लेख वर्तमान दौर में शरीया क़ानून की प्रासंगिकता ? August 23, 2021 / August 23, 2021 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर गत 15 अगस्त को क्रूर तालिबानों के बलात क़ब्ज़े के बाद उनके द्वारा एक बार फिर यह घोषणा की गयी है कि अफ़ग़ानिस्तान में शरीया क़ानून लागू किया जायेगा। इस्लामी शरीयत (क़ायदे/क़ानूनों ) की नीतियों के अनुसार चलने वाली व्यवस्था को आम तौर पर शरीया या शरीया क़ानून कहा जाता है। […] Read more » Relevance of Sharia Law Relevance of Sharia Law in present times? शरीया क़ानून की प्रासंगिकता
राजनीति लेख राष्ट्र निर्माण के अद्वितीय योद्धा राजीव गांधी August 23, 2021 / August 23, 2021 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलक देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मन में राष्ट्र को सामथ्र्यवान बनाने की सर्जनात्मक जिद् थी। लिहाजा सत्ता का लगाम थामते ही उन्होंने आतंकवाद के फन को कुचलना शुरु कर दिया। कश्मीर, पंजाब और पूर्वोत्तर में आतंकवाद से निपटने के लिए उन्होंने जोरदार रणनीति बनायी और आतंकवादियों को दूम दबाना पड़ा। महात्मा […] Read more » राजीव गांधी
कविता तालिबान August 22, 2021 / August 22, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल बारूद की गंधे अभीफिज़ाओं में घूली हैंऔर भीड़ शोर में गुम हैसंवाद पर संगिनों का पहरा हैविरान शहर की खंडहर इमारतेंकुछ कहती हैं…दिवालों पर पड़ेखून के धब्बेचिथड़ों में विखरी इंसानी लाशेंबताती हैं कि यह तालिबान है ?खिलौनों की तरहकई टुकड़ों में फैले मासूमों के जिस्ममाँ के सीने से लिपटा दुधमुंहाटूटे हुए खिलौने औरबारूद […] Read more » तालिबान
कविता दुर्योधन-दुशासन तक की नहीं कलाई सूनी थी August 22, 2021 / August 22, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआज देश मेंएक बहन के नहीं होने पर,लाखों भाईयों की कलाई सूनी रह जातीआजगर्व नहींहमको अपनी परम्परा परजिसमें बहन की बहुतहोतीरहीख्याति! भगवानरामको एक बहन शांता थीआठ भाईयों के बाद भगवान कृष्ण कीएक प्यारी छोटीबहन सुभद्रा आई थीद्रोपदी को भीकृष्णने बहन बनाई थी! द्रोपदी ने कृष्ण की जख्मी कलाई मेंअपनीदुपट्टा चीर कर एक परम्परारक्षाबंधन […] Read more » दुर्योधन-दुशासन तक की नहीं कलाई सूनी थी
कविता मेरी बहना August 22, 2021 / August 22, 2021 by अजय एहसास | Leave a Comment कभी वो दोस्त जैसी है, वो दादी मां भी बनती हैबचाने की मुझे खातिर, वो डांटे मां की सुनती हैअभी सर्दी नहीं आई, वो रखती ख्याल है मेरावो मेरी बहना है मेरे लिए स्वेटर जो बुनती है। कभी लड़ती झगड़ती प्यार भी करती वो कितनी हैजो रखती हाथ सिर पे मां के आशीर्वाद जितनी हैवो […] Read more » मेरी बहना
कविता बहनों की शुभकामना ——————– August 22, 2021 / August 22, 2021 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment रक्षा बंधन प्रेम का,हृदय का त्योहार !●●●●●इसमें बसती द्रौपदी,है कान्हा का प्यार !!●●●●●कहती हमसे राखियाँ,तुच्छ है सभी स्वार्थ !बहनों की शुभकामना,तुमको करे सिद्धार्थ !!●●●●●भाई-बहना नेह के,रिश्तों के आधार !इस धागे के सामने,हीरे हैं बेकार !!●●●●●बहना मूरत प्यार की,मांगे ये वरदान !भाई को यश-बल मिले,लोग करे गुणगान !!●●●●●चिठ्ठी लाई गाँव से,जब राखी उपहार !आँसूं छलके आँख […] Read more » बहनों की शुभकामना राखी का त्यौहार
