राजनीति शख्सियत डॉ वेदप्रताप वैदिक: न भूतों न भविष्यति March 16, 2023 / March 16, 2023 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ हिन्दी के आकाश से आज स्वयं दिनकर अस्ताचल की ओर बढ़ गया, डॉ. वैदिक की देह अब अक्षर देह में बदल गई, 13 वर्ष की आयु से हिन्दी के लिए लड़ने वाले योद्धा ने आज देह को त्याग दिया, पत्रकारिता को ख़बर पालिका कहने वाले तटस्थ पत्रकार ने अलविदा कह दिया, […] Read more » Dr. Ved Pratap Vaidik:
राजनीति भारतीय विकसित देशों की नागरिकता क्यों ले रहे हैं March 15, 2023 / March 15, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment केंद्र सरकार ने दिनांक 9 दिसम्बर 2022 को भारतीय संसद को सूचित किया कि वर्ष 2011 से 31 अक्टोबर 2022 तक 16 लाख भारतीयों ने अन्य देशों, विशेष रूप से विकसित देशों, की नागरिकता प्राप्त कर ली है। वर्ष 2022 में 225,000 भारतीयों द्वारा अन्य देशों की नागरिकता ली गई है। इसी प्रकार, मोर्गन स्टैन्ली […] Read more » Why Indians are taking citizenship of developed countries
आर्थिकी राजनीति आर्थिक प्रगति में शुचितापूर्ण नीतियों की जरूरत March 14, 2023 / March 14, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment हाल ही के समय में भारत के आर्थिक विकास की दर में बहुत तेजी आती दिखाई दे रही है एवं आगे आने वाले समय में आर्थिक प्रगति की गति और अधिक तेज होने की उम्मीद की जा रही है। किसी भी क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ने के अपने लाभ भी हैं और नुक्सान […] Read more » आर्थिक प्रगति में शुचितापूर्ण नीतियों की जरूरत
राजनीति निरा खोखली है राजनैतिक शुचिता की बातें March 14, 2023 / March 14, 2023 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment · डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ राजनीति का धर्म हो चाहे धर्म की राजनीति, भ्रष्टाचार का अंत हो चाहे अंत तक भ्रष्टाचार, लोक का उत्थान हो या स्व उत्थान में लोकाचार का शामिल होना, जन तंत्र की मज़बूती हो चाहे तंत्र की मज़बूती का फ़ायदा लेना, अपराधियों पर नकेल हो चाहे नकेल डालकर अपराध करवाना, संस्कृति के उन्नयन की बातें हों चाहे अपने उन्नयन को सांस्कृतिक ठहराना, सब कुछ किताबों में दर्ज क़िस्सों की तरह या कहें फ़िल्मों में चलते दृश्य के जैसा ही हो रहा है आजकल राजनीति में भी। जनता का विश्वास तब टूटता नज़र आता है जब भरोसे वाले कन्धे भी दगा देने लग जाते हैं। ऐसे ही हालातों की शिकार इस समय दिल्ली की जनता भी हो रही है। एक आन्दोलन चला, जिसका ध्येय भ्रष्टाचार-मुक्त भारत की संकल्पना को मूर्त रूप देना और फिर जन लोकपाल की स्थापना करना था, जनता ने विश्वास किया। दिल्ली में स्थापित राजनैतिक पार्टियों को किनारे करते हुए एक ऐसे राजनैतिक दल को सत्ता सौंप दी, जिसका उदय ही उस समय हुआ जब अन्ना हज़ारे ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करके देश को जागरुक किया। सत्ता के हाथ में आते ही आन्दोलन के पुर्जे ही ढीले होने लग गए। आन्दोलन से एकजुट हुए विभिन्न क्षेत्रों के मुखियाओं के बीच सत्ता की रमणिका सुंदरी ने आंदोलनकर्ताओं को सत्ताजीवी बना दिया। पहली दफ़ा जब दिल्ली ने विश्वास किया, उसके थोड़े समय बाद ही आंदोलनकर्ताओं के बीच से विश्वास गायब हो गया। फिर धीरे-धीरे विश्वास के साथ-साथ योगेन्द्र भी टूटने लगे। और न जाने कितने साथी अलग-थलग होने लग गए। कारण साफ़ है, जहाँ सत्ताजीवी होने का भाव जागृत भी हो जाए तो आन्दोलनजीवी स्वभाव घुटन महसूस करता है। येन-केन-प्रकारेण सत्ता सुख में लिप्त सत्ताधीशों ने कार्यकाल पूरा करके फिर चुनाव में दस्तक दी और जनता को फिर ख़्वाब बेचने शुरु कर