राजनीति मतदाता जागरूक बने एवं दिखाये अपनी ताकत October 11, 2023 / October 11, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग :- पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उनकी तारीखों का भी ऐलान हो गया है, अब चुनावी बिगुल बज चुका है, राजनीतिक दल एवं उम्मीदावार मतदाताओं को रिझाने, लुभाने एवं अपने पक्ष में मतदान कराने के लिये तरह-तरह के दांवपेंच चलायेंगे, इन लुभावनी […] Read more » elections in MP chhattisgarh telangana elections in Rjasthan मतदाता
राजनीति वोट बटोरने का शॉर्टकट ‘रेवड़ी की राजनीति’ October 9, 2023 / October 9, 2023 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment मुफ्तखोरी की संस्कृति इतने खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है कि कुछ राजनीतिक दलों का अधिकांश चुनावी एजेंडा, एक सोची-समझी रणनीति के तहत केवल मुफ्त की पेशकशों पर आधारित है, जो मतदाताओं को स्पष्ट रूप से एक संदेश भेज रहा है कि यदि राजनीतिक दल जीतता है तो उन्हें ढेर सारी मुफ्त चीजें मिलेंगी। इससे […] Read more » Shortcut to gather votes is 'Rewari politics'
राजनीति समाज कट्टरपंथियों की असहिष्णुता का शिकार अहमदिया मुसलमान October 9, 2023 / October 9, 2023 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जून 2022 में लगे एक पुस्तक मेले में जाने का अवसर मिला। यहाँ […] Read more » Ahmadiyya Muslims victims of intolerance Ahmadiyya Muslims victims of intolerance of fundamentalists
राजनीति चुनावी रथ में ही क्यों सवार होती हैं जन-हित योजनाएं October 9, 2023 / October 9, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग :- आजादी के अमृतकाल के पहले लोकसभा एवं पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की आहट अब साफ-साफ सुनाई देे रही है, राज्यों में चुनावी सरगर्मियां उग्र हो चुकी है। भारत के सभी राजनीतिक दल अब पूरी तरह चुनावी मुद्रा में आ गये हैं और प्रत्येक प्रमुख राजनैतिक दल इसी के अनुरूप बिछ […] Read more » Why do public welfare schemes ride in the election chariot only?
आर्थिकी राजनीति भारत में बेरोजगारी की समस्या का हल निकालने में मिल रही है सफलता October 4, 2023 / October 4, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारतीय सनातनी वेदों एवं ग्रंथो में इस बात के कई प्रमाण मिलते हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि भारत सदैव ही आर्थिक रूप से सम्पन्न देश रहा है एवं भारत के समस्त नागरिकों के लिए रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध रहे हैं। मुद्रा स्फीति, आय की असमानता, बेरोजगारी एवं ऋण के भारी बोझ के तले दबे रहना जैसे शब्दों का तो प्राचीन भारत के आर्थिक इतिहास में वर्णन नहीं के बराबर मिलता है। भारत के समस्त नागरिकों की पर्याप्त मात्रा में आय होती थी जिससे वह अपने परिवार का आसानी से गुजर बसर कर पाते थे एवं समाज में समस्त नागरिक प्रसन्नता पूर्वक रहते थे। दरअसल प्राचीन भारत के उस खंडकाल में नागरिकों में उद्यमशीलता अपने चरम पर थी। परिवार के जमे जमाए व्यवसाय पीढ़ी दर पीढ़ी सफलतापूर्वक आगे चलते रहते थे एवं परिवार के सदस्यों के आय अर्जन का मुख स्त्रोत बने रहते थे। इस दृष्टि से नागरिकों को सामान्यतः नौकरी के लिए परिवार के पारम्परिक व्यवसाय के बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती थी। इस प्रकार उस खंडकाल में बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न ही नहीं होती थी। भारत पर आक्रांताओं के आक्रमण एवं इसके तुरंत बाद अंग्रेजों के शासनकाल में भारतीय