समाज स्वास्थ्य-योग भारत में बढ़ता कैंसर ! May 24, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मोहम्मद आसिफ इकबाल इंडियन कांउसिल फार मेडिकल रिसर्च के मुताबिक भारत में तंबाकू सेवन से होन वाला कैंसर और सवाईकल कैंसर महामारी की तरह फैल रहा है। हर साल तंबाकू से जुड़े कैंसर के लगभग 3 लाख नए मामले सामने आते हैं। देश में रोज दो हजार लोग इससे मौत के मुंह में समा जाते […] Read more » cancer cases in India Featured increasing cancer cases in India कैंसर भारत में बढ़ता कैंसर
विविधा स्वास्थ्य-योग विश्व हेपेटाइटिस दिवस May 17, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा- राधेश्याम द्विवेदी हेपेटाइटिस क्या है :- हेपेटाइटिस में लिवर में सूजन आ जाती है। यह परिस्थिति लिवर तक ही सीमित रहती है। कई बार यह गंभीर रूप धारण कर फिब्रोसिस अथवा लिवर कैंसर भी बन सकती है। हेपेटाइटिस वायरस, हेपेटाइटिस होने का सबसे बड़ा कारण होता है। हेपेटाइटिस के पांच मुख्य वायरस होते हैं। […] Read more » Featured विश्व हेपेटाइटिस दिवस हेपेटाइटिस हेपेटाइटिस क्या है
विविधा स्वास्थ्य-योग विश्व थैलेसिमिया दिवस May 9, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी हँसने-खेलने और मस्ती करने की उम्र में बच्चों को लगातार अस्पतालों के, ब्लड बैंक के चक्कर काटने पड़ें तो सोचिए उनका और उनके परिजनों का क्या हाल होगा! सूखता चेहरा, लगातार बीमार रहना, वजन ना ब़ढ़ना और इसी तरह के कई लक्षण बच्चों में थेलेसीमिया रोग होने पर दिखाई देते हैं। माता-पिता […] Read more » Featured world thalassemia day विश्व थैलेसिमिया दिवस
स्वास्थ्य-योग स्वस्थता के लिये जरूरी है हंसना February 26, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग आज का जीवन मशीन की तरह हो गया है। अधिक से अधिक पाने की होड़ में मनुष्य न तो स्वास्थ्य पर ध्यान दे पाता और न ही फुर्सत के क्षणों में कुछ आमोद-प्रमोद के पल निकाल पाता। तनाव भरी इस जिंदगी में मानो खुशियों के दिन दुर्लभ हो गये हैं! कई चेहरों को […] Read more » Featured स्वस्थता के लिये जरूरी है हंसना
जन-जागरण स्वास्थ्य-योग स्वास्थ्य सेवाएं, गरीबों की पहुँच से दूर December 11, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | 1 Comment on स्वास्थ्य सेवाएं, गरीबों की पहुँच से दूर शैलेन्द्र चौहान हमारे यहां स्वास्थ्य सेवाएं अत्यधिक महंगी हैं जो गरीबों की पहुँच से काफी दूर हो गयी हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, आवास जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। हमारे देश में गरीबों और अमीरों के बीच खाई बेहद चौड़ी हो चुकी है। इसे पाटने का किसी का अभिप्रेत नहीं है। दरअसल आर्थिक व सामाजिक विषमताएं, स्वास्थ्य की […] Read more » Featured गरीबों की पहुँच से दूर स्वास्थ्य सेवाएं
महत्वपूर्ण लेख समाज स्वास्थ्य-योग सर्वभय व सर्वरोग नाशक देवचिकित्सक आरोग्यदेव धन्वंतरि November 7, 2015 / November 7, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | 1 Comment on सर्वभय व सर्वरोग नाशक देवचिकित्सक आरोग्यदेव धन्वंतरि अशोक “प्रवृद्ध” आयुर्वेद जगत के प्रणेता तथा वैद्यक शास्त्र के देवता भगवान धन्वंतरि आरोग्य, सेहत, आयु और तेज के आराध्य देव हैं। सर्वभय व सर्वरोग नाशक देवचिकित्सक आरोग्यदेव धन्वंतरि प्राचीन भारत के एक महान चिकित्सक थे जिन्हें देव पद प्राप्त हुआ था । पौराणिक व धार्मिक मान्यतानुसार भगवान विष्णु के अवतार समझे जाने वाले धन्वन्तरी […] Read more » Featured देवचिकित्सक आरोग्यदेव धन्वंतरि सर्वरोग नाशक सर्वरोग नाशक देवचिकित्सक
