समाज बीमारी, बेकारी और सरकार की लापरवाही से सिकुड़ रहा है बिरहोरों का कुनबा June 8, 2012 / June 10, 2012 by इन्द्रमणि | Leave a Comment इन्द्रमणि साहू झारखंड में बिरहोर जनजाति एक विलुप्तप्राय मगर एक विषिष्ठ जनजाति है जो झारखंड के जंगलों या जंगलों के किनारे निवास करता है. इस राज्य के कर्इ जिलों में यह जनजाति आज भी अच्छी-खासी संख्या में है खासकर कोडरमा, पलामू, गढ़वा, धनबाद, सिंहभूम, गिरिडीह, लोहरदग्गा, रांची, हजारीबाग, गुमला इत्यादि में. लेकिन, अफसोस इस बात […] Read more » बिरहोरों का कुनबा
समाज बदलते गांव June 7, 2012 / June 7, 2012 by राघवेन्द्र कुमार 'राघव' | 2 Comments on बदलते गांव मेरा गांव मेरा देश मेरा ये वतन , तुझपे निसार है मेरा तन मेरा मन | ऐसा ही होता है गांव ? जहाँ हर आदमी के दिल में प्रेम हिलोरें मारता है |जहा इंसानी ज़ज्बात खुलकर खेलते खेलते हैं |हर कोई एक दूसरे के सुख , दुःख में भागीदार होता है | पड़ोसी के भूखे […] Read more » बदलते गांव
समाज चर्च और नक्सली गठजोड़ बड़ी चुनौती June 7, 2012 / June 7, 2012 by प्रवीण दुबे | 2 Comments on चर्च और नक्सली गठजोड़ बड़ी चुनौती प्रवीण दुबे भारत के अनेक राज्यों में संचालित हो रहा माओवादी (नक्सली) आंदोलन चर्च की सहायता से हिन्दुओं के मतान्तरण कराने का षड्यंत्र है। इस षड्यंत्र को सोनिया कांग्रेस का खुला समर्थन है। इसके पीछे जहां ईसाईयों की ताकत भारत में बढ़ाना मूल उद्देश्य है वहीं भारत विरोधी विदेशी शक्तियों का भारत में हस्तक्षेप बढ़ाना […] Read more » missionaries and naxals चर्च और नक्सली गठजोड़
चिंतन समाज बदहाल कानून के साये में जिंदगी June 3, 2012 / June 3, 2012 by राखी रघुवंशी | Leave a Comment राखी रघुवंशी अपने चरम पर हैं। हर रोज अखबार में अपराध से जुड़ी दो खबरें तो निशिचत तौर पर प्रकाशित होती ही हैं। मर्डर, चोरी, बलात्कार, दुर्घटना या फिर विधार्थियों द्वारा आत्महत्या। इनमें सबसे निर्मम है, ट्रक या डंपर चालकों का आम व्यकित को बेरहमी से कुचलते हुए जाना। हम रोज सुबह की शुरूआत अखबार […] Read more » crime in M.P मध्यप्रदेश में अपराध
समाज धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन: खुशहाल जीवन का अजेय दुश्मन June 1, 2012 / June 10, 2012 by राजेश कश्यप | Leave a Comment राजेश कश्यप धूम्रपान का सेवन करना, स्पष्टतः जीवन को नरक से भी बदत्तर बनाना है। इससे आर्थिक, शारीरिक और सामाजिक आदि हर स्तर पर नुकसान ही नुकसान होता है। एक तरह से धूम्रपान एवं तम्बाकू का सेवन, खुशहाल जीवन का अजेय दुश्मन कहा जा सकता है। यदि विशेषज्ञों की शोध रिपोर्टों का अवलोकन और धूम्रपान […] Read more » tobacco injurious to health धूम्रपान एवं तम्बाकू सेवन
मीडिया समाज सत्यमेव जयते May 25, 2012 / May 25, 2012 by वीरेन्द्र जैन | 5 Comments on सत्यमेव जयते वीरेन्द्र जैन सत्यमेव जयते सम्वेदनात्मक ज्ञान की भेदक क्षमता और मीडिया के सदुपयोग का उदाहरण जयप्रकाश आन्दोलन और इमरजैंसी के दौरान अपनी गज़लों के माध्यम से पूरे समाज को झकझोर देने वाले शायर दुष्यंत कुमार का एक शे’र है- वे मुतमईन हैं पत्थर पिघल नहीं सकता मैं बेकरार हूं आवाज़ में असर के लिए […] Read more » aamir klhan show satyamev jayate increasing popularity of satyamev jayate satyamev jayate सत्यमेव जयते