नागरिकों की उद्यमशीलता को समाप्त कर उनमें नौकरी करने की भावना को विकसित किया गया क्योंकि अंग्रेजों को अपने शासन को सुचारू रूप से संचालन के लिए नौकरों की आवश्यकता थी। अंग्रेजों के शासनकाल में भारत की शिक्षा पद्धति को भी कुछ इस प्रकार से परिवर्तित किया गया कि भारतीय नागरिक अपनी पढ़ाई समाप्त करने के पश्चात अंग्रेजों के संस्थानों में केवल नौकरी कर सके। दीर्घकाल में इसका परिणाम यह हुआ कि भारतीय नागरिक केवल नौकरी को ही रोजगार का साधन मानने लगे और उन्हें यदि नौकरी नहीं मिल पाती तो वे अपने आप को बेरोजगार मानने लगे। भारतीय नागरिकों में उद्यमशीलता तो जैसे समाप्त ही हो गई थी। परंतु, पिछले लगभग 10 वर्षों के दौरान भारतीय नागरिकों में उद्यमशीलता को पुनः पैदा करने के अथक प्रयास किये गए हैं, जिनमे सफलता भी मिलती दिखाई दे रही है और भारत में अब पुनः बहुत बड़ी मात्रा में उद्यमों को स्थापित किया जा रहा है, जिससे भारतीय नागरिक अब धीरे धीरे नौकर नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनते जा रहे हैं। पिछले एक दशक के दौरान केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों ने भारतीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कई नई योजनाएं प्रारम्भ की हैं। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) प्रारम्भ की गई थी। इस योजना को प्रारम्भ करने का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं को सुरक्षित बेहतर आजीविका प्राप्त करने के लिए उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण लेने में सक्षम बनाना था। वर्ष 2016 में स्टार्ट-अप इंडिया योजना देश में लागू की गई थी। इस योजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य एक ऐसा तंत्र विकसित करना था, जो पूरे देश में उद्यमिता का पोषण और प्रचार करता हो। वर्ष 2016 में ही स्टैंड अप इंडिया योजना प्रारम्भ की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और एससी/एसटी उधारकर्ताओं को 10 लाख रुपये तक के बैंक ऋण की सुविधा तथा ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए 1 करोड़ रु. तक का ऋण प्रदान करना था। इसके पूर्व, वर्ष 2014 में राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन की स्थापना ‘कौशल भारत’ एजेंडे को ‘मिशन मोड’ में चलाने के लिए की गई थी ताकि मौजूदा कौशल प्रशिक्षण पहलों को एकजुट किया जा सके और कौशल प्रयासों के पैमाने और गुणवत्ता को गति के साथ जोड़ा जा सके। इन योजनाओं के साथ ही भारतीय नागरिकों और राष्ट्र के सामाजिक और आर्थिक कल्याण को सम्बोधित करने के लिए भारत सरकार द्वारा कई अन्य योजनाएं (पीएमगरीब कल्याण योजना, आयुषमान भारत, प्रसाद योजना, आदि) भी प्रारम्भ की गई हैं। विभिन्न सरकारों के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे कुछ सांस्कृतिक संगठनों ने भी भारत में रोजगार के अवसर निर्मित करने के उद्देश्य से कई अन्य सामाजिक संस्थाओं को साथ लेकर भी कुछ प्रयास प्रारम्भ किया गए। संघ ने तो अपने कुछ अनुशांगिक संगठनों को यह जिम्मेदारी सौंपी कि वे इस क्षेत्र में विशेष प्रयास करें। इन सामाजिक, आर्थिक एंड सांस्कृतिक संगठनों ने मिलकर समाज में विशेष रूप से युवा नागरिकों के उद्यमशीलता को पुनः विकसित करने के सफल प्रयास किए हैं एवं अब एक बार पुनः भारत में उद्यमों को बढ़ावा मिलता दिखाई दे रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कर्मचारी भविष्यनिधि संस्थान में रजिस्टर हुए नए सदस्यों की संख्या वित्तीय वर्ष 2018-19 में 61 लाख थी जो वित्तीय वर्ष 1920-21 में 77 लाख, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 122 