लेख कोविड बर्डेन शेयरिंग फॉर्मूले से लगी पूंजी, टीकाकरण अभियान की सफलता की कुंजी। May 22, 2021 / May 22, 2021 by निशान्त | Leave a Comment विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 से निजात पाने के लिये दुनिया के सभी लोगों का टीकाकरण होना जरूरी है। अगर दुनिया का एक भी हिस्सा टीकाकरण से महरूम रहा तो पूरी दुनिया में नये तरीके के वायरस का खतरा मंडराने लगेगा। गरीब तथा विकासशील देशों में सभी को समान रूप से टीका मुहैया कराने […] Read more » the key to the success of the vaccination campaign. टीकाकरण अभियान की सफलता
लेख मां गंगा के आंचल को कोरोना काल में किया जा रहा दूषित May 22, 2021 / May 22, 2021 by सोनम लववंशी | Leave a Comment सोनम लववंशी जिस गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने की कसमें हमारे हुक्मरान आएं दिन खाते हैं। दुर्भाग्य देखिए वह श्मशान घाट में तब्दील हो चुकी है। कोरोना काल से पहले व्यक्ति के मृत्यु के बाद अस्थि की राख गंगा में प्रवाहित करने की हमारी परंपरा थी, लेकिन शासन-प्रशासन की नाकामी देखिए कि कोरोना काल […] Read more » कोरोना काल मे श्मशान में तब्दील होता मां गंगा ब कोरोना काल मे श्मशान में तब्दील होता मां गंगा
कविता आज मुर्दे भी बोल रहे हैं May 22, 2021 / May 22, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आज मुर्दे भी मुख खोल रहे हैं,अपने मन की पीड़ा खोल रहे हैं।हुआ है उनके साथ बहुत अन्याय,सबकी वे अब पोल खोल रहे हैं।। मिली नहीं अस्तपतालो में जगह,आक्सीजन के लिए भटक रहे थे।हो रही थी दवाओं की काला बाजारी,दवाओ के लिए हम तड़फ रहे थे।। मिला नहीं चार कंधो का सहारा,एम्बुलेंस की राह हम […] Read more »
कविता आर्य कोई जाति नहीं यह एक समाज रहा है May 22, 2021 / May 22, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआर्य कोई जाति नहींयह एक समाज रहा है प्रारंभ से हीं! जैसे कि आज भी दयानंद स्थापितआर्य जाति नहीं कोई, एक आर्य समाज रहा है! आर्य,द्रविड़,तुर्क,भोज,म्लेच्छ हैं संतति,आर्य चन्द्रवंशी क्षत्रिय पुरुरवा प्रपौत्र ययाति की! मूल आर्य समाज के संस्थापक,अदिति-कश्यप संतति आदित्य विवश्वान सूर्य के पुत्रवैवस्वत मनु और उनके बेटी-जमाता इला और बुध थे! […] Read more » arya is a society Arya is not a caste आर्य एक समाज रहा है
कविता जिंदगी May 22, 2021 / May 22, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह सुबह होती है रात होती है|हर दिन यूँ ही खुली किताब होती है|किताब के हर पन्ने पे,वही अध्याय होता है|हर अध्याय में,वही दैनिक दिनचर्या होती है|सुबह होती है,रात होती है|हर दिन यूँ ही खुली किताब होती है|वक़्त न जाने किस मोड़ पे,किताब की जगह कॉपी दे दे|सारे कर्मों का लेखा जोखा […] Read more » जिंदगी सुबह होती है रात होती है हर दिन यूँ ही खुली किताब होती है……
राजनीति लेख भारत के मार्क्सवादी इतिहासकारों के बौद्धिक घोटाले अर्थात इतिहास की हत्या, भाग – 3 May 20, 2021 / May 20, 2021 by श्रीनिवास आर्य | Leave a Comment हिंदू लोग, विशेषकर हिंदू बुद्धिजीवी वर्ग, अपने पर हो रहे चहुंमुखी बौद्धिक हमलों के विरुद्ध किसी ठोस वैचारिक अभियान चलाने या बौद्धिक हमलों का बौद्धिक प्रत्युत्तर देने में प्रायः निष्क्रिय रहा है. स्वयं के विरुद्ध किए गए किसी के मनगढंत दावे, विवरण या सफेद जूठ को देखकर भी उसे हल्के में लेकर इग्नोर कर देता […] Read more » इतिहास की हत्या मार्क्सवादी इतिहासकारों के बौद्धिक घोटाले सीताराम गोयल
