धर्म-अध्यात्म क्या शांतिकाली जी महाराज, स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती के बाद अब स्वामी असीमानंद की बारी है? May 19, 2011 / December 13, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 3 Comments on क्या शांतिकाली जी महाराज, स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती के बाद अब स्वामी असीमानंद की बारी है? डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री पिछले कुछ समय से दक्षिण गुजरात के डांग जिले के वनवासी क्षेत्रों में सेवा कार्य कर रहे स्वामी असीमानंद भारत सरकार के निशाने पर हैं। चर्च किसी भी स्थिति में स्वामी असीमानंद को डांग से हटाना चाहता था क्योंकि इस वनवासी बहुल क्षेत्र में चर्च द्वारा चलायी जा रही अराष्ट्रीय और […] Read more » Swamy Aseemanand शांतिकाली जी महाराज स्वामी असीमानंद स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती
धर्म-अध्यात्म बुद्ध जयंती पर विशेष- धर्म की नई भूमिका की तलाश May 17, 2011 / December 13, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जगदीश्वर चतुर्वेदी बौद्ध धर्म के बारे में अनेक मिथ हैं इनमें एक मिथ है कि यह शांति का धर्म है।गरीबों का धर्म है। इसमें समानता है। सच इन बातों की पुष्टि नहीं करता। आधुनिककाल में श्रीलंका में जातीय हिसा का जिस तरह बर्बर रूप हमें तमिल और सिंहलियों के बीच में देखने को मिला है। […] Read more » Mahatma Budh धर्म महात्मा बुद्ध
धर्म-अध्यात्म दर्शन को तैयार चारों धाम के द्वार May 12, 2011 / December 13, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | Leave a Comment शादाब जफर ”शादाब” देव भूमि उत्तराखण्ड सदियों से ऋषि मुनियों की तपस्थली रही है। यही कारण है कि लाखों करोड़ों श्रद्धालु हर वर्ष पुण्य कमाने के लिये देश विदेश से उत्तराखण्ड के विभिन्न तीर्थ स्थानों के साथ ही चार धाम यात्रा पर आते हैं। यूं तो आज भागमभाग की जिन्दगी में सब कुछ बदल गया […] Read more » Char Dham चार धाम
धर्म-अध्यात्म अंतवस्त्रों और चप्पलों पर हिन्दू देवी देवताओं की तस्वीर May 11, 2011 / December 13, 2011 by अवनीश राजपूत | 7 Comments on अंतवस्त्रों और चप्पलों पर हिन्दू देवी देवताओं की तस्वीर अवनीश सिंह कुछ दिन पहले भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में चित्रकार मकबूल फ़िदा हुसैन ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दू देवी देवताओं की नग्न तस्वीरें बनाकर अपनी लोकप्रियता में चार चाँद लगाया था। उसके कुछ ही दिन बाद एक विदेशी वेश्या काली का रूप धरकर मर्दों से आलिंगन करती हुई अपने आपको सबसे […] Read more »
धर्म-अध्यात्म चमत्कारी संत : सत्यसाईं बाबा May 4, 2011 / December 13, 2011 by विजय कुमार | 12 Comments on चमत्कारी संत : सत्यसाईं बाबा विजय कुमार भारत देवी, देवताओं और अवतारों की भूमि है। यहां समय-समय पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लेकर मानवता के कल्याण के लिए अपना जीवन अर्पण किया है। ऐसे ही एक श्रेष्ठ संत थे श्री सत्य साईं बाबा। बाबा का जन्म 23 नवम्बर, 1926 को ग्राम पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश) के एक निर्धन मजदूर पेंडवेकप्पा राजू […] Read more » Satya Sai Baba सत्यसाईं बाबा
धर्म-अध्यात्म प्रकृति ईश्वर ही तो है… April 30, 2011 / December 13, 2011 by दिवस दिनेश गौड़ | 13 Comments on प्रकृति ईश्वर ही तो है… दिवस दिनेश गौड़ मित्रों अभी कुछ दिन पहले किसी ने मुझसे कहा कि भाई आज से मैं मंदिरों में भगवान की पूजा नहीं करूँगा, आज से मैं प्रकृति की पूजा करूँगा| मैंने कहा यह तो अच्छी बात है, प्रकृति ईश्वर ही तो है| किन्तु मंदिर में रखी पत्थर की मूरत भी तो प्रकृति है| […] Read more » God ईश्वर जाकिर नाइक
