व्यंग्य भैंस को सताना बंद करो….रहम करो जी रहम करो November 10, 2014 / November 15, 2014 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment जिसने ये कहावत बनाई अकल बड़ी है या भैंस वह जरूर भैंस का सताया हुआ रहा होगा। कदाचित उसे किसी गुस्साई भैंस ने पटखनी मार दी होगी। पर सदियों पुरानी इस कहावत के कारण भोली भाली भैंसों को बार-बार गुस्सा आता है। और वह कई बार ऐसी हरकतें करती है जिसमें वह ये सिद्ध कर […] Read more » stop harrassing buffaloes भैंस को सताना बंद करो
व्यंग्य ‘जादू की झप्पी ‘ वाला बैग…!! November 9, 2014 / November 15, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा बदहाल हिंदी पट्टी में दूसरे मोर्चो पर चाहे जितनी विसंगतिया नजर आए लेकिन उत्तर भारत के गांवों में होने वाली शादियों में मुझे विचित्र किस्म का समाजवाद नजर आता है। ‘ अच्छी शादी ‘ हो या ‘जैसे – तैसे ‘ हुई। परिदृश्य में गजब की समानता देखने को मिलती है। वही खेतों में डेरा डाले बाराती और उनकी मेजबानी […] Read more » bag of jadu ki jhappi
व्यंग्य ‘माँ-बच्चे का अद्वितीय रिश्ता’ October 25, 2014 / October 25, 2014 by रोहित श्रीवास्तव | Leave a Comment माँ और ‘बच्चे’ का अटूट-रिश्ता कुछ वैसे ही जैसे :- * चोली का ‘दामन’ से होता है। * चीटी का ‘चीनी’ से होता है। * आग का ‘पानी’ से होता है। * हरे का ‘लाल’ से होता है। * चांटे का ‘गाल’ से होता है। * पेड़ का ‘ड़ाल’ से होता है। * शस्त्र का […] Read more » ‘माँ-बच्चे का अद्वितीय रिश्ता’
व्यंग्य कैटल क्लास की दीवाली October 20, 2014 by एम. अफसर खां सागर | Leave a Comment शाम के वक्त चौपाल सज चुकी थी। रावण दहन के बाद मूर्ति विसर्जित कर लोग धीरे-धीरे चौपाल की जानिब मुखातिब हो रहे थे। दशहरा वाली सुबह ही काका ने जोखन को पूरे गांव में घूमकर मुनादि का हुक्म दे दिया था कि सभी कैटल क्लास के लोग विसर्जन के बाद दीवाली के बाबत चौपाल में […] Read more » कैटल क्लास की दीवाली
व्यंग्य बोल भाई बोल… October 19, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment बोलना एक कला है, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन इसके साथ कई विशेषताएं , विडंबनाएं और विरोधाभास भी जुड़े हैं। जिसकी ओर लोगों का ध्यान कम ही जाता है। मसलन ज्यादातर अच्छे – भले कर्मयोगी अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप अच्छा बोल नहीं पाते। कभी एेसी नौबत आती भी है तो वह कांपते हुए बस […] Read more » बोल भाई बोल
व्यंग्य बां बां Black Buff…… October 14, 2014 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on बां बां Black Buff…… बड़ी इच्छा थी की मेरे जीवनकाल में भी कोई देवता इस पृथ्वी पर अवतरित होते और गूढ़ विषयों का सार समझा देते तो ससुरा ये जीवन सफल हो जाता । बड़ा हर्षित हूँ की जे एन यु के क्रांतिकारियों ने यह इच्छा पूरी करवा ही दी, उन्होंने विश्वविद्यालय प्रांगण में खुर वाले देवता को अवतरित […] Read more » बां बां Black Buff
