स गेयर वाले विमान वैदिक युग
कला-संस्कृति मन्दिर था या मस्जिद ?? December 8, 2014 / December 8, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment श्रीराम भारतीय राष्ट्रभाव का चरम आनंद हैं, वे मंगल भवन हैं, अमंगलहारी हैं, मर्यादा पुरुषोत्तम हैं । वे भारतीय मानस के सम्राट हैं, पुराण में हैं, काव्य में हैं, इतिहास में भी हैं।श्रीराम जन्मभूमि राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है। विवादित स्थल (जिसे राजनीतिक कारणों से विवादित बनाया गया ) पर मन्दिर था या मस्जिद ये […] Read more » मन्दिर मस्जिद
कला-संस्कृति जन-जागरण वीर हरपाल देव का स्वतंत्रता आंदोलन एवं खुसरू खां की ‘हिन्दू क्रान्ति’ December 8, 2014 / December 8, 2014 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment एक का उठना एक का गिरना ये खेल निरंतर चलता है। नीति पथ के अनुयायी को जग में मिलती सच्ची सफलता है।। पथ अनीति का अपनाये जो, वह कागज के सम गलता है। कालचक्र जब घूमकर आये, तब चलती नही चपलता है।। अलाउद्दीन खिलजी ने निश्चित रूप से दिल्ली की सल्तनत को विस्तार दिया था। […] Read more » खुसरू खां की ‘हिन्दू क्रान्ति’ वीर हरपाल देव वीर हरपाल देव का स्वतंत्रता आंदोलन
कला-संस्कृति रहस्य और तिलिस्म के बीच छुपे धरोहर October 26, 2014 by एम. अफसर खां सागर | Leave a Comment शुंग और गुप्त वंश की गुफाओं में है भगवान बुद्ध से जुड़ अनेकों भित्ती चित्रचकिया से नौ किलोमीटर दूर बिहार की सीमा पर घुरहूपुर गाँव के पास स्थित पीठिया पहड़ी पर मानव निर्मित शुंग और गुप्त वंश की गुफाओं में बौद्ध धर्म की महायान शाखा सेे जुड़े भगवान बुद्ध की भित्ती चित्र मिले हैं। जमीन […] Read more » रहस्य और तिलिस्म के बीच छुपे धरोहर
कला-संस्कृति जन-जागरण पशु बलि ,संस्कृति और न्यायालय – डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री October 19, 2014 / November 15, 2014 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment संस्कृति दरअसल मानव प्रगति की यात्रा का ही दूसरा नाम है । जीव जीव का भोजन है , यह आदिम प्रवृति की सब से बड़ी पहचान है । आदिम प्रवृत्तियों पर नियंत्रण ही सांस्कृतिक उत्थान की पहचान है । सभी जीवों में से मानव को ही सबसे ज़्यादा बुद्धिमान माना जाता है । अब देखना […] Read more » पशु बलि
कला-संस्कृति वर्त-त्यौहार दीपावली का रामकथा से संबंध – एक भ्रम October 13, 2014 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | Leave a Comment डा, रवीन्द्र अग्निहोत्री, प्रतिवर्ष हम आश्विन शुक्ल दशमी को दशहरा मनाते हैं . इस अवसर पर रामलीला में श्री राम के द्वारा रावणवध का कार्यक्रम प्रमुखता से आयोजित किया जाता है. इसके लगभग बीस दिन बाद कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है. यह प्रसिद्ध है कि इसी दिन श्री राम अपना वनवास पूरा करके […] Read more » दीपावली का रामकथा से संबंध