आर्थिकी राजनीति पूंजीगत खर्च बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे को कम करना बजट की सफलता है February 2, 2024 / February 2, 2024 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment वर्ष 2024 में लोक सभा चुनाव होने जा रहे हैं, अतः केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में भारी भरकम घोषणाओं से बचते हुए दिनांक 1 फरवरी 2024 को लोकसभा में वोट ओन अकाउंट पेश किया। लोक सभा चुनाव के सम्पन्न होने के पश्चात एक बार पुनः वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट माननीया वित्त मंत्री महोदया द्वारा लोक सभा में पेश किया जाएगा। इस तरह से परम्परा का निर्वहन ही किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 वर्ष के लिए पेश किए किए गए बजट की मुख्य विशेषता यह है कि पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे को कम करने का सफल प्रयास किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए केंद्रीय बजट में 7.5 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया था। इसे वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए गए बजट में बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए का कर दिया गया था और अब वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में 11.11 लाख करोड़ रुपए के रिकार्ड पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। यदि किसी देश में पूंजीगत व्यय की मात्रा बढ़ाई जाती है तो इससे उस देश के लिए आय के साधन भी बढ़ते हैं। यह तथ्य भारत के मामले में भी उजागर होता दिखाई दे रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान लगातार भारी भरकम राशि के पूंजीगत व्यय के कारण अब देश की सकल आय में भी वृद्धि दृष्टिगोचर है। न केवल अप्रत्यक्ष कर, वस्तु एवं सेवा कर, की औसत मासिक वसूली 1.66 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक की हो गई है बल्कि प्रत्यक्ष करों में भी 25 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज हो रही है। जिसके चलते केंद्र सरकार को पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के साथ ही वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने में भी सफलता मिल रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों से 23.24 लाख करोड़ रुपए की कुल आय अनुमानित है और कुल खर्च 44.90 लाख करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्तीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का, 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों से कुल आय बढ़कर 30.80 लाख करोड़ रुपए रहने की सम्भावना व्यक्त की गई है तो कुल व्यय 47.66 लाख करोड़ रुपए रहने की सम्भावना है। इस प्रकार वित्तीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का, 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय घाटे को वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4.5 प्रतिशत तक नीचे लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वित्तीय घाटा कम होने का सीधा सा अर्थ है कि केंद्र सरकार को बाजार से कम ऋण लेने की आवश्यकता होगी क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत खर्च में बढ़ौतरी के चलते आय के साधन बढ़ रहे हैं। इससे भारतीय बैकों को निजी क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने हेतु अधिक राशि उपलब्ध होगी। वैसे भी, पिछले दो वर्षों के दौरान केंद्र सरकार द्वारा किए गए भारी भरकम पूंजीगत खर्च के चलते देश के आर्थिक चक्र में जो गति आई है उसके कारण उत्पादों की मांग में वृद्धि दर्ज हुई है एवं विभिन्न विनिर्माण इकाईयां अपनी उत्पादन क्षमता का 75 प्रतिशत से अधिक उपयोग करने लगी हैं। इस स्थिति के बाद सामान्यतः विनिर्माण इकाईयों के लिए अपनी उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना आवश्यक हो जाता है। अतः अब उद्योग क्षेत्र को अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी जिसे बैकों से ऋण लेकर पूरा किया जा सकता है। अतः केंद्र सरकार अपने संसाधनों का उचित उपयोग करते हुए अभी से यह प्रयास कर रही है कि उसे स्वयं कम ऋण की आवश्यकता हो ताकि यह राशि उद्योग क्षेत्र को ऋण के रूप में उपलब्ध करायी जा सके। इस प्रकार, केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने इस बजट के माध्यम से पूंजीगत खर्च को बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे को कम करने का सफल प्रयास किया है। पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत के नागरिकों ने वित्तीय क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किया गया है कि भारत में सर्वसमावेशी, सर्वांगीण एवं सर्वस्पर्शी विकास हो। देश में खाद्यान की चिंता दूर हुई है। ग्रामीण इलाकों के प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से लगभग एक करोड़ नए मकान निर्मित किए गए हैं, हर घर नल योजना के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में घरों तक पीने का पानी उपलब्ध कराया गया है एवं मातृशक्ति को कूकिंग गैस उपलब्ध कराई गई है। 