कविता गुरु की महिमा February 25, 2022 / February 25, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment गुरु बिन न ज्ञान होत है,गुरु बिन न कोई है समान |गुरु बिन मार्ग दिखत है,गुरु बिन बढे न कोई शान || गुरु ज्ञान की बेल है,बाकी सब है कंटीली बेल |ये ऊपर ले जायेगी,बाकी हो जायेगी सब फेल || गुरु की नित वंदन करो,हर दिन है गुरुवार |गुरु ही देता शिष्य को अच्छे अचार […] Read more » गुरु की महिमा
कविता मृत्यु के कई कई दिनों बाद मौत की अनुभूति होती February 24, 2022 / February 24, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमृत्यु के कई कई दिनों के बाद हीमनुष्य को मौत की अनुभूति होती! मृत्यु के बाद सूक्ष्म देहधारी आत्मामृत देह के पास जाती प्रयास करतीअपने मृत शरीर में जाने समाने की! परिजनों को अवाक होकर निहारतीकभी इसके पास, कभी उसके पासकभी श्मशान कभी कब्रिस्तान जाती! स्वप्नवत् उन्हें कभी बहुत पीड़ा होतीजलते जलाते हुए […] Read more » मृत्यु के कई कई दिनों बाद मौत की अनुभूति होती
कविता आत्म चेतना यानि अपनी चैतन्यता से परमात्मा को पाना February 23, 2022 / February 23, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआत्मा ही अपना है बाकी बेगानाआत्मा ‘मैं हूं’ नहीं हैमैं तो अहं है अहंकार का सृजनकर्ताआत्मा का अर्थ आत्मन स्वयं होताअस्तु ‘मैं’ का अहं त्याग करसिर्फ ‘हूं’ होना होता आत्म चेतनायह ‘हूं’ ही है परम चेतना परमात्माये ‘मैं’ के आवरण से घिरी आत्मामैं के अहंकार भाव से मुक्त होकरआत्मा ही परमात्मा को प्राप्त […] Read more » आत्म चेतना यानि अपनी चैतन्यता से परमात्मा को पाना
कविता पति पत्नि की नोक झोंक February 23, 2022 / February 23, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment क्या बताऊं मैं तुमको दोस्तो,मेरी पत्नि क्या-क्या करती है।सुबह सुबह रामायण पढ़ती है,सारे दिन महाभारत करती है।। जब उससे तू-तू, मैं-मै होती है,या उससे मेरी हाथापाई होती है।सारे घर के दरवाजे बंद करके,वह बेलन से मेरी खबर लेती है।। व्यस्त रहती है वह मोबाइल पर,जरा भी उसे फुर्सत न मिलती है।संगीत की वह बहुत शौकीन […] Read more » पति पत्नि की नोक झोंक
कविता प्रभु का नाम जप ले तू बन्दे February 21, 2022 / February 21, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कर ले इस जीवन का सदुपयोग,ये बार बार न तुझे मिल पाएगा।अच्छे कर्म करेगा इस जीवन में,अच्छे फल दूजे जीवन में पाएगा। दोनो हाथ से कर ले तू दान अब,फिर समय तुझे न मिल पायेगा।जो तूने कमाई है धन व दौलत,मरने के बाद यही रह जायेगा।। प्रभु का नाम जप ले तू बंदे,तभी तू जीवन […] Read more » प्रभु का नाम जप ले तू बन्दे
कविता भारतवर्ष को चाहिए था चारु वाक् यानि चार्वाक दर्शन February 17, 2022 / February 17, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकभारत वर्ष को चाहिए था चारु वाक्;सुन्दर साफ सुथरा कथन व प्रवचन,यानि चार्वाक दर्शन; नास्तिकता का,‘नास्तिको वेद निन्दक:’चार्वाक ऐसा! यानि न अस्ति स्वर्ग,न अस्ति नर्क,नहीं है अस्तित्व इस लोक के सिवा,ना दूजा लोक अमर देव अप्सरा का,जो इस लोक में वही लोकायत मत! भारत का बहुत अधिक हुआ शोषण,खोखली ब्राह्मणवादी आस्तिकता से!पुरोहितों ने […] Read more » . Charvak Darshan India wanted Charu Vak i.e. Charvak Darshan चार्वाक दर्शन
