व्यंग्य वंशपूजन January 14, 2014 / January 15, 2014 by बीनू भटनागर | 1 Comment on वंशपूजन कांग्रेस पार्टी के लोग आजकल कहने लगे हैं कि उनपर वंशवाद का आरोप व्यर्थ में लगाया जाता है, क्योंकि सभी राजनैतिक पार्टियों अपने के नेताओं के बेटे बहुओं, बेटियों, दामादों, नाती-पोतों को चुनावी टिकट दे रही हैं। आम आदमी पार्टी के अलावा और कोई पार्टी इस बात से इनकार भी नहीं कर सकती। आम आदमी पार्टी का तो अभी जन्म ही हुआ है, उनके अभी बेटे बहुएं कहां से आयेंगे। हां जी, वंशवाद तो उ.प्र. का समाजवादी पार्टी का भी ग़जब है। सब यादव ही यादव… बेटा-बहू, भाई, भतीज़े, चाचा, ताऊ सभी मिलकर उत्तर प्रदेश को चला रहे हैं या जला रहे हैं। शिवसेना का वंशवाद भी भरोसे का है। बालठाकरे फिर उद्धव ठाकरे ही… ठाकरे … जब तक माता या पिता की कुर्सी सीधे सीधे उनके बच्चों को न मिले वंशवाद नहीं होता। यों तो अमिताभ बच्चन का बेटा भी फिल्मों में है, पर अमिताभ बच्चन की जगह तो नहीं है, उनसे कोसों दूर है। सुनील गवास्कर का बेटा भी क्रिकेट खेलता रहा, पर अपने पिता के आस-पास भी नहीं पंहुचा। ये वंशवाद नहीं है। कांग्रेस का वंशवाद तो वंशवाद से भी एक क़दम आगे है। ऐसा उदाहरण तो ढूंढने से भी देश […] Read more » Satire वंशपूजन
व्यंग्य सावधान! मेनका उर्वशी पधार रही हैं… January 14, 2014 / January 14, 2014 by अशोक गौतम | Leave a Comment -अशोक गौतम- उनकी सैफई को धूल चटाने के लिए हमने आनन-फानन में अपनी पार्टी के जनरल हाउस में दो मिनट में ही ध्वनि मत से यह प्रस्ताव पारित कर दिया कि हम जनता के लिए कुछ कर पाए या नहीं, पर उनकी सैफई को जवाब हम हर हाल में देकर रहेंगे! मेरे ऊपर से […] Read more » Saifai mahaotsav Satire सावधान! मेनका उर्वशी पधार रही हैं...
व्यंग्य आगे-आगे देखिये होता है क्या … January 8, 2014 / January 8, 2014 by विजय कुमार | Leave a Comment व्यंग्य बाण : पिछले दिनों सम्पन्न हुए चुनावों के परिणाम आने के बाद शर्मा जी काफी दिन उदास रहे। इस दौरान वे कुछ-कुछ आध्यात्मिक भी हो गये और नियमित रूप से पड़ोस के मंदिर में हो रही भागवत कथा में जाने लगे। एक दिन वक्ता ने सुख और दुख की व्याख्या करते हुए कहा […] Read more » आगे-आगे देखिये होता है क्या ... AAP
व्यंग्य मैरी क्रिसमस … मेक मोर बेबीज़ December 26, 2013 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल आर गांधी बहुत जल्द भारत चीन को जनसँख्या में पछाड़ देगा .... क्रिसमस पर अबकि बार मैरी किसमस नहीं 'मेक मैनी बेबीज़ ' की प्रेयर की जायगी . केरल चर्च ने इसकी शुरुआत कर दी है .कैथोलिक चर्च ने यह कदम ईसाई समुदाय को मुसलमानो के संख्या बल से बढ़ते खतरे को ध्यान में […] Read more » मेक मोर बेबीज़ मैरी क्रिसमस मैरी क्रिसमस. मेक मोर बेबीज़
राजनीति व्यंग्य एक पाती राहुल बबुआ के नाम December 22, 2013 by विपिन किशोर सिन्हा | 3 Comments on एक पाती राहुल बबुआ के नाम स्वस्ति श्री लिखीं चाचा बनारसी के तरफ़ से राहुल बबुआ को ढेर सारा प्यार, दुलार, चुम्मा। इहां हम राजी-खुशी हैं और उम्मीद करते हैं कि तुम भी अरविन्द-नमो के झटके से उबरने की कोशिश कर रहे होगे। बचवा, राजनीति में हार-जीत तो लगी ही रहती है। तुम्हारी दादी को भी राजनारायण ने […] Read more » एक पाती राहुल बबुआ के नाम
