पर्यावरण विविधा यमुना शुद्धीकरण तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अनूठी पहल January 18, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी यमुना निधि के संयोजक तथा श्री गुरु वशिष्ठ मानव सर्वांगीण विकास सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पण्डित अश्विनी कुमार मिश्र जी ने एक अनूठी पहल शुरु किया है। आगरा में विगत पचीसों साल से यह भागीरथ प्रयास को पंडित श्री मिश्रजी द्वारा किया जा रहा है। इनकी संस्था व इनका जीवन स्वच्छ […] Read more » पर्यावरण संरक्षण यमुना शुद्धीकरण
पर्यावरण विविधा शहरी कांक्रीट में भटकते जंगली जानवर January 16, 2017 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस ऐसा लगता है कि अपनी रिहाईश को लेकर इंसान और जंगली जानवरों के बीच जंग सी छिड़ी हुई है. जंगल नष्ट हो रहे हैं और वहां रहने वाले शेर चीते और तेंदुए जैसे शानदार जानवर कंक्रीट के आधुनिक जंगलों में बौखलाए हुए भटक रहे हैं. उनके लिए जंगल और शहर के बीच का […] Read more » भटकते जंगली जानवर शहरी कांक्रीट
पर्यावरण विविधा स्टीफन हाॅकिंग की चेतावनी को समझने की जरूरत December 9, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन हाॅकिंग ने मानव अस्त्वि के खतरे से जुड़े व्यापक पर्यावरणीय परिप्रेक्ष्य में जो चेतावनी दी है, उसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। हाॅकिंग ने कहा है कि मानव समुदाय इतिहास के सबसे खतरनाक समय का सामना कर रहा है। यदि जल्दी ही पर्यावरण और तकनीकी चुनौतियों से निपटने […] Read more » Featured Stephen Hawking स्टीफन हाॅकिंग
पर्यावरण विविधा विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस पर जोर November 23, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने एवं लोगो को जागरूक करने के सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रति वर्ष 26 नवम्बर को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम(UNEP) के द्वारा विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस आयोजित किया जाता है. पिछले करीब तीन दशकों से ऐसा महसूस किया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर […] Read more » Featured विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस
जन-जागरण पर्यावरण विविधा वायु प्रदूषण से निपटने के लिये बने सख्त कानून November 8, 2016 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment जब प्रदूषण स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो स्वास्थ्य के लिए घा तक हो जाता है, और तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि फेफड़ों में संक्रमण व आंख, नाक व गले में कई तरह की बीमारियों और ब्लड कैंसर जैसी तमाम घातक बीमारियों को जन्म देता है। अगर क् षेत्र में वायु प्रदूषण मानकों से ज्यादा है तो लोगों को मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। Read more » Air pollution combat air pollution Featured वायु प्रदूषण वायु प्रदूषण से निपटने के लिये बने सख्त कानून
खेत-खलिहान जन-जागरण पर्यावरण विविधा हवा की शुद्वता के लिए प्रदूषण के खिलाफ जनान्दोलन छेड़ने की जरूरत November 7, 2016 by महेश तिवारी | 1 Comment on हवा की शुद्वता के लिए प्रदूषण के खिलाफ जनान्दोलन छेड़ने की जरूरत खेती और किसानों के लिए अहम पराली को संरक्षित करने के बाबत बनाई गई राष्ट्रीय पराली नीति भी राज्य सरकारों के ठेंगा पर दिख रही है। गेहूं, धान और गन्ने की पत्तियां सबसे ज्यादा जलाई जाती है। अधिकृत रिपोर्ट के अनुसार देश के सभी राज्यों को मिलाकर सालाना 50 करोड़ टन से अधिक पराली निकलती है उम्मीदों से भरे प्रदेश उत्तर प्रदेश मे छह करोड़ टन पराली में से 2.2 करोड़ टन पराली जलाई जाती है। Read more » Environmental Pollution Featured pollution control प्रदूषण के खिलाफ जनान्दोलन हवा की शुद्वता