स्वास्थ्य-योग लम्बा जीना है तो पैदल चलो October 26, 2015 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य जो लोग शरीर के कहे अनुसार चलते हैं वे जल्दी ही थक जाया करते हैं। इसके विपरीत जो लोग शरीर को अपने अनुसार चलाते हैं उनका शरीर लम्बे समय तक चलता है और स्वस्थ भी रहता है। अपना शरीर घोड़े की तरह है जिसे मन के संकल्पों की सुदृढ़ लगाम से संचालित […] Read more » लम्बा जीना है तो पैदल चलो
विविधा स्वास्थ्य-योग अथर्ववेद के आलोक में आयुर्वेद विमर्श September 19, 2015 / September 19, 2015 by कृष्ण कान्त वैदिक शास्त्री | 1 Comment on अथर्ववेद के आलोक में आयुर्वेद विमर्श कृष्ण कान्त वैदिक शास्त्री शतपथ ब्राह्ममण ने यजुर्वेद के एक मंत्र की व्याख्या में प्राण को अथर्वा बताया है। इस प्रकार प्राण विद्या या जीवन-विद्या आथर्वण विद्या है।1 हमें गोपथ ब्राह्ममण से यह पता चलता है कि ब्रह्म शब्द भेषज और भिषग्वेद का बोधक है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जो अथर्वा है, […] Read more » Featured
विविधा स्वास्थ्य-योग वैदिक ग्रन्थों में चिकित्सा शास्त्र September 9, 2015 / September 9, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” वैदिक मान्यतानुसार सृष्टि का उषाकाल वेद का आविर्भाव काल माना जाता है। भारतीय परम्परा के अनुसार वेदों को सम्पूर्ण ज्ञान-विज्ञान का मूल स्रोत माना जाता है। मनुस्मृति में मनु महाराज ने घोषणा की है- यद्भूतं भव्यं भविष्यच्च सर्वं वेदात् प्रसिध्यति। – मनुस्मृति 12.97 अर्थात- जो कुछ ज्ञान-विज्ञान इस धरा पर अभिव्यक्त हो […] Read more » Featured
स्वास्थ्य-योग योग को पहले समझिए फिर समझाइए!!! July 2, 2015 by डॉ प्रवीण तिवारी | Leave a Comment 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया गया है। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस […] Read more » योग को पहले समझिए
विविधा स्वास्थ्य-योग शारीरिक व्यायाम की प्राचीन कला है योग June 20, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on शारीरिक व्यायाम की प्राचीन कला है योग प्रमोद भार्गव यह विडंबना ही है कि जब योग को पूरी दुनिया ने स्वीकार कर लिया है तब चंद धार्मिक समूह इसे धर्म और संप्रदाय विशेष का रंग देने की कलाबाजी का राजनैतिक खेल खेल रहे हैं। जबकि वास्तव में योग शारीरिक और मानसिक व्यायाम की प्राचीन भारतीय कला है। कला का यह खजाना अब […] Read more » Featured Yoga प्राचीन कला योग प्राचीन कला है योग योग शारीरिक व्यायाम
स्वास्थ्य-योग दुनिया को क्यों है योग की ज़रूरत June 20, 2015 / June 22, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मो. अनीस उर रहमान खान आधुनिक युग ने मनुष्य को इतना प्रायौगिक बना दिया है कि वह हर चीज़ को वैज्ञानिक दृष्टि से परखने की कोशिश करता है। अगर उसका मस्तिष्क उस बात को मान लेता है तो वह उसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश करता है। अगर ऐसा नहीं हो पाता तो […] Read more » Featured योग की ज़रूरत