धर्म-अध्यात्म बाबा का निधन : बाबा ब्रम्हलीन! : बाबा के ट्रस्ट पर विवाद के साए से श्रृद्धालुओं में चिंता April 26, 2011 / December 13, 2011 by लिमटी खरे | 6 Comments on बाबा का निधन : बाबा ब्रम्हलीन! : बाबा के ट्रस्ट पर विवाद के साए से श्रृद्धालुओं में चिंता 23 नवंबर 1926 को जन्मे सत्यनारायण कालांतर में भगवान सत्य साई बन गए। उन्होंने खुद को शिरडी के फकीर साई बाबा का अवतार बताया। धीरे धीरे लोगों की आस्था बाबा में इस कदर बढ़ी कि आज देश में ही बाबा को चाहने वालों की तादाद करोड़ों मे पहुंच चुकी है। बाबा का जीवन चमत्कार और […] Read more » Satya Sai Baba
धर्म-अध्यात्म संख्या बल बढ़ाने का पर्व: वासंतिक नवरात्र April 2, 2011 / December 14, 2011 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार नवरात्र का पर्व वर्ष में दो बार आता है। आश्विन शुक्ल 1 से प्रारम्भ होने वाले शारदीय नवरात्र की समाप्ति आ0शु0 9 पर होती है। इसका अगला दिन विजयादशमी भगवान राम का रावण पर विजय का पर्व है। इसी प्रकार वासंतिक नवरात्र का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल 1 को होकर श्रीराम के जन्म दिवस […] Read more » Navratra नवरात्र
धर्म-अध्यात्म राजनीति कांग्रेस और रामदेव आमने-सामने March 31, 2011 / December 14, 2011 by डॉ. मनीष कुमार | 6 Comments on कांग्रेस और रामदेव आमने-सामने डॉ. मनीष कुमार भारत की राजनीति का यह अजीबोग़रीब दौर है. संत राजनीति कर रहे हैं और राजनीतिक दल संतों की तरह बर्ताव कर रहे हैं. संत से मतलब मौन धारण करना है. ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि किसी पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, देश भर में […] Read more » Baba Ramdev कांग्रेस बाबा रामदेव
धर्म-अध्यात्म पर्यावरण फल्गु के बिना क्या मिल पायेगी हमारे पूर्वजों को मुक्ति? March 31, 2011 / December 14, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment सतीश सिंह सदियों से सभ्यता का विकास नदियों के किनारे होता रहा है। नदी के बिना जीवन की कल्पना असंभव है। बावजूद इसके नदियों की मौत पर हम कभी अफसोस जाहिर नहीं करते। जबकि उनकी मौत के लिए सिर्फ हम हमेशा से जिम्मेदार रहे हैं। कभी हम विकास के नाम पर उनकी बलि चढ़ाते हैं […] Read more » फल्गु
धर्म-अध्यात्म नया साल जो आया है March 29, 2011 / December 14, 2011 by विजय कुमार | 1 Comment on नया साल जो आया है विजय कुमार लीजिये, हंसता और मुस्कुराता, खिलखिलाकर नव उल्लास बिखराता, निराशा को भगाता और आशा को बटोरता नया वर्ष फिर से आ गया। चारों ओर देखिये, पेड़ नये पत्तों और कलियों के आगमन से कैसे झूम रहे हैं। पेड़-पौधे मुक्तहस्त होकर सुगंध बांट रहे हैं। भला कौन वह मूर्ख होगा, जो परिवार में आ रहे […] Read more » New Year भारतीय नववर्ष
धर्म-अध्यात्म क्यों पढ़ें हम श्रीकृष्ण का संदेश – गीता ? March 27, 2011 / December 14, 2011 by विश्वमोहन तिवारी | 7 Comments on क्यों पढ़ें हम श्रीकृष्ण का संदेश – गीता ? यह ५००० हजार वर्ष पुराना ज्ञान किसी युग में चाहे कितना भी उपयोगी रहा हो , आज के त्वरित ब्रह्माण्ड में, जो स्वयं तेजी से बदल रहा है, और जब हमारा ज्ञान दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है, तब इसका ऐतिहासिक महत्व हो सकता है, किन्तु आज के जीवन के लिये यह अधिक प्रासंगिक […] Read more » geeta गीता श्रीकृष्ण का संदेश