कविता ये कथा है तब की जब जाति नहीं बनी थी September 29, 2020 / September 29, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकये कथा है तब की जब जाति नहीं बनी थीवर्ण नहीं था जन्मगत, सभी कर्म से अर्जित! एक ही घर में कोई ब्रह्मज्ञानी ब्राह्मण तपीकोई कुलवंश कबीला नारी रक्षक त्राता क्षत्रिय! कोई लघुभ्राता बना ब्राह्मण गुरुभक्त आरुणि!खेतमेढ़ तटबंधरक्षी करता आश्रम में बागवानी! कोई विश ग्रामणी कृषक बना था वैश्य वणिककोई ज्येष्ठ राज्याभिषिक्त का […] Read more » ये कथा है तब की जब जाति नहीं बनी थी
व्यंग्य कहीं बड़े पर भारी न पड़ जाए छोटे की चतुराई ! September 29, 2020 / September 29, 2020 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment सामयिक व्यंग्य: टू टेक राइट डिसीजन एक पुरानी कहानी है। आप भी सुनें और मजे लें। वर्तमान सन्दर्भ में कहीं इसका जोड़ बनता हो तो वो भी महसूस कर लीजिए। मुझे इसमें जरा भी एतराज नहीं होगा। और हो भी, तो हो। मैं आपका कुछ बिगाड़ थोड़े ही सकता हूं। आप आजाद भारत के नागरिक […] Read more » feedback on agriculture bill from farmers krishi bill कृषि विधेयक
कविता आरम्भ में ब्रह्म एक था September 28, 2020 / September 28, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआरंभ में ब्रह्म एक था,‘एको ब्रह्म दूजा नास्ति’ब्रह्म द्विजाकर हो बनापुरुष-प्रकृति और सृष्टि! आरंभ में वेद तीन थाऋक्,साम, और यजुर्वेदबाद में चौथा अथर्ववेद;सभी वेदों का समाहार! मानवीय आचार-विचार,जन्म, विवाह, अंत्येष्टिऔषधि, चिकित्सा,जादू,मातृभूमि प्रेम,ब्रह्मज्ञानअथर्ववेद से मिला हमें! आरंभ में ब्रह्म एक था,बाद में त्रिदेव बन गयाब्रह्मा विष्णु और शिव,फिर तैंतीस कोटिक देवजन जातियों से आया! […] Read more » आरम्भ में ब्रह्म एक था
लेख किसान बिल नहीं, बाढ़ से परेशान है September 28, 2020 / September 28, 2020 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment अमरेन्द्र कुमार मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार कृषि सुधार विधेयक 2020 के समर्थन और विरोध में दिए जा रहे तर्कों के बीच किसानों का भविष्य उलझ कर रह गया है। सरकार इस बिल को जहां ऐतिहासिक और किसान हितैषी बता रही है तो वहीं विपक्ष इसे किसान विरोधी बता कर इसका विरोध कर रहा है। हालांकि इस राजनीतिक उठापटक से दूर किसान आज भी देश […] Read more » Farmers are worried about floods कृषि सुधार विधेयक 2020
जन-जागरण लेख षड्यंत्र या पलायन September 28, 2020 / September 28, 2020 by आर.एल. फ्रांसिस | Leave a Comment दलित कैथोलिक चर्च का विचार दलित ईसाइयाें के साथ किसी विश्वासघात से कम नहीं है, उस से धर्मान्तरित ईसाइयाें काे क्या लाभ ? अलग चर्च बनाने से होगा क्या ? अलग चर्च बनाने का विचार पराेसने वाले क्या आश्वस्त हैं कि वेटिकन भारतीय कैथाेलिक चर्च के संसाधनों का उनसे बँटवारा करने के लिए सहमत हाेगा […] Read more » कैथोलिक चर्च में दलित ईसाइयों के खिलाफ जातिवाद और भेदभाव
लेख कोरोना महामारी से बदले जीवन का सन्देश September 28, 2020 / September 28, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- कोरोनारूपी महामारी एवं महाप्रकोप से जुड़ी हर मुश्किल घड़ी का सामना हमने मुस्कराते हुए किया। हालात ने जितना भी गिराने की कोशिश की, हम हर बार उठने में कामयाब रहे। दुख हर किसी को तोड़ता भी नहीं है। टूटते वे हैं, जो नाउम्मीदी में उम्मीद पाने, निराशा में से आशा का संचार करने […] Read more » Message of life changed by corona epidemic कोरोना महामारी जीवन का सन्देश
