पर्यावरण लेख क्या असमान वार्मिंग से हो रहा है वसंत का अंत? March 18, 2024 / March 18, 2024 by निशान्त | Leave a Comment क्लाइमेट सेंट्रल के एक नए विश्लेषण से भारत के सर्दियों के तापमान में एक चिंताजनक प्रवृत्ति का पता चलता है। जहां एक ओर पूरे देश में सर्दियाँ तो पहले से गर्म हो रही हैं, वहीं तापमान बढ़ने की दर, क्षेत्र, और महीने की बात करें तो उसमें एक जैसी प्रवृत्ति नहीं। इस असमान वार्मिंग पैटर्न के कारण भारत के कुछ हिस्सों में […] Read more » Is uneven warming killing spring असमान वार्मिंग से हो रहा है वसंत का अंत
लेख किशोरियों को नहीं, साइबर क्राइम को रोकना होगा March 15, 2024 / March 15, 2024 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment ज्योतिदिल्लीअनीता (बदला हुआ नाम) राजधानी दिल्ली के उत्तम नगर इलाके की रहने वाली एक 20 वर्षीय लड़की है, जो अपनी पढ़ाई के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी बहुत सक्रिय रहती है. उसे फोटो तथा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करना अच्छा लगता है. एक दिन जब वह अपने फोन पर इंस्टाग्राम चला रही […] Read more » Cyber crime needs to be stopped
लेख CAA कानून का विरोध शरीयत के अनुसार March 15, 2024 / March 15, 2024 by दिव्य अग्रवाल | Leave a Comment दिव्य अग्रवाल CAA कानून संविधान विरोधी और UCC मजहबी विरोधी क्यों-यह कैसी विडंबना है जब बात CAA कानून की हो तो इस्लामिक कट्टरपंथी कहते हैं कि सारे धर्म और मजहब एक सामान है अतः धर्म के आधार पर गैर इस्लामिक लोगो को इस कानून के अंतर्गत लाभ देना असंवैधानिक है । परन्तु यही बात जब […] Read more » Opposition to CAA law according to Shariat
महिला-जगत लेख समाज सामाजिक रूढ़िवाद से आज़ाद नहीं हुआ विधवा पुनर्विवाह March 14, 2024 / March 14, 2024 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment निशा सहनीमुजफ्फरपुर, बिहार दांपत्य जीवन रूपी गाड़ी के दो पहिए होते हैं. जिस तरह एक पहिया के नहीं रहने से गाड़ी नहीं चल सकती ठीक उसी प्रकार पति या पत्नी के अभाव में जीवन पहाड़ बन जाता है. पुरुष प्रधान समाज में पत्नी के गुजर जाने पर पुरुष की दूसरी शादी करने का प्रस्ताव आने […] Read more » social conservatism Widow remarriage विधवा पुनर्विवाह
लेख नर्मदाघाट का जगदीश मंदिर है 750 साल पुराना, महन्तों की 12 वीं पीढ़ी कर रही है पूजा March 13, 2024 / March 13, 2024 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव नर्मदापुरम ऐतिहासिक काल से नंदों, मौर्य तथा शुंगों के विशाल साम्राज्य में शामिल रहा है ओर सातवाहनों दक्षिण के राष्ट्रकूट आभीरों तथा प्रतापी गुप्त सम्राटों के आधिपत्य में रखा है। सन् 1401 में गौरी तथा खिलजी सुल्तानों के नर्मदापुर को अपने राज्य में शामिल करने के पूर्व […] Read more » Jagdish temple of Narmadaghat is 850 years old the 12th generation of Mahants is doing the worship. नर्मदाघाट का जगदीश मंदिर नर्मदाघाट का जगदीश मंदिर है 850 साल पुराना
महत्वपूर्ण लेख लेख स्वास्थ्य-योग हर दृष्टि से सेहत के लिए हानिकारक है धूम्रपान March 12, 2024 / March 12, 2024 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment धूम्रपान निषेध दिवस (13 मार्च) पर विशेष– योगेश कुमार गोयलधूम्रपान के आदी मित्रों और परिजनों को धूम्रपान छोड़ने के लिए मदद पाने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष मार्च महीने के दूसरे बुधवार को ‘नो स्मोकिंग डे’ मनाया जाता है, जो इस वर्ष 13 मार्च को मनाया जा रहा है। यह दिवस पहली बार […] Read more » No Smoking Day (13 March) धूम्रपान निषेध दिवस 13 मार्च
