लेख जान के दुश्मन बनते आवारा कुत्ते April 6, 2023 / April 6, 2023 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment भारत के मीडिया में लगातार ‘आवारा कुत्तों का खतरा’ सुर्खियों में रहता है। पिछले पांच वर्षों से, 300 से अधिक लोग – ज्यादातर गरीब और ग्रामीण परिवारों के बच्चे – कुत्तों द्वारा मारे गए हैं। 2017 के एक अध्ययन से पता चला है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर कुत्ते भी वन्यजीवों के लिए विनाशकारी हो […] Read more »
लेख मूल्य आधारित शिक्षा है सुख की अनुभूति का आधार April 6, 2023 / April 6, 2023 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment -डॉ. सौरभ मालवीय हमारी प्राचीन गौरवशाली भारतीय संस्कृति समस्त विश्व के सुख, समृद्धि एवं शान्ति की कामना करती है। भारतीय चिन्तन में व्यष्टि से समष्टि तक का विचार किया गया है। भारतीय पर्व इस बात का प्रतीक हैं। यहां पर प्राय: प्रतिदिन कोई न कोई लोकपर्व, व्रत, पूजा एवं अनुष्ठान का दिवस होता है, जो इस बात का प्रतीक […] Read more » Value based education is the basis of feeling of happiness
लेख शख्सियत समाज मुख्यमंत्री का पद ठुकुराने वाली एक भारतीय आत्मा-पद्मभूषण डाॅ. माखनलाल चतुर्वेदी April 4, 2023 / April 4, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment 4 अप्रेल उनकी जयंती पर विशेष आत्माराम यादवआजादी के बाद सन् 1956 में मध्यप्रदेश राज्य गठन के पश्चात राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किसे बिठाया जाये, इसे लेकर पण्डित माखनलाल चतुर्वेदी, पण्डित रविशंकर शुल्क एवं पण्डित द्वारकाप्रसाद मिश्रा में से किसी एक नाम को लेकर सहमति हेतु विचारविमर्श हुआ, सर्वसम्मति से तीन कागजों की […] Read more »
लेख राजस्थानी को कब हासिल होगा निज भाषा का गौरव? April 4, 2023 / April 4, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment देवेन्द्रराज सुथारजालौर, राजस्थान मातृभाषा किसी भी देश या क्षेत्र की संस्कृति और अस्मिता की संवाहक होती है. इसके बिना मौलिक चिंतन संभव नहीं है. नई शिक्षा नीति में कक्षा 5 तक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में रखने की बात कही गई है, लेकिन राजस्थान के लोग मातृभाषा में शिक्षा पाने से […] Read more » When will Rajasthani get the pride of its own language
लेख बुराई तब बढ़ती है जब अच्छे लोग कुछ नहीं करते”? April 4, 2023 / April 4, 2023 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment अच्छे लोगों पर अपने समुदाय को बनाए रखने के लिए बुराइयों के सामने बोलने और कार्य करने की जिम्मेदारी है। एडमंड बर्क ने कहा था; “बुराई की जीत के लिए केवल एक चीज जरूरी है कि अच्छे लोग कुछ न करें।” अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी कहा था कि: “दुनिया उन लोगों द्वारा नष्ट नहीं […] Read more » Evil grows when good people do nothing"?
लेख समाज कौन सुनेगा श्रमिक महिलाओं का दर्द? April 4, 2023 / April 4, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment वंदना कुमारीमुजफ्फरपुर, बिहार भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदंड खेती-किसानी और मजदूरी है. यदि खेती नहीं हो, तो आदमी खाएगा क्या? आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 के मुताबिक कृषि में सकल घरेलू उत्पाद की हिस्सेदारी 20.2 फीसदी है. भारत की तकरीबन आधी जनसंख्या रोजगार के लिए खेती बाड़ी पर ही निर्भर है. कृषि द्वितीयक उद्योगों के लिए […] Read more » श्रमिक महिलाओं का दर्द
लेख सार्थक पहल सवेदनाओं का सूचक है आरिफ और सारस की प्रेम कहानी April 3, 2023 / April 3, 2023 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह संवेदना एक ऐसी अनुभूति है, जो दूसरों के दर्द को अपना बना देती है। दर्द दूसरों को होता है, पर प्राण अपने छटपटाते हैं। ऐसी ही अनुभूति आरिफ को सारस पक्षी के प्रति हुई थी। घायल सारस होता है पर प्राण आरिफ के छटपटाते हैं। यही संवेदना आरिफ को औरों से […] Read more »
लेख आह! इंदौर, वाह…इंदौरी April 3, 2023 / April 3, 2023 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमारइंदौर में मौत की बावड़ी से धडक़न टूटने की गिनती हो रही है। सबके अपने सूत्र, सबके अपने आंकड़ेें। पलकें नम हो गई हैं। हर कोई इस विपदा से दुखी और बेबस है। खबरों की फेहरिस्त है। कोई शासन-प्रशासन को गरियाने में लगा है तो कोई इस बात की तह तक जाने की जल्दबाजी […] Read more » Ahh! Indore wow... Indori
लेख पुरस्कारों का बढ़ता बाजार April 3, 2023 / April 3, 2023 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment पुरस्कारों के बढ़ते बाजार के में देने और लेने वाले दोनों की भूमिका है। देने वाले अपने आप खत्म हो जायेंगे अगर लेने वाले न बने। हमें किसी भी पुरस्कार के लिए पैसा देना पड़े तो समझ लीजिये वो पुरस्कार नहीं खरीद है। बात इतनी सी है। फिर हम और आगे क्यों बढे? एनजीओ रजिस्ट्रेशन […] Read more » पुरस्कारों का बढ़ता बाजार
लेख भगवान महावीर एक कालातीत संस्कृति April 3, 2023 / April 3, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment – : समणी स्वर्णप्रज्ञा :- भारतीय संस्कृति ऋषि और कृषि प्रधान संस्कृति रही है। समय-समय पर विभिन्न ऋषियों, मुनियों संन्यासियों और पैगम्बरों ने अवतार लेकर इस घरा को पुनीत एवं पावन बनाया। उसी परम्परा में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का नाम भी तेजस्वी सूर्य की तरह है, जिन्होंने अज्ञान रूपी अन्धकार को […] Read more » Lord Mahavir a timeless culture
लेख सार्थक पहल आत्मनिर्भरता से ही सशक्तिकरण संभव है April 3, 2023 / April 3, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment अर्चना किशोर छपरा, बिहार आजकल महिलाएं वह सब कुछ कर रही हैं जिस पर वर्षों से पुरुषों का एकाधिकार था. लेकिन कई ऐसे छोटे स्तर के काम भी हैं जो आमतौर पर महिलाओं द्वारा किए जाते रहे हैं और ये काम उन्हें पेशेवर और आत्मनिर्भर बनाते हैं. सिलाई और कढ़ाई एक ऐसा क्षेत्र है, जो ग्रामीण भारत […] Read more » Empowerment is possible only through self-reliance
लेख उत्तराखंड के गांवों में सड़क की जर्जर हालत March 27, 2023 / March 27, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment ज्योति गोस्वामी/पिंकी अरमोली गरुड़, बागेश्वर उत्तराखंडआज़ादी के 75 बरस बीत चुके हैं. लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों के निवासी आज भी उन मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं जिनके बिना जीवन की कल्पना एक डरावने स्वप्न सी प्रतीत होती है. उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक का गनीगांव और सुराग, ये ऐसे गांव हैं जहां आज तक लोगों को […] Read more » Dilapidated condition of roads in villages of Uttarakhand