बच्चों का पन्ना महत्वपूर्ण लेख सीखना- कुछ मुश्किलें July 5, 2012 / July 5, 2012 by बीनू भटनागर | 1 Comment on सीखना- कुछ मुश्किलें सीखना एक जटिल प्रक्रिया है। जीवन भर व्यक्ति कुछ न कुछ सीखता रहता है। सीखने का सबसे महतवपू्र्ण समय बच्चे के जीवन के आरंभिक वर्ष होते हैं जब वह पलटना, पहचानना ,बैठना खड़े होना फिर बोलना सीखता है। इसके बाद अक्षर आकृतियां और रंग पहचानता है धीरे धीरे वर्णमाला लिखना, शब्द लिखना, फिर वाक्य बनाकर […] Read more » problems in child
महत्वपूर्ण लेख शख्सियत सार्थक पहल माजुली का हीरो जिंदा है July 3, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment अंशु मेश्क इस वर्ष ब्रह्मपुत्र नदी में आई बाढ़ ने जैसी तबाही मचाई है वैसी कल्पना कभी असमवासियों ने नहीं की थी। पानी के विकराल रूप ने सबसे ज्यादा माजुली द्वीप पर बसे 1.6 लाख वासियों को प्रभावित किया है। जो जिदगी और मौत के दरम्यान खुद को बचाने की कशमकश में घिरे हुए हैं। […] Read more » संजय घोष
महत्वपूर्ण लेख वंदे मातरम्: अनिवार्यता के पार वाले क्षितिज June 29, 2012 / June 29, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 3 Comments on वंदे मातरम्: अनिवार्यता के पार वाले क्षितिज मनोज कुमार श्रीवास्तव वंदे मातरम् विवाद से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रश्न इस गीत को अनिवार्य बनाए जाने का है। औदार्य के पक्षधर वंदे मातरम् तो क्या जन-गण-मन को भी अनिवार्य बनाने के पक्ष में नहीं है। दूसरी ओर अनिवार्य बनाने के पक्षधरों का कहना है कि देशभक्ति वैकल्पिक नहीं होती और एक लिबरल अनिवार्यता के […] Read more » वंदे मातरम्
जरूर पढ़ें परिचर्चा महत्वपूर्ण लेख परिचर्चा: जम्मू और कश्मीर पर वार्ताकारों की रिपोर्ट June 28, 2012 / April 9, 2014 by संजीव कुमार सिन्हा | 8 Comments on परिचर्चा: जम्मू और कश्मीर पर वार्ताकारों की रिपोर्ट समस्या सुलझाने की बजाय और उलझाने का प्रयास सन् 2010 में राज्य में पत्थरबाजी की घटना हुई। इसी परिदृश्य में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर में स्थायी शांति, स्थिरता और खुशहाली को सुनिश्चित करने और कश्मीर मुद्दे का व्यापक राजनीतिक समाधान निकालने के लिए तीन वार्ताकारों के एक दल का गठन किया। वार्ताकारों […] Read more » जम्मू और कश्मीर पर वार्ताकारों की रिपोर्ट
कविता महत्वपूर्ण लेख डॉ. मधुसूदन की कविता : घोडे़ को धक्का मारती है बग्गी ? June 27, 2012 / July 1, 2012 by डॉ. मधुसूदन | 11 Comments on डॉ. मधुसूदन की कविता : घोडे़ को धक्का मारती है बग्गी ? वैसे तो चमत्कार हुये हैं कई बार ! कई बार तर्क को नियमों ने तोड़ा है। पर अब की बार, जो हुआ चमत्कार ! उस ने सारी सीमाओं को लांघा है। हवा चलने से, पत्ते न हिले पेड़ों के, पत्तें हिलने से, चली है आँधी। अच्छा ? भूचाल आने से, न गिरा मकान- पर मकान […] Read more » गोधरा सांप्रदायिक दंगा
महत्वपूर्ण लेख समाज दलितों के दुश्मन दोस्त / शंकर शरण June 23, 2012 / June 24, 2012 by शंकर शरण | 14 Comments on दलितों के दुश्मन दोस्त / शंकर शरण ऐतिहासिक रूप से ‘दलित’ एक नया अकादमिक-राजनीतिक मुहावरा है जो हिन्दुओं में अनुसूचित जातियों, जनजातियों के लिए प्रयोग किया जाता है। ‘अनुसूचित’ शब्द भी अंग्रेजों की देन है। उस से पहले हिन्दुओं में जातियों की सामाजिक स्थिति की कोई स्थाई श्रेणीबद्धता नहीं थी। ‘दलित’ संज्ञा का प्रयोग सर्वप्रथम स्वामी श्रद्धानन्द ने तब अछूत कहलाने वाले […] Read more » अम्बेडकर दलित
