धर्म-अध्यात्म ईश्वर से विज्ञान एवं राज्यादि ऐश्वर्य की प्रार्थना होने से वेद संसार के सर्वोत्तम धर्मग्रन्थ January 26, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द महाभारत काल के पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने संसार को ईश्वर, जीव व प्रकृति, इन तीन सत्ताओं का सिद्धान्त दिया जिसे त्रैतवाद के नाम से जाना जाता है। यह सिद्धान्त युक्ति, तर्क तथा प्रत्यक्षादि प्रमाणों से भी सिद्ध होता है। इस कारण इसके विपरीत अन्य सभी सिद्धान्त अपूर्ण व दोषपूर्ण होने […] Read more » वेद वेद संसार के सर्वोत्तम धर्मग्रन्थ
धर्म-अध्यात्म सत्यधर्म का निश्चय, उसका आचरण और उसके जानकारों के कर्तव्य January 19, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य देश में अनेक मत-मतान्तर, पंथ व सम्प्रदाय आदि हैं। आजकल इन सभी को धर्म की संज्ञा दी जाती है। हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई व इस्लाम को भी धर्म के नाम से ही सम्बोधित किया जाता है। किसी मत व पन्थ को किन्हीं व्यक्तियों द्वारा धर्म कहना उनकी अज्ञानता को ही प्रकट […] Read more » सत्यधर्म
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार क्यों कहते हैं शिवरात्रि ? January 18, 2017 / January 18, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | 1 Comment on क्यों कहते हैं शिवरात्रि ? वर्ष 2017 महा शिवरात्रि —————————————————————————————- महाशिवरात्रि 2017 में 24 फरवरी— निशिथ काल पूजा- 24:08 से 24:59 पारण का समय- 06:54 से 15:24 (25 फरवरी) चतुर्दशी तिथि आरंभ- 21:38 (24 फरवरी) चतुर्दशी तिथि समाप्त- 21:20 (25 फरवरी) ——————————————————————- हिंदु शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव मनुष्य के सभी कष्टों एवं पापों को हरने वाले हैं। सांसरिक कष्टों […] Read more » mahashivratri Mahashivratri in 2017 कालरात्रि जानिए क्यों कहते हैं शिवरात्रि महाशिवरात्रि मंत्र एवं समर्पण वर्ष 2017 महा शिवरात्रि
धर्म-अध्यात्म सबको आनन्द देने वाला परमेश्वर हम सब पर सब ओर से सर्वदा सुख की वृष्टि करे January 12, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य परमेश्वर का भली-भांति ध्यान करने को सन्ध्या कहते हैं। सन्ध्या करने का समय रात और दिन के संयोग समय दोनों सन्धि-वेलाओं में है। इस समय सब मनुष्यों को परमेश्वर की स्तुति, प्रार्थना और उपासना अवश्यमेव करनी चाहिये। ऋषि दयानन्द जी के अनुसार सभी मनुष्यों को समाधिस्थ होकर योगियों की भांति परमात्मा […] Read more »
धर्म-अध्यात्म असत्य का त्याग और सत्य का ग्रहण मनुष्य का कर्तव्य और धर्म’ January 12, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को मनुष्य इसके मननशील होने के कारण ही कहा जाता है। मनुष्य व पशु में अनेक समानतायें हैं। शारीरिक दृष्टि से दोनों के पास अपना अपना एक शरीर हैं जिसमें दो आंखे, नाक, कान, मुंह व पैर आदि हैं। दोनों के पास इन्द्रियां प्रायः समान हैं और दोनों को ही समान […] Read more » असत्य का त्याग त्याग मनुष्य का कर्तव्य और धर्म’ सत्य का ग्रहण
धर्म-अध्यात्म संसार को समस्त भ्रांतियों से मुक्त करना ऋषि दयानंद की एक प्रमुख देन’ January 10, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द के देश और संसार को अनेक योगदानों में से एक प्रमुख योगदान यह भी है कि उन्होंने मनुष्य मात्र को धार्मिक व सामाजिक भ्रान्तियों से मुक्त करने का प्रयत्न किया और सभी मिथ्या विश्वासों का परिचय देकर उनके सत्य व यथार्थ समाधान प्रस्तुत किये। महर्षि दयानन्द के आगमन के समय […] Read more » संसार को समस्त भ्रांतियों से मुक्त
