विविधा गंगा की गुहार सुनें May 29, 2015 / May 29, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment -अरुण तिवारी- -…ताकि गंगा भी न मांग ले इच्छा मृत्यु- 28 मई, 2015; दिन गुरुवार, पंचाग के हिसाब से गंगा दशहरा यानी ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि! भगवान बाबा श्री काशीविश्वनाथ की कलशयात्रा का पवित्र दिन !! कभी इसी दिन बिंदुसर के तट पर राजा भगीरथ का तप सफल हुआ। पृथ्वी पर गंगा […] Read more » Featured गंगा गंगा की गुहार सुनें गंगा दशहरा
विविधा अन्नदाता : सम्मान या अपमान May 29, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -विशाल त्यागी- अन्नदाता : भारत देश में यह एक परिचित सा शब्द है, जो हर रोज किसी समाचार पत्र या पत्रिका के पन्नो को तेजी से पलटते हुए हमारे सामने आ ही जाता है| जहाँ तक शब्दार्थ से समझ आता है तो यह नाम देश की उस बड़ी आबादी को दिया गया है जो अपनी उपजाऊ जमीन […] Read more » Featured अन्नदाता अन्नदाता : सम्मान या अपमान किसान कृषि
विविधा गौ रक्षा की एक अनुकरणीय पहल May 29, 2015 / May 29, 2015 by विनोद बंसल | 1 Comment on गौ रक्षा की एक अनुकरणीय पहल -विनोद बंसल- एक ओर जहां कुछ राज्य सरकारें देश की ऊर्जा के मुख्य श्रोत भारतीय गौ-वंश को बचाने में लगी हैं वहीं कुछ विकृत मानसिकता के हिन्दू द्रोही लोग तरह-तरह के कुतर्क देकर उसके दूध व पंचगव्य के सेवन से ऊर्जा ग्रहण करने की बजाय गौ-वंश के ही भक्षण को आतुर हैं। देश के केन्द्रीय मंत्री […] Read more » Featured गाय गौ रक्षा गौ रक्षा की एक अनुकरणीय पहल
विविधा देशी विचारक मोदी सरकार का एक वर्ष May 29, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अवधेश कुमार पाण्डेय- मैं कोई पत्रकार नहीं, संस्था नहीं बल्कि भारत का आम नागरिक हूँ. मोदी सरकार ने देश विदेश में क्या किया? क्या नहीं किया? क्या करना चाहिये? क्या नहीं करना चाहिये? इसका आकलन भी नहीं कर रहा हूँ. मैं बेहिचक स्वीकार करता हूँ कि भारत के आम नागरिक की तरह उम्मीदों की लहर […] Read more » Featured देशी विचारक मोदी सरकार का एक वर्ष नरेंद्र मोदी मोदी सरकार
विविधा भ्रष्टाचार का गरलः निजात नहीं सरल May 29, 2015 / May 29, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- चाणक्य ने कहा था कि जिस तरह अपनी जिह्ना पर रखे शहद या हलाहल को न चखना असंभव है, उसी प्रकार सरकारी कोष से संबंधित व्यक्ति राजा के धन का उपयोग न करे, यह भी असंभव है। जिस प्रकार पानी के अन्दर मछली पानी पी रही है या नहीं, जानना कठिन है, उसी […] Read more » Featured भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार का गरलःनिजात नहीं सरल महंगाई
विविधा ‘सेकंड ऑर्डर ऑफ मेरिट ऑफ दी राइजिंग सन’ रास बिहारी बोस May 29, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment -शैलेन्द्र चौहान- यूरोप में युद्ध आरंभ हो चुका था। भारत की अधिकतर सेना युद्ध भूमि पर भेजी गई थी। ३०,००० लोग , जो घर पर थे, ऐसे कई भारतीय थे, जिनकी निष्ठा आसानी से जीती जा सकती थी। ऐसी स्थिति में, विशेषकर लॉर्ड हार्डिंग बम घटना के पश्चात, एकमात्र नेता के रूप में रास बिहारी बोस को […] Read more » 'सेकंड ऑर्डर ऑफ मेरिट ऑफ दी राइजिंग सन' रास बिहारी बोस Featured यूरोप युद्ध रास बिहारी बोस
