मीडिया मीडिया की विश्वसनीयता का संकट और आत्म नियंत्रण की पुरजोर आवश्यकता – प्रफुल्ल केतकर May 12, 2016 by हरिहर शर्मा | Leave a Comment “पत्रकारिता का एकमात्र उद्देश्य सेवा होना चाहिए। अखबार और प्रेस एक महान शक्ति है, लेकिन जैसे पानी का अनियंत्रित उन्मुक्त प्रवाह गाँव के गाँव डुबा सकता है, फसलों को नष्ट कर सकता है, ठीक उसी प्रकार एक अनियंत्रित कलम सेवा के स्थान पर महान विध्वंश कर सकती है । लेकिन इसे नियंत्रित करने का प्रयास, […] Read more » Featured आत्म नियंत्रण की पुरजोर आवश्यकता पत्रकारिता मीडिया की विश्वसनीयता मीडिया की विश्वसनीयता का संकट
मीडिया आकाशवाणी का तब ? May 10, 2016 by बी एन गोयल | 2 Comments on आकाशवाणी का तब ? बी एन गोयल आकाशवाणी से जुड़ें मेरे इन कुछ लेखों को पढ़ कर मेरे परम शिष्य और मित्र राजेश्वर वशिष्ठ ने सुझाव दिया कि मैं ‘आकाशवाणी – तब और अब’ नाम से इस संस्था के तुलनात्मक स्वरुप पर (समय चक्र के रूप में) कुछ लिखूँ | मैंने इस पर काफी सोचा | मुझे लगा कि […] Read more » Featured आकाशवाणी
मीडिया नामकरण – आल इंडिया रेडियो/ आकाशवाणी May 4, 2016 by बी एन गोयल | Leave a Comment बी एन गोयल 8 मई 1976 को आकाशवाणी रोहतक का उद्घाटन करते समय तत्कालीन रक्षा मंत्री चौधरी बंसी लाल ने अपनी ठेठ हरियाणवी भाषा में रेडियो की उपयोगिता, आवश्यकता और लोकप्रियता की बात करते हुए एक उदाहरण दिया था. उनके कहने का भाव था कि आज जब मैं खेत में किसान को हल चलाते देखता […] Read more » Featured आकाशवाणी आल इंडिया रेडियो नामकरण
मीडिया राजनीति लोकप्रियता का नया पैमाना सोशल मीडिया …… May 3, 2016 / May 5, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | 2 Comments on लोकप्रियता का नया पैमाना सोशल मीडिया …… इक्कीसवीं सदी का भारत –किसने सोचा था कि दुनिया इतनी सिमट जाएगी और वो भी इतनी कि मानव की मुठ्ठी में समा जाएगी, जी हाँ आज इन्टरनेट से सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सोशल मीडिया के द्वारा वो क्रांति आई है जिसकी कल्पना भी शायद कुछ सालों पहले तक मुश्किल थी।तकनीक से ऐसी क्रान्तियाँ […] Read more » Featured प्रशांत किशोर लोकप्रियता सोशल मीडिया
मीडिया समाज मनचाही नहीं अनचाही मौत: आत्महत्या April 25, 2016 by श्याम नारायण रंगा | Leave a Comment प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन के साथ साथ अपने जीवन को समाप्त करने का अधिकार लेकर पैदा होता है। कानून भले की इस अधिकार पर प्रतिबंध लगा दे लेकिन व्यक्ति के पास यह अधिकार सदैव स्वतंत्र रहता है। कानूनी प्रतिबंध के बावजूद प्रतिवर्ष दुनिया में लाखों लोग आत्महत्या करते हैं। आत्महत्या का विचार इतना प्रबल होता […] Read more » death upto hang Featured suicidal death अनचाही मौत आत्महत्या मनचाही मौत मौत
मीडिया राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में हिंदी ब्लॉगर की भूमिका April 25, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आज का युग विज्ञान और तकनीक का है, जिसमें हम पग-पग पर तकनीक से टकराते है। जो लोग इस तकनीक को अपना लेते है, वह अपने काम आसानी से कर लेते हैं और जो नहीं कर पाते या जिन्हें इसके लिए दुसरों की सहायता लेनी पड़ती है, वह अपना काम जैसे-तैसे पुरा कर लेते है। […] Read more » Featured राजभाषा हिंदी हिंदी ब्लॉगर
