राजनीति विश्ववार्ता क्या ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवा सकते हैं ? November 19, 2024 / November 19, 2024 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान घोषणा की थी कि वो सत्ता में आते ही 24 घंटे में रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवा सकते हैं। चुनाव जीतने के बाद भी उन्होंने अपनी इस घोषणा को दोहराया है। अब सवाल उठता है कि क्या सच में ट्रंप इस युद्ध को 24 घंटे में […] Read more » रूस-यूक्रेन युद्ध
राजनीति विश्ववार्ता असहिष्णुता शांति ही नहीं, स्वास्थ्य के लिये भी घातक November 14, 2024 / November 14, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस – 15 नवम्बर 2024-ललित गर्ग – व्यक्तियों, समाजों एवं राष्ट्रों की एक दूसरे के लिये बढ़ती असहिष्णुता ही युद्ध, नफरत एवं द्वेष का कारण है, यही साम्प्रदायिक हिंसा एवं उन्माद का भी कारण है। असहिष्णुता, घृणास्पद भाषण और दूसरों के प्रति भय, नफरत, घृणा एवं द्वेष न केवल संघर्ष और युद्धों का […] Read more » अन्तर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस
राजनीति विश्ववार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के ‘हिंदू कार्ड’ के अंतर्राष्ट्रीय मायने November 5, 2024 / November 5, 2024 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति व रिपब्लिकन पार्टी के पुनः उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प का यह कहना कि हम अमेरिका को फिर से मज़बूत बनाएंगे और ताकत के ज़रिए शांति वापस लाएंगे, एक ऐसी लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता है जिसकी अपेक्षा हरेक जनतांत्रिक राष्ट्राध्यक्ष से की जाती है लेकिन जब अशान्ति की जड़ में वोट बैंक हो और […] Read more » International significance of US presidential candidate Donald Trump's 'Hindu card' डोनाल्ड ट्रंप के 'हिंदू कार्ड' के अंतर्राष्ट्रीय मायने
राजनीति विश्ववार्ता भारत विरोधी खालिस्तानियों को ट्रूडो सरकार की शह November 5, 2024 / November 5, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:- कनाडा भारत विरोधी गतिविधियों एवं खालिस्तानी अलगाववाद को पोषण एवं पल्लवन देने का बड़ा केन्द्र बनता जा रहा है। खालिस्तानी झंडे लिये प्रदर्शनकारियों ने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हमला बोला, हिन्दुओं के साथ हिंसक झड़प की, जिन्हें लेकर ट्रूडो सरकार मूक दर्शक बन कर भारत विरोधी तत्वों को शह देती […] Read more » Anti-India Khalistanis encouraged by Trudeau government भारत विरोधी खालिस्तानियों को ट्रूडो सरकार की शह
राजनीति विश्ववार्ता कनाडा में हिंदुओं पर लक्षित हमलों का जवाब आखिर देगा कौन, पूछ रहे हैं लोग November 5, 2024 / November 5, 2024 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment कमलेश पांडेय लीजिए, कनाडा भी अब पाकिस्तान और बंगलादेश की राह पर चल पड़ा है। वहां के हिन्दू मंदिर पर भी खालिस्तानियों ने हमला किया है। दुनिया के कई इस्लामिक और ईसाई मुल्कों में ऐसी घटनाएं घटती रहती हैं। खुद भारत के भी कई राज्यों में ऐसी शर्मनाक घटनाएं पर्व-त्यौहारों पर सामने आती रहती हैं। […] Read more » targeted attacks on Hindus in Canada कनाडा में हिंदुओं पर लक्षित हमलों
