आर्थिकी खुली आर्थिकी के 25 वर्ष, जरूरी जांच का वक्त May 21, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment -अरुण तिवारी- मोदी सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर, खासकर आर्थिक मोर्चे पर जगाई आशा का चहुंओर आकलन हो रहा है। डाॅलर के मुकाबले, रुपये के कमजोर होने पर महंगाई बढ़ने की चिंता व्यक्त की जा रही है। कहा जा रहा है कि मोदी, वैश्विक निवेशकों में अपने प्रति विश्वास जगाने में असमर्थ साबित […] Read more » Featured एनडीए सरकार खुली आर्थिकी खुली आर्थिकी के 25 वर्षः जरूरी जांच का वक्त मोदी सरकार मोदी सरकार के एक वर्ष
आर्थिकी लाभदायक सौदा नहीं रह जाने से कृषि-कार्य मौत को निमंत्रण देने से कम नहीं May 16, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on लाभदायक सौदा नहीं रह जाने से कृषि-कार्य मौत को निमंत्रण देने से कम नहीं -अशोक “प्रवृद्ध”- आदिकाल से ही भारतवर्ष के अधिकांश लोगों की आजीविका का साधन कृषि और कृषि से सम्बद्ध व्यवसाय रही है, और भारतवर्ष के कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि कृषि क्षेत्र में हमने बहुत उन्नति भी की है, परन्तु इस वर्ष मार्च , रील के महीने में हुई बेमौसम आंधी-तूफ़ान, बारिश और ओले ने […] Read more » Featured कृषि कृषि कार्य खेती लाभदायक सौदा नहीं रह जाने से कृषि-कार्य मौत को निमंत्रण देने से कम नहीं
आर्थिकी जरूर पढ़ें व्यावहारिक मोहब्बतें और मौखिक नफरतें May 16, 2015 / May 16, 2015 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on व्यावहारिक मोहब्बतें और मौखिक नफरतें -रिटेल एफडीआई पर केंद्र सरकार के यू-टर्न के मायने क्या हैं- -संजय द्विवेदी- भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने खुदरा व्यापार में 51 प्रतिशत एफडीआई के पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय को जारी रखने का फैसला किया है। कभी इसी भाजपा ने 8 दिन संसद रोककर, हर राज्य की राजधानी में बड़ा प्रदर्शन आयोजित कर […] Read more » Featured एफडीआई रिटेल रिटेल में एफडीआई व्यावहारिक मोहब्बतें और मौखिक नफरतें
आर्थिकी आंकड़ों और प्रयोगों ने किया भारतीय कृषि का सत्यानाश May 8, 2015 / May 8, 2015 by सत्यव्रत त्रिपाठी | Leave a Comment -सत्यव्रत त्रिपाठी- भारत मेंं ऋग्वैदिक काल से ही कृषि पारिवारिक उद्योग रहा है। लोगों को कृषि संबंधी जो अनुभव होते रहे हैं, उन्हें वे अपने बच्चों को बताते रहे हैं और उनके अनुभव पीढ़ी दर पीढ़ी प्रचलित होते रहे। उन अनुभवों ने कालांतर मेंं लोकोक्तियों और कहावतों का रूप धारण कर लिया जो विविध भाषा-भाषियों […] Read more » Featured आंकड़ों और प्रयोगों ने किया भारतीय कृषि का सत्यानाश कृषि भारतीय कृषि भूमि
आर्थिकी कल्पनातीत आर्थिक असमानता May 8, 2015 / May 8, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment -शैलेन्द्र चौहान- विश्व बैंक की दक्षिण एशिया में असमानता से जुड़ी एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत में असामान्य रूप में अरबपतियों की तादाद तो ज्यादा है ही सामान्य नागरिक की तुलना में उनकी संपत्ति का आनुपातिक असंतुलन बहुत विकराल है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अमीरों की संपत्ति का […] Read more » Featured अर्थव्यवस्था कल्पनातीत आर्थिक असमानता विश्व बैंक
आर्थिकी जरूर पढ़ें केंद्र क्यों नहीं कर रहा महंगाई रोकने के विकल्पों की तलाश ? May 5, 2015 / May 5, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on केंद्र क्यों नहीं कर रहा महंगाई रोकने के विकल्पों की तलाश ? -डॉ. मयंक चतुर्वेदी- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में उछाल का रुझान है। जब से बाजार में तेल कीमतों में वृद्धि होना शुरू हुआ है, तभी से लगातार भारत में भी अंतरराष्ट्रीय मार्केट के भरोसे छोड़े जा चुके तेल दामों में कुछ समय के अंतराल के बाद वृद्धि की जा रही है। यहां […] Read more » Featured केंद्र क्यों नहीं कर रहा महंगाई रोकने के विकल्पों की तलाश ? केंद्र सरकार महंगाई
आर्थिकी ट्राई की सिफारिशों को केन्द्र की मंजूरी May 2, 2015 by कन्हैया कुमार झा | Leave a Comment ट्राई की सिफारिशों को केन्द्र की मंजूरी : नई दिल्ली,। केंद्र सरकार ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण( ट्राई) की 3 नवबंर 2014 को प्राप्त सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। इन सिफारिशों को 6 माह के भीतर लागू करना था। एमएनपी को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इस […] Read more » आर्थिक नीति एनएनपी ट्राई की सिफारिशों को केन्द्र की मंजूरी: ट्राई नीति भारत सरकार
आर्थिकी जरूर पढ़ें धर्म-अध्यात्म घातिनी अर्थवृत्ति May 1, 2015 by राम सिंह यादव | Leave a Comment शनै: शनै: करके वक्त बीत चला है। 2014 की ईस्वी भी डूब चुकी है। चंद सफ़ेद पन्ने हैं जिन पर इतिहास छप चुका है. कुछ पन्ने फड़फड़ा कर चहक रहे हैं तो कुछ भीगे हुये दर्द और स्याह की खामोश दास्तानों से लिपटे हुये खामोश से पड़े हैं। हजारों सालों से सभ्यताओं की जो टूटी […] Read more » Featured
आर्थिकी जन-जागरण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी): टैक्स सुधारों के माध्यम से विकास का एक इंजन April 28, 2015 / April 28, 2015 by सत्यव्रत त्रिपाठी | Leave a Comment -सत्यव्रत त्रिपाठी- भारत में सबसे बडे कराधान सुधारों में से एक – वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) – सभी राज्य अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। जीएसटी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक एकल, एकीकृत भारतीय बाजार बनाएगा। जीएसटी 2016/01/04 से लागू किया जाना निर्धारित है। केंद्र […] Read more » Featured जीएसटी टैक्स सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी): टैक्स सुधारों के माध्यम से विकास का एक इंजन
आर्थिकी जरूर पढ़ें गैस की खैरात बनाम संसदीय राजनीति की साख… April 22, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -डॉ. अजय खेमरिया- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर एलपीजी सब्सिडी छोड़ने का असर देश भर में दिखायी दे रहा है. 31 मार्च 2015 तक तीन लाख ग्राहक अपनी सब्सिडी छोड़कर लागत मूल्य पर घरेलू गैस खरीद रहे हैं. बैंगलोर में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के सभी […] Read more » Featured गैस की खैरात बनाम संसदीय राजनीति की साख....... गैस सब्सिडी घरेलू गैस नरेंद्र मोदी भाजपा
आर्थिकी कुछ ऐसे बदलेगा विश्व का वित्तीय संतुलन April 8, 2015 / April 11, 2015 by अंकुर विजयवर्गीय | 1 Comment on कुछ ऐसे बदलेगा विश्व का वित्तीय संतुलन ‘एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक’ (एआईआईबी) की वजह से विश्व के वित्तीय संतुलन में परिवर्तन की नई संभावनायें बन गई हैं। यूरोप और अमेरिका के इर्द-गिर्द घूमती वैश्विक अर्थव्यवस्था अब चीन सहित एशिया में केंद्रित होती जा रही है, जिसका नेतृत्व चीन के हाथों में है। वैसे भी चीन समानांतर वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैकल्पिक मुद्रा व्यवस्था […] Read more » Featured कुछ ऐसे बदलेगा विश्व का वित्तीय संतुलन चीन; एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेण्ट बैंक' (एआईआईबी वित्तीय संतुलन वैश्विक अर्थव्यवस्था
आर्थिकी राजनीति किसानों के सहारे कांग्रेस April 6, 2015 / April 7, 2015 by नीतेश राय | Leave a Comment आजादी के बाद भारत शुरू से ही एक कृषि प्रधान देश के रूप विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है | तभी तो शुरू से ही भारतीय अर्थव्यवस्था हमेशा कृषि पर केंद्रित रही है | आज भी भारत की कुल जनसंख्या की72.2 प्रतिशत आबादी गाँवो में निवास करती है | इसी कारण […] Read more » किसानों के सहारे कांग्रेस कृषि प्रधान देश नीतेश राय बेमौसम बरसात भारतीय अर्थव्यवस्था भूमि अधिग्रहण बिल