आर्थिकी जरूर पढ़ें पर्यावरण महत्वपूर्ण लेख राजनीति दूषित जल पिलाने की तैयारी March 23, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment औद्योगिक विकास और बढ़ते शहरीकरण ने आखिरकार अमेरिका समेत पूरी दुनिया में ऐसे हालात पैदा कर दिए है कि मल-मूत्र का शुद्धिकरण करके बोतलबंद पेयजल के निर्माण का धंधा षुरू हो गया है। दिग्गज कंप्युटर कंपनी माइक्रोसाप्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने इस पानी को पीकर इसके शुद्ध होने की पुश्टि की है। इस […] Read more » dirty water water related disease दूषित जल दूषित जल पिलाने की तैयारी
आर्थिकी महत्वपूर्ण लेख राजनीति बुलेट ट्रेन के सपने से पहले बदहाल ‘सूरत’ बदलनी होगी March 23, 2015 by रमेश पांडेय | 2 Comments on बुलेट ट्रेन के सपने से पहले बदहाल ‘सूरत’ बदलनी होगी प्रधानमंत्री बनते ही नरेन्द्र मोदी ने देश के लोगों को बुलेट ट्रेन कासपना दिखाया। युवा पीढ़ी के लिए यह खुशी की बात रही। चुनाव प्रचार के दौराननरेन्द्र मोदी के मन में यह कसक दिखाई दे रही थी कि वह जैसे हीप्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर आसीन होंगे, वैसे ही देश की सड़ी-गलीव्यवस्थाओं में आमूलचूल परिवर्तन […] Read more » दुर्घटना बुलेट ट्रेन बुलेट ट्रेन के सपने से पहले बदहाल ‘सूरत’ बदलनी होगी बुलेट ट्रेन से ज़रूरी हैं प्लेटफार्म रमेश पाण्डेय रेल मंत्रालय
आर्थिकी चिंतन धर्म-अध्यात्म विश्व जल दिवस का भारतीय संयोग March 21, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment कितना सुखद संयोग है! 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के बहाने हम सब की अपनी एक नन्ही घरेलु चिङिया की चिन्ता; देशी माह के हिसाब से चैत्री अमावस्या यानी गोदान का दिन। 21 मार्च को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी मौसमी परिवर्तन पर संयमित जीवन शैली का आग्रह करते नव दिन […] Read more » world water day विश्व जल दिवस विश्व जल दिवस का भारतीय संयोग
आर्थिकी औद्योगिक समवाय और भू-अधिग्रहण March 21, 2015 by डॉ. मधुसूदन | Leave a Comment (एक) जीवित पूंजी बडे औद्योगिक समवाय जब (कॉर्पोरेशन) स्थापित होते हैं। तो, अनेक छोटे निवेशक भी शेर खरिदकर उस संयुक्त पूंजी में, अपना आंशिक धन (शेर) लगाकर पूंजी की उत्पादन क्षमता बढा देते हैं। (दो) मृत पूंजी का प्रमाण दूसरी ओर, आप (हम) सोना-चांदी-हीरे इत्यादि खरिद कर रख लेने से पूंजी उत्पादन से जुडती नहीं […] Read more » औद्योगिक समवाय और भू-अधिग्रहण डॉ. मधुसूदन भू-अधिग्रहण भूमि अधिग्रहण
आर्थिकी खेत-खलिहान लोकतंत्र में महत्वपूर्ण कौन: क्रिकेट या किसान? March 21, 2015 / March 21, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment यहकतई आश्चर्य की बात नहीं है कि आजकल अखबार व दृश्य श्रव्य मीडिया का पहलासमाचार क्रिकेट है, फिर राजनीतिक उठापटक और अपराध या फ़िल्मी सितारों की चमकदमक वगैरह। जंतर मंतर पर लाखों किसान देश के दूर दराज इलाकों से आकर अपनीसमस्याएं बताना चाहते हैं लेकिन मीडिया लोकसभा और राज्यसभा में किसानों केचिंतकों की बात तो […] Read more » क्रिकेट या किसान लोकतंत्र में महत्वपूर्ण कौन क्रिकेट या किसान ? शैलेन्द्रचौहान
आर्थिकी जरूर पढ़ें परिचर्चा महत्वपूर्ण लेख राजनीति लेख कोयले की दलाली में पूर्व प्रधानमंत्री के हाथ काले March 16, 2015 / March 16, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on कोयले की दलाली में पूर्व प्रधानमंत्री के हाथ काले प्रमोद भार्गव यह आश्चर्यजनक है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को सीबीआई की विशेष अदालत ने प्रथम दृष्ट्या कोयले की दलाली में दोषी पाया है। सिंह अब एक अभियुक्त के रूप में 8 अप्रैल को न्यायालय के समक्ष पेश होंगे, वह भी आपराधिक षड्यंत्र रचने, भ्रष्टाचार और अमानत में खयानत करने जैसे गंभीर आरोपों […] Read more » coal scam congress in coal scam dr manmohan singh in coal scam manmohan singh in coal scam manmohan singh will appear in court misuse ob c b i कोयले की दलाली में पूर्व प्रधानमंत्री के हाथ काले