दिए। ख़्वाबों का पुलिन्दा थमा कर जनता को नए तरीके से लुभाने की कवायद हुई, जनता फिर झाँसे में आ गई और इस बात पर विश्वास कर लिया कि सत्ताधीशों का ध्येय भ्रष्टाचार मिटाना है, पर कहते हैं न कि जब रणनीति में राजनीति का प्रवेश हो जाता है तो फिर धर्मनीति मृत्यु को प्राप्त कर लेती है। उसी तरह अब लुटियन की दिल्ली में केवल राजनीति रहने लगी है। राजनीति के चश्मे से देखने पर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सत्ता सुन्दरी बहुत आनंद में दिखाई दे रही है, एक तरफ़ दो-दो मंत्री जेल का आनंद ले रहें हैं और मज़े की बात तो यह है कि दोनों ही मंत्रियों पर आरोप भ्रष्टाचार के ही लगे हैं। एक मंत्री पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है तो दूसरे पर सीधे भ्रष्टाचार का ही। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली की सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ़्तार कर जेल यात्रा करवाई है। बताया जाता है कि साल 2017 में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सत्येंद्र जैन के ख़िलाफ़ प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इसमें सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे। ईडी जिस मामले की जांच कर रही है, वह इसी पर आधारित है। आरोप है कि प्रयास इंफोसॉल्यूशंस, अकिंचन डेवलपर्स, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स और इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड को 4.63 करोड़ रुपये मिले थे। बाद में जब ईडी ने जांच शुरु की, इन कंपनियों को शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये मिलने का दावा किया। सत्येंद्र जैन का इन कंपनियों पर निदेशक या अधिक शेयर की वजह से नियंत्रण था। इन कंपनियों को शेल बताते हुए तब जांच एजेंसी ने कहा था, इनके पास ये पैसे कहां से आए, सत्येंद्र जैन इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सके। ईडी ने ये भी कहा था कि इस धनराशि का उपयोग दिल्ली और उसके आसपास भूमि की ख़रीद को लिया गया कर्ज़ अदा करने के लिए किया गया। आरोप है कि ये रकम कोलकाता एंट्री ऑपरेटरों को हवाला के ज़रिये पहुंचाई गई नकदी के बदले इन मुखौटा कंपनियों के माध्यम से दी गई थी। इसके बाद दिल्ली सरकार को दूसरा झटका तब लगा जब अरविन्द केजरीवाल के सबसे करीबी माने जाने वाले व्यक्ति और सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया नप गए। सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि नई आबकारी नीति बनाते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया। मार्च 2021 में मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति का एलान किया और उसके बाद से ही व्यापारियों से साठ-गांठ करने के आरोप लगने लगे। दिल्ली शराब कांड मामले में ईडी की चार्जशीट में सिसोदिया पर 292 करोड़ के स्कैम का ज़िक्र किया गया है। दोनों ही मामलों में दिल्ली में बैठकर ईमानदारी का प्रमाण पत्र बाँटने वाली केजरीवाल सरकार कटघरे में खड़ी हुई है। जनता बेचारी इस बात से हैरान है कि ईमानदारी का ढोल पीटने वालों पर भी सत्ता का मद चढ़ गया या फिर सत्ता हथियाने के लिए ईमानदारी का ढोंग कर जनता के साथ खिलवाड़ किया गया। लुटियन का इतिहास भी राजनीति के रंग से ही लिखा गया है। इतिहास इस बात की गवाही भी देता है कि निर्वासित पुत्रों को अपने अधिकार की भूमि भी न देने के कारण विश्व के इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध भी कुरुक्षेत्र में ही हुआ है। उसी महाभारत ने सत्ता के संग्राम का अध्याय लिखकर गीता जैसे वचनामृत को जन्म दिया, जिसे आज विश्व विद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ मैनेजमेंट