पर्यावरण समाज विश्व पशु कल्याण दिवस October 4, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment 18 राज्यों में गो-हत्या पर पूरी या आंशिक रोक है| ये रोक 11 राज्यों – भारत प्रशासित कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महराष्ट्र, छत्तीसगढ़, और दो केन्द्र प्रशासित राज्यों – दिल्ली, चंडीगढ़ में लागू है| गो-हत्या क़ानून के उल्लंघन पर सबसे कड़ी सज़ा भी इन्हीं राज्यों में तय की गई है| हरियाणा में सबसे ज़्यादा एक लाख रुपए का जुर्माना और 10 साल की जेल की सज़ा का प्रावधान है | वहीं महाराष्ट्र में गो-हत्या पर 10,000 रुपए का जुर्माना और पांच साल की जेल की सज़ा है| Read more » Featured World Animal Day विश्व पशु कल्याण दिवस
पर्यावरण विविधा विश्व प्रकृति दिवस 3 अक्तूबर October 2, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment वर्तमान परिपेक्ष्य में कई प्रजाति के जीव जंतु एवं वनस्पति विलुप्त हो रहे हैं. विलुप्त होते जीव जंतु और वनस्पति की रक्षा का विश्व प्रकृति दिवस पर संकल्प लेना ही इसका उद्देश्य है. जल, जंगल और जमीन, इन तीन तत्वों के बिना प्रकृति अधूरी है. विश्व में सबसे समृद्ध देश वही हुए हैं, जहाँ यह तीनों तत्व प्रचुर मात्रा में हों. भारत देश जंगल, वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध है. Read more » Featured world environment day विश्व प्रकृति दिवस विश्व प्रकृति संरक्षण
पर्यावरण विविधा भारत में वन्य जीवन September 30, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। भविष्य में वन्य प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सर्वप्रथम 7 जुलाई, 1955 को वन्य प्राणी दिवस मनाया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष दो अक्तूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा। वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत के संरक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक Read more » Fauna in India Featured flora and Fauna in India flora in India भारत में वन्य जीवन
पर्यावरण विविधा संस्कृति मंत्रालय का स्वच्छ भारत अभियान: 16-30 सितंबर 2016 September 18, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on संस्कृति मंत्रालय का स्वच्छ भारत अभियान: 16-30 सितंबर 2016 डा. राधेश्याम द्विवेदी महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें। महात्मा गांधी […] Read more » Featured स्वच्छ भारत अभियान
पर्यावरण लेख साहित्य एक चिट्ठी, धर्माचार्यों के नाम September 1, 2016 by अरुण तिवारी | Leave a Comment संदर्भ: मूर्ति विसर्जन पर प्रधानमंत्री जी के मन की बात आदरणीय आचार्यवर, आम धारणा है कि मुख्य रूप से उद्योग, सीवेज और शहरी ठोस कचरा मिलकर हमारी नदियों को प्रदूषित करते हैं। इसीलिए प्रदूषण के दूसरों स्त्रोत, कभी किसी बङे प्रदूषण विरोधी आंदोलन का निशाना नहीं बने। समाज ने खेती में प्रयोग होने वाले रासायनिक […] Read more » Featured प्रधानमंत्री जी के मन की बात मूर्ति विसर्जन
पर्यावरण विविधा बाढ़ नहीं, तीव्रता व लंबी अवधि हैं बुरी August 30, 2016 / August 30, 2016 by अरुण तिवारी | Leave a Comment बाढ़ के कारणों पर चर्चा के शुरु मंे ही एक बात साफ कर देनी जरूरी है कि बाढ़ बुरी नहीं होती; बुरी होती है एक सीमा से अधिक उसकी तीव्रता तथा जरूरत से ज्यादा दिनों तक उसका टिक जाना। बाढ़, नुकसान से ज्यादा नफा देती है। बाढ़ की एक सीमा से अधिक तीव्रता व टिकाऊपन, […] Read more » Featured तीव्रता व लंबी अवधि नगरीय जलभराव के कारण बाढ़ बाढ़ के दुष्प्रभाव बढ़ाने बांध-बैराजों की अन्य भूमिका