कविता जिंदगी का सच February 16, 2022 / February 16, 2022 by प्रभात पाण्डेय | Leave a Comment हम सबने मानव जीवन पायाकुछ अच्छा कर दिखलाने कोसब धर्म एक है ,एक ही शिक्षाफिर हम सब हैं इतने बेगाने क्योंजो दूसरों का है दुःख समझतेदुःख रहता उनके पास नहींऔरों को हंसाने वालेरहते कभी उदास नहींआचरण हमारा ही हम सबकोहर ऊँचाई तक पहुंचाता हैअगर यह दुराचरण बन जायेतो गर्त तक ले जाता हैकष्ट उठाने से […] Read more » जिंदगी का सच
कविता ये कहानी है तीन तीन अर्जुन की February 15, 2022 / February 15, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकये कहानी है तीन तीन अर्जुन की,ये जवांदानी तीन तीन अर्जुन की! पहले अर्जुन थे हैहय राज वंश के,विष्णु शक्ति सुदर्शनचक्र अंश से! रामपूर्व दशानन विजेता स्वामी थे,सप्तद्वीप नौखण्ड भूमि भारत के! परम तपस्वी योगी प्रजावत्सल वे,दान पुण्य सभी सद्गुण युक्त थे! पचासी सतयुग वर्ष तक शासक थे,विलीन हुए महाकाल के ज्योति में! […] Read more » This is the story of three three Arjun ये कहानी है तीन तीन अर्जुन की
कविता ऋतुराज बसंत February 15, 2022 / February 15, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment होली मांगे लकड़ी,दिवाली मांगे तेल।बसंत मांगता आटा,छटाक सवा सेर।। बसन्त के आते ही,उड़ने लगी रंग बिरंगी पतंग।कृषक के खेत झूमने लगे पीली सरसों के संग।। बागों में आने लगे हैं आमो पर अब बौर।काली कोयल कूक रही भौरे मचावे शोर।। आ गई ऋतु बसंत की,उठने लगी उमंग।मौज मस्ती मना रहे,एक दूजे के सब संग।। गगन […] Read more » poem on basant ऋतुराज बसंत
कविता पुलवामा शहीद दिवस February 14, 2022 / February 14, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment प्रेम दिवस कैसे मनाये आज हम,जब इस दिन गम के बादल छाए थे।पुलवामा में 42 वीर शहीद हुए थेजब वे तिरंगा ओढ़कर घर आए थे।। पुलवामा के वीरो ने इस दिन,जो जान देश पर वारी थी।दुश्मन की औकात नही थी,कुछ अपनो की ही गद्दारी थी।। छोड़ श्रद्धांजलि दिवस को हमवेलेंटाईन डे हम क्यो मनाते है।स्वतंत्र […] Read more » पुलवामा शहीद दिवस
कविता हिन्दुत्व सदियों से सिखाता प्रीत रीत को February 9, 2022 / February 9, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकहिन्दू तन है, हिन्दू मन है, मैं हिन्दू हूं,हिन्दू आनन, गेरुआ वसन, मैं हिन्दू हूं! मैं हिन्दू हिंसा-दूषण, इंसा-पूजन करता हूं,मैं हिन्दू हूं,अहिंसा का गुणगान करता हूं! मैं हिन्दू हूं ईश्वर में आस्थावान रहता हूं,मैं हिन्दू हूं, मानवता का गान सुनाता हूं! मैं सनातनी हिन्दू, ना किसी से तनातनी,मैं बात करुं वेद-पुराण आगम-निगम […] Read more » Hindutva teaches Preet Rit for centuries
कविता आ तुझ को तुझ से चुरा लू February 8, 2022 / February 8, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आ तुझ को तुझ से चुरा लू,प्यार से तुझे दिल में बसा लू।ख्वासिश है यह आखरी मेरी,तुझ को मै अपना बना लू।। कजरे की जगह तुझे लगा लू,बंद नयनों में मै तुझे बसा लू।तुम मेरे श्याम हो मै राधा तेरी,यह मोहनी सूरत तेरी बसा लू।। गजरे की जगह तुझे लगा लू,बालो में तुझ को मै […] Read more » come steal you from you आ तुझ को तुझ से चुरा लू