लेख शख्सियत समाज डॉ. वेदप्रताप वैदिक : समग्र भारतीयता के वैश्विक परिचय March 12, 2024 / March 12, 2024 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक प्रथम पुण्यस्मरण विशेष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ विश्व जब इतराता है अपनी प्रगति पर, विशालकाय अट्टालिकाओं पर, पटरियों पर, सरपट भागती रेलगाडियों पर, ऊर्जा की बचत पर, कार्बन क्रेडिट पर, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और विदेश नीति पर, तकनीकि समृद्धता पर, विकसित इमारतों पर, ढाँचागत अनुशासन और विकास पर, पत्रकारिता के उद्भव और विकास पर, बस वहीं पर विश्व की रफ़्तार पर ब्रेक लग जाता है क्योंकि वैश्विक […] Read more » Dr. Vedpratap Vedic: Global introduction to holistic Indianness डॉ. वेदप्रताप वैदिक
पर्यावरण लेख नदियों हैं जीवन-रेखा, इन्हें प्रदूषण-मुक्त करें March 12, 2024 / March 12, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment नदियों की कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 14 मार्च 2024-ललित गर्ग- नदियों को बचाने, जश्न मनाने और उनके महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए नदियों की कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 14 मार्च को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ’सभी के लिए पानी’ है, जो मांग करती है कि नदियों को राष्ट्रीय […] Read more » नदियों की कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
लेख सरकारी योजनाओं से जागरूक नहीं ग्रामीण March 11, 2024 / March 11, 2024 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment संगीता चौहानउदयपुर, राजस्थान राजस्थान का एतिहासिक उदयपुर शहर झीलों की नगरी के नाम से भी प्रसिद्ध है. जहां सालों भर देश और दुनिया के पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है. यहां कि सुंदरता की मिसाल इसी से लगाई जा सकती है कि दुनिया के बड़े बड़े उद्योगपति और फ़िल्मी सितारे वेडिंग स्थल के रूप में इसी […] Read more » Villagers are not aware of government schemes
धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार शिव भस्म धारण से मिलता है कल्याण March 11, 2024 / March 11, 2024 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव शिव ही सर्वज्ञ, परिपूर्ण और अनंत शक्तियों को धारण किए हैं। जो मन, वचन, शरीर और धन से शिव भावना करके उनकी पूजा करते हैं, उन पर शिवजी की कृपा अवश्य होती है। शिवलिंग में शिव की प्रतिमा ने शिव भक्तजनों में शिव की भावना करके उनकी प्रसन्नता के लिए पूजा का विधान है जो […] Read more » One gets welfare by wearing Shiva Bhasma
महिला-जगत लेख महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी से लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होती हैं March 8, 2024 / March 11, 2024 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च पर विशेष आलेख) हम विश्व में लगातार कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते आ रहे हैं, महिलाओं के सम्मान के लिए घोषित इस दिन का उद्देश्य सिर्फ महिलाओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान बताना है। इसलिए इस दिन को महिलाओं के आध्यात्मिक, शैक्षिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। नारी मानव जाति के लिए जननी का रूप है। कहा जाए तो जननी ही नारी है और नारी ही जननी है। नारी शक्ति या मातृशक्ति का इस संसार को आगे बढ़ाने में अहम् योगदान है। बिना नारी के इस दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती। अगर नारी नहीं होगी तो इस संसार का विकास नहीं हो पायेगा। नारी ही एक पुरुष को जन्म देती है, तभी नारी की सहन करने की शक्ति यानी सहनशक्ति का अहसास होता है कि वह इस संसार में कितनी मजबूत शक्ति है। आज उसी ही मजबूत नारी शक्ति पर कुछ मानसिक रूप से विक्षिप्त पुरुषों (ऐसे पुरुष जो नारी शक्ति को अपने उपभोग की वस्तु समझते हैं) द्वारा बलात्कार जैसी घटनाएं होती हैं। ऐसे पुरुषों द्वारा नारी को शारीरिक शोषण द्वारा हमेशा लज्जित किया जाता है, यह चीज समस्त मानवजाति को शर्मसार करती है। कुछ पुरुषों के ऐसे कृत्यों द्वारा बाकी के साफ-सुथरी छवि के पुरुषों को भी शर्मसार होना पड़ता है। आज जरूरत है महिलाओं और छोटी छोटी बच्चियों के खिलाफ बलात्कार जैसी होनी वाली घटनाओं पर लगाम लगाई जाए। ये तभी हो सकता है जब बलात्कार जैसे कृत्यों के खिलाफ मानव जाति एकजुट होकर फैंसला ले और जो लोग दोषी पुरुषों का साथ देते हैं ऐसे लोगों का भी समाज पूर्ण रूप से बहिष्कार करे। इसके साथ ही आज जरूरत है कि बलात्कार जैसे कृत्यों के खिलाफ सरकारें एक कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान करें और बलात्कार जैसे मामलों की फास्टट्रैक कोर्ट द्वारा त्वरित कार्यवाही हो। जिससे कि दूसरे लोग भी ऐसे कृत्य करने से पहले सौ बार सोचें। तभी मानव जाति और समाज के स्तर को उठाया जा सकता है। आज अपने समाज में नारी के स्तर को उठाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत है महिला सशक्तिकरण की। महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं की आध्यात्मिक, शैक्षिक, सामजिक, राजनैतिक और आर्थिक शक्ति में वृध्दि करना, बिना इसके महिला सशक्तिकरण असंभव है। आज हर महिला समाज में धार्मिक रूढ़ियों, पुराने नियम कानून में अपने आप को बंधा पाती है। पर अब वक्त है कि हर महिला तमाम रूढ़ियों से खुद को मुक्त करे। प्रकृति ने औरतों को खूबसूरती ही नहीं, दृढ़ता भी दी है। प्रजनन क्षमता भी सिर्फ उसी को हासिल है। भारतीय समाज में आज भी कन्या भ्रूण हत्या जैसे कृत्य दिन-रात किए जा रहे हैं। पर हर कन्या में एक मां दुर्गा छिपी होती है। यह हैरत की बात है कि दुर्गा की पूजा करने वाला इंसान दुर्गा की प्रतिरूप नवजात कन्या का गर्भ में वध कर देता है। इसमें बाप, परिवार के साथ समाज भी सहयोग देता हैं। आज जरूरत है कि देश में बच्चियों को हम वही आत्मविश्वास और हिम्मत दें जो लड़कों को देते हैं। इससे प्रकृति का संतुलन बना रहे। इसलिए जरूरी है कि इस धरती पर कन्या को भी बराबर का सम्मान मिले। साथ ही उसकी गरिमा भी बनी रहे। इसलिए अपने अंदर की शक्ति को जागृत करें और हर स्त्री में यह शक्ति जगाएं ताकि वह हर विकृत मानसिकता का सामना पूरे साहस और धीरज के साथ कर सके। एक नारी के बिना किसी भी व्यक्ति जीवन सृजित नहीं हो सकता है। जिस परिवार में महिला नहीं होती, वहां पुरुष न तो अच्छी तरह से जिम्मेदारी निभा पाते हैं और ना ही लंबे समय तक जीते हैं। वहीं जिन परिवारों में महिलाओं पर परिवार की जिम्मेदारी होती है, वहां महिलाएं हर चुनौती, हर जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाती है और परिवार खुशहाल रहता है। अगर मजबूती की बात की जाए तो महिलाएं पुरुषों से ज्यादा मजबूत होती हैं क्योंकि वो पुरुषों को जन्म देती हैं। भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त भारत के मौलिक के मौलिक अधिकारों के अंतर्गत सभी को अनुच्छेद 14-18 के अंतर्गत समानता का अधिकार दिया गया है। जो कि महिलाओं और पुरुषों को बराबरी का अधिकार देता है। इसके अन्तर्गत यह भी सुनिश्चित किया गया है कि राज्य के तहत होने वाली नियुक्तियों और रोजगार के संबंध में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा। और संविधान द्वारा मौलिक अधिकारों के अन्तर्गत दिये गया समानता का अधिकार भारतीय राज्य को किसी के भी खिलाफ लिंग के आधार पर भेदभाव करने से रोकता है। देष में महिलाओं के उत्थान और सशक्तीकरण को देखते हुए हमारे संविधान को 1993 में संशोधित किया गया। 