महत्वपूर्ण लेख समाज कम्युनिस्ट अपराध और उपकार के अंतर को समझें June 16, 2012 / June 16, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on कम्युनिस्ट अपराध और उपकार के अंतर को समझें साम्यवाद की विचारधारा क्या भारतीय संस्कृति के अनुकूल है? या साम्यवाद का भारतीय संस्कृति, धर्म और इतिहास से भी कोई संबंध है? यदि इन जैसे प्रश्नों के उत्तर खोजे जाऐं तो ज्ञात होता है कि वास्तविक साम्यवाद भारतीय संस्कृति में ही है। संसार का कम्युनिस्ट समाज भारतीय साम्यवाद को समझ नहीं पाया है और ना […] Read more » difference in communism crime and reward आर.एस.एस. की देशभक्ति कम्युनिस्ट अपराध कम्युनिस्ट उपकार
महत्वपूर्ण लेख साक्षात्कार हिंदुत्व ही देश की राष्ट्रीय अस्मिता है : रूसी करंजिया June 14, 2012 / June 14, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on हिंदुत्व ही देश की राष्ट्रीय अस्मिता है : रूसी करंजिया भारत के पत्रकारिता जगत में रूसी करंजिया के नाम से कौन अपरिचित है। स्व. करंजिया अत्यंत लोकप्रिय साप्ताहिक ‘ब्लिट्ज’ के वर्षों तक सम्पादक रहे। अंग्रेजी तथा हिंदी सहित कुछ अन्य भाषाओं में प्रकाशित होने वाला यह साप्ताहिक कभी दूर-दराज के कस्बों व गांवों तक पहुंचता था। सनसनीखेज समाचारों की खोज व प्रकाशन इसकी विशेषता थी। […] Read more » राष्ट्रीयता रूसी करंजिया हिंदुत्व
महत्वपूर्ण लेख शब्द वृक्ष चार: डॉ. मधुसूदन June 14, 2012 / June 14, 2012 by डॉ. मधुसूदन | 13 Comments on शब्द वृक्ष चार: डॉ. मधुसूदन एक: बंध या Bond, बांध या Bund, बंधन या bonding बंध का अंग्रेज़ी Bond , या बांध का अंग्रेज़ी Bund, और वैसे ही, बंधन का अंग्रेज़ी bonding ऐसे शब्दों को देखकर आप को सहज प्रश्न हो सकता है, कि कहीं इन शब्दों का मूल समान तो नहीं? तो इसी उत्सुकता और कुतूहल से, इस लेखक […] Read more » शब्द वृक्ष चार
महत्वपूर्ण लेख साक्षात्कार ‘आर्य भारत के ही मूल निवासी थे’ June 12, 2012 / June 14, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 9 Comments on ‘आर्य भारत के ही मूल निवासी थे’ – डॉ. रामविलास शर्मा, प्रख्यात मार्क्सवादी समालोचक राष्ट्रवादी साप्ताहिक पत्र ‘पाञ्चजन्य (13 फरवरी 2000)’ ने एक लम्बे साक्षात्कार में डॉ. रामविलास शर्मा से साहित्य, संस्कृति, धर्म, दर्शन के साथ भारतीयता पर चर्चा की थी। हम इस महत्वपूर्ण साक्षात्कार को संदर्भ के लिए यहां प्रकाशित कर रहे हैं : >>स्वदेशी की उपेक्षा से जो खतरा है, […] Read more » आर्य पांचजन्य रामविलास शर्मा
महत्वपूर्ण लेख कम्युनिज्म का अन्तर्द्वन्द्व, विरोधाभास और असफलता-३ May 31, 2012 / June 6, 2012 by विपिन किशोर सिन्हा | 3 Comments on कम्युनिज्म का अन्तर्द्वन्द्व, विरोधाभास और असफलता-३ विपिन किशोर सिन्हा कम्युनिज्म का अन्तर्द्वन्द्व, विरोधाभास और विफलता-१ कम्युनिज्म का अन्तर्द्वन्द्व, विरोधाभास और असफलता-२ परिवार के संबंध में भी कम्यून्स का प्रयोग प्रत्येक कम्युनिस्ट देश को भारी पड़ा। लोगों ने कम्यून्स में रुचि लेना बन्द कर दिया। विवशता में कम्यून्स में रहते हुए भी विशेष पुरुष, विशेष स्त्री में परस्पर स्वाभाविक आकर्षण और एक […] Read more » conflict and failure of communism कम्युनिज्म का अन्तर्द्वन्द्व कम्युनिज्म का विरोधाभास और विफलता
महत्वपूर्ण लेख राजनीति कम्युनिज्म का अन्तर्द्वन्द्व, विरोधाभास और असफलता-२ May 29, 2012 / June 10, 2012 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment विपिन किशोर सिन्हा कार्ल मार्क्स के जीवन का अधिकांश भाग इंगलैन्ड में व्यतीत हुआ था। उन्होंने संपूर्ण अध्ययन वहीं किया था। उनके मन-मस्तिष्क पर वहां की पृष्ठभूमि का गहरा असर था। इंगलैन्ड की अर्थनीति कृषि पर आधारित नहीं थी। वहां पूरी तरह औद्योगिक क्रान्ति हो चुकी थी। मार्क्स की पूरी अवधारणा और सोच उद्योगों में […] Read more » reasons for the failure of communism कम्युनिज्म का अन्तर्द्वन्द्व कम्युनिज्म का विरोधाभास और विफलता विरोधाभास और विफलता-2