विविधा इंसान हैं या द्वीप May 29, 2015 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment – डॉ. दीपक आचार्य- इंसानों की आत्मकेंद्रित और स्वार्थपरक फितरत देख कर यह साफ-साफ कहा ही जा सकता है कि आजकल इंसान दो किस्मों में बँटे हुए नज़र आने लगे हैं। सामाजिकता को अपनाने वाले सामाजिक प्राणी समाज या समुदाय में कुटुम्बियों और क्षेत्रवासियों के साथ हिल-मिल कर रहने में विश्वास करते हैं। दूसरी किस्म के इंसान सामाजिक प्राणी […] Read more » Featured इंसान इंसान हैं या द्वीप मनुष्य जीवन स्वार्थी
विविधा नाले में सरकारी धन May 29, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- बाल बंगरा, बिहार के सिवान जिले के महाराजगंज तहसील का भारत के लाखों गांवों की तरह एक गांव है। भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में विशिष्ट योगदान के बावजूद भी प्रादेशिक या राष्ट्रीय समाचारों की सुर्खियों में नहीं आया कभी इसका नाम। १९४२ के १६ अगस्त को इस गांव के फुलेना प्रसाद ने […] Read more » Featured नाले में सरकारी धन बिहार सरकारी धन सीवान
धर्म-अध्यात्म विविधा पुण्यसलिला, पाप-नाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी, सरित्श्रेष्ठा , राष्ट्रनदी भगवती भगीरथी गंगा May 29, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- मानव जीवन ही नहीं, वरन मानवीय चेतना को भी प्रवाहित करने वाली भारतवर्ष की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी राष्ट्र-नदी गंगा देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, वरन जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। गंगा निरन्तर गतिशीला और श्रम का प्रतीक है। इसीलिए गंगा को जीवन तत्त्व और जीवन प्रदायिनी कहा गया है […] Read more » Featured पाप-नाशिनी पुण्यसलिला मोक्ष प्रदायिनी राष्ट्रनदी भगवती भगीरथी गंगा सरित्श्रेष्ठा
परिचर्चा विविधा अम्बानी की जांच का आदेश देने वाला अभी तक सही सलामत है, यही क्या कम है ? May 23, 2015 / May 23, 2015 by श्रीराम तिवारी | 2 Comments on अम्बानी की जांच का आदेश देने वाला अभी तक सही सलामत है, यही क्या कम है ? -श्रीराम तिवारी- भले ही कांग्रेस और भाजपा दोनों की विफलता से कोई तात्कालिक पूंजीवादी राजनैतिक विकल्प कभी-कभार सत्ता में आ जाए, भले ही किसी को दिल्ली में शीला दीक्षित या ‘आप’ के केजरीवाल का शासन प्रशासन रास न आये , भले ही केंद्र में लोगों को एनडीए -यूपीए या ‘मोदी सरकार’ का शासन-प्रशासन रास न आये , भले ही वर्तमान [कु] व्यवस्था की […] Read more » Featured अम्बानी अरविंद केजरीवाल दिल्ली सरकार शीला दीक्षित
विविधा केजरी, ऑटो ड्राईवर और जनता May 23, 2015 / May 23, 2015 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment -रवि विनोद श्रीवास्तव- दिल्ली में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी भले ही आम लोगों के लिए काम कर रही हो पर केजरीवाल के हमेशा से समर्थक रहे ऑटो ड्राईवर दिल्ली के जनता को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इनकी मनमानी किराए की वसूली आज भी जारी […] Read more » Featured आटो ड्राईवर और जनता केजरी केजरीवाल दिल्ली में ऑटो
विविधा बेशर्म हैं नंगे-भूखे May 23, 2015 by डॉ. दीपक आचार्य | 1 Comment on बेशर्म हैं नंगे-भूखे -डॉ. दीपक आचार्य- दुनिया में खूब सारे लोग हैं जिन्हें न किसी की परवाह है, न कोई लाज-शरम। इन लोगों के लिए मर्यादाओं, नियम-कानूनों और अनुशासन से लेकर जीवन के किसी भी क्षेत्र में संस्कारों का कोई महत्त्व नहीं है। हमारे लिए इंसान के रूप में पैदा हो जाना ही काफी नहीं है बल्कि इंसानियत […] Read more » Featured बेशर्म हैं नंगे-भूखे समाज संस्कृति