लेसन के रूप में पढ़ाया जा रहा है। बहरहाल, इन सबके बाद भी टूटे हुए भरोसे से खोखली हो रही राजनीतिक शुचिता के बारे में सोचना आवश्यक हो गया है। दिल्ली की सरकार तो एक ऐसा उदाहरण भी बनने जा रही है जहाँ जन्म देने वाला पिता भी स्वयं को लज्जित मान कर चढ़े हुए राजनैतिक रंग के चलते ग्लानिभाव का बोध कर रहा है। सरकार या कहें आम आदमी पार्टी का जन्म ही उस आंदोलन से हुआ, जिसका ध्येय भ्रष्टाचार का समूल नाश था पर आज के हालात तो भ्रष्टाचार में सर्वांगीण लिप्तता पर आ ठहरे हैं। केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के काबीना मंत्री रहे लोग ही अपने गिरेबाँ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से बच नहीं ला रहें हैं तो यकीनन अन्य नेताओं के हाल तो ईश्वर ही जाने कि कैसे होंगे! जब सरकार की कोर टीम या कहें राजनैतिक दल का कोर ही गले-गले तक भ्रष्टाचार से घिरा हो तो शुचिता की बात करना भी बेईमानी मानी जाएगी। आज दिल्ली ख़ुद को कितना ठगा हुआ मान रही है जब भरोसे वाले चार भी अब भरोसा तोड़ रहे हैं। अन्ना हज़ारे ने भी सोचा न होगा कि जिन लोगों को अपने भ्रष्टाचाररोधी आंदोलन का मुख्य किरदार बनाया, वही आज भ्रष्टाचार के बड़े ठेकेदार हो रहे हैं। जिन लोगों को ख़ज़ाने की हिफ़ाज़त के लिए चुना था, क्योंकि उनके चेहरे पर ईमानदारी का नक़ाब डला हुआ था, वही आज ख़ज़ाने को लूटने में संलिप्त हो रहे हैं। ऐसे में लुटियन के भाग्य पर तरस के सिवा कुछ आ नहीं सकता। इसी ईमानदारी का ढोल पंजाब में भी ख़ूब पीटा गया, अंततः सत्ता आते ही शराबखोर को राजगद्दी सौंप कर केजरीवाल ने इति श्री कर दी। जिस तरह दिल्ली के भाग्य में अपराधों का पनाहगार बनना आया, वैसा ही कुछ पंजाब के साथ न हो जाए। इस समय सत्ताधीशों की उड़ान के पंखों पर तेज़ उड़ने की चाह टंगी होने से शुचिता, मानकता, मानवीयता और ईमानदारी टके सेर बिकने पर आमादा है। राजनीति में किस पर भरोसा करें यह कहना अब अक्षरशः सत्य भी है क्योंकि इनका नाम ही ईमानदार था, आज वही बेईमानी के राजदूत बने हुए हैं। आम चुनाव बहुत पास आ रहे हैं, सम्भवतः केजरीवाल अन्य राज्यों में सपनों के सौदागर के रूप में पहुंचेंगे, मुफ़्त की दाल-रोटी की पेशकश करेंगे, पर दिल्ली के दामन के दाग़ छुपा नहीं पाएंगे। जिस तरह दिल्ली ठगी गई है उससे उम्मीद तो नहीं लगती कि फिर से केजरीवाल दिल्ली से चुने जाएँ, आखिरकार दिल्ली को यह भी सोचना चाहिए कि राजनैतिक शुचिता की बातें बस बातें हैं, निरा खोखली। दिल्ली को भी अपना फ़ैसला लेना चाहिए, ताकि दिल्ली समृद्ध दिल्ली रहे, ठगस्तान न बन जाए। Read more »
राजनीति सिनेमा ऑस्कर की उपलब्धि को हम सीढ़िया बनाये March 14, 2023 / March 14, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-भारतीय सिनेमा ने एक स्वर्णिम इतिहास रचते हुए पहली बार दो ऑस्कर जीत कर जश्न का अभूतपूर्व अवसर प्रदत्त किया है। आजादी के अमृत महोत्सव की अमृत बेला में 95वें ऑस्कर पुरस्कारों ने भारत सिनेमा में विशेष रूप से अमृतकाल को जन्म दिया है। अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के सबसे चमकदार भव्य मंच पर एक साथ […] Read more » We make the achievement of Oscar a ladder
राजनीति अभी भी नहीं टूटा कांग्रेस के नेताओं का मुगालता! March 12, 2023 / March 12, 2023 by लिमटी खरे | Leave a Comment नार्थ ईस्ट के परिणामों के बाद भी अगर नहीं चेते तो चार राज्यों में सरकार बनाना हो सकता है टेड़ी खीर! लिमटी खरे लगभग एक दशक से सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस के आला नेताओं का मुगालता शायद टूट नहीं पा रहा है। कांग्रेस के आला नेताओं का बर्ताव यही प्रदर्शित कर रहा है […] Read more »