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं ताकि केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे ही इन बैंक खातों के माध्यम से हितग्राहियों के हाथों में पहुंचे। 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के अंतर्गत 11.8 करोड़ किसानों को 6,000 रुपए प्रतिवर्ष सम्मान निधि सीधे उनके खातों में जमा की जा रही है। 4 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। फसलों की विभिन्न पैदावार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। कुल मिलाकर, पिछले 10 वर्षों के दौरान 25 करोड़ नागरिकों को गरीबी रेखा के ऊपर लाने में सफलता मिली है। इससे अब भारतीय नागरिकों की अपेक्षाएं भी बढ़ गई है। अतः नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करते हुए माननीया वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में घोषणा की है कि एक करोड़ नागरिकों को, जो सोलर पेनल का उपयोग करेंगे, 300 यूनिट बिजली मुफ्त में प्रदान की जाएगी ताकि भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके और पेट्रोल, डीजल एवं कोयले के उपयोग को कम किया जा सके। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त नए मकान बनाए जाएंगे ताकि देश के प्रत्येक परिवार के पास अपनी छत उपलब्ध हो सके। आगे आने वाले कुछ वर्षों में लखपति दीदी बनाने के उद्देश्य से 9 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि मातृशक्ति रोजगार देने वाली बनें। देश में अभी तक एक करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लखपति दीदी बनाया जा चुका है। इस लक्ष्य को अब 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ किया जा रहा है। देश में अधोसंरचना को विकसित करने के उद्देश्य से रेल्वे के तीन नए कोरिडोर बनाए जाने का प्रावधान भी किया गया है। प्रथम, ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा। द्वितीय, पत्तन गलियारा एवं तृतीय अधिक यातायात वाला गलियारा। यह तीन गलियारे पूर्व में ही विकसित किए जा रहे समर्पित माल गलियारे के अतिरिक्त होंगे। इन तीन गलियारों के विकसित होने के बाद देश में रेल्वे की सुविधाओं में और अधिक सुधार होगा। इसी प्रकार देश में हवाई अड्डों की संख्या भी बढ़कर 149 हो गई है एवं अब कई 2 एवं 3 टायर शहरों में भी हवाई अड्डों का निर्माण किया जा चुका है। भारत में कार्य कर रही विभिन्न विमानन कम्पनियों द्वारा 1000 नए विमानों को खरीदने का ऑर्डर दिया जा चुका है। कुल मिलाकर देश में अधोसंरचना के क्षेत्र में, रोड, रेल, हवाई मार्ग एवं जल मार्ग सहित, अतुलनीय सुधार हुआ है। केंद्र सरकार रेवड़ियां बांटने के स्थान पर देश में आधारभूत संरचना को विकसित करने पर अधिक जोर दे रही है। इससे देश की सकल आय में वृद्धि हो रही है और युवा, महिला, किसान एवं गरीब वर्ग के हितार्थ नई नई योजनाएं चलाने में आसानी हो रही है। देश के समस्त परिवारों के लिए अपनी छत, जल, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था किए जाने के भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। इससे देश के नागरिकों में विश्वास पैदा हो रहा है। प्रहलाद सबनानी Read more »
राजनीति कब लौटेगी वासंती बहार भोजशाला में? February 2, 2024 / February 2, 2024 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ एक तरफ़ मौसम की अंगड़ाई है, एक तरफ़ वृक्षों में बहार का अवसर और ऐसे समय में जब वसंत का उत्सव जैसे ही नज़दीक आता है, यकीन जानिए मध्य प्रदेश के धार जिले के निवासी यहाँ तक कि आसपास के लोग भी इस बात से फिर चिंतित हो जाते हैं कि आखिर कब घर वापसी होगी […] Read more » Invocation of Hanuman Chalisa by Sadhvi Ritumbhara ji in Saraswati temple banquet hall When will Vasanti Bahar return to Bhojshala? साध्वी ऋतुम्भरा जी द्वारा सरस्वती मंदिर भोजशाला में हनुमान चालीसा का आह्वान
राजनीति भ्रष्टता निवारण है सशक्त लोकतंत्र का आधार February 2, 2024 / February 2, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग :- झारखंड राज्य में जमीन खरीद में गड़बड़ी, अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के कथित पुराने मामलों की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है। इस कार्रवाई से झारखंड की सरकार संकट में आ गयी और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। भाजपा […] Read more » सशक्त लोकतंत्र का आधार
