चिंतन “ईश्वर अनादि काल से हमारा साथी है और हमेशा रहेगा” August 26, 2019 / August 26, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। अथर्ववेद के एक मन्त्र ‘अन्ति सन्तं न जहात्यन्ति सन्तं न पश्यति। देवस्य पश्य काव्यं न ममार न जीर्यति।।’ में कहा गया है कि ईश्वर जीवात्मा के अति समीप है। वह जीवात्मा का त्याग नहीं करता। इसका दूसरा अर्थ यह भी है कि ईश्वर हमारे अति समीप है, जीवात्मा उसका त्याग नहीं […] Read more » always will be God our companion time immemorial
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा ईश्वर और प्रकृति के समान अनादि व अविनाशी सत्ता है August 22, 2019 / August 22, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम दो पैर वाले प्राणी हैं जो ज्ञान प्राप्ति में सक्षम होने सहित बुद्धि से युक्त मनुष्य कहाते हैं। हमारा शरीर भौतिक शरीर है। हमारा शरीर पंचभूतो अग्नि, वायु, जल, पृथिवी व आकाश से मिलकर बना है। पंचभूतों में से किसी एक व सभी अवयवों में चेतन होने का गुण नहीं […] Read more » entity like God and nature soul is eternal and indestructible
चिंतन श्रीकृष्ण महान् क्रांतिकारी नायक August 22, 2019 / August 22, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग – भगवान श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व भारतीय इतिहास के लिये ही नहीं, विश्व इतिहास के लिये भी अलौकिक एवम् अद्भुत व्यक्तित्व है और सदा रहेगा। वे हमारी संस्कृति के एक विलक्षण महानायक हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसकी तुलना न किसी अवतार से की जा सकती है और न संसार के किसी महापुरुष से। उनके […] Read more » great hero revolutniory hero Shri Krishna
चिंतन समग्रता का उपदेश देता गीता का दर्शन August 22, 2019 / August 22, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ‘क्रोध से सम्मोहन होता है, सम्मोहन से स्मृति लोप. स्मृति के लोप हो जाने से बुद्धि का नाश, और बुद्धि के नाश होने से व्यक्ति का नाश हो जाता है.’- [गीता:२-६६]. जीवन के नाश से बचने के लिए क्यों व्यक्ति को क्रोधादि अपने मानसिक आवेगों पर संयम रखना चाहिए उपरोक्त श्लोक इस बात का हमें […] Read more » gita preaches totality
चिंतन धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द संसार में सबसे महान एवं सर्वोत्तम मनुष्य थे” August 20, 2019 / August 20, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्य वह होता है जो अपने सभी निर्णय व कार्य मनन करके करता हे। मनुष्य का शिशु के रूप में अपनी माता के गर्भ से जन्म होता है। समय के साथ शिशु शारीरिक वृद्धि को प्राप्त होते हुए बालक, किशोर व युवा बनता है। विद्या अर्जित करके उसका ज्ञान बढ़ता है। […] Read more » and was the greatest best man in the world Rishi Dayanand
चिंतन धर्म-अध्यात्म “सत्यार्थप्रकाश सद्धर्म का प्रकाशक ग्रन्थ” August 17, 2019 / August 17, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्य एक चेतन प्राणी है। चेतन का स्वभाव गुण व कर्म की क्षमता से युक्त होना है। न केवल मनुष्य अपितु सभी चेतन प्राणी पशु व पक्षी आदि भी स्वभाविक ज्ञान से युक्त होकर जीवन भर कर्म करने में प्रवृत्त रहते हैं। जिन कर्मों से मनुष्य अन्य मनुष्यों व प्राणियों को […] Read more » satyarthprakash
धर्म-अध्यात्म “क्या हम गुरु विरजानन्द और ऋषि दयानन्द के कार्य को पूरा कर पाये?” August 16, 2019 / August 16, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्यों के दो प्रकार के पुत्र होते हैं। एक औरस और दूसरे मानस पुत्र कहे जाते हैं। हम ऋषि दयानन्द के मानस पुत्र हैं। हमारी ही तरह ऋषि दयानन्द स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी के मानस पुत्र वा साक्षत् शिष्य भी थे। स्वामी विरजानन्द जी ने ऋषि दयानन्द को जो प्रेरणा की […] Read more » Guru Virjanand Rishi Dayanand
चिंतन धर्म-अध्यात्म “गुरुकुल ब्रह्मचारियों को विद्या देने के साथ उन्हें तपस्वी बनाता हैः स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती” August 13, 2019 / August 13, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। दिनांक 11-8-2019 को देहरादून स्थित गुरुकुल पौंधा में 28 नये प्रविष्ट ब्रह्मचारियों के वेदारम्भ एवं उपनयन संस्कार सम्पन्न किये गये। प्रातः 7.00 बजे संस्कार विधि में दिये गये विधि विधान के अनुसार उपनयन एवं वेदारम्भ संस्कार अनेक आचार्यों, विद्वानों, गुरुकुल के ब्रह्मचारियों के अभिभावकों एवं स्थानीय निवासियों की उपस्थिति में सोल्लास […] Read more » gurukul swami prwanand sarswati
धर्म-अध्यात्म “हम ईश्वर का प्रत्यक्ष कर सकते है” August 12, 2019 / August 12, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम संसार को देखकर विचार करते हैं कि यह विशाल ब्रह्माण्ड किसने, कब, क्यों व कैसे बनाया? संसार के मत- मतान्तरों के ग्रन्थों में इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिलता। अतः लोग इन प्रश्नों के मन में आने तथा उत्तर न मिलने पर कुछ दिन बाद अपनी जिज्ञासा को भूल जाते […] Read more » God visible we direct them
चिंतन “प्रत्यक्षदर्शी स्वामी अच्युतानन्द और स्वामी आर्यमुनि August 12, 2019 / August 12, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment द्वारा ऋषि दयानन्द का वर्णन” -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आर्यसमाज के उच्च कोटि के विद्वान और ऋषि दयानन्द के जीवन के मर्मज्ञ डा0 भवानीलाल भारतीय जी ने एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम है ‘‘मैंने ऋषि दयानन्द को देखा”। भारतीय जी ने इस पुस्तक की रचना दो खण्डों में की है। प्रथम खण्ड में 25 […] Read more » and Swami Aryamuni Eyewitness Swami Achuthanand
धर्म-अध्यात्म क्या सभी उपासना पद्धतियां सत्य तथा समान रूप से हितकर हैं? August 9, 2019 / August 9, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य बचपन से ही इस संसार को देखकर विस्मित एवं आश्चर्यान्वित होता रहा है। बड़ा होने पर बहुत से मनुष्य इस संसार को देखकर इसके रचयिता को ईश्वर के रूप में स्वीकार करते हैं। उन्हें न तो स्कूलों में और न ही घरों में माता-पिता व दादा-दादियों द्वारा ईश्वर व आत्मा […] Read more » उपासना पद्धति
चिंतन “मनुष्य जीवन की उन्नति और उसके उपायों पर विचार” August 8, 2019 / August 8, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्य जीवन हमें शरीर व आत्मा की उन्नति के लिये मिला है। इन दोनों की उन्नति होने पर ही हम अपनी सामाजिक एवं लौकिक उन्नति कर सकते हैं। शरीर की उन्नति का तात्पर्य यह है कि हमारा शरीर निरोग, पूर्ण स्वस्थ व बलवान हो। शरीर में यथोचित शक्ति सहित सभी प्रकार […] Read more » and its remedies man life