लेख रोजी-रोटी की तलाश में संघर्षरत चेहरे March 17, 2025 / March 17, 2025 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment विमला देवीजयपुर, राजस्थान राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित हवा महल, अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. इसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते रहते हैं, जिसकी वजह से यह पूरा इलाका हमेशा गुलज़ार रहता है. पर्यटकों की वजह से यहां की व्यापारिक गतिविधियां भी खूब रहती हैं. जिससे बड़ी संख्या […] Read more »
कला-संस्कृति लेख लो फिर आ गई होली March 12, 2025 / March 12, 2025 by डा. विनोद बब्बर | Leave a Comment डा. विनोद बब्बर भारतीय संस्कृति की आत्मा पर्व त्योहारों से बसती है। यहां की बहुरंगी बहुभाषी सांस्कृतिक विरासत की छटा देश के विभिन्न भागों में एक ही त्यौहार को अलग-अलग नामों रूपों से मनाए जाने में दिखाई देती है। लगभग प्रतिदिन देश के किसी न किसी भाग में कोई न कोई पर्व होता है इसीलिए […] Read more » होली
लेख विदेशी मजहब वालों का भारतीयकरण – अध्याय 7 March 12, 2025 / March 18, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू ( डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी )पुस्तक से डॉ राकेश कुमार आर्य भा रत के अतीत का वर्णन करते हुए नेहरू जी हिंदुस्तान की कहानी नामक अपनी पुस्तक के पृष्ठ 70 पर लिखते हैं कि- ” *एक हिंदुस्तानी अपने को हिंदुस्तान के किसी भी हिस्से में अजनबी न समझता और […] Read more » Indianisation of people of foreign religions इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू विदेशी मजहब वालों का भारतीयकरण
महिला-जगत लेख समाज भारतीय समाज में मासिक धर्म अभी तक कलंकित क्यों? March 11, 2025 / March 11, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment भारत के पास मासिक धर्म स्वास्थ्य के प्रति अधिक समावेशी और दूरदर्शी दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हुए सांस्कृतिक विचारों का सम्मान करने का अवसर है। आपके क्या विचार हैं-क्या सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए, या जमीनी स्तर के संगठनों को बदलाव लाने में आगे आना चाहिए? मासिक धर्म से जुड़ा कलंक कई संस्कृतियों में […] Read more » Why is menstruation still stigmatized in Indian society? मासिक धर्म अभी तक कलंकित
लेख भाषा विवाद नहीं, संवाद है। March 10, 2025 / March 11, 2025 by डॉ. नीरज भारद्वाज | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज 21वीं सदी के सभी माध्यमों ने देश-दुनिया की दूरियों को कम कर दिया है और विश्वग्राम (ग्लोबल विलेज) की परिकल्पना को सार्थक सिद्ध कर दिया है। इस अत्याधुनिक दौर में चलत-फि़रते, सोते-जागते, यहाँ-वहाँ, देश-दुनिया का व्यक्ति आपस में जुड़ा हुआ है। वह देश-दुनिया की घटनाओं को जानने, समझने, सुनने और देखने में सक्षम भी दिखाई दे रहा […] Read more » भाषा संवाद है
महिला-जगत लेख महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के कर्तव्य March 9, 2025 / March 18, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment वर्तमान समय में महिलाओं के सशक्तिकरण की बातें की जाती हैं । जिसके लिए महिलाओं के अनेक संगठन देश में काम कर रहे हैं । जो महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हैं । क्या ही अच्छा हो कि ये सभी संगठन महिलाओं के अधिकारों की अपेक्षा उन्हें उनके कर्तव्यों का स्मरण दिलाएं ।यह […] Read more » Women empowerment and duties of women महिला सशक्तिकरण महिलाओं के कर्तव्य
