धर्म-अध्यात्म मनुष्य का परिचय March 13, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का परिचय क्या है? हम मनुष्य हैं और अपने जीवनकाल में अनेक स्थानों पर हमें अपना परिचय देना होता है। हम वहां कहते हैं कि मेरा अमुक नाम है, मैं अमुक मात-पिता की सन्तान हूं। मैं अमुक स्थान पर रहता है। मेरी शिक्षा दीक्षा बी.ए. या एम.ए. अथवा विज्ञान स्नातक या […] Read more » मनुष्य
धर्म-अध्यात्म ईश्वर मनुष्यादि प्राणियों के सभी शुभाशुभ कर्मों का द्रष्टा व फलप्रदाता है March 12, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, यह समस्त दृश्यमान जगत ईश्वर ने बनाया है और वही इसका पालन कर रहा है। इस सृष्टि का इसकी अवधि पूरी होने पर प्रलय भी वही करता है। यह एक तथ्य है कि इससे पूर्व भी असंख्य बार सृजित हुई है व असंख्य बार ही इसका प्रलय भी हुआ है। यह […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मैं ईश्वर को जानता हूं March 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर है अथवा नहीं? ईश्वर की सत्ता अवश्य है। क्या आप उसे जानते हैं? हां, मैं ईश्वर को जानता हूं। ईश्वर कैसा है? ईश्वर संसार में सबसे महान है। वह अन्धकार से पूरी तरह मुक्त है अर्थात् वह अन्धकार से सर्वथा दूर है। वह आदित्य वर्ण अर्थात् सूर्य के समान प्रकाशमान ज्योतिस्वरूप, […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म अविद्या व रूढ़ियों से ग्रस्त पठित समाज भी ईश्वरीय ज्ञान वेद एवं वेदोक्त-सत्य-धर्म की उपेक्षा करता है March 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आज का समाज आधुनिक समाज कहा जाता है। आधुनिकता पुरातन का विलोम शब्द है। वर्तमान युग में विज्ञान ने उल्लेखनीय प्रगति की है। विज्ञान की इस प्रगति ने मनुष्य के जीवन को सुखी बनाने के अनेक साधन प्रदान किये हैं। इससे समाज के अधिकांश लोगों को लाभ हुआ है। समाज का […] Read more » ईश्वरीय ज्ञान
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश वैदिक साहित्य का प्रमुख ग्रन्थ होने सहित वर्तमान आधुनिक युग का सर्वाधिक तर्कसंगत धर्म ग्रन्थ है March 10, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का कर्तव्य सत्य का धारण करना और असत्य का त्याग करना है। सत्यासत्य का निर्णय करने के लिए एक ऐसे ग्रन्थ की आवश्यकता होती है जिसमें मनुष्य जीवन के सभी पक्षों व सभी कर्तव्यों एवं कर्मों का उल्लेख व अकरणीय कार्यों का निषेध दिया गया हो। इस उद्देश्य की पूर्ति के […] Read more » satyarth prakash सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ईश्वर के अस्तित्व के कुछ प्रमाण March 9, 2018 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on ईश्वर के अस्तित्व के कुछ प्रमाण मनमोहन कुमार आर्य संसार में दो प्रकार के मनुष्य है। इन्हें आस्तिक व नास्तिक नामों से जाना जाता है। आस्तिक उन मनुष्यों को कहते हैं जो यह मानते हैं कि संसार में ईश्वर नाम की सत्ता है जो हमें जन्म देती है और हमारी मृत्यु भी उसी के द्वारा होती है। दूसरे प्रकार के लोग […] Read more » Some evidence of God's existence ईश्वर
धर्म-अध्यात्म ईश्वर यदि पाप क्षमा करेगा तो संसार में अव्यवस्था फैल जायेगी March 9, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम जिस संसार में रहते है वह संसार ईश्वर का बनाया हुआ है व उसी ईश्वर के शाश्वत नियमों के अनुसार चल रहा है। मनुष्य एक जीवात्मा है, उसे ज्ञान की प्राप्ति व कर्म करने के लिए ईश्वर ने यह मानव शरीर उसके पूर्व जन्म वा जन्मों के भोग करने योग्य कर्मों […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव-चेटीचंड March 9, 2018 by अशोक भाटिया | Leave a Comment झूलेलाल उत्सव चेटीचंड, जिसे सिन्धी समाज सिन्धी दिवस के रूप में मनाता चला आ रहा है, इस वर्ष यह 19 मार्च सोमवार को मनाया जा रहा है व इसी दिन सिंधियों का नया वर्ष शुरू होता है । इस दिन सिंधी समाज अपना कारोबार बंद रख पूर्ण रूप से भगवान की आराधना में लिप्त रहते है ।भगवान झुलेलाल की कहानी पौराणिक […] Read more » Featured झूलेलाल झूलेलाल उत्सव चेटीचंड भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव
धर्म-अध्यात्म देश का आजाद कराने का मन्त्र किसने दिया? March 9, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, भारत संसार का सबसे पुराना देश है। इसका पुराना नाम आर्यावर्त था। सृष्टि के आदिकाल में ईश्वर ने तिब्बत में मनुष्यों को उत्पन्न किया था। ईश्वर ने ही इन मनुष्यों को भाषा, सत्यधर्म और संस्कृति के ज्ञान के लिए चार वेदों का ज्ञान दिया था। ब्रह्मा जी मैथुनी सृष्टि में उत्पन्न प्रथम […] Read more » Rishi Dayanand आजाद
धर्म-अध्यात्म यदि ऋषि दयानन्द न आते? March 9, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द का जन्म 12 फरवरी, 1825 को गुजरात राज्य के मोरवी जिले के टंकारा कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री कर्षनजी तिवारी था। जब उनकी आयु का चौदहवां वर्ष चल रहा था तो उन्होंने अपने शिवभक्त पिता के कहने पर शिवरात्रि का व्रत रखा था। शिवरात्रि को अपने […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म मृत्यु होने पर जीवात्मा की स्थिति व गति पर विचार March 6, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हमें अपने एक विभागीय अधिकारी के परिवारजन की मृत्यु होने पर अन्त्येष्टि में सम्मिलित होने श्मशान घाट जाना पड़ा। वहां हमारे अनेक मित्र भी उपस्थित थे। हमारे साथ दो मित्र बातें कर रहे थे कि मरने के बाद कुछ दिन तक आत्मा परिवारजनों के साथ व आसपास ही रहती है। श्मशान में […] Read more » Death Featured what happens after death मृत्यु
धर्म-अध्यात्म सुख-दुख मुख्यतः हमारे जन्म-जन्मान्तर के कर्मों सहित देश-काल-परिस्थितियों से भी होते हैं March 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन उभय योनि है। इस योनि में मनुष्य कर्म करता भी है पूर्व किये हुए कर्मों का फल भोगता भी है। कर्म पूर्व जन्म व इस जन्म दोनों के हो सकते हैं। हमारे जन्म का आधार हमारे पूर्वजन्मों के कर्म व प्रारब्ध ही होता है। प्रारब्ध के अनुसार ही हमें […] Read more » सुख-दुख