महत्वपूर्ण लेख राजनीति श्री प्रणव मुखर्जी दुनिया के श्रेष्ठतम राष्ट्र-अध्यक्ष. July 25, 2012 / July 26, 2012 by श्रीराम तिवारी | 22 Comments on श्री प्रणव मुखर्जी दुनिया के श्रेष्ठतम राष्ट्र-अध्यक्ष. श्रीराम तिवारी भारत के 13 वें महामहिम राष्ट्रपति चुने जाने से भारत में अधिकांस नर-नारी [जो राजनीती से सरोकार रखते हैं] खुश हैं। मैं भी खुश हूँ। इससे पहले कि अपनी ख़ुशी का राज खोलूं उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहूँगा जिन्होंने यह सुखद अवसर प्रदान किया। सर्वप्रथम में भारतीय संविधान का आभारी […] Read more » प्रणव मुखर्जी श्रेष्ठतम राष्ट्र-अध्यक्ष
धर्म-अध्यात्म महत्वपूर्ण लेख गीता-विरोध की रणनीति / शंकर शरण July 25, 2012 / July 25, 2012 by शंकर शरण | Leave a Comment शंकर शरण हाल में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्कूलों में गीता-सार पढ़ाने के विरुद्ध एक ईसाई याचिका खारिज करते कहा कि वह मजहबी नहीं, दार्शनिक पुस्तक है। यह बात हमारे उच्च और सर्वोच्च न्यायालय पहले भी कह चुके हैं। फिर भी, ईसाई और इस्लामी नेता भारतीय दर्शन-चिंतन के महान ग्रंथों के प्रति सक्रिय विरोध […] Read more » ban Geeta in schools christian propaganda to ban geeta गीता-विरोध की रणनीति
कला-संस्कृति महत्वपूर्ण लेख पावापुरी भगवान महावीर की निर्वाण स्थली, स्याद्वाद और आधुनिक विचारधाराएं July 22, 2012 / July 22, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 1 Comment on पावापुरी भगवान महावीर की निर्वाण स्थली, स्याद्वाद और आधुनिक विचारधाराएं राजीव रंजन प्रसाद वहाँ मैं बहुत देर तक आँखे बंद किये बैठा रहा। भगवान महावीर के निर्वाण स्थल पावापुरी पहुँच कर हृदय को यह सु:खद संतोष था कि मैने उस मील के पत्थर को स्पर्श किया जिन्होंने अहिन्सा शब्द के वास्तविक मायनों से हमें परिचित कराया। निर्वाण कक्ष से उठ कर मैने थोडा समय घाट […] Read more »
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख गांधी जी के भाषा विषयक विचार–डॉ. मधुसूदन July 19, 2012 / July 20, 2012 by डॉ. मधुसूदन | 17 Comments on गांधी जी के भाषा विषयक विचार–डॉ. मधुसूदन ~यदि मेरे पास एकमुखी शक्ति होती, तो आज ही, छात्रों की परदेशी माध्यम द्वारा शिक्षा, रोक देता । ~~कोई देश नकलचियों को पैदा कर राष्ट्र नहीं बन सकता। ~~हिन्दुस्थान की आम भाषा अंग्रेजी नहीं, हिन्दी है। ~~हिन्दुस्थान को गुलाम बनाने वाले अंग्रेजी जानने वाले भारतीय लोग ही हैं।……” ~~अंग्रेजी भाषा और संस्कृति के, सभी विषयों […] Read more » गांधी जी के भाषा विषयक विचार भाषा विषयक विचार
कला-संस्कृति महत्वपूर्ण लेख हे बुद्ध आपने तो रास्ता दिखाया था हम ठौर पर ही मंदिर बना कर बैठ गये July 18, 2012 / July 18, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 3 Comments on हे बुद्ध आपने तो रास्ता दिखाया था हम ठौर पर ही मंदिर बना कर बैठ गये [राजगीर से यात्रावृतांत] राजीव रंजन प्रसाद राजगीर (राजगृह) को निहारता हुआ मैं उस बुद्धकालीन भारत की कल्पना कर रहा था जो तब चार शक्तिशाली राज्यों, दस छोटे गणराज्यों तथा सोलह महाजनपदों में विभाजित था। राजगीर महाभारत काल, भगवान बुद्ध एवं महावीर के समयों में उत्थान पर था तथा तत्कालीन सम्राटों नें यहाँ राजधानी का निर्माण […] Read more » बुद्ध राजगीर प्रवास
महत्वपूर्ण लेख विज्ञान क्या ’ईश्वर कण’ ने दर्शन दिये ? July 18, 2012 / July 18, 2012 by विश्वमोहन तिवारी | 6 Comments on क्या ’ईश्वर कण’ ने दर्शन दिये ? विश्वमोहन तिवारी हिग्ग्ज़ बोसान का विषय नितांत महत्वपूर्ण किन्तु उसका नाम ’ईश्वर कण’ ही गलत, और तो और यह नाम आध्यात्मिक तो नहीं ही है, वरन अवैज्ञानिक है । ईश्वर एक कण नहीं समस्त सृष्टि है। यह ठीक है कि ’ईश्वर कण’ ’हिग्ग्ज़ कण’ का ही लोकप्रिय नाम है, वैसे इसे मजाकिया या ’गिमिकी’ नाम […] Read more » ’ईश्वर कण’ god particle हिग्ग्ज़ बोसान