आर्थिकी जन-जागरण जरूर पढ़ें टॉप स्टोरी महत्वपूर्ण लेख भूमि अधिग्रहण की समस्या March 14, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 11 Comments on भूमि अधिग्रहण की समस्या डॉ. मधुसूदन — (एक) उपलब्धि की कीमत: प्रत्येक उपलब्धि की कीमत होती है। कुछ घाटा कुछ लाभ। ऐसा कोई भी लाभ नहीं होता, जिसका कोई मूल्य (घाटा) चुकाना ना पडे। जितनी भी सुविधाएँ आप प्राप्त करते हैं, बदले में, कुछ न कुछ देते हैं। कठोर परिश्रम के मूल्य पर छात्र ज्ञानार्जन करता है, आगे बढता […] Read more » aadivasi land issue Anna Hazare anna hazare at jantar mantar Land Acquisition land bill land issue land problem land scam भूमि अधिग्रहण की समस्या
आंकडे आर्थिकी आलोचना घोषणा-पत्र चिंतन चुनाव चुनाव विश्लेषण जन-जागरण जरूर पढ़ें टॉप स्टोरी परिचर्चा महत्वपूर्ण लेख लेख विविधा सार्थक पहल मेक इन इण्डिया व स्किल्ड इंडिया की परिकल्पना March 14, 2015 by रमेश पांडेय | Leave a Comment ‘मेक इन’ व ‘स्किल्ड इंडिया’ की परिकल्पना साकार करेगा छत्तीसगढ़ का बजट– छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने 13 मार्च 2015 को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए बजट पेश किया। बजट में पूंजीगत व्यय में 39 प्रतिशत वृद्धि की गई है। बजट में युवा, अधोसंरचना विकास एवं औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दी […] Read more » Budget chattisgarh budget chhattisgarh dream budget make in india skilled india
आर्थिकी खेत-खलिहान प्राकृतिक आपदा से संकट में खेती-किसानी March 14, 2015 / March 14, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से खेती-किसानी जबरदस्त संकट में हैं। इस संकट को भ्रष्ट प्रषासनिक व्यवस्था और राजनीतिक लापरवाही ने किसान को बेहद मायूस कर दिया है। किसान को जहां खरीफ फसल की बोनी के दौरान सूखे ने परेशानी में डाला वहीं इस ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात ने […] Read more » agriculture disaster agriculture problem indian agricultural problems Indian farmer
आर्थिकी एक कार्पोरेटी बजट March 5, 2015 by संजय पराते | Leave a Comment -संजय पराते आर्थिक सर्वे के जरिये विकास का जो गुब्बारा फुलाया गया था, दूसरे दिन ही फूट गया। वर्ष 2004-05 के आधार वर्ष पर देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की जो विकास दर 4.7 प्रतिशत बैठती थी, उसने वर्ष 2011-12 के आधार पर 7.4 प्रतिशत की दर पर छलांग लगा ली। लेकिन पूरी दुनिया […] Read more » कार्पोरेटी बजट
आर्थिकी बजट में दिखी अच्छे दिनों की आशा March 3, 2015 / March 5, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on बजट में दिखी अच्छे दिनों की आशा सुरेश हिन्दुस्थानी मात्र नौ मास पुरानी मोदी सरकार का बहुप्रतीक्षित आर्थिक बजट देश में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 28 फरवरी को देश की महा पंचायत लोकसभा में प्रस्तुत कर दिया गया। यदि हम बजट के मूल रूप का आकलन करें तो हम यह पाएंगे कि देश के वित्त मंत्री ने ध्वंस अर्थव्यवस्था के भग्नावशेषों […] Read more » अच्छे दिनों की आशा बजट
आर्थिकी आम बजट में खेती-किसानी March 2, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on आम बजट में खेती-किसानी प्रमोद भार्गव आम बजट को ऊपरी तौर से देखने पर ऐसा आभास हो रहा है कि यह बजट खेती-किसानी से जुड़े लोगों की चिंता करने वाला है। इस वर्ग की चिंता इसलिए भी जरूरी थी,क्योंकि 2014 के राष्ट्रिय नमूना सर्वेक्षण संगठन द्वारा पेष आंकड़ों के मुताबिक कृषि पर निर्भर लोगों की आमदनी प्रति व्यक्ति महज […] Read more » आम बजट खेती किसानी