पर्यावरण शख्सियत चिपको आंदोलन के 46 साल March 25, 2016 by पंकज कुमार नैथानी | 1 Comment on चिपको आंदोलन के 46 साल 26 मार्च 1974 की सर्द सुबह…सूरज पहाड़ पर चढ़ रहा था…चमोली जिले के रैणी गांव में भले ही सूरज की तपिश कम थी लेकिन यहा के जंगलों एक क्रांति धधकने को तैयार थी…रैणी गांव में उस वक्त पुरुष अपने कामकाजड के लिए घरो से निकल चुके थे..घरो में बची थी तो बस महिलाएं…वो भी किसी […] Read more » Chipko Aandolan Featured Gaura Devi of Chipko Aandolan गौरा देवी चिपको आंदोलन चिपको आंदोलन के 46 साल
पर्यावरण गंगा की सफ़ाई January 25, 2016 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान अब तक गंगा की सफ़ाई के नाम पर करोड़ों-अरबों रुपए बहाए जा चुके हैं जिसके लिए कोई एक नहीं बल्कि सभी सरकारें ज़िम्मेदार रहीं हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनजीटी के भी कई निर्देश हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि गंगा नदी की सफाई […] Read more » clean ganga Featured namami ganga गंगा की सफ़ाई
पर्यावरण समाज मनोरमा नदी का दर्द January 9, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधे श्याम द्विवेदी भारतवर्ष में अवध व कोशल का नाम किसी से छिपा नहीं है। भगवान राम का चरित्र आज न केवल सनातन धर्मावलम्बियों में अपितु विश्व के मानवता के परिप्रेक्ष्य में बड़े आदर व सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके जन्म भूमि को पावन करने वाली सरयू मइया की महिमा पुराणों में […] Read more » Featured the tragedy of manorama river मनोरमा नदी का दर्द
पर्यावरण विविधा पेरिस जलवायु समझौता December 24, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment यह इश्क नहीं आसां किसी और नजरिए से हम पेरिस जलवायु समझौते के नफा-नुकसान की तलाश तो कर सकते हैं, किंतु यह नहीं कह सकते कि यह समझौता पृथ्वी के वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि करेगा; अर्थात यह समझौता, तापमान वृद्धि रोकने में तो कुछ ल कुछ मदद ही करने वाला है। पेरिस जलवायु समझौते […] Read more » Featured paris climate conference paris jalvayu samjhauta पेरिस जलवायु समझौता
पर्यावरण बदलती आबोहवा: क्यों चिंतित हो भारत ? December 24, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment अरुण तिवारी क्या जलवायु परिवर्तन का मसला इतना सहज है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने मात्र से काम चल जायेगा या पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए करना कुछ और भी होगा ? इसके लिए हम दूसरे देशों के नजरिए और दायित्वपूर्ति की प्रतीक्षा करें या फिर हमें जो कुछ करना है, हम वह […] Read more » changing climate Featured क्यों चिंतित हो भारत ? बदलती आबोहवा
पर्यावरण बदलती आबोहवा: क्या करे भारत ? December 24, 2015 / December 24, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment अरुण तिवारी कार्बन की तीन ही गति हैं: उपभोग, उत्सर्जन और अवशोषण। तीनों के बीच संतुलन ही जीवन सुरक्षा की कुदरती गारंटी है। इन तीनों के बीच संतुलन गङबङाया है, लिहाजा, जीवन सुरक्षा की कुदरती बीमा पाॅलिसी भी गङबङा गई है। दोष और समाधान के रूप में आज सबसे ज्यादा चर्चा और चिंता कार्बन उत्सर्जन […] Read more » changing climate Featured Global Warming कार्बन उपभोग कैसे घटे कार्बन उपभोग बदलती आबोहवा