व्यंग्य सबकुछ नम्बर वन तो जीरो नम्बर क्यों लें जनाब! September 27, 2020 / September 27, 2020 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment सुशील कुमार ‘नवीन’ राजा नम्बर वन, मंत्री-सभासद नम्बर वन। प्रजा नम्बर वन,प्रजातन्त्र नम्बर वन। प्रचार नम्बर वन, प्रचारक नम्बर वन। प्रोजेक्ट नम्बर वन, प्रोजेक्टर नम्बर वन। मोटिव नम्बर वन, मोटिवेटर नम्बर वन। ज्ञान नम्बर वन, ज्ञानी नम्बर वन। राग नम्बर वन, रागी नम्बर वन। व्यापार नम्बर वन, व्यापारी नम्बर वन। किसान नम्बर वन ,किसानी नम्बर […] Read more » जीरो नम्बर क्यों लें जनाब
कविता बिन बेटी सब सून ! September 27, 2020 / September 27, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment जीवन में आनंद का, बेटी मंतर मूल !इसे गर्भ में मारकर, कर ना देना भूल !! बेटी कम मत आंकिये, गहरे इसके अर्थ !कहीं लगे बेटी बिना, तुझे सृष्टि व्यर्थ !! बेटी होती प्रेम की, सागर सदा अथाह !मूरत होती मात की, इसको मिले पनाह !! छोटी-मोटी बात को, कभी न देती तूल !हर रिश्ते […] Read more » daughters day बिन बेटी सब सून
कहानी मुख्यमंत्री September 27, 2020 / September 27, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment संत बद्रीनाथ कश्यप के लाखों अनुयायी थे। अपने अनुयायियों के लिए वो भगवान सदृश थे। उनके राज्य में वही राजनीतिक पार्टी विजयी होती थी, जिसके पक्ष में वो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से होते थे। उनकी कृपा से ही राजेश्वर सिंह विगत दस वर्षों से मुख्यमंत्री के पद पर आसीन थे।कुछ दिनों के बाद विधानसभा […] Read more » मुख्यमंत्री
कविता प्रभु से प्रार्थना September 27, 2020 / September 27, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जो जग का करता है लालन पोषणकभी किसी का करता नहीं शोषणउस प्रभु की सदा आरती हम उतारेउसको हम कभी भी नहीं बिसरावे कोरोना काल में ही कर रहा रक्षाशायद लेे रहा हो हमारी वह परीक्षाउसकी परीक्षा में सफल हम हो जाएउसे सदा हम अपना शीश झुकाए।। जो लिखने की देता है हमें शक्तिउसकी सदा […] Read more » प्रभु से प्रार्थना
कविता नारी ने नर को जन्म दिया September 27, 2020 / September 27, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment नारी ने नर को जन्म दियानर ने उसे है बाजार दियाजिस नारी ने नर को पाला हैउस नर ने उस पर अत्याचारकिया।। समय अब बदल रहा हैनारी अब बदल रही हैंवह अपने अधिकारों कोकाफी अब समझ रही हैं।। पहले नारी अशिक्षित थीअब नारी काफी शिक्षित हैअब इस शिक्षा के कारण हीनारी नर पर अब भारी […] Read more » Woman gave birth to a male नारी ने नर को जन्म दिया
कविता सृष्टि के आरंभ से हम कहांतक गुजरे September 26, 2020 / September 26, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसृष्टि के आरम्भ से!वैदिक कर्मकाण्डी ब्राह्मणयोग ज्ञानी क्षत्रिय बनेऋग्वेद पुरुषसुक्त कहताब्रह्मा के मुख ब्राह्मण होते,क्षत्रिय ब्रह्मा के बाहु!मुख ने श्राप दिया बाहु को,बाहु ने मुख को दंड!मुख में राम बगल में परशु,बाहु बना सहस्त्रबाहु!परशुराम और सहस्त्रार्जुन मेंयुद्ध चला कई पुश्त!मुख ने तोड़ दिया भुज दंड!ब्राह्मण ब्राह्मण ही रहा,क्षत्रिय होने लगा श्रमण!श्रषभ देव से […] Read more » From the beginning of the world we passed सृष्टि के आरंभ से हम कहांतक गुजरे