राजनीति क्या ऐसी शासन का शौक रखती है यह सरकार! February 14, 2011 / December 15, 2011 by विकास कुमार | Leave a Comment विकास कुमार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मायावती ने चौथी बार 13 मई 2007 को 1 बजकर40 मिनट पर शपथ ग्रहण की थी ! पिछले तीन बार शासन कर चुकी यह सरकार जब चौथी बार फिर सत्ता में आई तब उत्तर प्रदेश का वह चेहरा साफ साफ झलक रहा था जिसमे मायावती की […] Read more » Mayawati मायावती
राजनीति ये बैठक आरोप-प्रत्यारोप से उपर क्यों नहीं उठते? February 14, 2011 / December 15, 2011 by विकास कुमार | Leave a Comment विकास कुमार भारत के आंतरिक सुरक्षा को लेकर केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच आम सहमति हमेशा से संदेहास्पद रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर आयोजित लगभग हरेक सम्मेलनों या बैठकों का नतीजा अपने मूल मुद्दे को त्याग कर राजनीति का रंग ले लेता है। पिछ्ले कुछ महिनों से राज्यों की […] Read more » Meeting बैठक
राजनीति स्पष्ट जनादेश, वो क्या होता है??? February 13, 2011 / December 15, 2011 by दिवस दिनेश गौड़ | 9 Comments on स्पष्ट जनादेश, वो क्या होता है??? दिवस दिनेश गौड़ मित्रों बहुत दिनों से दिमाग में यही सवाल चल रहा है कि चारों ओर थू थू होने के बाद भी आखिर यह कांग्रेस सत्ता में आती कहाँ से है? मै केवल मेरे आस पास के क्षेत्र की बात नहीं कर रहा, क्यों कि यहाँ तो राजस्थान में भी कांग्रेस की ही सरकार […] Read more » Clear स्पष्ट
राजनीति उत्तर प्रदेश में छिड़ी सत्ता हथियाने की जंग February 12, 2011 / December 15, 2011 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी देश का सबसे घना राज्य उत्तर प्रदेश संभवत: 2012 में विधानसभा के आम चुनावों का सामना करेगा। ज़ाहिर है इन चुनावों में सत्तारुढ़ बहुजन समाज पार्टी जहां अपने आप को सत्ता में कायम रखने के लिए साम-दाम,दंड-भेद सरीखे सारे उपायों को अपनाना चाहेगी वहीं राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टियां कांग्रेस,समाजवादी पार्टी तथा भारतीय […] Read more » uttar pradesh उत्तर प्रदेश मायावती
राजनीति माओवादियों का सच February 11, 2011 / December 15, 2011 by विश्वरंजन | 2 Comments on माओवादियों का सच विश्वरंजन माओवादी दस्तावेजों में यह बात साफ है कि उनकी लोकतांत्रिक व्यवस्था और इस देश की न्याय व्यवस्था में कोई आस्था नहीं है और मूलत: वे उसे हिंसा तथा अन्य तरीकों से ध्वस्त करेंगे। जब मैं एक गिरफ्तार सी.पी.आई. (माओवादी) केसेन्ट्रल कमेटी के सदस्य से पटना में बात कर रहा था, तब उसने साफ कहा […] Read more » Maoist माओवादी
राजनीति वनवास और त्याग से साकार होगा रामराज्य February 11, 2011 / December 15, 2011 by के. एन. गोविंदाचार्य | 4 Comments on वनवास और त्याग से साकार होगा रामराज्य भारत विकास संगम के समापन सत्र में संगम के संरक्षक माननीय के.एन. गोविन्दाचार्य ने मंचस्थ पूज्य सिद्धेश्वर स्वामी, प्रमुख संतजन, सम्मानित अतिथि गण, मातृ शक्ति और देश के कोने-कोने से आई सज्जन शक्ति के अभिवादन के साथ अपने उद्बोध्न की शुरुआत की। प्रस्तुत है उसके मुख्य अंश… भारत विकास संगम का 10 दिवसीय अधिवेशन अपने […] Read more » Shri Ram वनवास
