राजनीति विकीलीक और अमेरिकी गुलामों की नई नस्ल March 22, 2011 / December 14, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment कांग्रेस पार्टी और मनमोहन सिंह सरकार के लिए विकीलीक के भारतीय केबल राजनीतिक सिरदर्द बनते जा रहे हैं। इन केबलों का जनता पर कितना असर होगा यह कहना मुश्किल है । क्योंकि आम जनता में विदेश नीति कभी प्रौपेगैण्डा का बड़ा विषय नहीं रही है। यहां तक मासमीडिया में भी विदेश नीति बहुत ही सीमित […] Read more » America अमेरिकी गुलामों
राजनीति कमजोर प्रधानमंत्री के निहितार्थ March 22, 2011 / December 14, 2011 by इफ्तेख़ार अहमद | Leave a Comment – मो. इफ्तेखार अहमद सरकार को अदालती आदेश एक लोकतांत्रिक देश की निकम्मी कार्र्यपालिया पर न्यायपालिका का तमाचा से कम नहीं। धोके से राजनीति में आने की बात कहने वाले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह कभी सपने में भी नहीं सोचे होंगे कि वे एक दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। इसे भाग्य का खेल कहें या […] Read more » Prime Minister
राजनीति विकीलीक और भारत की पाखंडी राजनीति March 18, 2011 / December 14, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on विकीलीक और भारत की पाखंडी राजनीति विकीलीक के भारत संबंधी केबलों के अंग्रेजी दैनिक ‘ हिन्दू’ में निरंतर प्रकाशन के बाद से संसद में हंगामा मचा हुआ है। रोज सांसद इस अखबार में छपी बासी केबलों पर उबल रहे हैं,मचल रहे हैं,संसद ठप्प कर रहे हैं,मनमोहन सिंह से इस्तीफा मांग रहे हैं। यह प्रच्छन्न तरीके से आने वाले विधानसभा चुनावों में […] Read more » Wikileaks
राजनीति मनमोहन का नेतृत्व और उसके मायने March 18, 2011 / December 14, 2011 by पवन कुमार अरविन्द | Leave a Comment पुराने जमाने में किसान जब बैल से खेत की जुताई करता था तो कभी-कभी ऐसी भी स्थितियां आ जाती थीं कि बैल खेत की एक भी क्यारी जोतने या आगे बढ़ने से ही इन्कार कर देता था। ऐसी परिस्थिति में किसान बैल के हर मर्म को समझता था। वह कोई और उपाय न कर बैल […] Read more » Manmohan Singh मनमोहन
राजनीति सत्ता संघर्ष से रू-बरू उत्तर प्रदेश March 18, 2011 / December 14, 2011 by निर्मल रानी | Leave a Comment उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से पूर्व राज्य में राजनैतिक तापमान दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। सत्ता संघर्ष के इस वातावरण ने पूरे प्रदेश में अच्छा-खासा तनाव बना दिया है। साफ प्रतीत हो रहा है कि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख तथा प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती किसी भी कीमत पर अपने हाथ […] Read more » uttar pradesh
राजनीति तिब्बत की लड़ाई का अगला पड़ाव March 17, 2011 / December 14, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on तिब्बत की लड़ाई का अगला पड़ाव राजनीतिक कार्यों से संन्यास लेने की दलाई लामा की घोषणा तिब्बत के लिए ऐतिहासिक महत्व की है। 1959 में इसी दिन ल्हासा में हजारों तिब्बतियों ने चीन की सत्ता के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। हजारों तिब्बती शहीद हो गए थे। तिब्बती स्वतंत्रता का आंदोलन उसी दिन से किसी न किसी रूप में आज तक […] Read more » Tibbet तिब्बत
राजनीति ममता का वामपंथ प्रेम कितना असली ? March 17, 2011 / December 14, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on ममता का वामपंथ प्रेम कितना असली ? पैंतीस साल के वामशासन की आयरनी है कि लोकतंत्र की रक्षा का भार अब वाम के कंधों से उतरकर अवाम दलों के कंधों पर चला गया है। वाम का एकच्छत्र सामाजिक नियंत्रण टूट चुका है। विकल्प के रूप में विपक्षी दलों की साख बेहतर हुई है। खासकर ममता बनर्जी और उनके दल के प्रति आम […] Read more »
राजनीति भट्ट पर ‘‘निशंक’’ की पैनी नजरें! March 15, 2011 / December 14, 2011 by विभोर त्रिखा | Leave a Comment निशंक सरकार ने अपनी सरकार की वाह वाही लूटने के लिए अटल खाद्यान्न योजना तो शुरू कर दी है लेकिन उसे सही ंग से धरातल पर क्रियान्त्रिवत कराने में इस सरकार को सर्दी के मौसम में भी पसीने छूट रहे है। गरीबों को सस्ता राशन देने की घोषणा के बाद लोगों को पहले ही माह […] Read more »
राजनीति ‘‘निशंक सरकार’’ पड़ सकती है कई सियासी मुसीबतों में March 14, 2011 / December 14, 2011 by विभोर त्रिखा | Leave a Comment उत्तराखंड प्रदेश में निशंक सरकार की मुसीबतों में इजाफा होने लगा है जिसकी रफ्तार काफी तेज नजर आ रही है। मुख्यमंत्री डॉ़ रमेश पोखरियाल निशंक के लिए बड़ी परेशानी यह पैदा होने लग गयी है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी उन मामलों को खंगालने लगा है जो कि कुछ समय पहले घोटालों के रूप […] Read more » Political problems सियासी मुसीबतों
राजनीति पंचायत से बड़ी नौकरशाही – राजेन्द्र बंधु March 14, 2011 / December 14, 2011 by राजेंद्र बंधू | Leave a Comment पंचायत रात व्यशवस्थान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सत्ता1 और विकास के अधिकार पंचायत इकाईयों को सौप दिए गए हैं। किन्तुं ये अधिकार पंचायत नौकरशाही के हाथों में ही सिमट कर रह गए हैं। पंचायत स्ततर पर नौकरशाही इतनी शक्तिशाली हो गई है कि पंचायत प्रतिनिधियों के निर्देशों की अवहेलना आम बात हो गई है। […] Read more »
राजनीति पांच भूलें और मार्क्सवाद का भविष्य March 14, 2011 / December 14, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की हवा बनाने में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी ) यानी माकपा की अपनी पांच भूलों की बड़ी भूमिका है। इन पांचों भूलों को तुरंत दुरूस्त किए जाने की जरूरत है। पहली भूल , पार्टी और प्रशासन के बीच में भेद की समाप्ति। इसके तहत प्रशासन की गतिविधियों को ठप्प […] Read more »
राजनीति सूचना आयोगों द्वारा ब्यूरोक्रेसी को बचाने के चक्कर में अपीलों का बढता अम्बार? March 14, 2011 / December 14, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment कुछ समय पूर्व उत्तर प्रदेश में राज्य सूचना आयोग ने एक तरह से अपने हाथ खड़े करते हुए सार्वजनिक रूप से कहा कि ‘‘अब हम इन लोक सूचना अधिकारियों का कुछ नहीं कर सकते|’’ यह निराशापूर्ण हताशा उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्त वीरेन्द्र सक्सेना ने बनारस में सूचना अधिकार पर आधारित एक कार्यक्रम में व्यक्त […] Read more » Bureucracy ब्यूरोक्रेसी