राजनीति विश्ववार्ता मध्य पूर्व में होता ‘समुद्र-मंथन ‘ October 7, 2024 / October 7, 2024 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री पूरा विश्व गोया इस समय बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है। सामने से तो यही नज़र आ रहा है कि एक तरफ़ कल तक सोवियत संघ के रूप में साथ रहने वाले दो देश रूस व यूक्रेन युद्धरत हैं तो दूसरी तरफ़ इस्राईल बनाम ईरान-हमास -लेबनान व हूती के बीच युद्ध चल रहा है। परन्तु दरअसल इन दोनों ही ख़ूनी संघर्षों के पीछे उसी अमेरिका की मुख्य भूमिका है जो दुनिया में सबसे अधिक अमन पसंदी,शांति,मानवाधिकार,लोकतंत्र और आतंकवाद को कुचलने जैसी बातें करता है। परन्तु जहाँ अमेरिका को अपने राजनैतिक हित साधने होते हैं वहां उसके यह सभी आदर्श धरे के धरे रह जाते हैं। इस समय अमेरिकी शह और उसी के भरोसे पर जहां यूक्रेन, रूस जैसी महाशक्ति से टकरा कर स्वयं को तबाह कर बैठा है वहीँ इस्राईल भी अमेरिका की ही सरपरस्ती में ख़ूनी खेल खेलने में लगा हुआ है। पश्चिमी देशों की शह पर ही वह इस्राईल जिसने कभी रहम की भीख मांगकर अरब की सरज़मीं पर अपने अस्तित्व को बचाया था। वह इस्राईल जिसे लेकर पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने यह निर्णय दिया है कि फ़िलिस्तीनी क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में इस्राईल की उपस्थिति “ग़ैर क़ानूनी ” है। जिसके बारे में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने कहा है कि इस्राइल ने पश्चिमी तट और पूर्वी यरुशलम में क़ब्ज़ा करने, स्थायी नियंत्रण लगाने और बस्तियां बनाने की नीतियों को लागू करके, वहां क़ब्ज़ा करने वाली शक्ति के रूप में अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने यह भी कहा है कि इस तरह की हरकतें “क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में इस्राईल की मौजूदगी को ग़ैर क़ानूनी ” बनाती हैं। इस क्षेत्र में इस्राईल की निरंतर मौजूदगी “अवैध” है और इसे “जितनी जल्दी हो सके” समाप्त किया जाना चाहिए।’ वही अवैध राष्ट्र आज उन्हीं अरब क्षेत्र के लोगों की जान का न केवल दुश्मन बना हुआ है बल्कि अमेरिकी शह और अपनी सैन्य शक्ति के बल पर इसी धरती पर ‘ग्रेटर इस्राईल ‘ के गठन का सपना भी संजोये बैठा है। इन हालात को पैदा करने के लिये अमेरिका ने दशकों से एक बड़ी साज़िश रची है। अमेरिका व इस्राईल ने शिया-सुन्नी विवाद का फ़ायदा उठाकर अरब देशों के सामने ईरान का हौव्वा खड़ा करने का एक सफल चक्रव्यूह रचा। अरब देशों के सामने ईरान को विलेन के रूप में पेश किया और अमेरिकी संरक्षण में उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया। इसके बदले में अमेरिका सऊदी अरब सहित मध्य पूर्व के और भी कई तेल उत्पादक देशों से ईरान से सुरक्षा के नाम पर अपनी मर्ज़ी की क़ीमत पर तथा मनचाही मात्रा में तेल दोहन किया करता है। इतना ही नहीं बल्कि अमेरिका के इन पिछलग्गू अरब देशों को अपने अपने देश में लोकतंत्र का गला घोंटने,किसी भी तरह का दमन चक्र चलाने,मानवाधिकारों का हनन करने अपनी बादशाहत चलाने व तानाशाही की भी खुली छूट है। मध्य पूर्व के अनेक देश ऐसे भी हैं जिनकी पूरी अर्थव्यवस्था अमेरिका के हाथों गोया गिरवी रखी हुई। अब इस क्षेत्र में कोई बड़ी ताक़त सर न उठा सके अपने इसी षड्यंत्र के तहत अमेरिका ने पहले तो इराक़ को तबाह किया फिर ईरान को आतंकी देश और शैतान की धुरी तथा इसे समूचे अरब जगत के लिये ख़तरा बताना शुरू कर दिया। पूरी दुनिया के विभिन्न देशों में आतंक की इबारत लिखने व करोड़ों बेगुनाहों की मौत का ज़िम्मेदार अमेरिका ही अब ख़ुद यह तय करता है कि कौन सा देश आतंकी है, कहाँ की सेना आतंकी