धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 43 September 11, 2024 / September 11, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सीता की हत्या करने का रावण का विचार बांह पसारे राम ने, किया लखन सत्कार।गले लगाया प्यार से , सिर सूंघा कई बार।। लक्ष्मण जी की चोट को , सह न पाए राम ।नि:श्वास लेने लगे , कहा – करो आराम ।। ( आज रामचंद्र जी के लिए बहुत ही कष्ट का समय था। उन्हें […] Read more » मेरे मानस के राम
धर्म-अध्यात्म क्षमा की धरती को उर्वरा बनाते हैं मैत्री के फूल September 10, 2024 / September 10, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment विश्व मैत्री दिवस – 9 सितम्बर, 2024-ललित गर्ग –जैनधर्म की त्याग प्रधान संस्कृति में पर्युषण पर्व का अपना अपूर्व एवं विशिष्ट आध्यात्मिक महत्व है। यह एकमात्र आत्मशुद्धि का प्रेरक पर्व है। इसीलिए यह पर्व ही नहीं, महापर्व है। संपूर्ण जैन समाज इस पर्व के अवसर पर जागृत एवं साधनारत हो जाता है। आठ दिनों की […] Read more »
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 42 September 10, 2024 / September 10, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment मन मैला लंकेश का… रावण का एक-एक योद्धा संसार से विदा हो रहा था। अब उसके पास अपना सबसे बड़ा योद्धा उसका अहंकार ही शेष बचा था। यद्यपि इसी अहंकार ने उसके अनेक योद्धाओं का अंत करवा दिया था। उसके हरे-भरे देश को शवों का ढेर बना दिया था। अब ऐसी स्थिति आ चुकी थी, […] Read more » लंकेश
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 41 September 10, 2024 / September 10, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment मेघनाद का अंत एक दिन निश्चय होत है, पापी का भी अंत।बचता नहीं अभिशाप से, देता है जब संत।। धर्म विरुद्ध जो भी चले, निश्चय पापी होय।फल कठोर उसको मिले, बचा ना पावे कोय।। न्याय चक्र चलता सदा, धर्म चक्र के साथ।वंश सदा ही डूबता , किया हो जिसने पाप।। विभीषण जी से सारी जानकारी […] Read more » मेघनाद का अंत
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 40 September 10, 2024 / September 10, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment नकली सीता का वध राक्षसी शक्तियां प्राचीन काल से ही युद्ध को येन- केन- प्रकारेण जीतने का प्रयास करती रही हैं। इसके लिए उन्होंने युद्ध में भी धर्म निभाने की भावना को पूर्णतया उपेक्षित किया। हमारे प्राचीन साहित्य में सकारात्मक या धर्म की रक्षा के लिए युद्ध लड़ने वाली शक्तियों के द्वारा कहीं पर भी […] Read more » मेरे मानस के राम
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 39 September 10, 2024 / September 10, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment मेघनाद ने किया राम और लक्ष्मण को अधमरा विभीषण और हनुमान जी, लेकर हाथ मशाल ।घूम रहे रणभूमि में , लाशें पड़ीं विशाल।। जामवंत भी हो गए , घायल थे गंभीर।विभीषण जी के साथ में, पहुंचे हनुमत वीर ।। जामवंत जी बहुत ही विद्वान व्यक्ति थे। वह विद्वान के साथ-साथ एक अच्छे-अच्छे चिकित्सक भी थे। […] Read more » Meghnad killed Ram and Lakshman
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार विघ्नहर्ता, शुभकर्ता गणेशजी बहुआयामी देवता हैं September 7, 2024 / September 7, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment गणेश चतुर्थी – 7 सितम्बर, 2024 पर विशेष -ललित गर्ग- गणेश भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। प्राचीन काल से हिन्दू समाज कोई भी कार्य निर्विघ्न सम्पन्न करने के लिए उसका प्रारम्भ गणपति की पूजा से ही करता आ रहा है। प्रतिकूल, अशुभ, अज्ञान एवं दुःख से परेशान मनुष्य के लिये गणेश ही तारणहार है। […] Read more » Ganesha is a multidimensional deity. गणेश चतुर्थी - 7 सितम्बर
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 38 September 3, 2024 / September 4, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment कुंभकर्ण का वध कुंभकर्ण ने अपने भाई विभीषण को अपने आगे से सम्मान पूर्वक शब्दों के माध्यम से हटा दिया। कुंभकर्ण जानता था कि इस महाविनाशकारी युद्ध में उसके सहित सारी राक्षस सेना मारी जाएगी। अंत में रावण भी मारा जाएगा। ऐसे में विभीषण को सुरक्षित रहना चाहिए। अतः अच्छा यही होगा कि मैं उन […] Read more »
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 37 September 2, 2024 / September 4, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment कुंभकर्ण रावण संवाद रामचंद्र जी यद्यपि बहुत ही सौम्य प्रकृति के व्यक्ति थे, पर उनके भीतर आज सात्विक क्रोध अर्थात मन्यु अपने चरम पर था। वीरों का क्रोध भी सात्विक होता है। जिसमें नृशंसता , क्रूरता , निर्दयता और अत्याचार की भावना दूर-दूर तक भी नहीं होती। उन्हें क्रोध भी लोक के उपकार के लिए […] Read more »
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 36 September 1, 2024 / September 4, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रावण चरित् और रामायण अभी तक वानर दल का कोई भी सेनापति या योद्धा लंकाधिपति रावण के बल की थाह नहीं कर पाया था। जिस रावण की उपस्थिति में हनुमान जी ने लंका में आग लगा दी थी , आज उसी रावण को उनका वानर दल टस से मस नहीं कर पा रहा था। इससे […] Read more »
धर्म-अध्यात्म प्रवक्ता न्यूज़ लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 35 August 31, 2024 / September 4, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment युद्ध क्षेत्र के लिए रावण का प्रस्थान रावण अपनी मूर्खता और अहंकार के कारण दिन प्रतिदिन अपने अनेक साथियों को खोता जा रहा था। उसके अनेक वीर योद्धा स्वर्ग सिधार चुके थे। यद्यपि ऊपरी तौर पर वह अभी भी घमंड के वशीभूत होकर पराजित होने का नाम नहीं ले रहा था। पर भीतर ही भीतर […] Read more »
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 34 August 30, 2024 / August 29, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रावण के अनेक वीरों का अंत मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और लक्ष्मण जी के स्वस्थ होने से वानर दल में खुशी की लहर दौड़ गई। अब उन्हें यह विश्वास हो गया कि अगले दिन होने वाले युद्ध में उनकी विजय निश्चित है। रावण के गुप्तचरों ने उसे जाकर बता दिया कि राम और लक्ष्मण दोनों […] Read more » Ram of my mind: Chapter 34