विविधा (स्वर्गीय) श्रीलाल शुक्ल के अमर ग्रंथ ‘राग दरबारी’ September 3, 2018 / December 5, 2018 by अभिलेख यादव | 2 Comments on (स्वर्गीय) श्रीलाल शुक्ल के अमर ग्रंथ ‘राग दरबारी’ अनिल सिंह कुछ दिन पहले अखबार में पढ़ा कि (स्वर्गीय) श्रीलाल शुक्ल के अमर ग्रंथ ‘राग दरबारी’ के प्रकाशन के 50 वर्ष पूरे हो गये। पढ़ कर दिमाग बरबस ही उस दिन की ओर चला गया जब पहली बार यह पुस्तक मुझे पढ़ने को मिली थी। मुझे अच्छी तरह याद है: जून 1981 की बात […] Read more » Featured आदमी खन्ना मास्टर गयादीन जी चन्द्रशेखर आजाद चाय-बिस्कुट छात्र छोटे पहलवान प्रिंसिपल साहब बद्री पहलवान शिवपालगंज सनीचर
विविधा लेखन को स्थायित्व और वैधता देती निजी वेबसाइट August 21, 2018 / August 21, 2018 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ इंटरनेट की इस दुनिया ने पाठकों की पहुँच और पठन की आदत दोनों ही बदल दी है, इसी के चलते प्रकाशन और लेखकों का नज़रिया भी बदलने लगा है। भारत में लगभग हर अच्छे-बुरे का आंकलन उसके सोशल मीडिया / इंटरनेट पर उपस्थिति के रिपोर्टकार्ड के चश्में से देखकर तय किया […] Read more » Featured कंपनी पृष्ठ वर्तमान इंटरनेट व्यक्ति समीक्षा तथा सोशल मीडिया सरकार संस्था संस्थान साहित्यकर्मी से समाजकर्मी
विविधा बिजली आपूर्ति: ज़ोर का झटका जो धीरे से लगे? August 16, 2018 / August 17, 2018 by निर्मल रानी | 1 Comment on बिजली आपूर्ति: ज़ोर का झटका जो धीरे से लगे? निर्मल रानी भारतवर्ष में बिजली की शुरुआत का इतिहास वैसे तो 24 जुलाई 1879 में कोलकता से संबंधित बताया जाता है जबकि बिजली से होने वाले चमत्कारों अथवा उपयोगों का प्रदर्शन मुंबई में 1882 में हुआ। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भारत में बिजली का विस्तार कितनी गति से हुआ इसका अंदाज़ा केवल इसी बात से […] Read more » Featured बिजली बिजली आपूर्ति: ज़ोर का झटका जो धीरे से लगे? मध्यप्रदेश शरद ऋतु हरियाणा
विविधा भारत में मिशनरियों की खॊखली आक्रामकता का इतिहास August 16, 2018 / August 22, 2018 by डॉ. मधुसूदन | 5 Comments on भारत में मिशनरियों की खॊखली आक्रामकता का इतिहास डॉ. मधुसूदन सूचना: संदर्भ के लिए इसके पूर्व के प्रोटो इण्डो युरोपीयन भाषा पर लिखे आलेख का पठन आवश्यक है. (एक) हीन् ग्रंथि साहेबों का आक्रामक पैंतरा कभी आप बार बार ऊंची टांग रखनेवाले लोगों के मन में प्रवेश करें तो आपको हीन ग्रंथि के दर्शन होने की संभावना है. ऐसा आक्रामक पैतरा, हीन ग्रंथि […] Read more » Featured आक्रामकता का इतिहास फादर भारत में मदर मिशनरियों की खॊखली संस्कृत
विविधा निराशा का अंधेरा: आशा का उजाला August 16, 2018 / August 16, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग सफल एवं सार्थक जीवन जीने के लिये हमें ऐसी तैयारी करनी होगी जहां हमारा हर कर्म एवं सोच हमें नया आयाम दे, नया वेग दे और नया क्षितिज दे। यूं कहा जा सकता है कि जहां जीवन में बदलाव का ऐसा प्राणवान और जीवंत पल हमारे हाथ में होगा, जिससे हम एक दिव्य, […] Read more » Featured आस्था धर्म-ग्रंथ निराशा का अंधेरा: आशा का उजाला निष्ठा फूलों भविष्य उज्ज्वल श्रेष्ठ संकल्प और पुरुषार्थ
विविधा न सा सभा यत्र न सन्ति वृद्धाः॥ वृद्ध जनों का योगदान भा. (१) August 14, 2018 / August 14, 2018 by डॉ. मधुसूदन | Leave a Comment डॉ. मधुसूदन सूचना: इसआलेख को *वे न दुखडा गाएंगे, न तुम अनुमान कर पाओगे* आलेख के बाद पढें. सारांश: * कोई प्रेम से चाय पिलाता है, तो चाय से अधिक पिलानेवाले का प्रेम व्यक्त होता है. मनुष्य जितना प्रेम का भूखा है; उतना उस चाय का नहीं.* *इस प्रेम की अनुभूति ही सुख का रहस्य […] Read more » Featured न सा सभा यत्र न प्रेम श्रृंखला सन्ति वृद्धाः समृद्ध स्मृतियाँ .