है, और कहाँ का शासक आतंकवाद का संरक्षक है। तेल ख़रीदने, हथियार बेचने और वर्चस्व के इसी घिनौने खेल में इस समय इस्राईल, अमेरिका का मोहरा बनकर ग़ाज़ा से लेकर लेबनान तक क़हर बरसा रहा है। क्या अस्पताल क्या स्कूल क्या रिहायशी इलाक़े तो क्या शरणार्थी कैम्प, बाज़ार, बच्चे, बूढ़े महिलायें कोई भी कहीं भी अमेरिकी शह पर होने वाली इस्राईली सैन्य कार्रवाई ख़ासकर हवाई बमबारी से सुरक्षित नहीं है। इसके बावजूद ईरान ने अपने जनरल क़ासिम सुलेमानी हमास प्रमुख इस्माईल हनिया व हिज़्बुल्ला सुप्रीमो हसन नसरुल्लाह की हत्या के बाद पिछले दिनों इस्राईल पर रॉकेट की बौछार कर यह जता दिया कि ईरान की पृष्ठभूमि व इनकी नस्ल वह नहीं जो सांसारिक शक्तियों के आगे घुटने झुका दे। हज़रत मुहम्मद,व उनके घराने के हज़रत अली व हुसैन को मानने वाली ईरानी नस्ल का रिश्ता उस हुसैन के घराने से है जिसने 1450 वर्ष पूर्व अपने समय की महाशक्ति सीरयाई यज़ीदी सेना के आगे अपना सिर नहीं झुकाया था। जबकि निश्चित रूप से अमेरिका व इस्राईल की गोदी में खेलने वाले वही अरब शासक हैं जिनके पूर्वज जैसे आज अमेरिका की ग़ुलामी में लगे हैं उसी तरह 1450 वर्ष पूर्व भी यही लोग यज़ीदी सेना के हिमायती थे और हुसैन के क़त्ल व करबला की घटना के ज़िम्मेदार थे। यही ईरान उस समय तक अमेरिका की आँखों का तारा था जब तक यहाँ का शाह पहलवी अमेरिका की गोद में बैठा रहता था परन्तु इस्लामी क्रांति के बाद जब से ईरान ने अमेरिका नहीं बल्कि ‘ईश्वर महान है ‘ की नीति पर चलना शुरू किया तब से ईरान, अमेरिका को शैतान व आतंकी नज़र आने लगा ? अलक़ायदा हो या आई एस आई एस,पूरी दुनिया जानती है कि आतंक के पर्याय समझे जाने वाले यह दोनों ही आतंकी संगठन अमेरिका की ही सरपरस्ती में खड़े किये गए। ओसामा बिन लाडेन व तालिबानी प्रमुख मुल्ला उम्र को तो सऊदी अरब का भी संरक्षण हासिल था। याद कीजिये इन आतंकी संगठनों की कैसे कैसी दिल दहलाने वाली विडिओ बाक़ायदा एक बड़ी साज़िश के तहत टी वे पर दिखाई जाती थी जिसमें यह दुर्दांत आतंकी लोगों को लाइन में खड़ाकर कभी गोली मारते तो कभी सर क़लम करते तो कभी ज़िंदा दफ़्न करते दिखाई देते थे। आतंकियों को यह छूट इसीलिये मिली थी ताकि उनकी इन वहशियाना हरकतों के चलते इस्लाम को बदनाम किया जा सके व इसे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले धर्म के रूप में प्रचारित किया जा सके। काफ़ी हद तक अपने इस मिशन में अमेरिका व इस्राईल को सफलता भी मिली। दूसरी तरफ़ जनरल क़ासिम सुलेमानी व हिज़्बुल्लाह सुप्रीमो हसन नसरुल्लाह जैसे निडर रहबर ही थे जिन्होंने अमेरिका व इस्राईल द्वारा पोषित आई एस आई एस की कमर तोड़ कर रख दी। इनके विरुद्ध जिहाद बोलकर सीरिया,इराक़ व आसपास के क्षेत्रों से इन्हें खदेड़ कर इनका वजूद ही समाप्त कर दिया। इन परिस्थितियों में अरब जगत इस समय एक बड़े ‘समुद्र मंथन’ के दौर गुज़र रहा है। अरब के चाटुकार शासक भले ही अवैध राष्ट्र इज़राईल व अमेरिका की गोद में बैठकर अपनी बुज़दिली का सुबूत क्यों न दे रहे हों परन्तु अरब की अवाम ईरान द्वारा फिलिस्तीनियों के हक़ में इस्राईल पर किये गये मिसाईल हमलों को बड़ी ही उम्मीद व हसरत भरी नज़रों से देख रही है। इस ‘समुद्र मंथन’ के परिणाम स्वरूप अरब जगत में आने वाले दिनों में कोई बड़ी उथल पुथल भी दिखाई दे सकती है। Read more » Middle East
