शख्सियत समाज ‘सामवदेभाष्यकार आचार्य रामनाथ वेदालंकार का महान व्यक्तित्व’ July 7, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आज 102 वी जयन्ती पर -मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द की वैदिक विद्वानों की शिष्य मण्डली में आचार्य रामनाथ वेदालंकार जी का मुख्य स्थान है। अपने पिता की प्रेरणा से गुरुकुल कागड़ी, हरिद्वार में शिक्षा पाकर और वहीं एक उपाध्याय व प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवायें देकर तथा अध्ययन, अध्यापन, वेदों पर चिन्तन व […] Read more » आचार्य रामनाथ वेदालंकार सामवदेभाष्यकार आचार्य रामनाथ वेदालंकार
विधि-कानून समाज सभी के लिए समान कानून ? July 6, 2016 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on सभी के लिए समान कानून ? प्रमोद भार्गव देश में समान नागरिक संहिता को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है। इस बीच केंद्र सरकार ने एकाएक बड़ा कदम उठाते हुए विधि आयोग से इसे लागू करने को लेकर आ रही दिक्कतों की पड़ताल करने के लिए कहा है। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब किसी सरकार ने […] Read more » Featured uniform civil code Uniform Civil Code in India सभी के लिए समान कानून
महत्वपूर्ण लेख समाज “वसुधैव कुटुम्बकम” के विपरीत जातिबाद में बंटा समाज July 6, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी भारत में जाति सर्वव्यापी तत्व है । ईसाइयों, मुसलमानों, जैनों, बौद्धों और सिखों में भी जातियां हैं और उनमें भी उच्च, निम्न तथा शुद्ध-अशुद्ध जातियों का भेद विद्यमान है, लेकिन बात सिर्फ हिन्दू जातियों की इसलिए होती है, क्योंकि हिन्दू बहुसंख्यक हैं और जातियों में फूट डालकर या जातिवाद को बढ़ावा देकर […] Read more » instead of basudhaiv kutumbkam society is divided into casteism आर्य शब्द का अर्थ क्षत्रिय कौन है जाति निर्धारण के तरीके :-जाति निर्धारण के तरीके जातिवाद एक अभिशाप वंश आधारित समाज हर आदमी की चारों जातियां हिन्दू शब्द की उत्पत्ति
विधि-कानून समाज भारत में आवश्यक है समान नागरिक कानून July 4, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 2 Comments on भारत में आवश्यक है समान नागरिक कानून सुरेश हिंदुस्थानी प्राय: कहा जाता है कि कठोर कानूनों के माध्यम से ही देश के अंदर एकता का भाव निर्मित होता है। इसमें सबके लिए एक प्रकार का कानून हो तो इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जा सकते हैं, लेकिन भारत देश में अंग्रेजों के समय से ही कानूनों को इस प्रकार से बनाया […] Read more » Featured uniform civil code Uniform Civil Code in India आवश्यक है समान नागरिक कानून भारत समान नागरिक कानून
समाज क्यों गुम हो रहा है जीवन का संगीत? July 4, 2016 / July 4, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग जीवन का तब तक कोई मतलब नहीं होता जब तक इसे जीने वाला इसके लिये अर्थ न चुन ले। मानव जीवन का मूल्य तभी बढ़ता है जब आप जीवन को समझते हैं, जीवन के प्रति आपका सकारात्मक नजरिया होता है। क्लियरवाॅटर ने कहा भी है कि हरेक पल आप नया जन्म […] Read more » क्यों गुम हो रहा है जीवन का संगीत? गुम हो रहा है जीवन का संगीत
शख्सियत समाज हटेगा,गुमनामी बाबा के रहस्य से पर्दा ! July 2, 2016 / July 2, 2016 by संजय सक्सेना | Leave a Comment संजय सक्सेना हिन्दुस्तानी हुकूमतें चाहें तो किसी भी राज से पर्दा उठ सकता है और न चाहें तो जनता सिर पटक कर मर जाये,लेकिन किसी को कुछ पता नहीं चलता है। अगर ऐसा न होता तो फैजाबाद के गुमनामी बाबा (जिनके बार में आम धारणा यही है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाष चन्द्र बोस […] Read more » Featured Gumnami Baba subhash chandra bose was subhash chandra bose the gumnami baba गुमनामी बाबा
