खेत-खलिहान जैव विविधता पर संकट की छाया July 19, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जैव विविधता पर संकट की छाया – नेहा जैन भारत में जंगलों, आर्द्रभूमियों और समुद्री क्षेत्रों में कई तरह की जैव विविधता पाई जाती है। भारत में स्तनधारी जंतुओं में 350, पक्षियों में 1224, सांपों में 408, उभयचर प्राणियों में 197, मछलियों में 2546 और फल-पौधों में 15 हजार प्रजातियां है। परंतु जलवायु परिवर्तन, जंगलों की समाप्ति व कई अन्य कारणों […] Read more » Bio-diversity जैव विविधता
खेत-खलिहान दाल-रोटी का टूटता जोड़ा और बढ़ता कुपोषण July 10, 2010 / December 23, 2011 by रमेश कुमार दुबे | 2 Comments on दाल-रोटी का टूटता जोड़ा और बढ़ता कुपोषण -रमेश कुमार दुबे दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहां अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रूपये की वृद्धि […] Read more » Daal कुपोषण दाल-रोटी
खेत-खलिहान बदहाली के बीच खुशहाली- गुजरात की कृषि क्रांति July 5, 2010 / December 23, 2011 by रमेश कुमार दुबे | 5 Comments on बदहाली के बीच खुशहाली- गुजरात की कृषि क्रांति -रमेश कुमार दुबे एक ऐसे दशक में जब देश भर में कृषि की विकास दर 2 से 2.5 फीसदी के बीच उलझी हुई हो उसी दौरान गुजरात में राष्ट्रीय औसत से तीन गुनी कृषि विकास दर चमत्कृत करती है। उम्मीद है कि आने वाले समय यह दर नौ फीसदी वार्षिक हो सकती है। अब तो […] Read more » Gujarat कृषि क्रांति गुजरात
खेत-खलिहान वर्षा सिंचित खेती की क्षमताओं का इस्तेमाल करना June 10, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment -संत बहादुर भारत में खेती के कुल 1403.00 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में से सिर्फ 608.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र ही सिंचित है तथा शेष 794.40 लाख हेक्टेयर वर्षा सिंचित है। खाद्य उत्पादन का करीब 55 प्रतिशत सिंचित भूमि में होता है. जबकि वर्षा सिंचित भूमि का योगदान करीब 45 प्रतिशत ही है। वर्षा सिंचित खेती में […] Read more » Farming कृषि खेती
खेत-खलिहान पूर्वी भारत में हरित क्रांति के विस्तार पर ज़ोर June 6, 2010 / December 23, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | Leave a Comment -फ़िरदौस ख़ान नई दिल्ली. सरकार पूर्वी भारत में हरित क्रांति के विस्तार पर ख़ासा ज़ोर दे रही है. देश के पूर्वी क्षेत्र यानी बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल तक हरित क्रांति का फैलाव करने के लिए केंद्रीय बजट 2010 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त […] Read more » Green Revolution हरित क्रांति
खेत-खलिहान सार्थक पहल किसानों के लिए प्रेरणा बने हरियाणा के कुशलपाल सिरोही May 20, 2010 / December 23, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 2 Comments on किसानों के लिए प्रेरणा बने हरियाणा के कुशलपाल सिरोही -फ़िरदौस ख़ान योगाचार्य स्वामी रामदेव का कहना है कि जड़ी-बूटी आधारित कृषि व्यवस्था से देश का गरीब किसान समृद्ध और स्वस्थ होगा। जड़ी-बूटी की खेती करके कृषि क्षेत्र में एक बहुत बड़ी क्रांति पैदा की जा सकती है। व्यक्ति और राष्ट्रहित में इस पहल को शीघ्रातिशीघ्र अमली जामा पहनाकर देश के नीति-निर्माता और कर्णधार देश […] Read more » Kushpal Sirohi कुशलपाल सिरोही