राजनीति विश्ववार्ता मालदीव-भारत के बेहतर होते रिश्तों के सबब August 13, 2024 / August 13, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- चीन की कटपुतली बने मालदीव को आखिर भारत की कीमत समझ में आ गयी। चीन एवं पाकिस्तान की कुचालों एवं षडयंत्रों से भारत के पडोसी देशों की हालात जर्जर होती जा रही है, जिसका ताजा उदाहरण बांग्लादेश है। लेकिन एक पडोसी देश के रूप में पिछले करीब एक साल की अवधि में मालदीव […] Read more » Reasons for the improving relations between Maldives and India मालदीव-भारत के बेहतर होते रिश्तों के सबब
राजनीति विश्ववार्ता पडोसी देशों में भारत-विरोधी सरकारों के गठन की चिन्ता August 7, 2024 / August 7, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- भारत के पडोसी देशों में अस्थिरता एवं अराजकता का माहौल चिन्ताजनक है। बांग्लादेश के साथ-साथ भारत के पड़ोसी मुल्कों में हुए हालिया अराजक, हिंसक एवं अस्थिरता के घटनाक्रमों से एक तस्वीर बनती है एवं एक सन्देश उभर कर आता है, वह है, चीनी के द्वारा भारत विरोधी सरकारों के गठन की साजिश। सिर्फ […] Read more » Concern about formation of anti-India governments in neighboring countries
राजनीति विश्ववार्ता ईरानी महिलाओं का भारतीय मुस्लिम महिलाओं को संदेश July 12, 2024 / July 12, 2024 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी संदर्भ: ईरान चुनाव में सुधारवादी पेज़ेश्कियान की विजय ईरान में इन दिनों चाँद चौदहवीं की ओर बढ़ रहा है और साफ़ साफ़ भी दिख रहा है। अन्य दिनों – महीनों की अपेक्षा ईरान में कुछ अधिक ही ख़ुशगवार मौसम छाया हुआ है। ईरान के निर्वाचन में सुधारवादियों की विजय एक बड़ी ऐतिहासिक घटना […] Read more » Message from Iranian women to Indian Muslim women Reformist Pezeshkian wins in Iran elections ईरान चुनाव चुनाव में सुधारवादी पेज़ेश्कियान की विजय
राजनीति विश्ववार्ता नेपाल में (अ)पवित्र गठबंधन July 5, 2024 / July 5, 2024 by श्याम सुंदर भाटिया | Leave a Comment प्रो. श्याम सुंदर भाटिया पड़ोसी मुल्क नेपाल में सियासी लुका-छिपी का खेल बरसों-बरस से जारी है। हिमालयी राष्ट्र के लोकतंत्र का दुर्भाग्य यह है, शटल कॉक की मानिंद सियासत अस्थिर है। इधर सोलह वर्षों का सियासी लेखा-जोखा टटोला जाए तो नेपाल में पुष्प कमल दहल प्रचंड की अल्पमत सरकार को हटाकर शेर बहादुर देउबा और […] Read more » (un)sacred alliance in nepal alliance in nepal केपी शर्मा ओली शेर बहादुर देउबा शेर बहादुर देउबा और सीपीएन-यूएमएल के सुप्रीमो केपी शर्मा ओली
राजनीति विश्ववार्ता पीओके के हाथ से निकल जाने के डर से सहमा पाकिस्तान May 13, 2024 / May 13, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पाकिस्तान सरकार की तानाशाही, उदासीनता, उपेक्षा एवं दोगली नीतियों के कारण हालात बेकाबू, अराजक एवं हिंसक हो गये हैं। जीवन निर्वाह की जरूरतों को पूरा न कर पाने से जनता में भारी आक्रोश एवं सरकार के खिलाफ नाराजगी चरम सीमा पर पहुंच गयी है। […] Read more » Pakistan is scared of the fear of PoK getting out of hand
राजनीति विश्ववार्ता जंग अब विश्व में नहीं, हथियारों में लगे April 24, 2024 / April 24, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग – शांति के तमाम उपायों के बीच दुनियाभर में सैन्य खर्च, शस्त्रीकरण एवं घातक हथियारों की होड़ किसी खतरे की घंटी से कम नहीं। शस्त्रीकरण के भयावह दुष्परिणामाअें से समूचा विश्व भयाक्रांत है, हर पल आणविक हथियारों के प्र्रयोग को लेकर दुनिया डर के साये में जी रही है। इसीलिये आज अयुद्ध, […] Read more »