राजनीति इंद्रेशजी ने भेजा शांति धारीवाल को नोटिस : देरी से उठाया गया एक सही कदम November 18, 2010 / December 19, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on इंद्रेशजी ने भेजा शांति धारीवाल को नोटिस : देरी से उठाया गया एक सही कदम अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में राजस्थान के गृहमंत्री शांति धारीवाल को संघ के प्रचारक इन्द्रेश कुमार ने कानूनी नोटिस देकर अनर्गल बयानबाजी पर कोर्ट में घसीटने की चेतावनी दी है। राजस्थान पत्रिका के अनुसार, छह पेज के नोटिस में कहा गया है कि धारीवाल द्वारा दिया गया बयान जांच को प्रभावित करने तथा राजनीतिक हित […] Read more » indreshji and dhariwal इंद्रेशजी शांति धारीवाल को नोटिस
राजनीति सुदर्शन प्रकरण में मीडिया की भूमिका और भाजपा नेतृत्व की कमजोरियाँ… November 18, 2010 / December 19, 2011 by सुरेश चिपलूनकर | 10 Comments on सुदर्शन प्रकरण में मीडिया की भूमिका और भाजपा नेतृत्व की कमजोरियाँ… सुदर्शन प्रकरण ने फ़िर से इस बात को रेखांकित किया है कि या तो संघ का अपना खुद का टीवी चैनल और विभिन्न राज्यों में 8-10 अखबार होने चाहिये, या फ़िर वर्तमान उपलब्ध मीडियाई भेड़ियों को वक्त-वक्त पर “समयानुसार कभी हड्डी के टुकड़े और कभी लातों का प्रसाद” देते रहना चाहिये। संघ से जुड़े लोगों […] Read more » Rahul Gandhi Sonia Gandhi Sudershan भाजपा नेतृत्व की कमजोरियाँ सुदर्शन प्रकरण में मीडिया की भूमिका
राजनीति चीन के खिलाफ स्वतंत्र रणनीति बनाए भारत – गौतम चाधरी November 18, 2010 / December 19, 2011 by गौतम चौधरी | 6 Comments on चीन के खिलाफ स्वतंत्र रणनीति बनाए भारत – गौतम चाधरी दुनिया में भले पाकिस्तान की स्थिति कूटनीतिक मामलों में कमजोर दिख रही हो लेकिन दक्षिण एशिया में पाकिस्तान की स्थिति कमजोर नहीं हुई है, बल्की मजबूत हुई है। पाकिसतान के कूटनीतिज्ञ इस बात को अच्छी तरह जानते है कि संयुक्त राज्य अमेरिका को अगर एशिया में सामरिक आधार बनए रखना है तो उसे पाकिस्तान को […] Read more » independent strategy against China चीन के खिलाफ स्वतंत्र रणनीति बनाए भारत
राजनीति नव्य उदारतावाद और साइबरकल्चर की चुनौतियां November 18, 2010 / December 19, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment परवर्ती पूंजीवाद ने एशिया में विकास की नयी राजनीतिक संभावनाओं को खोला है। उसके कारण एशिया इस समय सबसे समर्थ आर्थिक शक्ति बन गया है। शीतयुद्ध की समाप्ति और संचार क्रांति ने विश्व की अर्थनीति में एशिया को ताकतवर बनाया है। एशिया आज जितना ताकतवर है वैसा ताकतवर वह कभी नहीं था। नयी परिस्थितियों में […] Read more » Challenges of cyber culture Neo liberalism नव्य उदारतावाद साइबरकल्चर की चुनौतियां
राजनीति अमेरिका को अधिक लाभ November 18, 2010 / December 19, 2011 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment ऐसा लगता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा आशा से अधिक सफल रही, क्योंकि उनकी यात्रा से बहुत आशाएं किसी ने नहीं लगा रखी थीं। भारत सरकार को भी पता नहीं था कि सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर वे क्या कहेंगे या भारत को वे विश्व परमाणु शक्ति […] Read more » more profit to America अमेरिका को अधिक लाभ
राजनीति सीतारमैया से सीतारमैया तक का सफर : कांग्रेस ने कुचले हैं असहमति के स्वर November 17, 2010 / December 19, 2011 by डॉ. मनोज जैन | 4 Comments on सीतारमैया से सीतारमैया तक का सफर : कांग्रेस ने कुचले हैं असहमति के स्वर “पट्टाभि सीतारमैया की हार मेरी हार है” यह कह कर महात्मा गांधी ने एक व्यक्ति को कांग्रेस संगठन और देश पर भारी साबित करने का जो सिलसिला प्रारंभ किया था बह आज कांग्रेस पार्टी ने फिर से स्थापित करने का प्रयास किया है कि सोनिया गांधी इस देश में सभी सवालों से उपर हैं। और […] Read more » journey of sitarmaiya सीतारमैया का सफर