विविधा चक दे इंडिया की ओर ले जातीं यशोधरा राजे सिंधिया August 7, 2018 / August 7, 2018 by विवेक कुमार पाठक | Leave a Comment विवेक कुमार पाठक स्वतंत्र पत्रकार खिलाड़ियों की पौध खड़ा करने वाला मंत्री अगर खेलकूद का प्रशंसक हो तो खेल के लिए इससे बेहतर बात नहीं हो सकती है। मप्र में इस वक्त यह बात साकार होते दिख रही है। प्रदेश की खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधराराजे सिंधिया खिलाड़ियों की तरह खेल भावना रखने वाली […] Read more » Featured चक दे इंडिया की ओर ले जातीं पुलेला गोपाचंद महिला हॉकी खिलाड़ियों यशोधरा राजे सिंधिया साहना नेहवाल
विविधा प्रोटो इण्डो युरोपीयन भाषा की कपोल कल्पना: डॉ. मधुसूदन August 3, 2018 / August 3, 2018 by डॉ. मधुसूदन | 4 Comments on प्रोटो इण्डो युरोपीयन भाषा की कपोल कल्पना: डॉ. मधुसूदन डॉ. मधुसूदन प्रवेश: आज आक्रामक पैतरा ले रहा हूँ. जैसे बालक बिन्दू बिन्दू क्रमवार जोडकर चित्र बना देता है, कुछ उसी प्रकार मैं वास्तविक घटनाओं के पीछे की मानसिकता उजागर करने का प्रयास कर रहा हूँ. आज अंग्रेज़ी शासन के साथ साथ भारत आए मिशनरियॊ की मानसिकता में दृष्टिपात करते हैं. आलेख कुछ इतिहास का […] Read more » Featured एशियाटिक सोसायटी प्रोटो इण्डो युरोपीयन भाषा की कपोल कल्पना: डॉ. मधुसूदन यूरोपीय प्रभाव लेखक देवेन्द्रनाथ हिन्दू धर्म
विविधा अहम सवाल- जिन्दगी जैसी है वैसी क्यों हैं August 1, 2018 / August 1, 2018 by गंगानन्द झा | Leave a Comment गंगानन्द झा रचना (यहाँ टाइप या पेस्ट करें): एक किताब मिली। The Vital Question. Why life is the way it is. लेखक हैं Nick Lane । (अहम सवाल, जिन्दगी जैसी है वैसी क्यों है। ) मैं जीव-विज्ञान का छात्र रहा हूँ।मैंने सीखा कि प्रोटोप्लाज्म जीवन का भौतिक आधार है। मैंने सीखा कि पदार्थ के एक विशेष […] Read more » Featured अहम सवाल- जिन्दगी जैसी है वैसी क्यों हैं आत्मा जीव-विज्ञान परमात्मा रवीन्द्रनाथ ठाकुर लोक परलोक
विविधा सेवा कार्य ही ईश्वरीय कार्य : प्रो. संजय द्विवेदी July 30, 2018 / July 30, 2018 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment सेवा भारती द्वारा मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान समारोह आयोजित, 250 विद्यार्थियों को किया गया पुरुस्कृत प्रो. संजय द्विवेदी भोपाल, 29 जुलाई। सेवा कार्य ही ईश्वरीय कार्य है। जब हम समाज को शिक्षित, संस्कारित, स्वावलंबी और समरस बनाने के लिए सेवा कार्य करते हैं तो उसी आनंद की अनुभूति करते हैं,जो ईश्वर की आराधना में प्राप्त होता है। यह विचार माखनलाल […] Read more » Featured दिव्यांग बालकों शिक्षा शिक्षा एवं संस्कार केंद्र शिशु-बाल समरसता संस्कार सेवा कार्य ही ईश्वरीय कार्य : प्रो. संजय द्विवेदी स्वावलंबन स्वास्थ्य
विविधा लातिनी और संस्कृत -भाषा में बदलाव की तुलना July 26, 2018 / July 26, 2018 by डॉ. मधुसूदन | 6 Comments on लातिनी और संस्कृत -भाषा में बदलाव की तुलना डॉ. मधुसूदन (एक) भाषाएँ क्यों बदलती हैं? संसार की सभी भाषाओं का व्याकरण धीरे धीरे बदलता रहा है. उनके उच्चारण भी बदलते रहते हैं. वर्णाक्षरों की संख्या भी बदलते रहती है. व्याकरण, वर्णाक्षर, और उच्चारण ऐसे तीन बदलाव आप संसार की सभी भाषाओं में देख पाएँगे. इस प्रक्रिया के निरीक्षण के कारण एक सूत्र ही […] Read more » Featured एन्सायक्लोपेडिया ऑफ हिन्दुइज़्म ब्राह्मी और देवनागरी मॅक्स मूलर के आय. सी. एस लातिनी और संस्कृत -भाषा में बदलाव की तुलना
विविधा लातिनी और संस्कृत -भाषा में बदलाव की तुलना July 24, 2018 / July 24, 2018 by डॉ. मधुसूदन | 2 Comments on लातिनी और संस्कृत -भाषा में बदलाव की तुलना डॉ. मधुसूदन (एक) भाषाएँ क्यों बदलती हैं? संसार की सभी भाषाओं का व्याकरण धीरे धीरे बदलता रहा है. उनके उच्चारण भी बदलते रहते हैं. वर्णाक्षरों की संख्या भी बदलते रहती है. व्याकरण, वर्णाक्षर, और उच्चारण ऐसे तीन बदलाव आप संसार की सभी भाषाओं में देख पाएँगे. इस प्रक्रिया के निरीक्षण के कारण एक सूत्र ही […] Read more » Featured अंग्रेज़ी . उच्चारण देवनागरी लिपि लातिनी और संस्कृत -भाषा में बदलाव की तुलना संस्कृत