राजनीति अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चमकता भारत March 12, 2023 / March 12, 2023 by जितेन्द्र कुमार नामदेव | Leave a Comment – जितेन्द्र कुमार नामदेव जी-20 की मेजबानी करने वाले भारत की धमक अब पूरी दुनिया में दिखाई देने लगी है। जिन्हें भारत कभी सांप-सपोलों का देश लगता था अब उन्हें भारत के साथ-साथ चलने में अपना भविष्य नजर आ रहा है। भारत से छोटे देश जहां सहयोग की उम्मीद लगाए बैठे हैं, तो बड़े देश […] Read more » India shining on the international stage
राजनीति पड़ोसी की शांति में ही निहित है अपनी भी शांति March 12, 2023 / March 12, 2023 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment जिन ब्रिटिश शासकों से के विरुद्ध संयुक्त भारत के सभी लोगों ने मिलकर पराधीन भारत को स्वाधीनता दिलाई थी,1947 में हुये दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के बाद उसी भारत से पाकिस्तान नामक एक नये राष्ट्र का उदय हुआ। इस्लामी राष्ट्र बनाने से लेकर विश्व इस्लामी जगत में अपना प्रभुत्व स्थापित करने जैसे ‘हवा-हवाई इरादों ‘ के परिणामस्वरूप पाकिस्तान का […] Read more » In the peace of the neighbor lies one's own peace
आर्थिकी राजनीति वैश्विक स्तर पर भुगतान के माध्यम के रूप में स्थापित हो रहा है भारतीय रुपया March 12, 2023 / March 12, 2023 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारत में कच्चा तेल, स्वर्ण एवं रक्षा उपकरण जैसे उत्पादों का आयात सबसे अधिक होता है। आज भारत द्वारा सबसे अधिक तेल का आयात रूस से किया जा रहा है जिसका भुगतान रुपए अथवा रूबल में हो रहा है। “आत्मनिर्भर भारत” की घोषणा के बाद से रक्षा उपकरणों को भारत में ही निर्मित किए जाने […] Read more » Indian rupee is being established as a medium of payment globally
राजनीति सरकारी बजट पर ‘रेवड़ी कल्चर’ का साया खतरनाक March 10, 2023 / March 10, 2023 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- सरकारों के बजट भी अब मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त उपहार बांटने, तोहफों, लुभावनी घोषणाएं एवं योजनाओं की बरसात करने का माध्यम बनते जा रहे हैं। बजट में भी ‘रेवड़ी कल्चर’ का स्पष्ट प्रचलन लगातार बढ़ रहा है, खासकर तब जब उन राज्यों में चुनाव नजदीक हों। ‘फ्रीबीज’ या मुफ्त उपहार न […] Read more » The shadow of 'rewry culture' on the government budget is dangerous
राजनीति विधि-कानून भारतीय संविधान के प्रारूपकार सर बी. एन. राऊ March 10, 2023 / March 10, 2023 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डॉ. राधे श्याम द्विवेदी भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। देश का कानून और संसद इसके द्वारा ही संचालित होती है। देश में जब जब कोई संकट आता या राजनीतिक विवाद होते हैं, तब-तब संविधान का ही हवाला देकर उस विवाद और संकट को हल करने की बात की जाती है। […] Read more » Sir B. N. Rau The drafter of the Indian Constitution
राजनीति क्या राहुल गांधी ने देश से गद्दारी की..? March 10, 2023 / March 10, 2023 by कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल | Leave a Comment ~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल ब्रिटेन के निजी पर्यटन दौरे पर गए राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में भारत विरोधी बयानों की झड़ी लगा दी। वे वहीं नहीं रुके बल्कि – उन्होंने अपनी हर प्रेस कान्फ्रेंस / कार्यक्रम में भारत की संवैधानिक संस्थाओं व भारत विरोधी हमले करते रहे।और भारत की न्यायपालिका का अपमान करते हुए […] Read more » राहुल गांधी ने देश से गद्दारी की