धर्म-अध्यात्म यदि ऋषि दयानन्द न आते? March 9, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द का जन्म 12 फरवरी, 1825 को गुजरात राज्य के मोरवी जिले के टंकारा कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री कर्षनजी तिवारी था। जब उनकी आयु का चौदहवां वर्ष चल रहा था तो उन्होंने अपने शिवभक्त पिता के कहने पर शिवरात्रि का व्रत रखा था। शिवरात्रि को अपने […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म मृत्यु होने पर जीवात्मा की स्थिति व गति पर विचार March 6, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हमें अपने एक विभागीय अधिकारी के परिवारजन की मृत्यु होने पर अन्त्येष्टि में सम्मिलित होने श्मशान घाट जाना पड़ा। वहां हमारे अनेक मित्र भी उपस्थित थे। हमारे साथ दो मित्र बातें कर रहे थे कि मरने के बाद कुछ दिन तक आत्मा परिवारजनों के साथ व आसपास ही रहती है। श्मशान में […] Read more » Death Featured what happens after death मृत्यु
धर्म-अध्यात्म सुख-दुख मुख्यतः हमारे जन्म-जन्मान्तर के कर्मों सहित देश-काल-परिस्थितियों से भी होते हैं March 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन उभय योनि है। इस योनि में मनुष्य कर्म करता भी है पूर्व किये हुए कर्मों का फल भोगता भी है। कर्म पूर्व जन्म व इस जन्म दोनों के हो सकते हैं। हमारे जन्म का आधार हमारे पूर्वजन्मों के कर्म व प्रारब्ध ही होता है। प्रारब्ध के अनुसार ही हमें […] Read more » सुख-दुख
धर्म-अध्यात्म मनुष्य को न अपने पूर्वजन्मों और न परजन्मों का ज्ञान है March 1, 2018 / March 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य अपने शरीर के हृदय स्थान में निवास करने वाली एक शाश्वत एव अल्पज्ञ चेतन आत्मा है। अल्पज्ञ जीवात्मा को माता, पिता, आचार्य की सहायता से ज्ञान अर्जित करना पड़ता है। इन साधनों से अर्जित ज्ञान को वह अनेकानेक ग्रन्थों के अध्ययन व स्वाध्याय तथा अपने विचार एवं चिन्तन से उन्नत करता […] Read more » Human beings have no knowledge of their past or future परजन्म पूर्वजन्म मनुष्य
धर्म-अध्यात्म प्रेम, आनंद, मस्ती और ठिठोली का त्योहार होली March 1, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment होली उमंग, उल्लास, मस्ती, रोमांच और प्रेम आह्वान का त्योहार है। कलुषित भावनाओं का होलिका दहन कर नेह की ज्योति जलाने और सभी को एक रंग में रंगकर बंधुत्व को बढ़ाने वाला होली का त्योहार आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूरे जोश के साथ जोरों-शोरों से मनाया जाता है। भले विदेशों में […] Read more » festival Holi होली
धर्म-अध्यात्म पण्डित व विद्वान मनुष्य के लक्षण February 27, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य सामान्य व्यक्ति की दृष्टि में पण्डित ज्ञानी मनुष्यों को कहते हैं। ज्ञानी मनुष्य ही विद्वान कहलाता है और ब्राह्मण भी वेदों का सांगोपांग ज्ञान रखने वाले विद्वान व पण्डित को ही कहते हैं। ऋषि दयानन्द जी ने ‘व्यवहारभानु’ नाम से एक लघुग्रन्थ की रचना की है। इस पुस्तक में उन्होंने शास्त्र […] Read more » symptoms of Wise and scholarly man Wise and scholarly man
धर्म-अध्यात्म उपास्य-देव सर्वव्यापक ईश्वर की सन्ध्या करने से लाभ February 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को आर्यसमाज की स्थापना की थी। आर्यसमाज वेद प्रचार आन्दोलन है। वेद ईश्वरीय ज्ञान है और वेद में सभी सत्य विद्यायें बीज रूप में उपस्थित हैं। सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं उनका आदि मूल परमेश्वर है। परमेश्वर से विद्या […] Read more » Featured ईश्वर की सन्ध्या
धर्म-अध्यात्म अग्निहोत्र के लाभ February 21, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य यज्ञ के विषय में हमारे ऋषि कहते हैं कि यज्ञ श्रेष्ठतम कर्म है। यज्ञ को सर्वश्रेष्ठ व सबसे श्रेष्ठ कर्म बताया गया है। वेदों में यज्ञ को ब्रह्माण्ड वा भुवन की नाभि बताया गया है। इससे यज्ञ का महत्व निर्विवाद है। अग्निहोत्र भी एक यज्ञ है और यह श्रेष्ठतम कर्म भी है। […] Read more » agnihotra benefits of hawan benefits of yagna hawan अग्निहोत्र के लाभ
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के जीवनकाल में लिखित व प्रकाशित उनकी प्रथम जीवनी दयानन्द दिग्विजयार्क February 19, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -दयानन्द दिग्विजयार्क ग्रन्थ का महत्व एवं उसके प्रकाशन की आवश्यकता- -मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज के संस्थापक ऋषि दयानन्द के अनेक जीवन चरित्र उपलब्ध हैं जो अनेक ऋषिभक्त उच्च कोटि के विद्वानों ने समय-समय पर लिखे हैं व प्रकाशित हुए हैं। इन जीवन चरितों में एक जीवन चरित ऐसा भी है कि जो उनके जीवन काल […] Read more » biography of maharshi Dayanand Digvijark written and published in the lifetime of Rishi Dayanand दयानन्द दिग्विजयार्क
धर्म-अध्यात्म वेदों की रक्षा और स्वाध्याय क्यों करें? February 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य उसी वस्तु की रक्षा करता है जिसका उसके लिए कोई उपयोग हो व जिससे उसे लाभ होता है। वेद सृष्टि की प्राचीनतम ज्ञान की पुस्तकें हैं। इसमें मनुष्य जीवन के लिए उपयोगी, तृण से लेकर ईश्वर पर्यन्त, सभी पदार्थों का ज्ञान उपलब्ध है। वेदों की भाषा भी संसार की आदि भाषा […] Read more » Featured preserve our vedas study our vedas वेदों की रक्षा वेदों की स्वाध्याय स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म ईश्वर को कौन प्राप्त कर सकता है? February 15, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, आज का संसार प्रायः भोगवादी है। संसार के लोगों की इस संसार के रचयिता को जानने में कोई विशेष रूचि दिखाई नहीं देती। सब सुख चाहते हैं और सुख का पर्याय धन बन गया है। इस धन का प्रयोग मनुष्य भोजन, वस्त्र, आवास, वाहन, यात्रा व बैंक बैलेंस में वृद्धि आदि कार्यों […] Read more » ईश्वर ईश्वर को प्राप्त
धर्म-अध्यात्म सामान्य भारतीय जन के प्रतीक हैं– शिव February 13, 2018 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment त्याग और तपस्या के प्रतिरुप भगवान शिव लोक-कल्याण के अधिष्ठाता देवता हैं। वे संसार की समस्त विलासिताओं और ऐश्वर्य प्रदर्शन की प्रवृत्तियों से दूर हैं। सर्वशक्ति सम्पन्न होकर भी अहंकार से मुक्त रह पाने का आत्मसंयम उन्हें देवाधिदेव महादेव – पद प्रदान करता है। शास्त्रों में शिव को तमोगुण का देवता कहा गया है, किन्तु […] Read more » शिव सामान्य भारतीय जन के प्रतीक हैं