हिंद स्वराज फर्क है बस किरदारों का बाकी खेल पुराना है …. July 1, 2011 / December 9, 2011 by एल. आर गान्धी | 3 Comments on फर्क है बस किरदारों का बाकी खेल पुराना है …. एल.आर.गाँधी लूटना और लुटाना हमारा राष्ट्रिय व्यसन रहा है. अंग्रजों ने २०० साल राज किया और दो शताब्दियों में लगभग एक लाख करोड़ की लूट की. देश की जनता और आजादी के परवानों ने अनगिनत कुर्बानिय दे कर देश को अंग्रेजों से आज़ाद करवाया ताकि इस देश की धन संपदा इस देश की गरीब जनता […] Read more »
हिंद स्वराज जब जनमत के खिलाफ गए गाँधी July 1, 2011 / December 9, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 9 Comments on जब जनमत के खिलाफ गए गाँधी विकास सिंघल महात्मा गाँधी जो भारत के तथाकथित राष्ट्रपिता कहलाये जाते है, इनकी कोई भी आलोचना इस देश में राष्ट्र द्रोह करार दे दी जाती है. कोई भी व्यक्ति भगवन नहीं हो सकता. हर किसी से गलतियाँ हो सकती है. हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ अच्छे काम करता है कुछ गलत. समाज को उसके अच्छे […] Read more » Gandhi खिलाफ गाँधी जनमत
हिंद स्वराज सुजलाम-सुफलाम-मलयज-शीतलाम; भाग {2} June 2, 2011 / December 12, 2011 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment जैसा की मेने अपने विगत आलेख ”सुजलाम-सुफलाम-मलयज-शीतलाम-भाग{एक]में रेखांकित किया है कि सभ्यताओं के शुभारम्भ से ही सचेत और दूरदर्शी मानवो ने सितारों की गति से धरती पर और धरती कि गतिशीलता से उस पर अवस्थित प्रत्येक चेतन-अचेतन वस्तु या पिंड कि स्थिति पर परिवर्तन का नियम प्रत्यारोपित किया था.कालांतर में १८ वीं शताब्दी के मध्य […] Read more » मलयज शीतलाम सुजलाम सुफलाम
हिंद स्वराज सुजलाम-सुफलाम-मलयज़-शीतलाम -भाग-[एक] May 31, 2011 / December 12, 2011 by श्रीराम तिवारी | 2 Comments on सुजलाम-सुफलाम-मलयज़-शीतलाम -भाग-[एक] ’धरती अपनी धुरी से आधा फुट दूर हटी’’और तेज हुई धरती के घूर्णन की गति’’दिन छोटे और रात बड़ी होने लगी ” धरती खिसकी, धरती खतरे में,बचा सको तो बचा लो इस धरती को. ” इस तरह के अन्य अनेक डरावने और भयानक शीर्षकों वाले आलेखों और विभिन्न सूचना माध्यमों की और से तार्किक-अतार्किक,पुष्ट-अपुष्ट,वैज्ञानिक-अवैज्ञानिक समाचारों […] Read more » मलयज़ शीतलाम सुजलाम सुफलाम
राजनीति हिंद स्वराज क्या कभी चीन भारत पर आक्रमण करेगा ? May 29, 2011 / December 12, 2011 by डॉक्टर घनश्याम वत्स | 1 Comment on क्या कभी चीन भारत पर आक्रमण करेगा ? चीन इस दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला एक जिम्मेवार देश है । उस पर अपने नागरिकों के भरण पोषण और उनके हितों की रक्षा की जिम्मेवारी है । जिस प्रकार हर देश को अपने नागरिकों के सुखद ओर स्वर्णिम भविष्य की कामना होती है उसी प्रकार चीन को भी अपने देश के नागरिकों के […] Read more » India आक्रमण चीन भारत
हिंद स्वराज भारत हथियाने के विदेशी षडयंत्र May 27, 2011 / December 12, 2011 by डॉ.कैलाश चन्द्र | 2 Comments on भारत हथियाने के विदेशी षडयंत्र डॉ.कैलाश चन्द्र भारत हथियाने के विदेशी षडयंत् अंग्रेजों ने भारत को 200 वशोर्ं तक गुलाम बनाये रखा। कुछ अंग्रेज़ व्यापारी 17वीं शताब्दी में भारत में आकर व्यापार करने लगे, उन्होनें अपनी फैक्ट्रीयाँ बनाईं और उनकी सुरक्षा के प्रबंध करते हुए अपनी सैनिक भाक्ति यहां के लोगों को भरती करके ब़ाते चले गये। सर्वविदित है कि […] Read more » India
