लेख गीता और बुर्के पर वबाल क्यों December 21, 2011 / December 21, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 2 Comments on गीता और बुर्के पर वबाल क्यों शादाब जफर ‘शादाब रूस के शहर तोमस्क मैं कुछ कट्टरपंथी ईसाईयो द्वारा भारत मैं हिंदू भाईयो द्वारा अकीदत से देखे और पढे जाने वाले पवित्र ग्रंथ भगवद्गीता पर पाबंदी लगाने की मांग इस पवित्र ग्रंथ को घर मैं कलह फैलाने वाला बता कर जहां इक नया विवाद छेड़ दिया है। आखिर क्यो इन विदेशियो द्वारा […] Read more » ban on burka ban on Gita गीता और बुर्के पर वबाल क्यो
लेख भाषाई मिलावट के दौर में हिंदी का भविष्य December 20, 2011 / December 20, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | 6 Comments on भाषाई मिलावट के दौर में हिंदी का भविष्य अखिलेश आर्येन्दु देश की राजभाषा हिंदी के भविष्य को लेकर यूं तो सालों से चर्चाओं का दौर चलता रहा है लेकिन जब से हिंदी में मिलावट कर उसे हिंग्रेजी या हिंगलिश बनाने का दौर शुरू हुआ है तब से हिंदी के भविष्य पर बहुत ही गम्भीर सवाल उठाए जाने लगे हैं। सवाल उठाया जाना वाजिब […] Read more » future of hindi भाषाई मिलावट हिंदी का भविष्य
लेख सस्ते अनाज का हक December 20, 2011 / December 20, 2011 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on सस्ते अनाज का हक प्रमोद भार्गव केंद्रीय मंत्री मण्डल ने गरीबों को सस्ते अनाज का कानूनी अधिकार दिलाने के मकसद से खाद्य सुरक्षा विधेयक को मंजूरी देकर एक अच्छा काम कर दिया है। यूपीए की प्रमुख सोनिया गांधी की इस मंशापूर्ति के चलते अब देश की 63.5 फीसदी आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से खाद्य सुरक्षा […] Read more » cheap food grains for poor सस्ते अनाज का हक
लेख फतवे का ड़र December 19, 2011 / December 19, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 7 Comments on फतवे का ड़र लेकिन मेरी आंखों में तुझे डर ना मिलेगा….. -इक़बाल हिंदुस्तानी वो क़लमकार ही क्या जो सच कहने से डरता हो! प्रवक्ता डॉट कॉमपर मैंने कुछ दिन पहले मुसलमानों के आज के हालात पर एक लेख लिखा था। इसमें यह बात ख़ास तौर पर उठाई गयी थी कि मुसलमानों को सरकार द्वारा आरक्षण देने का लाभ […] Read more » Fatwa फतवे का ड़र
लेख ‘121 करोड़’ के कितने दावेदार? December 19, 2011 / December 19, 2011 by निर्मल रानी | 2 Comments on ‘121 करोड़’ के कितने दावेदार? निर्मल रानी भारतीय संविधान में देश की सत्ता के संचालन के लिए संसदीय व्यवस्था को इसी मक़सद से समाहित किया गया ताकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सत्ता का संचालन आम जनता के हाथों से सुनिश्चित हो सके। इसी उद्देश्य से पूरे देश में चुनाव व्यवस्था राष्ट्रीय,राज्यस्तरीय,स्थानीय निकाय स्तर व पंचायत स्तर तक लागू […] Read more » ‘121 करोड़ Indian constitution population of india भारतीय संविधान
लेख शख्सियत अमर बलिदानी स्वामी श्रद्धानंद December 19, 2011 / December 19, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | 2 Comments on अमर बलिदानी स्वामी श्रद्धानंद अखिलेश आर्येन्दु बलिदान दिवस 23 दिसम्बर पर विशेष धर्मबलिदानी, तपस्वी और कर्मसाधक स्वामी श्रद्धानंद स्वामी श्रद्धानंद का नाम देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा करने वाले उन महान बलिदानियों में बहुत ही आदर के साथ लिया जाता है जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर खुद को समर्पित कर दिया। धर्म, संस्कृति और देश पर […] Read more » swami shraddhanand अमर बलिदानी स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस 23 दिसम्बर स्वामी श्रद्धानंद
