आर्थिकी कौन है कर्जमाफी में हुर्इ गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार March 13, 2013 / March 13, 2013 by सतीश सिंह | 1 Comment on कौन है कर्जमाफी में हुर्इ गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने भ्रष्टाचार के मामले में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) सरकार को पुन: कठघरे में खड़ा कर दिया है। पूर्व में 2 जी स्पेक्ट्रम और कोयला ब्लाक आवंटन के मुद्दे पर सीएजी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर हंगामा हो चुका है। सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष, 2008 में […] Read more » कर्जमाफी में हुर्इ गड़बड़ी कौन है कर्जमाफी में हुर्इ गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार
आर्थिकी भ्रष्टाचारी पति की पत्नी को भी मिली सजा March 9, 2013 / March 9, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव भ्रष्टाचारी पतियों की पतिनयों को भी सजा दिये जाने का सिलसिला देश में आगे बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में पहली बार विशेष नयायालय ने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में पति के साथ पत्नी को भी 3 साल की कैद और 25 हजार के जुर्माने की सजा सुनार्इ है। उनके पति […] Read more »
आर्थिकी देश आईसीयू के सहारे चल रहा है March 8, 2013 / March 8, 2013 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | 1 Comment on देश आईसीयू के सहारे चल रहा है शेयर बाजार में हुए घोटालों में देश के निवेशक कई बार अपने हाथ जला चुके हैं और देश की जनता का धन कहीं भी सुरक्षित नहीं है| सरकार इन घोटालों से अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के लिए किसी न किसी आयोग, मंडल, प्राधिकरण, कमिटी आदि का गठन कर देती है परन्तु इनका दायित्व कहीं […] Read more » देश आईसीयू के सहारे चल रहा है
आर्थिकी निजीकरण की ओर रेलवे March 5, 2013 / March 5, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव पिछले एक दशक के भीतर,आए रेल बजटों में यह रेल बजट न केवल कमजोर है,बलिक जनता में हताशा,अविश्वास और आक्रोश पैदा करने वाला है। बीते साल दिनेश त्रिवेदी ने जब रेल बजट प्रस्तुत किया था,तब उसमें साफगोर्इ तो थी ही,र्इमानदारी की झलक भी थी। रेल मंत्री पवन बंसल से उम्मीद थी की […] Read more » निजीकरण की ओर रेलवे
आर्थिकी आम बजट : ढ़ाक के तीन पात ! राजेश कश्यप March 4, 2013 by राजेश कश्यप | Leave a Comment बहुप्रतिक्षित वर्ष 2013-14 का बजट आ गया। बजट पर राजनीतिकों, समीक्षकों और समाचार विश्लेषकों के बीच तर्क-वितर्कों के तीखे तीर बड़ी तेजी से चल पड़े हैं, जोकि परंपरागत रूप से कई दिनों तक चलेंगे। विपक्ष ने बजट को सिरे से ‘कन्फूज्ड’ कहते हुए निराशावादी करार दे दिया है और रस्मी रिवाज को अटूट बनाते हुए […] Read more » आम बजट : ढ़ाक के तीन पात ! राजेश कश्यप
आर्थिकी आम आदमी की नब्ज टटोलता बजट ! March 2, 2013 by राजेश कश्यप | Leave a Comment राजेश कश्यप हरियाणा सरकार ने अपने वार्षिक बजट 2013-14 में आम आदमी को आकर्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। वित्तमंत्री हरमोहिन्दर सिंह चट्ठा ने कुल 18000 करोड़ का बजट पेश किया, जोकि गतवर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। इस बार भूपेन्द्र हुड्डा सरकार ने बजट के जरिए जबरदस्त गुगली फेंकी […] Read more »
आर्थिकी नये निजी बैंकों की प्रासंगिकता February 26, 2013 / February 26, 2013 by सतीश सिंह | 2 Comments on नये निजी बैंकों की प्रासंगिकता भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) के द्वारा नये निजी बैंक खोलने से संबंधित अंतिम दिशा-निर्देश जारी करने के साथ ही नये निजी बैंकों को खोलने का रास्ता साफ हो गया है। अब कारपोरेटस, सरकारी क्षेत्र की इकाइयां और इकाइओं के समूह एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) पूर्ण स्वामित्व वाली गैर-परिचालित वित्तीय होलिडंग कंपनियों (एनओएफएचसी) के माध्यम […] Read more » नये निजी बैंकों की प्रासंगिकता निजी बैंकों की प्रासंगिकता
आर्थिकी शक्कर की मिठास में कड़वाहट February 25, 2013 / February 25, 2013 by सतीश सिंह | 1 Comment on शक्कर की मिठास में कड़वाहट शक्कर की मिठास में कड़वाहट घोलने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। उत्पाद शुल्क फिलहाल तो नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन महज इसकी चर्चा मात्र से बीते सप्ताह में इसके वायदा भाव में 2.5 प्रतिशत और हाजिर भाव में 1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। तत्पश्चातक उत्तरप्रदेश में शक्कर का भाव (मिल कीमत) तकरीबन […] Read more » शक्कर
आर्थिकी भारत के जन विरोधी बजट व आर्थिक नीतियाँ February 25, 2013 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | 1 Comment on भारत के जन विरोधी बजट व आर्थिक नीतियाँ देश की आजादी के समय हमारे पूर्वजों के मन में बड़ी उमंगें थी और उन्होंने अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुन्दर सपने संजोये थे| आज़ादी से लोगों को आशाएं बंधी थी कि वे अपनी चुनी गयी सरकारों के माध्यम से खुशहाली और विकास का उपभोग करेंगे | देश में कुछ विकास तो अवश्य […] Read more » भारत के जन विरोधी बजट व आर्थिक नीतियाँ
आर्थिकी बाधाओं के बीच बजट-सत्र February 22, 2013 / February 22, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव भ्रष्टाचारों के स्थायी मुददों के चलते इस बार आम बजट को कर्इ बाधाएं पार करनी होंगी। इसी क्रम में सरकार का नरम रुख सामने आने लगा है। आम बजट पेश करते वक्त असहमतियां अतिवाद की हद तक न उभरें, इस नजरिये से लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर सहमति पर जोर […] Read more » बाधाओं के बीच बजट-सत्र
आर्थिकी लोकलुभावन बजट से लोकसभा की तैयारी: सिद्धार्थ मिश्र‘स्वतंत्र’ February 20, 2013 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | Leave a Comment उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बीते दिन अपने कार्यकाल का दूसरा बजट किया । उनके इस बजट से जैसी की सभी को आशा थी कोई भी सकारात्मक परिवर्तन होने की आशा नहीं दिखती । माननीय मुख्यमंत्री जो खुद को युवाओं का नेता होने का दावा करते हैं ने इस बजट से सभी को निराश किया […] Read more » लोकलुभावन बजट से लोकसभा की तैयारी
आर्थिकी भ्रष्टाचार के निराकरण से चमकेगा मनरेगा का सितारा February 7, 2013 / February 7, 2013 by सतीश सिंह | Leave a Comment पहली बार महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की वर्षगांठ पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सप्रंग) सरकार ने इसके गुण-दोष की विवेचना की है। यह भी पहली बार हुआ है जब कांगेस पार्टी की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी ने सार्वजनिक रुप से स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार के कारण मनरेगा की छवि धूमिल पड़ रही हैै। […] Read more » भ्रष्टाचार के निराकरण से चमकेगा मनरेगा का सितारा