धर्म-अध्यात्म ‘यज्ञ करने से परमात्मा की पूर्ण भक्ति हो जाती हैः डॉ. महेश विद्यालंकार’ December 20, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य गुरुकुल गौतमनगर दिल्ली का वार्षिकोत्सव एवं चतुर्वेद पारायण यज्ञ रविवार दिनांक 16-12-2018 को सोत्साह सम्पन्न हुआ। वेद पारायण यज्ञ के ब्रह्मा प्रसिद्ध वैदिक विद्वान डॉ. महावीर अग्रवाल थे। इस अवसर चतुर्वेद पारायण यज्ञ की पूर्णाहुति होने सहित अनेक विद्वानों के प्रवचन हुए। तीन विद्वानों का सम्मान भी किया गया। इस लेख में […] Read more » आर्यसमाज डॉ. महेश विद्यालंकार जी स्वामी त्यागानन्द स्वामी धर्मेश्वरानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर उपासना से सहनशीलता प्राप्त होती हैः डॉ. सोमदेव शास्त्री” December 19, 2018 / December 19, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमें दिनांक 15-12-2018 की सायं गुरुकुल पौंधा-देहरादून के आचार्य डॉ. धनंजय जी के साथ डॉ. सोमदेव शास्त्री, मुम्बई से मिलने आर्यसमाज, सेक्टर-11, द्वारका के उत्सव में जाने का अवसर मिला। डा. सोमदेव शास्त्री आर्यसमाज द्वारका में वेद कथा करने पधारे हुए थे। जिस समय हम वहां पहुंचे तो रात्रि 8.10 […] Read more » “ईश्वर उपासना से सहनशीलता प्राप्त होती हैः डॉ. सोमदेव शास्त्री
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर का वेद वर्णित सत्य स्वरूप और उसके गुण-कर्म-स्वभाव” December 15, 2018 / December 15, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार के सभी आस्तिक मत ईश्वर की सत्ता को मानते हैं परन्तु सब ईश्वर के स्वरूप और उसके गुण, कर्म व स्वभाव को लेकर एक मत नहीं हैं। यदि एक मत होते तो फिर संसार में भिन्न-2 मत-मतान्तर न होते। आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द सरस्वती ने ईश्वर के सत्यस्वरूप का अनुसंधान […] Read more » अजन्मा अजर अनन्त अनादि अनुपम अभय अमर दयालु नित्य निर्विकार न्यायकारी सर्वव्यापक सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म “वेदों का स्वाध्याय सभी मनुष्यों का मुख्य कर्तव्य” December 14, 2018 / December 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनुष्यों के अनेक कर्तव्यों में से एक कर्तव्य वेदों के सत्यस्वरूप को जानना व उनका नियमित स्वाध्याय करना है। वेदों का स्वाध्याय मनुष्य का कर्तव्य इसलिये है कि वेद संसार का सबसे पुराना व प्रथम ज्ञान है। यह वेदज्ञान मनुष्यों द्वारा अपने पुरुषार्थ से अर्जित ज्ञान नहीं है अपितु सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि […] Read more » ईश्वर का ज्ञान उसकी उपासना देश व समाज\ नित्य परोपकार सद्कर्म सर्वज्ञ एवं सर्वान्तर्यामी सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान
धर्म-अध्यात्म “यज्ञ-स्वाध्याय-सत्संग आदि के प्रेरक महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ” December 11, 2018 / December 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महात्मा दयाननन्द जी वानप्रस्थ वैदिक साधन आश्रम तपोवन में दीर्घकाल तक रहे और यहां रहकर साधकों को साधना का प्रशिक्षण देने के साथ यज्ञ, प्रवचन, स्वाध्याय, चिन्तन एवं ध्यान आदि कराते रहे। हमें यहां सन् 1970 के बाद से उनके दर्शन होते रहे। वह यहां समय-समय पर जो यज्ञ कराते […] Read more » “यज्ञ-स्वाध्याय-सत्संग आदि के प्रेरक महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ” ईश्वर भक्ति यज्ञ स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म “क्या हमारे प्रचारकों का जीवन ऋषि दयानन्द व स्वामी श्रद्धानन्द आदि के समान हैं” December 10, 2018 / December 10, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आर्यसमाज का उद्देश्य वेदों के सिद्धान्तों, मान्यताओं व विचारधारा का जन-जन में प्रचार करना है। यह कार्य आर्यसमाज के अनुयायी व इसके विद्वान आर्यसमाज की स्थापना के समय से करते चले आ रहे हैं। आर्यसमाज का विस्तार हुआ इसमें तो किसी को भी शंका नहीं है परन्तु जितना कार्य हो […] Read more » “क्या हमारे प्रचारकों का जीवन ऋषि दयानन्द व स्वामी श्रद्धानन्द आदि के समान हैं” आर्यसमाज न्यायालय