आर्थिकी खेत-खलिहान अनुसंधान से आर्थिक उन्नति संभव – मुलख राज विरमानी May 19, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on अनुसंधान से आर्थिक उन्नति संभव – मुलख राज विरमानी भारत के उद्योगपति अनुसंधान में इतनी रुचि नहीं लेते जितना संपन्न हुए देशों के उद्योगपति। यह कड़वा सत्य भारत की सबसे बड़ी कमजोरी है। कुछ थोड़े से उद्योगपतियों ने इस ओर ध्यान दिया वह आज अपने उद्योग के क्षेत्र में विश्व के उद्योगपतियों के बराबर हैं या उनसे भी आगे निकल गए। उदाहरणतया कुछ भारतीय […] Read more » Dairy कृषि गाय डेरी
खेत-खलिहान जैविक खेती, प्राकृतिक ऊर्जा और लघु उद्योगों से खुशहाल होंगे गांव May 15, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on जैविक खेती, प्राकृतिक ऊर्जा और लघु उद्योगों से खुशहाल होंगे गांव – श्री कुप्.सी.सुदर्शन, निवर्तमान सरसंघचालक, रा.स्व.संघ खेती में रासायनिक खाद का प्रयोग बंद करना समय की मांग है, क्योंकि वह भूमि एवं मनुष्य दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। रासायनिक खाद से उपजी चीजें खाने से साल भर में हम 100 मिलीग्राम तक रासायनिक जहर भोजन के साथ पचा जाते हैं। यही 100 मिलीग्राम जहर […] Read more » Organic Farming गांव जैविक खेती प्राकृतिक ऊर्जा लघु उद्योग
खेत-खलिहान मोटे अनाजों की खेती का महत्व May 15, 2010 / December 23, 2011 by शशांक कुमार राय | Leave a Comment -शशांक कुमार राय एक समय था जब भारत की कृषि–उत्पादन प्रणाली में काफी विविधता देखने को मिलती थी। गेहूं, चावल, जौ, राई, मक्का, ज्वार, बाजरा आदि अनेक प्रकार की फसलें उगाई जाती थी। अब यह स्थिति यह है कि आजादी के बाद बदली कृषि-नीति ने भारतीयों को गेहूं व चावल आदि फसलों पर निर्भर बना […] Read more » Farming खेती मोटे अनाज
खेत-खलिहान पशुधन से धनवान होते किसान May 11, 2010 / December 23, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | Leave a Comment -फ़िरदौस ख़ान भारत की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में डेयरी उद्योग का महत्वपूर्ण स्थान है। हरियाणा में डेयरी उद्योग खासा फलफूल रहा है। हालांकि राज्य में दूध के प्रसंस्करण का अधिकतर काम निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। राज्य में इस समय दूध को प्रसंस्कृत करने के छोटे-बड़े 32 डेयरी प्लांट काम कर […] Read more » Farmer किसान पशुधन
खेत-खलिहान हरित क्रांति : धरती को बंजर होने से बचाने की दरकार April 28, 2010 / December 24, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 1 Comment on हरित क्रांति : धरती को बंजर होने से बचाने की दरकार मौजूदा खाद्यान्न की जरूरत को देखते हुए देश में दूसरी हरित क्रांति पर खासा जोर दिया जा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि जब सोना उगलने वाली धरती ही बंजर हो जाएगी तो अनाज कैसे पैदा होगा। इसलिए भूमि की उर्वरक शक्ति को बचाए रखना बेहद जरूरी है, वरना कृषि के विकास की तमाम […] Read more » Green Revolution धरती बंजर हरित क्रांति
खेत-खलिहान किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के समाधान के लिए सार्थक कदमों की जरूरत है- अखिलेश आर्येन्दु April 20, 2010 / December 24, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | 2 Comments on किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के समाधान के लिए सार्थक कदमों की जरूरत है- अखिलेश आर्येन्दु पहले की तरह इस बार के केंद्रीय बजट में कृषि क्षेत्र के लिए मामूली बढ़ोत्तरी की गई है जबकि विभिन्न राज्यों में किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं का दौर जारी है। जिन वजहों से किसान आत्महत्याएं कर रहें हैं, न तो राज्य सरकारें समग्रता से उसके समाधान के लिए कोई सार्थक कदम उठा रही […] Read more » Suicide आत्महत्या किसान