चिंतन धर्म-अध्यात्म आत्मा का स्वराज्य April 25, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य डा. रामनाथ वेदालंकार जी वेदों के प्रसिद्ध विद्वान थे। अनेक विद्वानों के श्रीमुख से हमने उनके लिए वेदमूर्ति सम्बोधन द्वारा उनका यशोगान भी सुना है। उनकी मृत्यु पर मूर्धन्य विद्वानों ने विवेचना पूर्वक उन्हें मोक्षपद का उत्तराधिकारी भी कहा था। हमारा सौभाग्य है कि हमें उनके साथ जीवन का कुछ समय व्यतीत […] Read more » आत्मा का स्वराज्य
धर्म-अध्यात्म राम के मित्र महावीर हनुमान का आदर्श व अनुकरणीय जीवन April 23, 2016 by मनमोहन आर्य | 4 Comments on राम के मित्र महावीर हनुमान का आदर्श व अनुकरणीय जीवन मनमोहन कुमार आर्य आज आर्य धर्म व संस्कृति के महान आदर्श आजन्म ब्रह्मचारी महावीर हनुमान जी की जयन्ती है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र जी के साथ महावीर हनुमान जी का नाम भी इतिहास में अमर है व रहेगा। उनके समान ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला, स्वामी-भक्त, अपने स्वामी के कार्यों को प्राणपण से पूरा करने […] Read more » महावीर हनुमान महावीर हनुमान का आदर्श जीवन राम के मित्र महावीर हनुमान हनुमान
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द को राष्ट्रकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर की भाव-भरित श्रद्धांजलि April 23, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार की अपनी यात्राओं में बंगाल वा कोलकत्ता को भी सम्मिलित किया था। वह राष्ट्रकवि श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर के पिता श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर व उनके परिवार से उनके निवास पर मिले थे। आपका जन्म कोलकत्ता में 7 मई सन् 1861 को हुआ तथा मृत्यु भी कोलकत्ता में ही […] Read more » भाव-भरित श्रद्धांजलि महर्षि दयानन्द राष्ट्रकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर
चिंतन धर्म-अध्यात्म जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर महावीर जैन April 18, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” सत्य और अहिंसा का पाठ पढाकर मानव समाज को अन्धकार से प्रकाश की ओर लाने वाले महापुरुष जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म ईसा से 599 वर्ष पूर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ईस्वी काल गणना के अनुसार सोमवार, दिनांक 27 मार्च, 598 ईसा […] Read more » Featured चौबीसवें तीर्थंकर महावीर जैन जैन धर्म महावीर जैन
चिंतन धर्म-अध्यात्म आज के पार्थ सारथी April 17, 2016 by गोपाल बघेल 'मधु' | 3 Comments on आज के पार्थ सारथी पहले के पार्थ सारथी कृष्ण को लगभग ३५०० वर्षों बाद हम में से कुछ लोग अब कुछ समझ पाए हैं । उस समय के अधिकाँश लोग उनके असली स्वरूप को पहचान नहीं पाए थे । पार्थ सारथी कृष्ण, महाभारत में पार्थ (अर्जुन) के सारथी रहे । वे रथ पर पार्थ के साथ रहे । वे […] Read more » आज के पार्थ सारथी
चिंतन धर्म-अध्यात्म सृष्टि का रचयिता ईश्वर ही है April 16, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं और पृथिवी पर जन्में हैं। पृथिवी माता के समान अन्न, फल, गोदुग्ध आदि पदार्थों से हमारा पोषण व रक्षण करती है। हमारे शरीर में दो आंखे बनाई गईं हैं जिनसे हम संसार की वस्तुओं को देखते वा उन्हें अनुभव करते हैं। हम पृथिवी व उसकी सतह के ऊपर स्थित […] Read more » ईश्वर सृष्टि का रचयिता