लेख सौहार्द्र के प्रतीक हैं केरल की मस्जिद और झारखण्ड का इमामबाड़ा August 20, 2021 / August 22, 2021 by उत्तम मुखर्जी | Leave a Comment उत्तम मुखर्जी आज मुहर्रम है। आज मस्ज़िद पर, इमामबाड़ा और दरगाह पर लिखता हूं।ये सबकुछ मुस्लिम से नहीं बल्कि हिंदू समुदाय से जुड़े हुए हैं।पहले झारखण्ड के धनबाद जिले के कतरास शहर की बात करता हूं। मध्य प्रदेश के रीवा स्टेट के राजाओं की यहां हवेली है। राजपरिवार धनबाद के तीन हिस्से झरिया, कतरास और […] Read more » Kerala's mosque and Jharkhand's Imambara Kerala's mosque and Jharkhand's Imambara are symbols of harmony केरल की मस्जिद और झारखण्ड का इमामबाड़ा
लेख भारत में हथकरघा उद्योग के गौरवशाली दिन वापिस लाने हेतु किए जा रहे हैं कई प्रयास August 19, 2021 / August 19, 2021 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment प्राचीन समय में भारत में प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध था। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में कृषि के साथ साथ हथकरघा उद्योग भी फल फूल रहा था। इसके कारण ग्रामीणों का गावों से शहरों की ओर पलायन नहीं के बराबर होता था। बल्कि, शहरों की तुलना में ग्राम ज्यादा खुशहाल थे। हथकरघा उद्योग के […] Read more » handloom industry in India. Many efforts are being made to bring back the glorious days of handloom industry in India. भारत में हथकरघा उद्योग
कविता मां तुम कितना कुछ सहती हो August 19, 2021 / August 19, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमां तुम कितना कुछसहती हो,फिरभी तुमकुछनाकहती हो,खाना हम सबको खिलाने तक,तुम मांदिनभर भूखी रहती हो! इस जहां में कहांकोईरचना,जो तेरे जैसेभूख-प्यास, नींदऔर ढेर सारी पीड़ा सहती हो,फिर भी कुछ नहीं कहती हो! मां तुम कितनीभोलीसी हो,दुनिया मेंअमृतरस घोली हो,अपनेबच्चों की आपदाओंकोअपने हीसरपर ले लेती हो! मां नहीं तो जग कैसाहोता?जीव जंतुओं सेयेसूना होता,हर […] Read more » मां तुम कितना कुछ सहती हो
कविता मेरे दिल का दर्द August 19, 2021 / August 19, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment तेरी आंखों में मुझे अपना हाल दिखता है।लगता है मुझे भी तू भी बेहाल दिखता है।। बहाना ढूंढती रहती हूं,मैं बात करूं तुझसे।वो बात क्या है जो बात नही करते मुझसे।। हर कीमत पर तुझे मै अपना बनाना चाहती हूं।जो कीमत मांगोगे मुझसे उसे चुकाना चाहती हूं।। अपनी जिंदगी की तुझे मै,कहानी बना लूंगी।जवानी तो […] Read more » मेरे दिल का दर्द
पर्व - त्यौहार लेख रिश्तों के मीठे बंधनों और प्यार के धागों का पर्व August 19, 2021 / August 19, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग –रक्षाबंधन एक खूबसूरत त्यौहार है जो प्यार, विश्वास, अपनापन एवं सुरक्षा का प्रतीक है यानी प्यार के धागों एवं मानवीय संवेदनाओं का पर्व। एक ऐसा पर्व जो घर-घर मानवीय रिश्तों में नवीन ऊर्जा का संचार करता है। बहनों में उमंग और उत्साह को संचरित करता है, वे अपने प्यारे भाइयों के हाथ में […] Read more » festival of brother and sister festival of love festival of threads rakhi rakshabandhan रक्षाबंधन
लेख महिलाओं के लिए नहीं बदले आज़ादी के मायने August 19, 2021 / August 19, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment अर्चना किशोर छपरा, बिहार आज़ादी का दिन हर भारतवासी चाहे वह समाज के किसी भी तबके का हो, इस दिन को अच्छे से जानता व पहचानता है। इस वर्ष हम आज़ादी की 74 वीं सालगिरह मनाने जा रहे हैं। 74 सालों में 21वीं का भारत निर्भर से आत्मनिर्भर तक का सफर सफलतापूर्वक तय कर चुका है। युवा शक्ति के सहारे भारत ने […] Read more » Meaning of freedom has not changed for women महिलाओं के लिए नहीं बदले आज़ादी के मायने