राजनीति जन-क्रांति की रक्षा करना भी जनता का कर्तव्य है February 11, 2011 / December 15, 2011 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment श्रीराम तिवारी एक लोक कथा है ……एक गाँव में खेती किसानी करने वाले किसान रहते थे, उस गाँव में एक जमींदार हुआ करता था. गाँव में दो कुए थे, एक कुआं पूरे गाँव के लिए दूसरा सिर्फ जमींदार के लिए.जमींदार का कुआं उसकी बड़ी-सी हवेली की चहार दीवारी के अंदर था. इसीलिये जमींदार के कुएं […] Read more » People - Revolution जन-क्रांति
राजनीति नाजुक, कोमल माओवादी ! February 10, 2011 / December 15, 2011 by विश्वरंजन | 2 Comments on नाजुक, कोमल माओवादी ! – विश्वरंजन नक्सली माओवादियों के गुप्त शहरी संगठनों में आपको बड़े तादाद में ऐसे माओवादी मिल जाएँगे, जिन्हें हम नाजुक, कोमल माओवादी कह सकते हैं। उन्हें सुकुमार माओवादी भी कहा जा सकता है। यदि आप उनका चेहरा-मोहरा, कद-काठी देखें तो आप जल्दी मानने को तैयार नहीं होंगे कि यह नाजुक सा- कोमल सा लगने वाला […] Read more » Maoist माओवादी
राजनीति मीडिया का गॉसिपतंत्र और असहाय माकपा February 10, 2011 / December 15, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on मीडिया का गॉसिपतंत्र और असहाय माकपा जगदीश्वर चतुर्वेदी मीडिया में व्यक्तित्वहनन एक बड़ा फिनोमिना है। यह मीडिया का चूरन है। गॉसिप है। कुछ लोग इसे चरित्रहनन और अपमान भी कहते हैं। लेकिन यह न तो अपमान है और न निंदाचार है बल्कि गॉसिप है। यह संबंधित व्यक्ति की सार्वजनिक पहचान का कैरीकेचर है। मीडिया यह सब उनके साथ ज्यादा करता है […] Read more » media माकपा मीडिया
राजनीति पूंजीवाद से बेहतर है साम्यवाद -रूमानियाई रिफ्रेंडम का सार … February 10, 2011 / December 15, 2011 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment श्रीराम तिवारी वैश्विक आर्थिक संकट के परिणामस्वरूप जनांदोलनों की दावाग्नि वैसे तो सारी धरती को अंदर से धधका रही है. आधुनिकतम सूचना एवं संचार माध्यमों की भी जन-हितकारी भूमिका अधिकांश मौकों पर द्रष्टव्य रही है. इस आर्थिक संकट की चिंगारी का मूल स्त्रोत पूर्वी यूरोप और सोवियत साम्यवाद के पराभव में सन्निहित है. दुनिया भर […] Read more » Capitalism पूंजीवाद साम्यवाद
राजनीति सेमेटिक चिंतन का ही विस्तार है इस्लाम, ईसाइयत एवं साम्यवाद February 9, 2011 / December 15, 2011 by गौतम चौधरी | 5 Comments on सेमेटिक चिंतन का ही विस्तार है इस्लाम, ईसाइयत एवं साम्यवाद गौतम चौधरी समाजवाद का सिध्दांत रॉवट ओवेन एवं सेंट साईमन ने दिया। मेकाइबर और पेज नामक समाज विज्ञानी ने समाज को परिभाषित किया। पश्चिम में समाज की संरचना का जो क्रमिक विकास हुआ है वह संघर्ष और विखंडन के सिध्दांत पर आधारित है। इसलिए वैज्ञानिक समाजवाद के प्रवर्तक कार्ल मर्क्स को दुनिया का इतिहास संघर्ष […] Read more » Islam इस्लाम ईसाई साम्यवाद
राजनीति विनायक सेन : व्यवस्था की उपज……… February 9, 2011 / December 15, 2011 by राजीव बिश्नोई | 6 Comments on विनायक सेन : व्यवस्था की उपज……… राजीव बिश्नोई “ईश्वर ने सब मनुष्यों को स्वतन्त्र पैदा किया हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्वतंत्रता वहीं तक दी जा सकती हैं, जहाँ दुसरों की आजादी में दखल न पड़े। यही राष्ट्रीय नियमों का मूल हैं” जयशंकर प्रसाद का ये कथन किसी भी लोकतान्त्रिक व्यवस्था वाले देश के लिए सटीक बैठता हैं। तो आखिर विनायक सेन ने ऐसा […] Read more » Vinayak Sen विनायक सेन