पर्यावरण पानी माफिया की मुट्ठी में कैद है हिन्दुस्तान की सियासत April 22, 2010 / December 24, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment ब्रितानी जब हिन्दुस्तान पर राज किया करते थे, तब उन्होंने साफ कहा था कि आवाम को पानी मुहैया कराना उनकी जवाबदारियों में शामिल नहीं है। जिसे पानी की दरकार हो वह अपने घर पर कुंआ खोदे और पानी पिए। यही कारण था कि पुराने घरों में पानी के स्त्रोत के तौर पर एक कुआ अवश्य […] Read more » politics सियासत
पर्यावरण ग्रीन हाउस गैस और पर्यावरण से उपजी समस्या – मनोज श्रीवास्तव ‘मौन’ March 24, 2010 / December 24, 2011 by मनोज श्रीवास्तव 'मौन' | 2 Comments on ग्रीन हाउस गैस और पर्यावरण से उपजी समस्या – मनोज श्रीवास्तव ‘मौन’ विकास के नाम पर सभी देशों में वनों को काटने में जरा भी कसर नहीं छोड़ी जा रही है। हरी पहाड़ियों की हरियाली छीनकर सड़कों का निर्माण तथा रिहायसी निर्माण किया जा रहा है। चट्टानों वाली छोटी पहाड़ियों से खुदाई करके निर्माण के लिए गिटि्टयां, टाइले, सीमेंट आदि तैयार करते हुए धरती में गहरे गड्ढ़े […] Read more » Green House Gas ग्रीन हाउस गैस
पर्यावरण जलवायु प्रश्न March 13, 2010 / December 24, 2011 by अरुण माहेश्वरी धरती की जलवायु पर कोपेनहेगन सम्मेलन (7–18 दिसंबर ’09) खत्म हो गया। सम्मेलन के अंदर और बाहर, सभी जगह बेहिसाब उत्तेजना रही। उत्तेजना के मूल में यह चिंता थी कि इस पृथ्वी ग्रह को बचाने का आखिरी मौका है। अब न चेता गया तो पृथ्वी और उसपर मनुष्य मात्र के अस्तित्व पर खतरा है। इसके […] Read more » Climate Change जलवायु परिवर्तन
पर्यावरण जनाधिकार है पर्यावरण February 15, 2010 / December 25, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on जनाधिकार है पर्यावरण आज समय की मांग है कि विश्व के प्रति ऐसा दृष्टिकोण अपनाया जाए, जो मानव जाति की एकता, समाज और प्रकृति में समन्वय के सिध्दान्त पर आधारित हो। विश्व के प्रति नया दृष्टिकोण विश्व-स्तर पर मानव के ‘अधिकार’ को भी प्रभावित करेगा। मानव जाति की संपत्ति होने के कारण ‘ पृथ्वी’ पर किसी का भी […] Read more » Enviroment पर्यावरण
पर्यावरण पानी के लिए लोग होंगे पानी-पानी – संतोष सारंग February 13, 2010 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आज विश्व की लगभग एक अरब आबादी को जल के लिए तरसना पड़ रहा है। भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, ब्राजील जैसे तमाम विकासशील देशों में लाखों लोग गंदे पानी से पैदा होनेवाली बीमारियों के कारण मौत के ग्रास बन जाते हैं। धरती के संपूर्ण जल में साफ पानी का प्रतिशत 0.3 से भी कम है। आनेवाले […] Read more » water पानी
पर्यावरण पर्यावरणवादियों के तर्कशास्त्र के परे February 12, 2010 / December 25, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment पर्यावरण के प्रति उत्तर-आधुनिकों का रवैया मिथकीय और विज्ञान विरोधी है। पर्यावरण को ये लोग पूंजीवाद के आम नियम से पृथक् करके देखते हैं। कायदे से पर्यावरण के बारे में मिथों को तोड़ा जाना चाहिए। विज्ञान-सम्मत दृष्टिकोण का प्रचार किया जाना चाहिए। पर्यावरण के प्रश्न सामाजिक विकास के प्रश्न हैं। इनकी उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। […] Read more » Enviroment पर्यावरणवादि