व्यंग्य तोरई आदमी पार्टी October 13, 2014 by अनुज अग्रवाल | Leave a Comment प्रिय मित्रों , इस बार चुनावों के शुभ अवसर पर समाजसेवा का भूत चढा है | इसीलिए १ नयी पार्टी बनाने जा रहा हूँ | नाम होगा (TAP) | आजकल पार्टियों का नाम फल फ्रूट पर रखे जाने का फार्मूला हिट है फिर हमें तो और भी गरीब लाचार दिखना है इसीलिए हम अपनी पार्टी […] Read more » तोरई आदमी पार्टी
व्यंग्य जब चाँद बैठ गया धरने पर October 13, 2014 by रोहित श्रीवास्तव | Leave a Comment इस करवाचौथ धरती पर एक विकट स्थिति पैदा हो गई। एक तरफ जहां धरती पर करोड़ो भारतीय सुहागिन महिलाओ ने अपने पति की दीर्घाऊ के लिए व्रत रखा था वही दूसरी तरफ ‘चाँद’ था कि आसमान के आँचल मे पता नहीं कहाँ छुपा बैठा था। पत्नियाँ अधीर होती जा रही थी और पति कुछ […] Read more » ‘जब चाँद बैठ गया धरने पर’
व्यंग्य भारत और पाकिस्तान October 10, 2014 / October 10, 2014 by रोहित श्रीवास्तव | 6 Comments on भारत और पाकिस्तान भारत और पाकिस्तान मे सच मायनों मे ‘खूनी‘ रिश्ता है आइये देखते है कैसे:- 1॰ हमारे पास ‘राहुल-बाबा‘ तो उनके पास बिलावल ‘भुगतो‘ 2॰ उनके पास ‘इमरान-कदरी‘ तो हमारे पास ‘अन्ना-केजरी‘ 3॰ उनके पास ‘वीणा मालिक‘ तो हमारे पास ‘सावंत-बहिन‘ 4॰ उनके पास आसिफ अली ज़रदारी तो हमारे यहाँ भी […] Read more » भारत और पाकिस्तान
व्यंग्य मेरे ऑफिस में सफाई अभियान October 10, 2014 by अशोक गौतम | Leave a Comment इधर उन्होंने मंच से कूड़े के सिर झाड़ू झाड़ देश में सफाई अभियान की घोषणा कि तो उधर हमारे साहब ने गिरते हुए ऑफिस की मंजिल में बीमा करवा कर अपनी -अपनी मैली -कुचैली कुर्सियों की गद्दियों पर पसरे जैसे- कैसे भगवान से रिटायरमेंट तक ऑफिस के जर्जर भवन को बचाए रखने की गुजारिश करते […] Read more » मेरे ऑफिस में सफाई अभियान
व्यंग्य देश ने आपको क्या नहीं दिया October 8, 2014 by रोहित श्रीवास्तव | 2 Comments on देश ने आपको क्या नहीं दिया अगर देश मे कभी जनसंख्या बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। तो शायद जागरूक संदेश कुछ ऐसा होगा। देश ने आपको क्या नहीं दिया। :- जयललिता के रूप मे ‘अम्मा‘ दी। ममता के रूप मे ‘दीदी‘ दी। नेहरू के रूप मे ‘चाचा‘ दिये। गांधी के रूप मे ‘बापू‘ दिये। आसाराम के रूप […] Read more » देश ने आपको क्या नहीं दिया
व्यंग्य व्यंग्य बाण : स्वच्छता अभियान October 7, 2014 by विजय कुमार | Leave a Comment नरेन्द्र भाई ने पिछले दिनों अमरीका से लौटकर झाड़ू क्या उठाया, पूरा देश झाड़ूमय हो गया। वैसे तो वे अमरीका में ही नवाज शरीफ के इरादों पर झाड़ू फेर आये थे; पर असली काम तो भारत में होना था। हमारे मोहल्ले में भी लोगों ने सुबह कुछ देर सफाई की। फिर उसके फोटो फेसबुक पर […] Read more » स्वच्छता अभियान