धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 55 September 24, 2024 / September 24, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सीता जी की अग्नि परीक्षा सीता जी ने उस समय अपने आंसुओं को पोंछते हुए लक्ष्मण जी की ओर देखा और अत्यंत उदास होकर एकाग्र मन से कुछ सोचते हुए उनसे कहा कि इस मिथ्यापवाद से पीड़ित हो मैं जीना नहीं चाहती । अतः तुम मेरे लिए चिता तैयार करो। क्योंकि ऐसे रोग की एकमात्र […] Read more »
धर्म-अध्यात्म प्रवक्ता न्यूज़ मेरे मानस के राम : अध्याय 54 September 23, 2024 / September 24, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment अग्नि परीक्षा और सीता जी सीता जी ने उपस्थित महानुभावों के समक्ष अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए रामचंद्र जी से कहा कि जिस समय रावण ने मुझे पकड़ा था, उस समय उसने मेरा शरीर अवश्य स्पर्श किया था, परंतु तब मैं विवश थी। मेरी इच्छा से उसने मेरा शरीर नहीं छुआ था। इसमें मेरा […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 53 September 22, 2024 / September 24, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सीता का राम के पास आना अयोध्या नगरी लौटने के लिए व्याकुल श्री रामचंद्र जी ने हनुमान जी को आदेश दिया कि वह सीता जी को यथाशीघ्र हमारे पास ले आएं। हनुमान जी ने रामचंद्र जी के आदेश का पालन किया और कुछ समय पश्चात ही वे सीता जी को अपने साथ लेकर रामचंद्र जी […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 52 September 20, 2024 / September 17, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रावण का अंतिम संस्कार और विभीषण का राज्याभिषेक संकेत किया श्री राम ने , विभीषण जी की ओर।वीर हित नहीं शोभता, ऐसा बिरथा शोक।। महिलाओं को दूर कर , करो दाह संस्कार।धर्म आपका है यही , याद करे संसार।। विभीषण बोले – “राम जी ! क्या कहते हो आप ?”उसका ना सम्मान हो , किया […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 51 September 19, 2024 / September 24, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment मंदोदरी का विलाप रामचंद्र जी विभीषण को पूर्व में ही यह वचन दे चुके थे कि लंका की जीत के पश्चात वह रावण के स्थान पर उन्हें लंका का राजा बनाएंगे। आज वह घड़ी आ गई थी, जब लंका के राजा रावण का अंत हो गया था। उसका राज्यसिंहासन खाली पड़ा था। जिस पर अब […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 50 September 18, 2024 / September 19, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment विभीषण जी का विलाप कहा जाता है कि:- खून आखिर खून है यह बेवफा होता नहीं।वक्त के तूफान में रिश्ता जुड़ा होता नहीं।। बस, यही वह बात थी, जिसने विभीषण जी को इस समय रोने के लिए विवश कर दिया। अपने सहोदर रावण के धरती पर पड़े शव को देखकर उनके आंसू रुक नहीं पा […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 49 September 17, 2024 / September 17, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रावण वध उन्होंने युद्ध क्षेत्र में रामचंद्र जी का मार्गदर्शन करते हुए कहा :- बोले मातली राम से , ब्रह्मास्त्र लो हाथ।अंत करो इस नीच का , बहुत किए उत्पात।। पाप और पापी का करो , निर्भय होकर अंत।यही सनातन सत्य है , रहें सुरक्षित संत।। आतंकी का वध करो , यही शास्त्र संदेश।क्षात्र धर्म […] Read more »
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार अपने पूर्वजों को जल देने का भारतीय विधान सिर्फ कर्मकांड नहीं, विज्ञान भी ! September 17, 2024 / September 17, 2024 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment – डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारतीय ऋषियों ने अपने किए गए तमाम शोधों में से एक अनुसंधान देह की समाप्ति (मृत्यु) के बाद के दूसरे संसार पर भी किया है, जिसे हम आत्माओं का घर भी कहते हैं। जिस प्रकार मनुष्य अनेकानेक जीवाणुओं और विषाणुओं को अपनी खुली आंखों से देख नहीं सकता, किंतु उनका अस्तित्व […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 48 September 16, 2024 / September 17, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment मायावी लंकेश मर गया रामचंद्र जी ने आज युद्ध का मोर्चा स्वयं संभाला हुआ था। वह नहीं चाहते थे कि आज भी लक्ष्मण इधर-उधर से आकर युद्ध में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करते हुए रावण वध के लिए अपने आप को झोंक दे। वे छोटे भाई को एक शक्ति के रूप में बचा कर […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 47 September 15, 2024 / September 17, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment लंकेश हुआ भयभीत रामचंद्र जी आज युद्ध का अंत कर देना चाहते थे । यही कारण था कि वह आज लंका के राजा रावण पर भीषण प्रहार कर रहे थे। आज उन्हें अपना परम शत्रु रावण ही दिखाई दे रहा था, जिसके कारण उस समय भयंकर विनाश हो चुका था। जितने भर भी लोग उस […] Read more »
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 46 September 14, 2024 / September 11, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment लक्ष्मण जी का उपचार ( यहां पर यह बात ध्यान देने की है कि जब लक्ष्मण जी को शक्ति लगी तो उनका ह्रदय फट गया था। यदि आज ऐसी घटना हो जाए तो हमारे चिकित्सकों के पास ऐसा कोई उपाय नहीं है जो फटे हुए हृदय को ठीक कर सके। इससे पता चलता है कि […] Read more » मेरे मानस के राम
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 45 September 13, 2024 / September 11, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राम रावण युद्ध जब रामचंद्र जी के साथ सभी दिव्य शक्तियों के सहयोग और संयोग की बात की जाती है तो उसका अभिप्राय यह समझना चाहिए कि न्याय, धर्म और सत्य जिसके साथ होता है, उसके साथ परमपिता परमेश्वर की शक्ति आशीर्वाद के रूप में सदा साथ बनी रहती है। प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा सात्विक […] Read more » मेरे मानस के राम