पर्यावरण अकेले नहीं आता अकाल-अनुपम मिश्र February 10, 2010 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on अकेले नहीं आता अकाल-अनुपम मिश्र अकाल की पदचाप साफ सुनाई दे रही है। सारा देश चिंतित है। यह सच है कि अकाल कोई पहली बार नहीं आ रहा है लेकिन इस अकाल में ऐसा कुछ होने वाला है, जो पहले कभी नहीं हुआ। देश में सबसे सस्ती कारों का वादा पूरा किया जा चुका है। कार के साथ ऐसे अन्य […] Read more » Famine अकाल
पर्यावरण वेदों में पर्यावरण एवं जल संरक्षण February 4, 2010 / December 25, 2011 by डॉ. पुनीत बिसारिया | 3 Comments on वेदों में पर्यावरण एवं जल संरक्षण पर्यावरण का स्वच्छ एवं सन्तुलित होना मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। पाश्चात्य सभ्यता को यह तथ्य बीसवीं शती के उत्तारार्ध्द में समझ में आया है, जबकि भारतीय मनीषा ने इसे वैदिक काल में ही अनुभूत कर लिया था। हमारे ऋषि-मुनि जानते थे कि पृथ्वी, जल, अग्नि, अन्तरिक्ष तथा वायु इन पंचतत्वों से […] Read more » Water Conservation जल संरक्षण पर्यावरण वेद
पर्यावरण बंद होना चाहिए पचौरी का महिमा मण्डन February 2, 2010 / December 25, 2011 by लिमटी खरे | 2 Comments on बंद होना चाहिए पचौरी का महिमा मण्डन ”ग्लोबल वार्मिंग” इस शब्द से हिन्दुस्तान के लोग कुछ साल पहले तक भली भांति परिचित नहीं थे, पर मीडिया ने इसे जैसे ही हौआ बनाया लोगों की नींदें उडने लगीं। दुनिया आग के गोले में तब्दील हो जाएगी। सब कुछ जलकर खाक हो जाएगा। समाचार चैनल्स ने भी अपनी टीआरपी (टेलीवीजन रेटिंग प्वाईंट) को दुरूस्त […] Read more » Global Warming आर.के. पचौरी ग्लोबल वार्मिंग
पर्यावरण 13 महीने में 19 बाघ हुए काल कलवित January 30, 2010 / December 25, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on 13 महीने में 19 बाघ हुए काल कलवित सिवनी। एक तरफ केंद्र सरकार द्वारा एक के बाद एक कार्यक्रम लागू कर करोडों अरबों रूपए खर्च कर वन्य जीवों के संरक्षण के लिए नित नई योजनाओं को बनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एक के बाद एक बाघों ने दम तोडा है, जिससे यह साबित हो रहा […] Read more » Tiger पेंच नेशनल पार्क बाघ
पर्यावरण हालत नहीं सुधरे तो बाघों का अस्तित्व खतरे में December 29, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on हालत नहीं सुधरे तो बाघों का अस्तित्व खतरे में सिवनी यशों-: पेंच नेशनल पार्क देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इस नेशनल पार्क के संरक्षण में करोडों रूपये खर्च किये जाते है। नेशनल पार्क का महत्व मोगली की जन्म स्थली होने के कारण भी बढा है परंतु नेशनल पार्क के संरक्षण के लिये जिम्मेदार अमले द्वारा निरंतर लापरवाही का रवैया अपनाया जा रहा […] Read more » National Park पेंच नेशनल पार्क
पर्यावरण सावधान! कोहरा आ रहा है December 28, 2009 / December 25, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on सावधान! कोहरा आ रहा है दिसंबर की हाड गलाने वाली ठण्ड के आते ही आवागमन ठहर सा जाता है। वैसे तो समूचे भारत में कोहरे की मार इन दिनों में जबर्दस्त होती है, किन्तु उत्तर भारत विशेषकर आगरा के आगे के इलाकों में कोहरा शनै: शनै: बढता ही जाता है। कोहरे के कारण जन जीवन थम सा जाता है। आंकडों […] Read more » Fog कोहरा