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 में बढ़कर 139 लाख हो गई है। इस संख्या में लगातार सुधार से आश्य यह है कि देश में युवाओं को फोर्मल रोजगार बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। यहां इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि इस दौरान विश्व के अन्य देशों में कई कम्पनियों में कर्मचारियों की छटनी की गई है। इसी प्रकार पीरिओडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार जनवरी 2022 से भारत में बेरोजगारी की दर में लगातार कमी देखने को मिल रही है। जनवरी 2022 में देश में बेरोजगारी की दर 8.2 प्रतिशत थी जो अप्रेल-जून 2022 तिमाही में घटकर 7.6 प्रतिशत तो वहीं जुलाई-सितम्बर 2022 तिमाही में 7.2 प्रतिशत, अकटोबर-दिसम्बर 2022 तिमाही में 7.2 प्रतिशत से घटाकर जनवरी-मार्च 2023 तिमाही में 6.8 प्रतिशत पर आ गई है। सीएमआईई द्वारा जारी एक अन्य जानकारी के अनुसार, भारत में बेरोजगारी की दर मार्च 2023 में घटकर 7.6 प्रतिशत हो गई है जो मार्च 2022 में 8 प्रतिशत एवं मार्च 2021 में 10 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 वर्ष और उससे अधिक) में बेरोजगारी की दर जनवरी-मार्च 2023 तिमाही में घटकर 9.2 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि एक वर्ष पहिले इसी तिमाही में 10.1 प्रतिशत थी। वहीं, पुरुषों में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर इस वर्ष पहली तिमाही में कम होकर 6 प्रतिशत रही, जो एक वर्ष पूर्व 2022 की जनवरी-मार्च तिमाही में 7.7 प्रतिशत थी। देश में राज्यवार बेरोजगारी का विश्लेषण करने पर ध्यान में आता है कि 10 प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी की दर वाले राज्य हैं, हरियाणा में 37.4 प्रतिशत, राजस्थान में 28.5 प्रतिशत, दिल्ली में 20.8 प्रतिशत, बिहार में 19.1 प्रतिशत, झारखंड में 18 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 14.8 प्रतिशत, त्रिपुरा में 14.3 प्रतिशत एवं सिक्किम में 13.6 प्रतिशत है। जबकि 5 प्रतिशत के कम बेरोजगारी की दर वाले राज्य हैं ओड़िसा में 0.9 प्रतिशत, गुजरात में 2.3 प्रतिशत, कर्नाटक में 2.5 प्रतिशत, मेघालय में 2.7 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 3.1 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 3.2 प्रतिशत, छतीसगढ़ में 3.4 प्रतिशत, तेलंगाना में 4.1 प्रतिशत, उत्तराखंड में 4.2 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 4.3 प्रतिशत, तमिलनाडु में 4.7 प्रतिशत, आसाम में 4.7 प्रतिशत एवं पुडुचेरी में 4.7 प्रतिशत। विशेष रूप से मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश राज्य, जो कुछ वर्ष पूर्व तक बीमारु राज्य की श्रेणी में शामिल थे, में बेरोजगारी की दर में अतुलनीय रूप से कमी दृष्टिगोचर हुई है। जनवरी-मार्च 2023 अवधि में देश में 45.2 फीसदी नागरिकों को रोजगार मिला हुआ है जो इससे पहले की तिमाही में 44.7 फीसदी पर था। उल्लेखनीय है कि पिछले एक दशक के दौरान भारत ने आर्थिक मोर्चे पर एक बड़ी छलांग लगाई है। स्पष्ट है कि सरकार ने अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर उसे भी संबल प्रदान करने की तमाम कोशिशें की हैं। जिसके परिणामस्वरूप, भारत में अगस्त 2023 माह में 46.21 करोड़ नागरिकों को रोजगार मिला हुआ था जबकि अगस्त 2022 में 43.02 करोड़ नागरिकों को ही रोजगार प्राप्त था, इस प्रकार एक वर्ष के दौरान 3.19 करोड़ नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। प्रहलाद सबनानी Read more » Success is being achieved in finding solution to the problem of unemployment in India.