लेख ईसाई मुस्लिम की सर्वश्रेष्ठता की लड़ाई में स्वास्तिक पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया जाना जरूरी May 20, 2021 / May 20, 2021 by आचार्य विष्णु श्रीहरि | Leave a Comment हिन्दुत्व की कसौटी पर आधुनिक इतिहास बईमान है, हर हिन्दुत्व की कसौटी को इतिहास में घृणा और हिंसा तथा सामाजिक लांक्षणा को प्रत्यारोपित किया गया है। इस सच को कोई अस्वीकार नहीं कर सकता है कि भूतकाल में जो भी इतिहास लिखे गये वह इतिहास आक्रमणकारी विजैताओं द्वारा लिखे गये, आक्रमणकारियों द्वारा लिखे गये, उन […] Read more » ईसाई मुस्लिम की सर्वश्रेष्ठता की लड़ाई स्वास्तिक पर प्रतिबंध लगाने का विरोध
टेलिविज़न मीडिया व्यंग्य तबियत से उछलते समाचार May 19, 2021 / May 19, 2021 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीवपहले प्रिन्ट मीड़िया होती थी जिसकी खबर दूसरे दिन अखबार में पढ़ने को मिलती थी, अब इलेक्टानिक मीड़िया हो गयी, घटना घटी, स्पाट पर पहुॅचे, कैमरे लगाये और शुरू हो गये, बक-बक करने। घटना के पल झपकते ही टी.व्ही.पर, मोबाईल से व्हाटसअप-फेसबुक पर एक समाचार अनेक एंगल से प्रस्तुत होता है, ताकि पेश […] Read more » तबियत से उछलते समाचार
राजनीति लेख भारत के मार्क्सवादी इतिहासकारों के बौद्धिक घोटाले अर्थात इतिहास की हत्या , भाग -2 May 19, 2021 / May 19, 2021 by श्रीनिवास आर्य | Leave a Comment रोमिला थापर vs. सीताराम गोयल: भारत के मार्क्सवादी इतिहासकार दो हथियारों (तकनिकों) से हंमेशा लैस रहते है: उनका पहला हथियार होता है अपने इतिहास लेखन पर प्रश्न उठाने वालों या असहमत होने वालों पर तुरंत “साम्प्रदायिक – communal” होने का लांछन लगा देना, ताकि सामने वाला शुरु से ही बचाव मुद्रा में आ जाए, दिफेंसिव […] Read more » इतिहास की हत्या मार्क्सवादी इतिहासकारों के बौद्धिक घोटाले रोमिला थापर और सीताराम गोयल
कविता मुर्दे सवाल करते हैं…! May 19, 2021 / May 19, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल मुर्दे सवाल करते हैं… ?वे कहते हैंबेमतलब बवाल करते हैंइंसानों हम तो मुर्दे हैंक्योंकि…हमारे जिस्म में साँसे हैं न आशेंलेकिन…इंसानों, तुम तो मुर्दे भी नहीं बन पाएक्योंकि…जिंदा होकर भी तुम मर गएमैंने तुमसे क्या माँगा था…?सिर्फ साँसे और अस्पतालतुम वह भी नहीं दे पाएहमने तो तुमसेसिर्फ चार कंधे मांगे…?तुम वह भी नहीं दे […] Read more » मुर्दे सवाल करते हैं
लेख स्वास्थ्य-योग कोरोना कालः मानसिक स्वास्थ्य का रखें खास ख्याल May 19, 2021 / May 19, 2021 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment प्रो. संजय द्विवेदी वक्त का काम है बदलना, यह भी बदल जाएगा कोविड-19 के इस दौर ने हर किसी को किसी न किसी रूप में गंभीर रूप से प्रभावित किया है । किसी ने अपना हमसफर खोया है तो किसी ने अपने घर-परिवार के सदस्य,दोस्त या रिश्तेदार को खोया ह । इन अपूरणीय क्षति का […] Read more » कोरोना काल कोरोना कालः मानसिक स्वास्थ्य
कविता गंगा मैया की पुकार May 19, 2021 / May 19, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अस्थियां प्रवाहित होती थी मुझमें,अब लाशे निरंतर बहती है मुझमें।और अब कितने पाप धोऊ सबके,ये गंगा मैया कह रही है हम सबको। जिस देश में पवित्र गंगा बहती है,अब पवित्र गंगा में लाशे बहती है।कैसा बुरा समय अब आ गया है,जब मुर्दों की बुरी गति होती है।। थक गई हूं मै पापियों के पाप धोते […] Read more » Call of Ganga maiya गंगा मैया की पुकार