जन-जागरण जरूर पढ़ें उम्मीद के मजदूर April 29, 2015 / April 29, 2015 by मनोज कुमार | Leave a Comment -मनोज कुमार- एक मई की तारीख कितने लोगों को याद है? बस, उन चंद लोगों के स्मरण में एक मई शेष रह गया है जो आज भी इस उम्मीद में जी रहे हैं कि एक दिन तो हमारा भी आएगा। वे यह भी जानते हैं कि वह दिन कभी नहीं आएगा लेकिन उम्मीद का क्या […] Read more » Featured उम्मीद के मजदूर मजदूर मजदूर दिवस
जन-जागरण जरूर पढ़ें आज भी मजबूर हैं मजदूर April 29, 2015 / April 29, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment -बीआर कौंडल- अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस प्रथम मई को प्रतिवर्ष विश्व भर में मनाया जाता है | इस दिन को मनाने का उद्देश्य 4 मई 1886 को शिकागो के हैयमार्केट में हुए मजदूरों के संहार को श्रदांजलि देना व मजदूर एकता को उजागर करना है | 4 मई 1886 को शिकागो के हैयमार्केट में बड़ी संख्या […] Read more » Featured आज भी मजबूर हैं मजदूर मजदूर मजदूर दिवस
आर्थिकी जन-जागरण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी): टैक्स सुधारों के माध्यम से विकास का एक इंजन April 28, 2015 / April 28, 2015 by सत्यव्रत त्रिपाठी | Leave a Comment -सत्यव्रत त्रिपाठी- भारत में सबसे बडे कराधान सुधारों में से एक – वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) – सभी राज्य अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। जीएसटी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक एकल, एकीकृत भारतीय बाजार बनाएगा। जीएसटी 2016/01/04 से लागू किया जाना निर्धारित है। केंद्र […] Read more » Featured जीएसटी टैक्स सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी): टैक्स सुधारों के माध्यम से विकास का एक इंजन
जन-जागरण जरूर पढ़ें प्रकृति के दबाव का मार्ग है- भूकंप April 28, 2015 / April 28, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- बिना आहट के इतने बड़े इलाके में भूकंप आना और पल भर में तबाही मचा जाना, इस बात का संकेत है कि प्राकृतिक आपदाओं के आगे इंसान मजबूर है। 25 अप्रैल शनिवार 2015 को नेपाल में आए विनाशकारी जलजले के प्रवह में देखते-देखते ढाई हजार से भी ज्यादा लोगों की जीवन-लीला खत्म हो […] Read more » Featured नेपाल में भूकंप प्रकृति के दबाव का मार्ग है- भूकंप भारत में भूकंप भूकंप की वजह भूकंप के कारण
जन-जागरण जरूर पढ़ें विविधा अन्धविश्वास निर्मूलन क़ानून का निर्माण ही इसका संवैधानिक समाधान है! April 27, 2015 / April 27, 2015 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 2 Comments on अन्धविश्वास निर्मूलन क़ानून का निर्माण ही इसका संवैधानिक समाधान है! -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा- घोर आश्चर्य और दुःख की बात है कि एक ओर तो पुरुष द्वारा दृष्टि डालना भी स्त्रियों को अपराध नजर आता है और दूसरी ओर 21वीं सदी में भी महिलाएं इस कदर अन्धविश्वास में डूब हुई हैं कि उनको मनुवादियों के पैरों तले लेटने में भी धार्मिक गर्व की अनुभूति होती है। […] Read more » Featured अंधविश्वास अन्धविश्वास निर्मूलन क़ानून का निर्माण ही इसका संवैधानिक समाधान है
जन-जागरण जरूर पढ़ें अनसुना न करें, डोलती धरती के बोल April 27, 2015 / April 27, 2015 by अरुण तिवारी | 1 Comment on अनसुना न करें, डोलती धरती के बोल -अरुण तिवारी- -संदर्भ: नेपाल भूकंप- धरती डोली। एक नहीं, कई झटके आये। नेपाल में तबाही हुई। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी – माउंट एवरेस्ट की जीतने निकले 18 पर्वतारोहियों को मौत ने खुद जीत लिया। जैसे-जैसे प्रशासन और मीडिया की पहुंच बढ़ती गई, मौतों का आंकड़ा बढ़ता गया। इसका कुछ दर्द तिब्बत, बिहार, पश्चिम बंगाल, […] Read more » Featured अनसुना न करें डोलती धरती के बोल देश में भूकंप नेपाल में भूकंप भूकंप
जन-जागरण विविधा जब कश्मीर के राजा जशरथ ने बढ़ाया भारत का ‘यश’ रथ April 26, 2015 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on जब कश्मीर के राजा जशरथ ने बढ़ाया भारत का ‘यश’ रथ संसार एक सागर है संसार एक सागर है, जिसमें अनंत लहरें उठती रहती हैं। ये लहरें कितने ही लोगों के लिए काल बन जाती हैं, तो कुछ ऐसे शूरवीर भी होते हैं जो इन लहरों से ही खेलते हैं और खेलते-खेलते लहरों को अपनी स्वर लहरियों पर नचाने भी लगते हैं। ऐसा संयोग इतिहास के दुर्लभतम क्षणों […] Read more » Featured कश्मीर के राजा जशरथ राजा जशरथ
खेत-खलिहान जन-जागरण विविधा अन्नदाताओं की अनदेखी April 24, 2015 / April 24, 2015 by बी.आर.कौंडल | 3 Comments on अन्नदाताओं की अनदेखी राजनितिक दल चाहे कितनी हमदर्दी किसानों के प्रति दिखाएँ लेकिन हकीकत यही है कि किसानों के हितों की सभी सरकारों ने अनदेखी की है | भारत जैसे देश जहाँ पर 70 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप में कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं, में किसानों की बदहाली भविष्य के लिए भारी आक्रोश का संकेत देता […] Read more » Featured अन्नदाताओं की अनदेखी भूमि-अधिग्रहण अध्यादेश
जन-जागरण विविधा तब हम बुद्घ के नही युद्घ के उपासक बन इतिहास बना रहे थे April 23, 2015 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on तब हम बुद्घ के नही युद्घ के उपासक बन इतिहास बना रहे थे जिस प्रकार कटेहर ने ताजुल मुल्क और उसके सुल्तान को आनंद की नींद नही सोने दिया और लगभग हर वर्ष कटेहर के स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए दिल्ली के सुल्तान को भारी सेना भेज-भेजकर अपनी विवशता का प्रदर्शन करना पड़ा। वही स्थिति दोआब ने भी सुल्तान के लिए बनाये रखी। पिछले पृष्ठों पर भी […] Read more » Featured युद्घ के उपासक
जन-जागरण जरूर पढ़ें यह लोकतंत्र नहीं, यह तो ‘शोकतंत्र’ है April 22, 2015 / April 22, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment -राकेश कुमार आर्य- लोकतंत्र को सभी शासन प्रणालियों में सर्वोत्तम शासन प्रणाली के रूप में दर्शित किया जाता है। वैसे लोकतंत्र का अर्थ लोक की लोक के द्वारा लोक के लिए अपनायी गयी शासन व्यवस्था है। जिसमें हमें अपने सर्वांगीण विकास के सभी अवसर उपलब्ध होते हैं। वेद ने ऐसी व्यवस्था को ‘स्वराज्यम्’ कहा है। […] Read more » Featured भारतीय राजनीति यह तो ‘शोकतंत्र’ है यह लोकतंत्र नहीं राजनीति लोकतंत्र शोकतंत्र
जन-जागरण समाज हिन्दू हैं मुसलमानों की सुरक्षा की गारंटी April 21, 2015 / April 21, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | 1 Comment on हिन्दू हैं मुसलमानों की सुरक्षा की गारंटी -बिपिन किशोर सिन्हा- नेशनल कमीशन फॉर माइनारिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन जस्टिस एज़ाज़ सिद्दिकी ने कल, रविवार (१९.०४.२०१५) को आगरा के ग्रांड होटल में बज़्म-ए-मैकश अवार्ड वितरण समारोह में बोलते हुए बिना किसी भय के स्पष्ट शब्दों में कहा कि अल्लाह के बाद हिन्दुस्तान में मुसलमानों के लिए सुरक्षा की कोई गारंटी है, तो वह […] Read more » Featured अल्पसंख्यक मुसलमान हिन्दू हिन्दू हैं मुसलमानों की सुरक्षा की गारंटी
जन-जागरण प्राथमिक शिक्षा किसके भरोसे April 21, 2015 / April 21, 2015 by जावेद अनीस | Leave a Comment –जावेद अनीस- ‘‘मैं पहले एक प्रायवेट स्कूल में पढ़ता था परन्तु घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण मुझे परिवार वालों ने प्रायवेट स्कूल से निकाल कर सरकारी स्कूल में दाखिल करा दिया, लेकिन वहां पढ़ाई अच्छी नहीं होती थी इस कारण कुछ दिनों बाद मैंने स्कूल जाना बंद कर दिया और काम […] Read more » Featured प्राथमिक शिक्षा किसके भरोसे प्रारंभिक शिक्षा शिक्षा