राजनीति अब खत्म होना चाहिए कावेरी जल विवाद October 4, 2023 / October 4, 2023 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव कावेरी जल बंटवारे को लेकर दशकों से चला आ रहा विवाद अब थम जाना चाहिए। दरअसल शीर्ष न्यायालय ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण और कावेरी जल नियमन समिति के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है, जिसमें कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु के लिए प्रतिदिन पांच हजार घन मीटर पानी देने […] Read more » Cauvery water dispute should end now अब खत्म होना चाहिए कावेरी जल विवाद
राजनीति क्या राजनीतिक में स्वच्छता का मोदी जादू चलेगा? October 4, 2023 / October 4, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग- देश में स्वच्छता अभियान से ज्यादा जरूरी हो गया राजनीतिक स्वच्छता अभियान। क्योंकि आजादी के अमृतकाल को अमृतमय बनाने के लिये राजनीति का शुद्धिकरण यानी अपराध एवं भ्रष्टाचारमुक्त होना अपेक्षित है। आज कौन-सी पार्टी है जो सार्वजनिक जीवन में शुचिता का पालन कर रही है? शोचनीय बात यह है कि अब भ्रष्टाचार, […] Read more » स्वच्छता का मोदी स्वच्छता का मोदी जादू
राजनीति भारत में राष्ट्रवादी राजनीति ही अब सभी दलों की नियति October 4, 2023 / October 4, 2023 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला भारत गणराज्य का लोकतंत्र दुनिया का सबसे बडा लोकतंत्र है । कई अर्थों में यह अन्य देशों के लोकतंत्र से विशिष्ट भी है । अब इसमें एक और विशिष्टता जुड चुकी है । वह यह कि यहां सांवैधानिक रुप से तकनीकी तौर पर विपक्ष समाप्त हो चुका है । भारतीय लोकतांत्रिक […] Read more » Nationalist politics is now the destiny of all parties in India
राजनीति विराट सांस्कृतिक चेतना की पुनर्स्थापना का संकल्प : एक भारत श्रेष्ठ भारत October 3, 2023 / October 3, 2023 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment -डॉ. सौरभ मालवीय भारत एक विशाल राष्ट्र है। इसका निर्माण सनातन संस्कृति से हुआ है। अनेक संस्कृतियां भारत रूपी गुलदान में विभिन्न प्रकार के पुष्पों की भांति रही हैं। इसका अर्थ यह है कि इन विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, धर्मों एवं पंथों आदि ने इस देश के सांस्कृतिक सौन्दर्य में वृद्धि की है। यहां विविधता में भी एकता है। भारत शान्ति- प्रिय देश है। यह अहिंसा में विश्वास रखता […] Read more » Ek Bharat Shrestha Bharat Resolve to restore vast cultural consciousness:
राजनीति विधि-कानून महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम October 3, 2023 / October 3, 2023 by डॉ. प्रियंका नितिन वर्मा | Leave a Comment नारी शक्ति वंदन अधिनियम -डॉ. प्रियंका नितिन वर्मा भारतीय जनता पार्टी की सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय-समय पर दोहराया है कि उनकी सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास करेगी। नारी शक्ति वंदन अधिनियम इसी प्रयास का परिणाम है। हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा दोनों […] Read more » नारी शक्ति वंदन अधिनियम
राजनीति आतंकवाद की स्पष्ट परिभाषा तय करे विश्व समुदाय October 3, 2023 / October 3, 2023 by नीतेश राय | Leave a Comment आज 78 वर्षों का सफलता पूर्वक सफ़र तय कर चूका संयुक्त राष्ट्र संघ भी आतंकवाद को परिभाषित करने में नकाम रहा।इस समय विकास के दौर में अपरिभाषित आतंकवाद हर देश के सामने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दो – दो हाथ करने के लिये तैयार है ।आतंकवाद और आतंकवादी दोनों कब किस रूप में किसी […] Read more » The world community should decide on a clear definition of terrorism.
महत्वपूर्ण लेख राजनीति पाकिस्तान से बातचीत का सवाल October 3, 2023 / October 3, 2023 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment पाकिस्तान से बातचीत का सवाल / मीरवाइज से अब्दुल्ला परिवार तक का सफ़र – डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला को 1964 में जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान से गोलमेज़ कान्फ्रेंस करने के लिए पाकिस्तान भेजा था । इसकी चर्चा यथास्थान की जाएगी । अब श्रीनगर […] Read more » Journey from Mirwaiz to Abdullah family Question of talks with Pakistan पाकिस्तान से बातचीत का सवाल मीरवाइज से अब्दुल्ला परिवार तक का सफ़र