राजनीति सारी उम्र कौन दरी पर बैठा रह सकता है ? February 2, 2024 / February 2, 2024 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment -कुलदीप चन्द अग्निहोत्री दरअसल विपक्ष में भी एक पक्ष था और दूसरा विपक्ष था । यह इंडी गठबन्धन बनते समय ही दिखाई दे रहा था । क्षेत्रीय दल कांग्रेस को खा कर अपना बजन बढ़ाना चाहते थे और कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को डकार कर अपना बजन बढ़ाना चाहती थी । यह ठीक है कि कांग्रेस […] Read more » विपक्षी गठबन्धन में दरारें
राजनीति मोदी की गारंटी वाला बजट February 2, 2024 / February 2, 2024 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्तानी केंद्र सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट प्रस्तुत कर दिया है। इस बजट में हालांकि कोई व्यापक परिवर्तन नहीं किया है, लेकिन जिस प्रकार पिछले बजट के कारण भारत की दशा और दिशा सुधरी हुई दिखाई देती है, वैसी ही राह का अनुसरण इस बार के बजट में किया गया है। […] Read more » Modi's guaranteed budget
आलोचना राजनीति है आपकी अदाओं से गिरगिट भी शर्मसार … February 1, 2024 / February 1, 2024 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी नितीश कुमार बिहार की राजनीति के लिये कितना ही प्रासंगिक क्यों न रहे हों परन्तु उनके राजनैतिक जीवन का हासिल यही है कि उन्हें मीडिया ने ‘पलटी मार’ या ‘पल्टूराम’ का ख़िताब दे डाला है। नौ बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नितीश कुमार अलग अलग अवसरों पर कभी […] Read more » नितीश कुमार
राजनीति मालदीव चीन के बढ़ते विवादास्पदसंबंध January 30, 2024 / January 30, 2024 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment नीति दृष्टिकोण सितंबर 2023 में मालदीव में एक विभाजनकारी राष्ट्रपति चुनाव हुआ। पीपुल्स नेशनल कांग्रेस और मौजूदा माले के मेयर मोहम्मद मुइज़ज़ू ने आखिरकार चुनाव जीता और मालदीव के आठवें राष्ट्रपति बने। चुनाव प्रचार के दौरान, यह स्पष्ट था कि मुइज़ज़ू विदेश नीति को अपना चुनावी मुद्दा बनाना चाहते थे। सामान्य तौर पर, घरेलू चुनावों […] Read more » Maldives China's growing controversial relations
राजनीति ‘परीक्षा पे चर्चा’ निराशा को अवसरों में बदलने की खिड़की January 30, 2024 / January 30, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान दिया उद्बोधन एवं गुरु मंत्र छात्रों के लिये ऐसा आलोक स्तंभ है जो भविष्य की अजानी राहों एवं परीक्षा के जटिल क्षणों में पांव रखते समय उस आलोक को साथ में रख लिया गया तो उनके मार्ग में कहीं भी अवरोध, तनाव एवं […] Read more » 'Pariksha Pe Charcha' a window to convert disappointments into opportunities परीक्षा पे चर्चा
राजनीति व्यंग्य पल्टूराम फिर मार गए पल्टी January 30, 2024 / January 30, 2024 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल जीवन एक कला है और राजनीति एक बाजीगरी।अगर आपके पास कलाबाजी, जादूगारी, झूठगिरी, बेशर्मी, मक्कारी, धोखेबाजी, पल्टीबाजी का गुण नहीं है तो आप सफल राजनीतिज्ञ नहीं हैं। सच मानिए, सियासत में आप जीतनी बार धोखा देंगे उतने बड़े आप सच्चे पलटी मार कह लाएंगे। […] Read more » Palturam turned again पल्टूराम फिर मार गए पल्टी
राजनीति विधि-कानून भारतीय संविधान: शिरोधार्य हो रामत्व January 29, 2024 / January 29, 2024 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी रामराज्य एक सनातनी शासन पद्धति है, इस तथ्य को गर्वपूर्वक स्वीकारना चाहिये। जब हेग कन्वेंशन में, युद्ध नियम हमारे सनातनी शास्त्रों से ग्रहण किए जा सकते हैं तो फिर रामराज्य को सनातनी मानने में संकोच क्यों?! यह सर्वसमावेशी, सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी शासन पद्धति है। भारतीय समाज में व भारतीय संविधान में “श्रीराम” का केवल […] Read more » भारतीय संविधान भारतीय संविधान शिरोधार्य हो रामत्व शिरोधार्य हो रामत्व
राजनीति पूरी दुनिया ने देखी भारत की बढ़ती सैन्य ताकत January 29, 2024 / January 29, 2024 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment – योगेश कुमार गोयल26 जनवरी को भारत ने ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ थीम के साथ 75वां गणतंत्र दिवस मनाया और इस अवसर पर पहली बार 100 महिला कलाकारों द्वारा भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के साथ परेड का शुभारंभ किया गया, जिसकी शुरुआत महिला कलाकारों द्वारा बजाए जाने वाले शंख, नादस्वरम, नगाड़ा इत्यादि के संगीत […] Read more » भारत की बढ़ती सैन्य ताकत
राजनीति राम आस है तो राम किसी की प्यास हैं January 29, 2024 / January 29, 2024 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह 22 जनवरी को अयोध्या में नव निर्मित भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई। प्राण प्रतिष्ठा का उल्लेख वेदों और पुराणों में किया गया है। हिन्दू धर्म परंपरा में प्राण प्रतिष्ठा एक पवित्र अनुष्ठान है जो किसी मूर्ति या प्रतिमा में उस देवता या देवी का आह्वान […] Read more » If Ram is hope then Ram is someone's thirst.