आर्थिकी बैंकिंग व्यवस्था और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना February 6, 2013 / February 6, 2013 by सचिन कुमार जैन | Leave a Comment सचिन कुमार जैन 2 फरवरी 2013 को राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी क़ानून को भारत में लागू हुए आठ साल हो जा रहे हैं. अनुभव यह बताते हैं कि जब हम अपनी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये नियम और प्रक्रियाएं बना रहे होते हैं तब समुदाय के सामने खडे होने वाले संकटों को पूरी तरह […] Read more »
आर्थिकी अराजकता बढ़ाएगी पेटोलियम कंपनियों को दाम बढ़ाने की छूट February 1, 2013 / February 1, 2013 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on अराजकता बढ़ाएगी पेटोलियम कंपनियों को दाम बढ़ाने की छूट प्रमोद भार्गव केंद्र सरकार मंहगार्इ बढ़ाकर जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। पहले रेल में किराया वृद्धि और अब ज्वलनशील व खाध तेलों को मंहगा करने के उपायों को अंजाम देकर सरकार ने आम आदमी को जबरदस्त आर्थिक संकट में डाल दिया है। पेटोलियम पदार्थों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करके कंपनियों […] Read more »
आर्थिकी मंहगा हुआ रेल सफर का विरोध क्यों ? January 13, 2013 / January 16, 2013 by रवि शंकर (CEFS) | Leave a Comment रवि शंकर नए वित्तीय साल से पहले केंद्र सरकार ने आम आदमी को मंहगाई का एक और झटका दिया है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दामों में वृद्धि के बाद सरकार ने अब रेल सफर को महंगा करके आम जनता पर महंगाई का एक नया बोझ डाल दिया है। रेल मंत्री पवन बंसल ने रेलवे […] Read more » hike in railway fares
आर्थिकी पोस्ट बैंक आफ इंडिया और वितीय समावेषन की चुनौतियाँ January 11, 2013 / January 11, 2013 by सतीश सिंह | Leave a Comment नकदी हस्तांतरण योजना को पूरे देश में वर्ष 2013 में लागू करवाना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। पूर्व में यह योजना 1 जनवरी, 2013 से देश के 51 जिलों में शुरु की जाने वाली थी, जो चिनिहत जिलों में वितीय समावेषन के अभाव में शुरु नहीं की […] Read more »
आर्थिकी मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार से लड़ता लोकायुक्त January 10, 2013 / January 10, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव भ्रष्टाचार से कारगर ढंग से निपटने के लिए यह जरुरी है कि निगरानी और जांच का तंत्र मजबूत हो, जिससे राज्यों में लोकायुक्तों की भूमिका जमीनी धरातल पर और मजबूती से पेश आ सके। हालांकि वर्तमान में जिन राज्यों में, जितने भी कानूनी अधिकारों के साथ लोकायुक्त काम कर रहे हैं, उनके नतीजे […] Read more » ombudsmen
आर्थिकी 2013 की चिंता और चुनौतियां January 2, 2013 / January 2, 2013 by डॉ0 आशीष वशिष्ठ | Leave a Comment डॉ. आशीष वशिष्ठ बनने-बिगडऩे के ढेरों कारनामें अपने दामन में समेटकर 2012 भारी जनाक्रोश, आंदोलन और लोकतंत्र के चारों खंभों को हिलाकर विदा हो गया। बीता हुआ वर्ष कई कारणों से आने वाले कई वर्षों तक याद रखा जाएगा। विदा होते-होते देश के दामन पर दामिनी बलात्कार कांड का गहरा दाग लगा जिसने विश्व […] Read more » problems in 2013
आर्थिकी मजबूत बैंकिंग व्यवस्था के बिना नकद सब्सिडी योजना संभव नहीं December 18, 2012 by सतीश सिंह | Leave a Comment सतीश सिंह सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को खत्म करके नकद सब्सिडी योजना को लागू करना चाहती है। इस योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले परिवारों के सदस्य के खातों में सीधे पैसा जमा करवाने की व्यवस्था करेगी। फिलहाल इस योजना को देश के 18 राज्यों के 51 जिलों में […] Read more » नकद सब्सिडी योजना
आर्थिकी एफ डी आई बनाम सीबीआई यानी जननीति पर राजनीति भारी? December 14, 2012 / December 14, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 5 Comments on एफ डी आई बनाम सीबीआई यानी जननीति पर राजनीति भारी? इक़बाल हिंदुस्तानी आखि़र सपा बसपा के सपोर्ट की बिल्ली थैले से बाहर आ ही गयी! राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा था कि ‘‘समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध’’। लोकसभा में मल्टीब्रांड एफडीआई पर विपक्ष का प्रस्ताव 218 के मुकाबले 253 मतों से […] Read more » FDI
आर्थिकी एफडीआई: संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है…….. December 14, 2012 / December 14, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on एफडीआई: संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है…….. संजय पराते प्रत्यक्ष विदेषी निवेश (एफडीआई) पर संसद के अंदर बहस और मतदान के पैटर्न से यह साफ हो गया है कि तथाकथित क्षेत्रीय पार्टियों का आम जनता के व्यापक हितों – जिसको अक्सर राष्ट्रीय हितों के रुप में परिभाषित किया जाता है- से कोई सरोकार नहीं रह गया है। इन दलों का पूरा रवैया […] Read more » एफडीआई
आर्थिकी किराना व्यापार में विदेशी निवेश की खुल रहीं पर्तें — December 13, 2012 / December 13, 2012 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 2 Comments on किराना व्यापार में विदेशी निवेश की खुल रहीं पर्तें — डा कुलदीप चन्द अग्निहोत्री सोनिया कांग्रेस की सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि हंसी ठिठोली बहुत हो ली , अब भारत में किराना व्यापार के क्षेत्र में विदेशी निवेश को कोई नहीं रोक सकता । प्रधानमंत्री खुद भी अर्थ शास्त्र ही पढ़े हुये हैं और काफ़ी देर तक लोगों को यह विद्या […] Read more » FDI
आर्थिकी एफडीआई के दूरगामी परिणाम बेहद घातक December 8, 2012 / December 8, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 8 Comments on एफडीआई के दूरगामी परिणाम बेहद घातक बीपी गौतम विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफडीआई) देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन आम आदमी एफडीआई के बारे में इतना सब होने के बाद भी कुछ ख़ास नहीं जानता। असलियत में एफडीआई को लेकर आज जो कुछ हो रहा है, उसकी नींव वर्ष 1991 में ही रख दी गई थी। विदेशी […] Read more » एफडीआई के दूरगामी परिणाम
आर्थिकी एफडीआइ पर कड़ी अग्निपरीक्षा-अरविंद जयतिलक December 3, 2012 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment एफडीआइ पर सत्तापक्ष और विपक्ष की खींचतान के बीच यह शुभ संकेत है कि दोनों पक्ष सदन चलाने को राजी हो गए हैं। यूपीए सरकार ने अपनी जिद् का परित्याग कर मत विभाजन वाले नियम के तहत चर्चा की हामी भर दी है। शीतकालीन सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा […] Read more » एफडीआई