कला-संस्कृति जन-जागरण धर्म-अध्यात्म यज्ञोपवीत संस्कार July 23, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on यज्ञोपवीत संस्कार डा. राधेश्याम द्विवेदी बहुत से लोग बाएं कांधे से दाएं बाजू की ओर एक कच्चा धागा लपेटे रहते हैं। इस धागे को जनेऊ कहते हैं। जनेऊ तीन धागों वाला एक सूत्र होता है। जनेऊ को संस्कृत भाषा में ‘यज्ञोपवीत’ कहा जाता है। यह सूत से बना पवित्र धागा होता है, जिसे व्यक्ति बाएं कंधे के […] Read more » upnayan sanskar यज्ञोपवीत संस्कार
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म समाज के उपेक्षितों को शरण देते हैं शिव July 22, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग देवों के देव शिव की भक्ति के लिये सावण मास का विशेष महत्व है। शास्त्रों में वर्णित है कि सावन महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसलिए यह समय भक्तों और साधु-संतों सभी के लिए अमूल्य होता है। इस समय सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव ग्रहण करते हैं। […] Read more » sawan month शिव समाज के उपेक्षितों को शरण देते हैं
धर्म-अध्यात्म ‘ऋषि दयानन्दभक्त पं. गुरुदत्त विद्यार्थी के कुछ प्रेरक प्रसंग’ July 22, 2016 / July 22, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य पं. गुरुदत्त विद्यार्थी जी का आर्यसमाज के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। आप बहुमुखी प्रतिभा से सम्पन्न युवक थे। मात्र 26 वर्ष के अल्प जीवन काल में ही आपने वैदिक धर्म और आर्यसमाज की जो सेवा की है उसका मूल्याकंन करना अतीव कठिन कार्य है। दयानन्द एंग्लो वैदिक स्कूल व कालेज की […] Read more » ऋषि दयानन्दभक्त पं. गुरुदत्त विद्यार्थी
धर्म-अध्यात्म वेदों के स्वतः प्रमाण होने की मान्यता के उद्घोषक व प्रचारक ऋषि दयानन्द इतिहास में प्रथम व्यक्ति July 20, 2016 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on वेदों के स्वतः प्रमाण होने की मान्यता के उद्घोषक व प्रचारक ऋषि दयानन्द इतिहास में प्रथम व्यक्ति ओ३म् मनमोहन कुमार आर्य वेद ईश्वरीय ज्ञान होने से स्वतः प्रमाण हैं। अन्य सभी ग्रन्थ वेदानुकूल होने पर प्रमाण और वेद विरुद्ध होने पर अप्रमाण होने की कसौटी ऋषि दयानन्द ने महाभारत-काल के बाद देश और विश्व को दी जो उन्हें अपने विद्या गुरु दण्डी स्वामी विरजानन्द सरस्वती से प्राप्त हुई थी। ऋषि दयानन्द वेद […] Read more » ऋषि दयानन्द वेदों के स्वतः प्रमाण
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म गुरु पूर्णिमा आत्म-बोध की प्रेरणा का शुभ त्योहार July 18, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- पश्चिमी देशों में गुरु का कोई महत्व नहीं है विज्ञान और विज्ञापन का महत्व है परन्तु भारत में सदियों से गुरु का महत्व रहा है। जीवन विकास के लिए भारतीय संस्कृति में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई है। गुरु की सन्निधि, प्रवचन, आशीर्वाद और अनुग्रह जिसे भी भाग्य से मिल जाए उसका […] Read more » गुरु पूर्णिमा
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म गुरुपूर्णिमा July 18, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment हम चाहे बात कितनी भी बड़ी बड़ी कर ले,लेकिन सच्चाई तो हम सभी जानते हैं, हमारा जीवन-मार्ग का रास्ता स्वयं ही सदगुरुदेव बनाते जाते हैं | वे पहले भी अंगुली पकडे थे अब भी हैं और कल भी रहेंगे, अंतर केवल इतना है क़ि जिसकी देखने की आँखे हैं वो देख लेता है और जिनकी […] Read more » गुरुपूर्णिमा