धर्म-अध्यात्म ‘वैदिक साधन आश्रम तपोवन और ऋषिभक्त दयानन्द वानप्रस्थ’ December 7, 2018 / December 7, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक साधन आश्रम की स्थापना सन् 1949 में हुई थी। इसके संस्थापक बावा गुरुमुख सिंह जी और उनके श्रद्धास्पद आर्य संन्यासी महात्मा आनन्द स्वामी थे। आश्रम में सभी प्रकार व श्रेणियों के साधक-साधिकायें आते रहे हैं। आश्रम में वर्ष में दो बार ग्रीष्मोत्सव एवं शरदुत्सव आयोजित किये जाते हैं। आरम्भ के बीस […] Read more » ‘वैदिक साधन आश्रम तपोवन और ऋषिभक्त दयानन्द वानप्रस्थ’
धर्म-अध्यात्म “महान दानी, सेवा भावी एवं संस्था शिल्पी बावा गुरमुख सिंह” December 6, 2018 / December 6, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून का प्रसिद्ध वैदिक साधन आश्रम तपोवन, नालापानी रोड, देहरादून जब तक रहेगा, इसके संस्थापक बावा गुरमुख सिंह जी और उनके प्रेरक महात्मा आनन्द स्वामी जी के नाम को अमर रखेगा। बावा गुरमुख सिंह जी का जन्म अमृतसर में एक सिख परिवार में पिता प्रद्युम्न सिंह जी के यहां हुआ था। आपके […] Read more » “महान दानी इराक ईरान मलेशिया सिंगापुर सेवा भावी एवं संस्था शिल्पी बावा गुरमुख सिंह”
धर्म-अध्यात्म “अंग्रेज सरकार की गुरुकुल कांगड़ी पर तिरछी नजर का प्रामाणिक विवरण” December 5, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द जी के प्रमुख शिष्य स्वामी श्रद्धानन्द, पूर्व नाम महात्मा मुंशीराम जी, की एक जीवनी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के ही एक वरिष्ठ स्नातक, यशस्वी पत्रकार एवं स्वतन्त्रता सेनानी पं. सत्यदेव विद्यालंकार ने लिखी है। इस पुस्तक का पहला संस्करण स्वामी श्रद्धानन्द जी के बलिदान के 7 वर्ष बाद सन् 1933 में […] Read more » गुरुकुल तपस्या और भक्तिभाव त्याग पं. सत्यदेव विद्यालंकार स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म “सुपात्रों को दान देने से ही दानकर्ता को जन्म-जन्मान्तर में अच्छे परिणाम मिलते हैं” December 4, 2018 / December 4, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हमारे शास्त्रों में दान की महिमा बताई गई है। मनुष्यों को अपना भविष्य सुधारने के लिये सुपात्रों को अवश्य दान करना चाहिये। यज्ञ के तीन अंग कहे जा सकते हैं। पहला देवपूजा, दूसरा संगतिकरण और तीसरा दान। यज्ञ में जड़ व चेतन दोनों प्रकार के देवताओं का यजन, पूजा, सत्कार व संगतिकरण […] Read more » अज्ञानता अन्धविश्वास असमानता ओषधियों कुरीतियां घृत यज्ञकुण्ड समिधा
धर्म-अध्यात्म “परमात्मा अवतार अर्थात् कभी जन्म नहीं लेताः पं. विद्यापति शास्त्री” December 4, 2018 / December 4, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज धामावाला देहरादून का दिनांक 2-12-2018 का रविवारीय साप्ताहिक सत्संग सोल्लास सम्पन्न हुआ। प्रातः आर्यसमाज की यज्ञशाला में विद्वान पुरोहित पं. विद्यापति शास्त्री जी ने यज्ञ सम्पन्न कराया। यज्ञ के पश्चात का कार्यक्रम आर्यसमाज के भव्य सभागार में हुआ। सत्संग के आरम्भ में पं. विद्यापति शास्त्री जी ने पं. सत्यपाल पथिक रचित […] Read more » “परमात्मा अवतार अर्थात् कभी जन्म नहीं लेताः पं. विद्यापति शास्त्री” ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म “ब्रह्मसमाज की अवैदिक व अव्यवहारिक मान्यतायें और आर्यसमाज” December 3, 2018 / December 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना सन् 1875 में मुम्बई में की थी। उन्होंने सन् 1863 से वेद व वैदिक मान्यताओं का प्रचार आरम्भ कर दिया था। वह वेद विरुद्ध मान्यताओं व सिद्धान्तों का खण्डन करते थे। उनका उद्देश्य असत्य को छोड़ना व छुड़ाना तथा सत्य को स्वीकार करना व कराना था। […] Read more » ‘ईसा’ ‘नानक’ और ‘चैतन्य’ ‘मुहम्मद’ ‘मूसा’ आर्यसमाज ऋषि दयानन्द प्राणीमात्र महर्षि दयानन्द राजा राममोहन राय सर्वजनहितकारी