Category: धर्म-अध्यात्म

चिंतन धर्म-अध्यात्म

क्या वेद अपौरूषेय हो सकते हैं

/ | 4 Comments on क्या वेद अपौरूषेय हो सकते हैं

 क्या वेद अपौरूषेय है? यदि हैं तो वेदों में ईश्वर ने स्वयं ही दिये ज्ञान में आदि ऋषियों व भावी मानव पीढि़यों से अपनी प्रशंसा क्यों कराई है? अपनी प्रशंसा करना व कराना मानवीय दोष माना जाता है। ईश्वर तो सबसे बड़ा व महान होने के कारण यदि ऐसा करता है तो यह उचित प्रतीत […]

Read more »

जन-जागरण धर्म-अध्यात्म प्रवक्ता न्यूज़

वेदों का ज्ञान अपौरूषेय अर्थात् ईश्वर प्रदत्त हैः आचार्य धनंजय

/ | 5 Comments on वेदों का ज्ञान अपौरूषेय अर्थात् ईश्वर प्रदत्त हैः आचार्य धनंजय

आर्यसमाज सुभाषनगर के वार्षिकोत्सव का आज सोत्साह समापन हुआ। आयोजन में पं. धर्मसिंह ने अपनी भजन मण्डली सहित प्रभावशाली भजन प्रस्तुत किये जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। प्रातःकाल डा. आचार्य धनंजय आर्य के ब्रह्मत्व में बृहद यज्ञ सम्पन्न हुआ जिसमें वेदपाठ और मंत्रोच्चार आर्यसमाज के पुरोहित श्री अमरनाथ एवं श्रीमद्दयानन्द आर्ष गुरूकुल, पौंधा, देहरादून के […]

Read more »