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज के वेदसम्मत 10 नियमों के आदर्श पालक ऋषि दयानन्द January 9, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज की स्थापना 10 अप्रैल, सन् 1875 को ऋषि दयानन्द सरस्वती ने मुम्बई में की थी। इसका उद्देश्य था विलुप्त वेदों की यथार्थ शिक्षाओं का जन-जन में प्रचार और उसके अनुरूप समाज व देश का निर्माण। महर्षि ने आर्यसमाज की स्थापना उनके वेद विषयक विचारों के प्रशंसकों वा अनुयायियों के अनुरोध पर […] Read more » 10 disciples of Arya Samaj आर्यसमाज आर्यसमाज के 10 नियम आर्यसमाज के वेदसम्मत 10 नियमों के आदर्श पालक ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द और आचार्य सायण के वेद भाष्य January 6, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्य विद्वान श्री कृष्णकान्त वैदिक शास्त्री जी ने एक लिखा है जिसका शीर्षक है ‘‘क्या आचार्य सायण वेदों के विशुद्ध भाष्यकार थे?’’ लेखक ने अपने लेख में स्वीकार किया है कि आचार्य सायण का भाष्य पूर्ण विशुद्ध भाष्य नहीं है। श्री वैदिक जी के लेख पर एक टिप्पणीकार के अनुसार ‘‘सायण महोदय […] Read more » आचार्य सायण के वेद भाष्य महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ईश्वर सर्वतोमहान और वेदानुयायी ऋषि महान और संसार के आदर्श January 4, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य इस संसार और पूरे ब्रह्माण्ड में सबसे महान कौन है? इसका उत्तर है कि इस संसार को बनाने व चलाने वाला जगदीश्वर सबसे अधिक महान पुरुष है। ईश्वर के बाद संसार में सबसे महान पुरूष व मनुष्यों के आदर्श कौन हैं, इसका उत्तर है वेदों के अनुयायी व अनुमागी सभी ऋषि महान […] Read more » ईश्वर ईश्वर की महानता
धर्म-अध्यात्म वैदिक वर्ण-व्यवस्था वर्तमान में खण्डित होते हुए भी अंशतः जीवित है’ January 4, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -डॉ. जयदत्त उप्रेती, स्वस्त्ययन पाक्षिक पत्र ‘‘आर्य जीवन” के 18-11-2016 के अंक में प्रकाशित श्री मनमोहन कुमार आर्य जी का लेख वैदिक वर्ण-व्यवस्था की वर्तमान में व्यावहारिकता के प्रश्न पर छपा है, जिसमें उन्होंने आर्यसमाज के विद्वानों से इस विषय पर अपने विचार देने का अनुरोध किया है। इस सम्बन्ध में मुझे यह निवेदन करना […] Read more » वैदिक वर्ण-व्यवस्था
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार रोग, राग, दुःख और दरिद्रता के निवारणार्थ स्कन्द षष्ठी व्रत January 3, 2017 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” भारतीय सांस्कृतिक चिन्तन में जहाँ भगवान शिव आत्मा तत्त्व या सृष्टि के केंद्र विन्दु के रूप में स्वीकार किये जाते हैं , वहीं उनकी अर्धागिनी माता पार्वती शक्ति का शिखर बिन्दु मानी जाती हैं। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार आत्मा रूपी सत्य और शक्ति के संयोग से ही सृष्टि गतिशील होती है तथा आत्मा […] Read more » स्कन्द षष्ठी व्रत
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म गुरु गोविन्द सिंह : सभ्यता और संस्कृति के प्रतीकपुरुष January 3, 2017 / January 3, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment गुरु गोविन्द सिंह के 350वें प्रकाश उत्सव- 5 जनवरी 2017 – ललित गर्ग- भारत का सौभाग्य है कि यहां की रत्नगर्भा माटी में महापुरुषों को पैदा करने की शोहरत प्राप्त है। जिन्होंने अपने व्यक्तित्व और कर्तृत्व से न सिर्फ स्वयं को प्रतिष्ठित किया वरन् उनके अवतरण से समग्र विश्व मानवता धन्य हुई है। इसी संतपुरुषों, […] Read more » Featured Guru Gobind Singh Prakash parv गुरु गोविन्द सिंह