महत्वपूर्ण लेख विविधा मीनाकुमारी, सारथी – पासवान और दिल्ली की मोमबत्तियाँ July 16, 2012 / July 16, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 2 Comments on मीनाकुमारी, सारथी – पासवान और दिल्ली की मोमबत्तियाँ [राजगीर भ्रमण करते हुए] राजीव रंजन प्रसाद “मीना कुमारी हमको बहुत पसंद है सर इसलिये अपनी घोडी का नाम भी यही रख दिये हैं”। सुरेन्द्र पासवान, जो राजगीर में मेरे सारथी थे, कुछ मुस्कुराकर और थोड़ी उँची आवाज में बोले। मौसम मनोनुकूल था, बादल छाये हुए थे और हवा की सामान्य से कुछ तेज गति […] Read more » राजगीर प्रवास
महत्वपूर्ण लेख विविधा अगर तुम न होते ह्वेनसांग…। July 12, 2012 / July 12, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 3 Comments on अगर तुम न होते ह्वेनसांग…। [यात्रा वृत्तांत] – राजीव रंजन प्रसाद ——————————— [लेखन करते हुए ह्वेनसांग, संग्रहाल से एक तैलचित्र] रिक्शेवाले से नाम ठीक तरह उच्चारित नहीं हो रहा था। उसनें कहा कि “यहाँ हंसवांग का महल है”। मैं मुस्कुरा दिया, मैंने पूछा कि “जानते हो कौन था यह हंसवांग?” अब कि मुस्कुराने की बारी रिक्शावाले की थी बोला […] Read more » यात्रा वृत्तांत
महत्वपूर्ण लेख विविधा नालंदा, बख्तियार खिलजी और आज हमारी शिक्षा व्यवस्था के दायरे July 12, 2012 / July 12, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 1 Comment on नालंदा, बख्तियार खिलजी और आज हमारी शिक्षा व्यवस्था के दायरे [यात्रा वृतांत] – राजीव रंजन प्रसाद नालंदा में एक बहुत उँची सी दीवाल के सामने खड़ा मैं उस भयावह दृश्य की कल्पना कर रहा था जब तुर्क लुटेरे बख्तियार खिलजी नें सन 1199 ई. में इस विश्वविद्यालय को आग के हवाले कर दिया होगा। कई दीवारों पर आग से जलने के चिन्ह मौजूद हैं जो […] Read more » नालंदा बख्तियार खिलजी शिक्षा
कला-संस्कृति महत्वपूर्ण लेख मगध के पुरावशेषों में बस्तर की तलाश!! July 10, 2012 / July 12, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 3 Comments on मगध के पुरावशेषों में बस्तर की तलाश!! राजीव रंजन प्रसाद राजीवजी कई गुणों के समुच्चय हैं। रंगकर्मी। नाटककार। कवि। उपन्यासकार। और सबसे बढ़कर एक जिंदादिल इंसान। पिछले दिनों उनका नाम चर्चा में तब आया जब उन्होंने एक उपन्यास लिखा – ‘आमचो बस्तर’। यह उपन्यास रचकर उन्होंने बस्तर में कुछ वर्षों से डेरा जमाए हिंसक विचारधारा के अनुयायियों द्वारा छल-प्रपंच के बूते अराजकता […] Read more » बस्तर की तलाश मगध के पुरावशेषों में
कहानी महत्वपूर्ण लेख खतना July 10, 2012 / July 13, 2012 by आर. सिंह | 13 Comments on खतना आर. सिंह “अबे रूक. ” कर्कश आवाज इतनी जोर से आयी थी कि उसे रूकना पड़ा. ऐसे वह जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहता था. क्योंकि डर उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी. उसने देखा भी था कि कुछ लोग रास्तें में खड़े थे, पर उसने ध्यान देने की आवश्यकता नहीं समझी थी. उसके बाल […] Read more » सांप्रदायिकता
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख संस्कृत है- ”भव्य ब्रह्मांडीय संगीत” –डॉ.मधुसूदन July 5, 2012 / July 5, 2012 by डॉ. मधुसूदन | 21 Comments on संस्कृत है- ”भव्य ब्रह्मांडीय संगीत” –डॉ.मधुसूदन प्रवेश: ॐ —देववाणी संस्कृत: ”भव्य ब्रह्मांडीय संगीत” A Cosmic Grand Opera –कहते हैं, ”अमरिकन संस्कृत इन्स्टीट्यूट” के निर्देशक प्रो. व्यास ह्युस्टन ॐ —प्राचीन भारतीय ऋषि-मनीषियों ने, शब्द की अमरता का, गहन आकलन किया था। ॐ—मानवीय चेतना की उत्क्रान्ति का क्रम-विकास, भाषा-विकास के साथ अटूट रूप से जुडा हुआ है; इस तथ्य को समझा था। ॐ—संकरित […] Read more » sanskrit is a great language संस्कृत है- ”भव्य ब्रह्मांडीय संगीत”