मीडिया सार्थक पहल विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस April 23, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा- राधेश्याम द्विवेदी विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस पूरी दुनिया भर में 23 अप्रैल 2016 शनिवार को मनाया जायेगा। इस दिन को पूरे विश्व साहित्य के प्रतीक दिवस के रूप में मनाया जाता है । विश्व के लोगों के द्वारा हर वर्ष मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है। इसी दिन वर्ष […] Read more » copyright day Featured world book fair कॉपीराइट दिवस विश्व पुस्तक विश्व पुस्तक दिवस
जन-जागरण मीडिया जन-सुरक्षा से खिलवाड़ : पुत्तिंगल मंदिर में हादसा April 14, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव केरल में कोल्लम के पास पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में हुई त्रासदी ऐसी घटना है,जिसे मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन सचेत रहते तो टाला जा सकता था। क्योंकि मलयालम नववर्ष के उपलक्ष में हर वर्ष जो उत्सव होता है,उसमें बड़ी मात्रा में आतिशबाजी की जाती है। इस आतिशबाजी से हर वर्ष मंदिर के […] Read more » Featured केरल के पुत्तिंगल मंदिर में हादसा पुत्तिंगल मंदिर पुत्तिंगल मंदिर में हादसा
मीडिया प्रसारण और पत्रोत्तर April 9, 2016 by बी एन गोयल | 1 Comment on प्रसारण और पत्रोत्तर बी एन गोयल आज हम बात करेंगे पत्रोत्तर की. मेरे विचार से पत्रोत्तर आकाशवाणी प्रसारण का एक महत्वपूर्ण अंग है यद्यपि इस पर अभी तक कहीं कोई चर्चा नहीं हुई है. इस से पूर्व के लेख में सन्दर्भ में बात हुयी थी. श्रोता संघो/क्लबो के सन्दर्भ में श्री सोनी ने लिखा है कि उन्होंने […] Read more » Featured
मीडिया परम्पराएँ प्रसारण की (3) पी सी चटर्जी April 7, 2016 by बी एन गोयल | Leave a Comment बी एन गोयल “चटर्जी साहब, देख भाल कर काम कीजिये ऐसा न हो नौकरी से हाथ धो बैठे” “प्रसाद साहब, अपनी चिंता करो – आप पुलिस वाले हैं. यहाँ के बाद आप को नौकरी की मुश्किल पड़ेगी. मेरी फ़िक्र मत करो, मेरा स्तीफा हमेशा मेरी जेब मैं रहता है, आज भी तीन युनिवार्सिटी की वाईस […] Read more » Featured परम्पराएँ प्रसारण की पी सी चटर्जी प्रसारण
मीडिया रेडियो श्रोता क्लब/संघ April 3, 2016 by बी एन गोयल | Leave a Comment बी एन गोयल रेडियो प्रसारण की बात करते समय हैं हम प्रायः कार्यक्रमों, मशीन, टेप, रेकार्डिंग, आलेख, इंजिनियर, उद्घोषक, निदेशक, प्रशासन आदि की बात करते हैं लेकिन हमारे ज़ेहन में अंतस्तल में बैठा जो एक व्यक्ति होता है वह है हमारा श्रोता. मूलतः आकाशवाणी का प्रत्येक केंद्र अपने क्षेत्र के निवासियों की सेवा करने […] Read more » Featured रेडियो रेडियो श्रोता क्लब रेडियो श्रोता संघ
मीडिया लेख विधि-कानून विविधा साहित्य तब सम्पादक की जरूरत ही क्यों है ? April 2, 2016 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार इस समय की पत्रकारिता को सम्पादक की कतई जरूरत नहीं है। यह सवाल कठिन है लेकिन मुश्किल नहीं। कठिन इसलिए कि बिना सम्पादक के प्रकाशनों का महत्व क्या और मुश्किल इसलिए नहीं क्योंकि आज जवाबदार सम्पादक की जरूरत ही नहीं बची है। सबकुछ लेखक पर टाल दो और खुद को बचा ले जाओ। […] Read more » Featured need of editor तब सम्पादक की जरूरत ही क्यों है