धर्म-अध्यात्म मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम को जानकर उनके अनुसार अपना जीवन बनाने का संकल्प लेने का पर्व है रामनवमी April 15, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment रामनवमी के अवसर पर मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एवं महर्षि वाल्मीकि जी का जन्म होना आर्यों व हिन्दुओं के लिए अति गौरव की बात है। यदि यह दो महापुरुष न हुए होते तो कह नहीं सकते कि मध्यकाल में वैदिक धर्म व संस्कृति का जो पतन हुआ और महर्षि दयानन्द […] Read more » मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम रामनवमी
धर्म-अध्यात्म यज्ञ से वर्षा आदि कामनाओं की पूर्ति April 13, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment लातूर आदि स्थानों में सूखे के परिप्रेक्ष्य में मनमोहन कुमार आर्य क्या यज्ञ और वृष्टि का परस्पर सम्बन्ध है? अवश्य है, इसलिए कि वेद और गीता में इनका वर्णन मिलता है। गीता में भगवान कृष्ण ने सूखे को ध्यान में रखकर अर्जुन को उपदेश नहीं दिए थे। न हि सर्वव्यापक सृष्टिकत्र्ता ईश्वर ने सूखा पड़ने […] Read more » यज्ञ से वर्षा
धर्म-अध्यात्म संसार की समस्याओं का कारण मत-मतान्तरों की अविद्याजन्य मान्यतायें April 13, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आज का आधुनिक संसार अनेक प्रकार की समस्याओं से पीढि़त व ग्रसित है। इनके हल के लिए संसार के विभिन्न देशों में सरकारें, विभाग, कार्यालय व अन्य सहयोगी संस्थाओं सहित विश्व स्तरीय संगठन संयुक्त राष्ट्र है परन्तु फिर भी समस्यायें हल होने के स्थान पर दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। […] Read more » अविद्याजन्य मान्यतायें मत-मतान्तरों की अविद्याजन्य मान्यतायें संसार की समस्याओं का कारण
चिंतन धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज का देश की धार्मिक, सामाजिक, शिक्षा व स्वतन्त्रता सहित सभी क्षेत्रों में प्रमुख योगदान April 10, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आर्यसमाज के 141 वें स्थापनादिवस 10 अप्रैल, 2016 पर मनमोहन कुमार आर्य विश्व में अनेक धार्मिक व सामाजिक संगठन हैं जिनमें आर्यसमाज एक प्रमुख व अग्रणीय संगठन है। यदि इतिहास व अवधि के आधार पर देखें तो आर्यसमाज अन्य संगठनों की तुलना में अर्वाचीन है। आर्यसमाज की स्थापना 141 वर्ष पूर्व गुजरात के टंकारा […] Read more » आर्यसमाज आर्यसमाज के 141 वें स्थापनादिवस देश धार्मिक योगदान शिक्षा सामाजिक स्वतन्त्रता
चिंतन धर्म-अध्यात्म वैदिक प्राचीन पर्व नव संवत्सर April 9, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन में पर्वों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वर्ष या संवत्सर के रूप में पर्व को इस रूप में जान सकते हैं कि एक वर्ष की समाप्ती व उसके अगले दिन से दूसरे वर्ष का आरम्भ। मनुष्य जीवन में एक शिशु के रूप में जन्म लेता है और समय के […] Read more » वैदिक प्राचीन पर्व नव संवत्सर
चिंतन धर्म-अध्यात्म प्रथम आर्यसमाज की स्थापना की पृष्ठभूमि और उसके प्रेरक लोग April 9, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आर्यसमाज स्थापना दिवस 10 अप्रैल के अवसर पर प्रथम आर्यसमाज की स्थापना की पृष्ठभूमि और उसके प्रेरक लोग मनमोहन कुमार आर्य हमें एक आर्यबन्धु ने पूछा है कि आर्यसमाज की स्थापना का महर्षि दयानन्द जी को सुझाव किन आर्य-श्रेष्ठियों ने दिया था? हम सब यह तो जानते हैं कि आर्यसमाज की स्थापना महर्षि दयानन्द ने […] Read more » आर्यसमाज की स्थापना आर्यसमाज स्थापना दिवस 10 अप्रैल