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म जानिए पूजन में दीपक का महत्त्व एवम् प्रकार July 18, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment चराचर जगत में जीवन जीने के लिए प्राणि मात्र को प्रकाश चाहिए। बिना प्रकाश के वह कोई भी कार्य नहीं कर सकता। सबसे अधिक महत्वपूर्ण प्रकाश सूर्य का है। इसके प्रकाश में अन्य सभी प्रकाश समाए रहते हैं। इसीलिए कहा गया है– शुभं करोति कल्याण आरोग्यं सुख संपदम्। शत्रु बुद्धि विनाशं च दीपज्योतिः नमोस्तुते। जिस […] Read more » importance od deepak in worship दीपक का महत्त्व पूजन में दीपक पूजन में दीपक का महत्त्व
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार आखिर क्यूँ है हिन्दू धर्म में श्रावण (सावन) माह का महत्व!! July 18, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment जानिए की कैसे और किस शुभ घड़ी में करें श्रावण मास में भगवान शिव का पूजन— भगवान शिव की भक्ति का प्रमुख माह श्रावण 20 जुलाई 2016 से प्रारंभ होने जा रहा है। पूरे माह भर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना का दौर जारी रहेगा। सभी शिव मंदिरों में श्रावण मास के अंतर्गत विशेष तैयारियां की गई […] Read more » Featured सावन माह का महत्व हिन्दू धर्म में श्रावण (सावन) माह का महत्व हिन्दू धर्म में सावन माह हिन्दू धर्म में सावन माह का महत्व
धर्म-अध्यात्म ख़ालसा पन्थ का उदय एवं श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी के दिशा-निर्देश July 13, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on ख़ालसा पन्थ का उदय एवं श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी के दिशा-निर्देश ज्ञानी लखविंदर सिंघ ‘वेदान्ति’ अंग्रेज़ इतिहास लेखक-मि. जे. डी. कंनिघम के कथनानुसारः “श्री गुरू गोबिन्द सिंघ जी ने एक पराजित जाति की सोई हुई शक्ति को फिर से उत्तेजित करते हुए सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए आवेषमय उत्कंठा से भर दिया, जो गुरु नानक जी द्वारा प्रस्तुत की गयी उपासना की विषुद्धता का यथोचित विस्थार […] Read more » Featured ख़ालसा पन्थ ख़ालसा पन्थ का उदय श्री गुरु गोबिंद सिंघ जी के दिशा-निर्देश
धर्म-अध्यात्म सूक्ष्म ईश्वर और जीवात्मा स्थूल आंखों से दिखाई क्यों नहीं देते?’ July 12, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम इस संसार के सभी स्थूल पदार्थों को अपनी आंखों से देखते हैं और उनकी रचना और उससे होने वाले लाभ व हानियों को विचार कर जानते हैं। आंखों से जो पदार्थ हम देखते हैं वह सृष्टि में स्थूल हुआ करते हैं। अनेक सूक्ष्म पदार्थों को आंखें देख नहीं पाती। जल को […] Read more » why dont we see god with naked eyes ईश्वर जीवात्मा सूक्ष्म स्थूल आंखों से दिखाई
धर्म-अध्यात्म अध्यात्म की फसल उगाने का अवसर है वर्षावास July 11, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा में चातुर्मास का विशेष महत्व है। विशेषकर वर्षाकालीन चातुर्मास का। हमारे यहां मुख्य रूप से तीन ऋतुएँ होती हैं- ग्रीष्म, वर्षा और शरद। वर्ष के बारह महीनों को इनमें बॉंट दें, तो प्रत्येक ऋतु चार-चार महीने की हो जाती है। वर्षा ऋतु के चार महीनों के लिए ‘चातुर्मास’ […] Read more » वर्षावास
धर्म-अध्यात्म स्वामी शंकराचार्य जी का चिन्तन और राष्ट्रीय दार्शनिक सम्मान July 7, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य परोपकारी मासिक पत्र के विद्वान सम्पादक डा. धर्मवीर जी ने पत्रिका के जुलाई, 2016 अंक में अपने सम्पादकीय में केन्द्रीय संस्कृति राज्य मन्त्री श्री महेश शर्मा के उस बयान पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार संघ के विचारक श्री परमेश्वरन द्वारा स्थापित एन.जी.ओ. संस्था के स्वामी […] Read more » राष्ट्रीय दार्शनिक सम्मान स्वामी शंकराचार्य जी का चिन्तन