73वें संशोधन के जरिये संविधान में अनुच्छेद 243ए से 243ओ तक जोड़ा गया। इस संशोधन में इस बात की व्यवस्था की गई कि पंचायतों और नगरपालिकाओं में कुल सीटों की एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित होंगी। इस संशोधन में इसकी भी व्यवस्था की गई कि पंचायतों और नगरपालिकाओं में कम से कम एक तिहाई चेयरपर्सन की सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित हों। पंचायती राज संस्थानों द्वारा महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने में सकारात्मक कार्यवाही से महिलाओं के प्रतिनिधित्व में तेजी से वृद्धि हुई है। वास्तव में देखा जाए तो देशभर में पंचायतों में चुनी गई महिलाओं का प्रतिनिधित्व 40 प्रतिशत हो गया है। कुछ राज्यों में पंचायतों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है। बिना प्रतिनिधित्व के महिलाओं का सशक्तिकरण असंभव है। जब तक महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाएगा तब तक हम महिलाओं के सशक्तिकरण की कल्पना नहीं कर सकते। नए संसद भवन में 20 सितंबर 2023 को नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में पास हुआ था। लोकसभा में पास होने के बाद 21 सितंबर 2023 को यह नारी शक्ति वंदन विधेयक राज्यसभा से भी पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। आने वाले सालों में कानून के अमल में आने बाद लोकसभा और विधानसभा में बहुत कुछ बदल जाएगा। लेकिन नारी शक्ति वंदन अधिनियम की सबसे बडी कमी है कि इसके अन्तर्गत पिछडे और आदिवासी वर्ग की महिलाओं को अलग से कोटा नही दिया गया है। अगर इसके अन्तर्गत पिछड़े और आदिवासी वर्ग की महिलाओं को अलग से कोटा दिया जाता तो पिछडे और दबे कुचले वर्ग की महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी आने वाले सालों में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में बढ पाता। इसके लिये सरकार को नारी शक्ति वंदन अधिनियम इसके अन्तर्गत पिछड़े और आदिवासी वर्ग की महिलाओं के लिये कोटे की व्यवस्था आने वाले समय में करनी चाहिये। कोई भी राष्ट्र महिलाओं के बिना शक्तिहीन है। क्योंकि राष्ट्र को हमेशा से महिलाओं से ही शक्ति मिलती है। किसी भी जीवंत और मजबूत राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है। महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी से लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होती है। आज जरूरत है कि समाज में महिलाओं को अज्ञानता, अशिक्षा, कूपमंडूकता, संकुचित विचारों और रूढ़िवादी भावनाओं के गर्त से निकालकर प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए उसे आधुनिक घटनाओं, ऐतिहासिक गरिमामयी जानकारी और जातीय क्रियाकलापों से अवगत कराने के लिए उसमे आर्थिक ,सामाजिक, शैक्षिक, राजनैतिक चेतना पैदा करने की। जिससे की नारी पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर समाज को आगे बढ़ाने में सहयोग कर सके। साथ-साथ आज जरूरत है कि समाज की जितनी भी रूढ़िवादी समस्याएं हैं हमें उनका समाधान खोजते हुए हठधर्मिता त्याग कर शैक्षिक, सामाजिक, सोहद पूर्ण, व्यावसायिक और राजनैतिक चेतना का मार्ग प्रशस्त करते हुए महिलाओं के सामाजिक उत्थान का संकल्प लेना चाहिये। क्योंकि हजारों मील की यात्रा भी एक पहले कदम से शुरू होती है। सही मायने में महिला दिवस तब सार्थक होगा जब असलियत में महिलाओं को वह सम्मान मिलेगा जिसकी वे हकदार हैं। इसके साथ ही समाज को संकल्प लेना चाहिए कि भारत में समरसता की बयार बहे, भारत के किसी घर में कन्या भ्रूण हत्या न हो और भारत की किसा भी बेटी को दहेज के नाम पर न जलाया जाये। विश्व के मानस पटल पर एक अखंड और प्रखर भारत की तस्वीर तभी प्रकट होगी जब हमारी मातृशक्ति अपने अधिकारों और शक्ति को पहचान कर अपनी गरिमा और गौरव का परिचय देगी और राष्ट्र निर्माण में अपनी प्रमुख भूमिका निभाएंगी। Read more » अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च
धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार शिव भस्म धारण से मिलता है कल्याण March 7, 2024 / March 7, 2024 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव शिव ही सर्वज्ञ, परिपूर्ण और अनंत शक्तियों को धारण किए हैं। जो मन, वचन, शरीर और धन से शिव भावना करके उनकी पूजा करते हैं, उन पर शिवजी की कृपा अवश्य होती है। शिवलिंग में शिव की प्रतिमा ने शिव भक्तजनों में शिव की भावना करके उनकी प्रसन्नता के लिए पूजा का विधान है जो […] Read more » शिव भस्म