राजनीति चुनाव के बाद क्यों बढ़ती है महँगाई? November 4, 2009 / December 26, 2011 by मन ओज सोमक्रिया | Leave a Comment “अरे मेरे सरकार, बस एक बार इलैक्शन हो जाने दीजिए और हमें पावर में आने दीजिए, फिर आप जो चाहे वो करना। आपको जिस चीज का जितना रेट बढ़ाना है आप बढ़ा लेना। कोई आपको कुछ नहीं कहेगा।” जरा सोच के बताइए कि ये शब्द कौन कह रहा होगा और किस से कह रहा होगा? […] Read more » Inflation मन ओ. सोमक्रिया
राजनीति कांग्रेस की मुस्कान और विपक्ष की सेहत – अनिल विभाकर November 3, 2009 / December 26, 2011 by अनिल विभाकर | Leave a Comment माओवादियों के खिलाफ केंद्र सरकार संयुक्त अभियान कब चलाएगी यह तो अभी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता मगर राजधानी एक्सप्रेस के अगवा होने के बाद इतना कहा जा सकता है कि नक्सलियों के हौसले बुलंद हैं और केंद्र की गर्जना का उनपर कोई असर नहीं दिखाई देता। माओवादी दरअसल विदेशी शक्तियों की मदद […] Read more » Anil Vibhakar bjp Congress Manmohan Singh Prdhanmantri Prime Minister अनिल विभाकर कांग्रेस प्रधानमंत्री भाजपा मनमोहन सिंह माओवादी राजधानी एक्सप्रेस
राजनीति शिव राज में फिर मंत्री विहीन रह गयी शिव की नगरी सिवनी November 2, 2009 / December 26, 2011 by आशुतोष वर्मा | Leave a Comment शिव राज में फिर मंत्री विहीन रह गयी शिव की नगरी सिवनी, प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के प्रवास के बाद भाजपायी हल्कों में यह चर्चा जोर पकड़ गयी थी कि इस बार जब वे मंत्रीमंड़ल विस्तार के लिये अपनी ताश की गड्डी फेंटेंगें तो जिले के नाम जरूर कुछ ना कुछ आ जायेगा। […] Read more » Shivraj शिव राज
राजनीति नवीन के ‘राजधर्म’ पर भारी पडता अमेरिकी प्रमाणपत्र : समन्वय नंद November 2, 2009 / December 26, 2011 by समन्वय नंद | 2 Comments on नवीन के ‘राजधर्म’ पर भारी पडता अमेरिकी प्रमाणपत्र : समन्वय नंद अमेरिका अपने आप को पूरे दुनिया का पहरेदार समझता है। कहां क्या ठीक हो रहा है, और क्या गलत हो रहा है इसकेसंबंध में अपनी टिप्पणियां प्रदान करना अपना नैतिक दायित्व समझता है। कुछ सालों से वह इंटरनेशनल फ्रीडम रिपोर्ट प्रस्तुत कर इसकी घोषणा करता है। इस रिपोर्ट में वह विभिन्न देशो में मजहबी स्वतंत्रता […] Read more » America अमेरिकी
राजनीति नहीं चाहिए एक और शिवसेना : ठाकरेवादी राजनीति से देश कमजोर ही होगा – संजय द्विवेदी November 1, 2009 / December 26, 2011 by संजय द्विवेदी | 2 Comments on नहीं चाहिए एक और शिवसेना : ठाकरेवादी राजनीति से देश कमजोर ही होगा – संजय द्विवेदी महाराष्ट्र और हरियाणा में मीडिया ने जिन्हें खलनायक बनाया था उन्हें जनता ने हीरो बना दिया। राज ठाकरे और ओमप्रकाश चौटाला जिस तरह मीडिया के निशाने पर थे। उनके कर्मों- कुकर्मों की जिस तरह टेलीविजन चैनलों पर व्याख्या हो रही थी वह अद्भुत थी। परिणाम आने के दिन भी चैनल राज के राज पर ही […] Read more » Shivsena शिवसेना
राजनीति उ.प्र. बना तीन दलों के राजनीतिक जंग की प्रयोगशाला – संजय द्विवेदी October 28, 2009 / December 26, 2011 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on उ.प्र. बना तीन दलों के राजनीतिक जंग की प्रयोगशाला – संजय द्विवेदी अमर सिंह एक ऐसे नेता हैं जिनमें मुलायम सिंह यादव के प्राण बसते हैं। मायावती ने इसीलिए दर्द तो मुलायम को दिया है पर हमला अमर सिंह पर किया है। कानपुर के एक थाने में वित्तीय धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज कराया गया है। 500 करोड़ के इस कथित घपले के आरोपियों में अमर सिंह, […] Read more » Amar Singh Mulayam Singh Sanjay Dwedi अमर सिंह मुलायम सिंह संजय द्विवेदी
राजनीति लाल सलाम के क़त्लेआम की वजह October 24, 2009 / December 26, 2011 by चन्दन कुमार | 1 Comment on लाल सलाम के क़त्लेआम की वजह पूंजीवाद और विकास के नाम पर आदिवासियों और समाज में हाशिए पर रह गए लोगों को उनकी ज़मीन और अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है. यदि ये तबका कोशिश भी करे तो इनकी आवाज़ भी सांप के फन की तरह कुचल दिया जाता है. शायद इन्हें नहीं मालूम जब यहीं देश के सत्ताधीशों को […] Read more » Chandan Kumar Lal Salam Naxal Naxalite क़त्लेआम नक्सल राजनीति लाल सलाम
राजनीति इस तरह हार तो लोकतंत्र ही जाता है – पंकज झा October 24, 2009 / December 26, 2011 by पंकज झा | 6 Comments on इस तरह हार तो लोकतंत्र ही जाता है – पंकज झा भाजपा और भारत में एक साम्य ये रहा है कि दोनों भारतीय पौराणिक विचारों से प्रभावित, लोक में प्रचलित विभिन्न पुराने रूपकों और कहावतों को ही सदा अपने विचारों का आधार बनाते रही है. एक बड़े विचारक ने कहा है कि देश दो ही भाषाएँ जानता है रामायण और महाभारत.भाजपा भी इन्ही भाषाओँ में बात […] Read more » Democracy लोकतंत्र
राजनीति लाल सलाम को सलामी October 24, 2009 / December 26, 2011 by चन्दन कुमार | Leave a Comment साल 1967 के दौर में नक्सलबाड़ी से जो चिंगारी उठी, उसने भारत को अपनी आगोश में ले लिया. आज हालात ऐसे हैं कि बंगाल कि यह चिंगारी आंध्रप्रदेश के गांवों तक पहुंच चुकी है. लेकिन सत्ता की मंशा कभी इसे सुलझाने की नहीं रही. देश में जब जनता पार्टी की सरकार थी तब उसी दौर […] Read more » Chandan Kumar Lal Salam Naxalite चन्दन कुमार नक्सल राजनीति
राजनीति ‘थैंक गॉड’ कम से कम एक सांसद तो पियक्कड़ नहीं है! October 14, 2009 / December 26, 2011 by हिमांशु शेखर | 12 Comments on ‘थैंक गॉड’ कम से कम एक सांसद तो पियक्कड़ नहीं है! अभी हाल में हुई प्रभात झा और विजय माल्या प्रकरण ने हमारे देश के गणमान्य सांसदों की पोल खोल दी है। अभी तक तो जनता इस बात से पूरी तरह बेखबर ही थी कि जनता की नुमाइंदी करने का ढोंग रचने वाले सांसदों को कैसे-कैसे गिफ्ट मिलते हैं। इस प्रकरण के बात जनता की नाम […] Read more » Depawali Prabhat Jha Vijay Mallya Wine Gift सांसद
राजनीति ये है दिल्ली मेरी जान October 12, 2009 / December 26, 2011 by लिमटी खरे | 33 Comments on ये है दिल्ली मेरी जान कहां खो गया कांग्रेस का चाणक्य! एक समय था जब देश की राजनीति में कुंवर अर्जुन सिंह को कांग्रेस की आधुनिक राजनीति का चाणक्य माना जाता था। देश में उनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिल पाता था। खतो खिताब की राजनीति के जनक अर्जुन सिंह चाहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या […] Read more » Delhi दिल्ली
राजनीति युवराज के नाटक October 11, 2009 / December 26, 2011 by हिमांशु डबराल | 3 Comments on युवराज के नाटक अब आप सोच रहे होंगे कि युवराज कौन? हम इस देश की सत्तारूढ़ पार्टी के युवराज की बात कर रहे हैं। पुराने समय में राजा-महाराजा हुआ करते थे और उनके पुत्रों को युवराज कहा जाता था। रजवाड़े खत्म हो गए लेकिन आज के आधुनिक दौर में भी युवराज होते हैं। अब युवराज हैं तो भइया […] Read more » Yuvraj युवराज