राजनीति पूंजीवाद की सफलता का रहस्य November 17, 2010 / December 19, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 5 Comments on पूंजीवाद की सफलता का रहस्य हिन्दुस्तान में ऐसे लोगों की किल्लत नहीं हैं जिन्हें मार्क्सवाद का अंत नजर आता है और पूंजीवाद अमर नजर आता है। पहली बात यह कि पूंजीवाद के अंत के रूप में मार्क्सवाद को देखना ही गलत है। खासकर भूमंडलीकरण,नव्य उदार आर्थिक नीतियों के आगमन के बाद सारी दुनिया में जिस तरह के घटनाक्रम का विकास […] Read more » Capitalism पूंजीवाद की सफलता पूंजीवाद की सफलता का रहस्य
राजनीति वहां ५० हजार बेरोजगार, यहाँ ५० करोड़ निराहार; ओबामा चिंताग्रस्त – मगर सिंह साहेब मस्त !!! November 16, 2010 / December 19, 2011 by एल. आर गान्धी | 9 Comments on वहां ५० हजार बेरोजगार, यहाँ ५० करोड़ निराहार; ओबामा चिंताग्रस्त – मगर सिंह साहेब मस्त !!! वहां ५० हजार बेरोजगार,यहाँ ५० करोड़ निराहार ओबामा चिंताग्रस्त – मगर सिंह साहेब मस्त !!! – एल. आर गान्धी दुनिया के सबसे समृद्ध राष्ट्र का सबसे शक्ति सम्प्पन राष्ट्रपति दिवाली के अग्ले दिन जब इन्डिया की व्यापारिक राजधानी मुम्बई पहुँचे तो ‘ आम आदमी ‘ भी खास पशोपेश में पड गया कि भारत भी दुनिया […] Read more » ५० करोड़ निराहार ५० हजार बेरोजगार unemployed in America ओबामा चिंताग्रस्त सिंह साहेब मस्त
राजनीति इन्द्रेश कुमार : भारत माता का सपूत November 16, 2010 / December 19, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 3 Comments on इन्द्रेश कुमार : भारत माता का सपूत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघचालक राजेन्द्र सिंह उर्फ रज्जू भैया कहा करते थे कि मुंह में शक्कर, पांव में चक्कर तथा दिल में आग। यह प्रचारक का लक्षण होता है। यदि आप इंद्रेश कुमार को देखोगे तो उनके अंदर उपरोक्त सारे लक्षण विद्यमान हैं। 62 वर्षीय यह नौजवान निष्काम कर्मयोगी, भारतमाता का पुत्र, दुखियों […] Read more » indresh kumar इन्द्रेश कुमार भारत माता का सपूत
राजनीति अमेरिकी निशाने पर दवा उद्योग November 16, 2010 / December 19, 2011 by हरपाल सिंह | 8 Comments on अमेरिकी निशाने पर दवा उद्योग आपने एक पुरानी कहावत सुनी होगी बाप बड़ा ना भईया सबसे बड़ा रुपइया यह ओबामा के उपर विल्कुल फिट वैठता है। भारत के दौरे पर आये अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी औद्योगिक नीति के तहत ही वो पहले मुम्बई पहुचे सबसे पहले उन्होने आतंकवाद पर अपनी सहानुभूति जताई अपने भाषण में उन्होने कहा भारत और अमेरिका […] Read more » in the eye of America-medicine udyog दवा उद्योग हरपाल सिंह
राजनीति संघ की संस्कृति के विरुद्ध बोले सुदर्शन November 16, 2010 / December 19, 2011 by आवेश तिवारी | 8 Comments on संघ की संस्कृति के विरुद्ध बोले सुदर्शन अपनी स्पष्टवादिता के लिए जाने जाने वाले गोविन्दाचार्य से हमने पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन द्वारा की गयी टिप्पणियों के सम्बंध में बातचीत की ,गोविन्दाचार्य का स्पष्ट मानना है कि ऐसी टिप्पणी का कोई औचित्य नहीं था, मगर कांग्रेस के मौजूदा चरित्र को लेकर उनकी अपनी आपत्तियां हैं ,एक राजनीतिज्ञ से ज्यादा विचारक और विश्लेषक के […] Read more » RSS संघ की संस्कृति के विरुद्ध सुदर्शन
राजनीति सत्ताधीशों की कठपुतली बनता हमारा प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक मीडिया November 16, 2010 / December 19, 2011 by रामदास सोनी | 5 Comments on सत्ताधीशों की कठपुतली बनता हमारा प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक मीडिया अंग्रेजी गुलामी के कालखण्ड में पत्रकारिता की भूमिका नवचैतन्य का प्रतीक थी। संसाधनों का अभाव, सरकारी जुल्मोसितम, हर समाचार पर सरकार की कड़ी नजर के बावजूद भारतीय पत्रकारिता व उस कालखण्ड के मूर्धन्य पत्रकार स्वतंत्रता की अलख जगाने में कामयाब रहे तो उसका श्रेय उनके राष्ट्र व समाज के प्रति समर्पण, दृ़ इच्छाशक्ति, विदेशी गुलामी […] Read more » print and electronic media The puppet rulers प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक मीडिया सत्ताधीशों की कठपुतली