आर्थिकी समाज उद्योग जगत में शीर्ष पर पहुँचती भारतीय महिलायें July 2, 2016 by पुष्पेन्द्र दीक्षित | Leave a Comment भारत ऐसा देश है जहां स्त्रियों को देवी का दर्जा दिया गया है । वैदिक काल के मनु महाराज ने कहा है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता अर्थात जहां नारियों की पूजा होती है ,वहाँ देवता निवास करते हैं । युग चाहे कोई भी रहा हो वैदिक काल से आधुनिक काल तक भारतीय […] Read more » Featured Indian women on the top indian women reaching on the top in business world successful women in banking sectors top Indian women उद्योग जगत भारतीय महिलायें शीर्ष पर पहुँचती भारतीय महिलायें
समाज ईद है मानव से मानव के मिलन का त्यौहार July 1, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग भारतवर्ष की ख्याति जहां यहां के साम्प्रदायिक सौहार्द एवं आपसी सद्भावना के कारण है वहीं यहां के पर्व-त्यौहारों की धर्म-समन्वय एवं एकता के कारण भी है। इन त्योहारों में इस देश की सांस्कृतिक विविधता झलकती है। यहां बहुत-सी कौमें एवं जातियां अपने-अपने पर्व-त्योहारों तथा रीति-रिवाजों के साथ आगे बढ़ी हैं। प्रत्येक पर्व-त्यौहार […] Read more » ईद मानव से मानव के मिलन का त्यौहार
समाज वेदाज्ञा के अनुसार पारिवारिक व्यवहार का स्वरूप July 1, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य चार वेद सब सत्य विद्याओं की पुस्तकें हैं। यह पुस्तकें मनुष्यों द्वारा रचित व लिखित न होकर अपौरुषेय हैं। इन ग्रन्थों में निहित ज्ञान को मनुष्यों को देने वाला परम पिता परमेश्वर ही है। सृष्टि के आरम्भ में ईश्वर ने अपने पुत्र व पुत्रियों के तुल्य जीवों पर दया कर उन्हें कर्तव्याकर्तव्य […] Read more » पारिवारिक व्यवहार का स्वरूप
समाज वैदिक परिवार सुखी व श्रेष्ठ परिवार July 1, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आदर्श परिवार और सन्तान सृष्टि के आरम्भ से ही मनुष्य समाज की प्राथमिक आवश्यकता रही है। हमें लगता है कि ईश्वर ने वेदों का जो ज्ञान दिया है उसमें इस बात को भी ध्यान रखा गया है और इसके सभी समाधान वेद में निहित है, ऐसा मानने के पर्याप्त आधार हैं। सभी […] Read more » वैदिक परिवार सुखी व श्रेष्ठ परिवार
पर्यावरण समाज बचायें जल,सवारें कल June 30, 2016 by पुष्पेन्द्र दीक्षित | Leave a Comment क्षिति,जल,पावक,गगन ,समीरा पांच तत्व से बना शरीरा अर्थात यह शरीर क्षिति (पृथ्वी ),जल ,पावक ,गगन और समीर (हवा ) इन पांच तत्वों से मिलकर बना है और इन पांच तत्वों मे जल एक ऐसा तत्व है ,जिसके बिना धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है । आधुनिक वैज्ञानिकों की मानें तो […] Read more » Featured save humanity save water बचायें जल
समाज क्यों ना भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा भी लगाते? June 30, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | 2 Comments on क्यों ना भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा भी लगाते? टाइम्स नाऊ नमक अंग्रेजी न्यूज़ चैनल को दिए ताज़ा साक्षात्कार में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा ” बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं जो दिखाई नहीं देतीं हैं। कोई इस चीज़ को नहीं समझ सकता कि मैं किस तरह की गंदगी का सामना […] Read more » Featured raise voice against corruption society against corruption भ्रष्टाचार मुक्त भारत भ्रष्टाचार मुक्त भारत का नारा