जन-जागरण पर्यावरण नये साल पर लें 21 जलवायु संकल्प December 24, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment पाठकों को नूतन वर्ष 2016 की शुभकामना! शुभकामना है कि आप स्वस्थ जीयें; मरें, तो संतानों को सांसों और प्राणजयी संसाधनों का स्वस्थ-समृद्ध संसार देकर जायें। संकल्प करें; नीचे लिखे 21 नुस्खे अपनायें; आबोहवा बेहतर बनायें; मेरी शुभकामना को 100 फीसदी सच कर जायें। 1. स्वच्छता बढ़ायें। कचरा चाहे, डीजल में हो अथवा […] Read more » 21 जलवायु संकल्प Featured
पर्यावरण विविधा जहरीली हवा, जहरीला पानी और कब्रों का शहर December 22, 2015 / December 22, 2015 by हिमांशु तिवारी आत्मीय | 4 Comments on जहरीली हवा, जहरीला पानी और कब्रों का शहर हिमांशु तिवारी आत्मीय उन्नाव के सदर क्षेत्र में औद्योगिक जल प्रदूषण के चलते स्थानीय लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. किसी के लिवर में प्रॉब्लम है तो किसी को त्वचा संबंधी समस्या. सिर्फ इतना ही नहीं कैंसर जैसे गंभीर रोगों के शिकार होकर मौतों का आकड़ा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. […] Read more » Featured कब्रों का शहर जहरीला पानी जहरीली हवा
पर्यावरण विविधा चेन्नई आपदा मौसम के अतिवादी होने का सबूत या नसीहत December 9, 2015 / December 9, 2015 by शाहिद नकवी | 4 Comments on चेन्नई आपदा मौसम के अतिवादी होने का सबूत या नसीहत पहले मुम्बई फिर उत्तराखण्ड ,जम्मूकश्मीर और अब तमिलनाडु की राजधानी जैसे सम्पन्न इलाके चेन्नई मे जिस तरह प्रकृति के आगे समूचा तंत्र बेबस नजर आया उसने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की हमारी तैयारियों पर सवाल खड़ा कर दिया है ।साथ ही प्रकृति से छेड़छाड़ कर अंधाधुन शहरीकरण की सरकारों की विकास नीति पर भी सवाल […] Read more » Chennai flood Featured चेन्नई आपदा मौसम के अतिवादी होने का सबूत
पर्यावरण विविधा कब मिलेगा पीने को साफ पानी? December 6, 2015 by जगजीत शर्मा | Leave a Comment जगजीत शर्मा भारत में पेयजल की समस्या का काफी विकट है। गांवों की लगभग 80-85 फीसदी आबादी का गुजारा कुओं या हैंडपंप के पानी से होता है। शहरों में ज्यादातर लोग स्थानीय निकायों द्वारा की जा रही जलापूर्ति पर ही निर्भर रहते हैं। शहर और गांवों में अधिसंख्य आबादी को होने वाली जलापूर्ति प्रदूषित रहित […] Read more » Featured when we will get clean water to drink पीने को साफ पानी
पर्यावरण विविधा जलवायु परिवर्तन और हमारी भूमिका December 6, 2015 / December 6, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में जलवायु परिवर्तन को लेकर जिस प्रकार का मंथन किया जा रहा है, उसकी आवश्यकता बहुत पहले से महसूस की जा रही थी, लेकिन जब जागो तभी सवेरा की तर्ज पर अभी इसकी विकरालता को रोकने का उपक्रम किया जा रहा है, यही समय की मांग है। जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के […] Read more » Featured Global Warming जलवायु परिवर्तन
पर्यावरण जलवायु परिवर्तन की चपेट में चेन्नई December 5, 2015 / December 5, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव 86 लाख की आबादी वाला शहर चेन्नई लगभग जलमग्न है। चेन्नई के अलावा नेल्लौर,चित्तूर,प्रकाशम्,कांचीपुरम,तिरूवल्लूर,विल्लूपुरम् और पुड्डुचेरी में भी प्रकृति का यही रौद्र रूप दखने में आ रहा है। इसके पहले हम जम्मू-कष्मीर,उत्तराखण्ड,लद्दाख और 2005 में मुंबई को भी इसी बेहाली की जटिल स्थिति से रूबरू होते देख चुके हैं। तय है,एक के बाद […] Read more » Featured चेन्नई जलवायु परिवर्तन जलवायु परिवर्तन की चपेट में चेन्नई