लेख समाज सार्थक पहल माताओं के बढ़ते शैक्षिक स्तर में छिपा बच्चों का भविष्य March 8, 2025 / March 11, 2025 by अमरपाल सिंह वर्मा | Leave a Comment अमरपाल सिंह वर्मा शिक्षा के क्षेत्र में भारत आगे बढ़ रहा है। देश में शिक्षा केवल एक अधिकार नहीं बल्कि समग्र विकास की कुंजी बन गया है। एक समय में जहां शिक्षा के क्षेत्र में पिछडऩे के कारणों का विश्लेषण होता था, वहीं अब हर कोई शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढक़र अपने उज्ज्वल भविष्य […] Read more » The future of children lies in the increasing educational level of mothers बढ़ते शैक्षिक स्तर में छिपा बच्चों का भविष्य
महिला-जगत लेख रंगों में बांट दिया स्त्री संसार March 7, 2025 / March 7, 2025 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार स्त्री सशक्तिकरण के सौ साल गुजर चुके हैं और आज भी समाज उन्हें सशक्त बनाने की कोशिश में है। एक ओर समाज कहता है कि आधी दुनिया उनकी लेकिन आधी तो क्या खुले मन से एक टुकड़ा भी देने को राजी नहीं है। यकीन ना हो तो देख लीजिए कि स्त्री संसार को […] Read more » The world of women is divided into colors रंगों में बांट दिया स्त्री संसार
लेख सीखने की राह में नन्हे कदमों की चुनौतियाँ March 7, 2025 / March 7, 2025 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment अंजली कबडोलाकंधार, गरुड़बागेश्वर, उत्तराखंड गनीगांव, उत्तराखंड का एक शांत और मनोरम गांव है. बागेश्वर जिला स्थित गरुड़ ब्लॉक अंतर्गत यह गांव शहर से काफी दूर है. यहां की ठंडी हवाओं में बच्चों की खिलखिलाहट घुली रहती है, मगर उन मासूम हंसी के पीछे एक अनकही दास्तान छुपी है – सीखने की अनवरत जिज्ञासा और चुनौतियां. […] Read more » सीखने की राह में नन्हे कदमों की चुनौतियाँ
महिला-जगत लेख स्त्री : बहुत कुछ पाना शेष अभी March 7, 2025 / March 7, 2025 by डॉ घनश्याम बादल | Leave a Comment लड़ी, आगे बढ़ी, पर क्षितिज बहुत दूर डॉ० घनश्याम बादल पहले अंतरराष्ट्रीय महिला वर्ष 1975 के बाद से 8 मार्च स्त्री के ‘पौरुष’ की पहचान का दिन बन गया है. इस दिन सारी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाती है । घर की चारदीवारी से निकलकर विस्तृत कर्म क्षेत्र में उतरने के बाद अब वह अपना धरातल […] Read more » Woman: There is still much left to achieve
महिला-जगत लेख कन्या को देवी, महिला को लक्ष्मी की तरह पूजते, फिर क्यों महिला अपराध में असफल ? March 7, 2025 / March 7, 2025 by पारसमणि अग्रवाल | Leave a Comment पारसमणि अग्रवाल कोंच आज महिला दिवस है. हमेशा की तरह बड़ी बड़ी बातें की जाएगी और खुद को महिलाओं का रक्षक बताने की होड़ सी लग जाएगी । नवरात्रि में कन्याओं को देवी के रूप में पूजते है, विवाह के बाद उन्हें घर की लक्ष्मी का दर्जा दे दिया जाता है और उन्ही के साथ […] Read more » Girls are worshipped as goddesses and women as Lakshmi then why are women unsuccessful in committing crimes? क्यों महिला अपराध में असफल
महिला-जगत लेख समाज नारी है स्नेह का स्रोत और मांगल्य का महामंदिर March 7, 2025 / March 7, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस – 8 मार्च, 2025-ललित गर्ग- महिलाओं की भागीदारी को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने और महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि महिलाओं के संघर्ष और उनके हक की लड़ाई की कहानी बयां करता […] Read more » अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस