कविता
कैसे जियें
/ by बीनू भटनागर
औद्योगिक नगरों की चिमनी से, कण कण वायु प्रदूषित होती। वाहन वायु प्रदूषित करते, वायु प्रदूषण का विष रिस कर, निर्जीव फेफड़े कर जायेगा, कैसै न कैसे जिया जायेगा। गंगा यमुना भी पवित्र कंहाँ हैं, घुला रसायन विष इनमे है, प्रदूषण धरा के नीचे भी है, कूंओँ का पानी भी विषैला, अंड़ितयों पर घात […]
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