व्यंग्य व्यंग्य बाण : अथ श्री महा-गारत कथा December 22, 2013 by विजय कुमार | 1 Comment on व्यंग्य बाण : अथ श्री महा-गारत कथा पिछले कई दिन से शर्मा जी सुबह-शाम टहलने नहीं आ रहे थे। ठंड में बुजुर्गों को स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए कई तरह के सुझाव और सावधानियां बरतने को कहा जाता है। मुझे लगा कि शायद इसी कारण उन्होंने टहलने का अपना नियमित कार्यक्रम स्थगित किया है; पर जब उनसे मिले कई दिन हो गये, […] Read more » व्यंग्य बाण : अथ श्री महा-गारत कथा
व्यंग्य भैया! पापुलर तो नेपाल वाले प्रचंड भी कम नहीं हुए थे!! December 21, 2013 / December 21, 2013 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment झूठी उम्मीद, कोरा आश्वासन और दोषारोपण। गरीब देश हो अथवा समाज या आदमी। इनकी जिंदगी नियति के इसी तिराहे पर भटकते हुए खत्म हो जाती है। गरीब कोई नहीं रहना चाहता। लेकिन भारतीय संस्कृति व समाज में गरीबी की महिमा अपरंपार है। एक उम्र गुजारने के बाद हमें मालूम हुआ कि धार्मिक आयोजनों में नर – […] Read more » भैया! पापुलर तो नेपाल वाले प्रचंड भी कम नहीं हुए थे!!
व्यंग्य व्यंग्य बाण : वर्षा प्रचार एवं सर्वेक्षण संस्थान November 22, 2013 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार पिछले कई महीने से शर्मा जी कष्ट में हैं। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें ? नौकरी करते हुए तो पूरा दिन कार्यालय में फोकट की चाय पीते, मेज के ऊपर और नीचे से कुछ लेते-देते तथा फाइलों को दायें-बायें करते बीत जाता था; पर अवकाश प्राप्ति के बाद से […] Read more »
व्यंग्य अस्सी वाले स्वतंत्र बाबा कहीन– विचारधारा November 16, 2013 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | Leave a Comment सिद्धार्थ मिश्र ”स्वतंत्र आजकल इ ससुरी विचारधारा के नाम पर बड़ी मारामारी है । उ विचारधारा मजदूरों की उ अमीरों फलानी विचारधारा भगवा है और ढमाकी पाकिस्तानी । का है इ विचारधारा जिसके नाम पर सारे गुरू घंटाल दिन रतियै हल्ला मचाते रहते हैं ? हमको तो समझ नहीं आता……कहां का विचार अउर कउन सी […] Read more » अस्सी वाले स्वतंत्र बाबा कहीन-- विचारधारा
व्यंग्य वंदना करते हैं हम..!! November 12, 2013 / November 12, 2013 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment रेडियो सिलोन पर तब यही गीत बजा करता था। जीवन संघर्ष की शुरूआत में रेडियो पर इस प्रार्थना- गीत में मेरे जैसे प्राथमिक स्कूली छात्रों के लिए एक खास संदेश छिपा होता था। उनके लिए यह अलार्म का काम करता था। जिसका मतलब होता था – स्कूल जाने का समय हो गया है। आज की […] Read more »
व्यंग्य डौडियाखेड़ा से लौटकर November 10, 2013 / November 10, 2013 by विजय कुमार | 3 Comments on डौडियाखेड़ा से लौटकर हमारे प्रिय शर्मा जी का व्यक्तित्व बहुआयामी है। कभी उनके भीतर का कवि जाग उठता है, तो कभी अभिनेता। कभी वे समाजसेवी बन जाते हैं, तो कभी पाकशास्त्री। इन दिनों उनके मन में छिपे पत्रकारिता के कीटाणु प्रबल हैं। वे हर घटना और दुर्घटना का एक अनुभवी और सिद्ध पत्रकार की तरह विश्लेषण करने लगते […] Read more » डौडियाखेड़ा से लौटकर
व्यंग्य खोदा पहाड़ और निकली चुहिया October 30, 2013 / October 30, 2013 by बीनू भटनागर | Leave a Comment 1000 टन सोने की तलाश मे खुदाई शुरू की गई थी और हाथ लगीं कुछ काँच की चूड़ियाँ, लोहे की कीलें पत्थर के छोटे से शेर,मिट्टी चीज़े और कुछ बीड़्स। अब पुरातत्व विभाग ने इतना खोज लिया काफी है, अब होता रहेगा इन पर शोध पर सोना तो एक ग्राम भी नहीं मिला जिसका सपना […] Read more » खोदा पहाड़ और निकली चुहिया