लेख शख्सियत आखिर इस दर्द की दवा क्या है…….. December 19, 2011 / December 19, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 3 Comments on आखिर इस दर्द की दवा क्या है…….. जन्मदिन 27 दिसम्बर पर विशेषः- मिर्जा असदउल्ला खॉ बेग उर्फ मिर्जा गालिब का जन्म 27 दिसम्बर 1797 ई0 को अकबराबाद, आगरा उत्तर प्रदेश में हुआ था। मिर्जा असद जब पॉच बरस के हुए तो सर से बाप का साया उठ गया यतीम मिर्जा की परवरिश की जिम्मेदारी इन के ताया ने अपने कंधो पर ले […] Read more » Mirza Galib मिर्जा असदउल्ला खॉ बेग मिर्जा गालिब मिर्जा गालिब जन्म 27 दिसम्बर 1797
लेख वैलडन अन्ना! लोहे को लोहा ही काटेगा अब December 17, 2011 / December 16, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on वैलडन अन्ना! लोहे को लोहा ही काटेगा अब इक़बाल हिंदुस्तानी संसद को सर्वोच्च बताने वालों को पता नहीं जनता सबसे उूपर है? जनलोकपाल बिल पर अन्ना की मांगे ना ना करते करते एक के बाद एक मानकर कांग्रेस की हालत उस आदमी जैसी होती जा रही है जिस पर एक किस्सा याद आ रहा है। एक आदमी ने कोई गल्ती करदी। उस को […] Read more » Anna Congress अन्ना लोहे को लोहा ही काटेगा
लेख संसद की भावना से खिलवाड़ December 16, 2011 by प्रमोद भार्गव | 3 Comments on संसद की भावना से खिलवाड़ प्रमोद भार्गव अभिषेक मनु सिंघवी की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति ने एक साथ दो गलतियां कीं हैं। एक संसद के दोनों सदनों की भावना को नकारा। दूसरे, समिति के ही बहुमत को नजरअंदाज कर लोकपाल का प्रारुप संसद को सौंप दिया। इस उपेक्षा के नतीजतन देश में शायद यह ऐसा पहला अवसर निर्मित […] Read more » Parliament संसद की भावना से खिलवाड़
लेख पत्तों को मत झाड़िए, जड़ को उखाड़िये December 14, 2011 / December 14, 2011 by डॉ0 आशीष वशिष्ठ | 1 Comment on पत्तों को मत झाड़िए, जड़ को उखाड़िये प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया को आचार संहिता के फंदे में फंसा चुकी सरकार अब सोशल नेटवर्किंग साइटस पर लगाम लगाने की कवायद में जुट गई है। सरकार ये प्रचार कर रही है कि इन सोशल नेटवर्किंग साइटस पर धार्मिक संप्रदायों और महापुरूषों का अपमान होता है। ऊपरी तौर पर सरकार की पहल साफ-सुथरी और नेक […] Read more » social networking sites Sonia Gandhi कपिल सिब्बल यूपीए - 2 सोशल नेटवर्किंग साइटस
महिला-जगत लेख आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? – भाग दो December 14, 2011 / December 14, 2011 by अन्नपूर्णा मित्तल | 8 Comments on आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? – भाग दो मैंने “आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ?” लेख लिखा। इस लेख को लोगों ने जिस प्रकार गंभीरतापूर्वक लिया उसके लिए सबका धन्यवाद। इस लेख पर लोगो की हर प्रकार की प्रतिक्रियाएँ आए और खासतौर पर शादाफ जाफ़र जी की, उसके बाद मुझे आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? – भाग दो, […] Read more » torture on woman Woman woman suffering औरत यातनाएं
महिला-जगत लेख समाज आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? December 11, 2011 / December 15, 2011 by अन्नपूर्णा मित्तल | 12 Comments on आखिर कब रुकेंगी औरतों पर होती यातनाएं ? हमारा समाज पुरुष प्रधान देश है. यहाँ औरतें शुरू से ही जुर्म का शिकार होती रही हैं. शादी के पहले उस पर बेटी, बहन के नाम पर पाबंदी लगाई जाती है. थोड़ी सी आज़ादी पर ही उसके भाई, पिता, नाते रिश्तेदार घर की मर्यादाएं तोड़ने का आरोप लगा डालते हैं. वहीं शादी के बाद उसे […] Read more » torture on woman Woman woman suffering औरत यातनाएं