समाज कार्टून विवादः बुध्दिजीवियों को ही समाज की सोच बदलनी होगी ! May 23, 2012 / July 22, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on कार्टून विवादः बुध्दिजीवियों को ही समाज की सोच बदलनी होगी ! इक़बाल हिंदुस्तानी वोटबैंक की राजनीति का शिकार राजनेताओं से उम्मीद बेकार! एनसीईआरटी की किताबों मे बाबासाहब अंबेडकर के कार्टून को लेकर शुरू हुआ विवाद अब इस मोड़ पर आ गया है कि सभी दलों के नेता इस बात पर सहमत हैं कि इस तरह के कार्टूनों की बच्चो की पाठ्यपुस्तकों में कोई जगह नहीं होनी […] Read more » cartoon of Ambedkar ji कार्टून विवाद
समाज कार्टून: क्या छात्रों का दिमाग बदलने की साजिश है ? May 19, 2012 / July 22, 2012 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on कार्टून: क्या छात्रों का दिमाग बदलने की साजिश है ? प्रमोद भार्गव एनसीइइारटी की पाठयपुस्तकों में छपे काटूनों को लेकर संसद में एक बार विवाद फिर गहरा गया है। जबकि डाक्टर भीमराव आम्बेडकर से जुड़े विवाद की आग अभी ठण्डी भी नहीं पड़ी है। दरअसल कक्षा नौ, दस और ग्यारहवीं में पढ़ार्इ जाने वाली डेमोक्रेटिक, पालिटिक्स नामक पुस्तक में देश के राजनीतिकों को आपतितजनक ढंग […] Read more » cartoon of bhim rao ambedkar डाक्टर भीमराव आम्बेडकर-कार्टून
समाज कृपा बेचने वाले र्इसार्इ धर्मगुरु May 18, 2012 / May 18, 2012 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on कृपा बेचने वाले र्इसार्इ धर्मगुरु प्रमोद भार्गव र्इश्वरीय कृपा को बेचने का कारोबार फैल रहा है। अब तक हिंदू धर्मगुरु निर्मल बाबा कचौरी-समौसे खिलाकर कल्याणकारी कृपा बेच रहे थे, अब इन्हीं की तर्ज पर र्इसार्इ धर्मगुरु पाल दिनाकरण उर्फ पाल बाबा प्रार्थना का पैकेज बेच रहे हैं। निर्मल बाबा की कृपा भक्तों पर जहां दो हजार रुपये में बरसती है, […] Read more » paul dinakaran कृपा बेचने वाले र्इसार्इ धर्मगुरु पाल दिनाकरण र्इसार्इ धर्मगुरु पाल दिनाकरण
समाज लवमैरिजः समस्या सामाजिक, समाधान प्रशासनिक ! May 18, 2012 / May 18, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी पुरूषप्रधान समाज की ‘तालिबानी सोच’ पता नहीं कब बदलेगी? प्यार करना अपराध नहीं है यह स्वाभाविक और प्राकृतिक है और दो बालिग युवक युवती का अपनी पंसद से शादी करना संवैधानिक अधिकार है। इसके बावजूद ऐसी घटनायें बढ़ती जा रही हैं जिनमें पहले प्रेमी-प्रमिका को चोरी छिपे इसलिये प्यार करना पड़ता है क्योंकि […] Read more » love marriage लवमैरि समस्या सामाजिक समाधान प्रशासनिक
समाज कार्टून ’वाद’ और विवाद May 18, 2012 / July 22, 2012 by रत्नेश कातुलकर | Leave a Comment रत्नेश कातुलकर इन दिनों मीडिया और वैकल्पिक मीडिया दोनों ही जगह डॉ आंबेडकर के कार्टून के मुद्दे पर बहस गरम है. संसद जहां एक स्वर से इस कार्टून को गलत बताकर एन.सी.ई.आर.टी. की किताब से इसे हटवाने पर प्रस्ताव पास कर चुकी हैं. वहीँ बुद्धिजीवियों का एक वर्ग, इस विरोध को बचकाना बताते हुए इसे […] Read more » cartoon of dr. ambedkar कार्टून’वाद’ कार्टून’वाद’ और विवाद विवाद
समाज दुनिया और ज़िंदगी का कड़वा सच ‘‘प्रेमधाम आश्रम’’ May 15, 2012 / May 15, 2012 by शादाब जाफर 'शादाब' | 1 Comment on दुनिया और ज़िंदगी का कड़वा सच ‘‘प्रेमधाम आश्रम’’ शादाब जफर ‘‘शादाब’’ आज हमारे समाज में हम देख और पढ रहे है कि रोज़ इंसानी रिश्ते किस प्रकार तार तार हो रहे है, दया ममता की देवी समझी जाने वाली मां आज अपने जिगर के टुक्डो को जन्म देने के बाद किस प्रकार और किस दिल से पन्नी और टाट, बोरी के टुक्डो में […] Read more » nazibabad premdham ashram premdham nazibabad प्रेमधाम आश्रम