हिंद स्वराज सारे जहॉ में अच्छा हिन्दोस्ता हमारा…….. May 24, 2011 / December 12, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 3 Comments on सारे जहॉ में अच्छा हिन्दोस्ता हमारा…….. मेरा भारत महान या मुझे भारतीय होने पर गर्व है ये बात अब हम वास्तव में गर्व से कह सकते है। क्यो कि पिछले दिनो अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया परिषद (एनआईसी) और यूरोपीय संघ सुरक्षा शिक्षा संस्थान (ईआईएसएस) ने ”ग्लोबल गवर्नस 2025’’ नामक रिर्पोट में ये दावा किया है कि भारत दुनिया के तीसरे सब से […] Read more » Hindustan
वर्त-त्यौहार हिंद स्वराज धूमधाम से मनाएं नया साल विक्रमी संवत 2068 March 26, 2011 / December 14, 2011 by विनोद बंसल | 2 Comments on धूमधाम से मनाएं नया साल विक्रमी संवत 2068 भारत व्रत पर्व व त्यौहारों का देश है। यूं तो काल गणना का प्रत्येक पल कोई न कोई महत्व रखता है किन्तु कुछ तिथियों का भारतीय काल गणना (कलैंडर) में विशेष महत्व है। भारतीय नव वर्ष (विक्रमी संवत्) का पहला दिन (यानि वर्षप्रतिपदा) अपने आप में अनूठा है। इसे नव संवत्सर भी कहते हैं। इस […] Read more »
हिंद स्वराज ‘हिन्दस्वराज’ में गांधी जी की शिक्षा नीति December 26, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on ‘हिन्दस्वराज’ में गांधी जी की शिक्षा नीति शिक्षा के उद्देश्य पर चलने वाली बहस पुरानी है। भारत की आधुनिक शिक्षा पध्दति अंग्रेजी राज की देन है। अंग्रेजी राज की शिक्षा का उद्देश्य भारत की सभ्यता को अंग्रेजी सभ्यता में ढालना था । भारतीय संस्कृति और परम्पराओं के प्रति आत्महीन भाव पैदा करना था। अंग्रेजी राज को जायज ठहराने वाले विद्वान पुरूष पैदा […] Read more » hind swaraj हिंद स्वराज हिन्द स्वराज
हिंद स्वराज गाँधी जी – कल, आज और कल : इसरार अहमद November 1, 2009 / December 26, 2011 by इसरार अहमद | 3 Comments on गाँधी जी – कल, आज और कल : इसरार अहमद शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो गाँधी जैसे महान व्यक्तित्व वाले महापुरुष को नहीं जानता और तस्वीर को पहचानता न होगा. यह भारत और भारत-वासीयो का सौ- भाग्य था जो उनके जैसा सर्व गुण संपन महापुरुष मिला जिसने भारत की तस्वीर और इतिहास बदल दिया. उनके और उनके दुवारा बनाई हुए एक संघठन (जिसमे […] Read more » hind swaraj हिंद स्वराज
हिंद स्वराज गाँधी जी और आज की यांत्रिक सभ्यता – भाग-3 October 28, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | Leave a Comment गाँधी जी ने सभ्यता के जो रूप बताए है, वे विचारणीय है। संवेदनशील पाठक आत्म-मंथन के लिए विवश होगा और सोचेगा, कि क्या सभ्यता के ये ही नए कँटीले शिखर हैं? गाँधी जी के विचारों का एक लम्बा अंश यहाँ प्रस्तुत करने का मोह संवरण नहीं कर पा रहा हूँ. उन्होंने कहा कि सौ साल […] Read more » Gandhi Girish Pankaj Mahatma Gandhi गाँधी जी गिरीश पंकज महात्मा गाँधी यांत्रिक सभ्यता हिंद स्वराज
हिंद स्वराज गाँधी जी और आज की तथाकथित यांत्रिक सभ्यता – भाग-2 October 27, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | Leave a Comment गाँधी जी ने इग्लैंड की पार्लियामेंट को ‘बाँझ और वेश्या’ कहा था। बाद सें उन्होंने वेश्या शब्द को विलोपित कर दिया था। लेकिन उनका आरोप सही था। आज भारतीय परिप्रेक्ष्य में भी ये दोनों शब्द अप्रासंगिक नही हैं। हमारी संसद जनहित में अनेक निर्णय तो करती है लेकिन वे कार्यरूप में परिणत नही हो पाते। […] Read more » Gandhi Gandhivadi Mahatma Gandhi गाँधी जी गाँधीवाद गाँधीवादी महात्मा गाँधी यांत्रिक सभ्यता हिंद स्वराज