विविधा मौलवियों की ग़लत व्याख्याओं से होती इस्लाम की बदनामी March 11, 2013 / March 11, 2013 by तनवीर जाफरी | 2 Comments on मौलवियों की ग़लत व्याख्याओं से होती इस्लाम की बदनामी तनवीर जाफ़री यदि हम इस्लाम के लगभग साढ़े चौदह सौ वर्षों के इतिहास को पलट कर देखें तो हमें यही मिलेगा कि इस्लाम धर्म को सबसे अधिक नुक़सान इस्लाम विरोधियों,तथाकथित काफ़िरों , मुशरिकों या इस्लामी दुश्मन शक्तियों द्वारा नहीं बल्कि दुर्भाग्यवश उन्हीं लोगों द्वारा पहुंचाया गया है जो एक अल्लाह के नाम का कलमा पढ़ते […] Read more »
विविधा सिर काटे बेरहमी से, फिर भी तू मेहमान..! March 11, 2013 / March 11, 2013 by विनायक शर्मा | Leave a Comment विनायक शर्मा पकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुदिन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत के लिए निजी यात्रा पर आने का सब ओर से विरोद्ध ही हुआ. अब इस विरोद्ध को यदि कोई सियासत का नाम दे तो यह उस की अपनी समझ और असंवेदनशीलता का प्रदर्शन ही […] Read more »
विविधा प्रणव बाबू ! बंगला देश में तो बंगला बोल देते March 9, 2013 / March 8, 2013 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment डा० कुलदीप चंद अग्निहोत्री प्रणव मुखर्जी पिछले दिनों बंगला देश की यात्रा पर गये थे । इस प्रकार की यात्राओं का उद्देश्य बहुत हद तक दोनों देशों के बीच सम्बध बढ़ाना और आत्मीयता स्थापित करना ही होता है । इस लिये यात्रा से पहले ऐसे कारकों की पहचान भी कर ली जाती है जो दोनों […] Read more »
राजनीति विविधा भारत में समाजवाद और आर्थिक-सामाजिक न्याय का सपना March 5, 2013 / March 5, 2013 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | 2 Comments on भारत में समाजवाद और आर्थिक-सामाजिक न्याय का सपना ब्रिटिश सरकार ने भारत के देशी उद्योग धंधों को नष्ट कर दिया था| कच्चा माल ब्रिटेन जाता था और बदले में तैयार माल आता था| इस प्रकार देश का शासन विशुद्ध व्यापारिक ढंग से संचालित था| स्वतंत्रता के पश्चात देशवासियों को आशा बंधी थी कि रोजगार में वृद्धि से देश में खुशाहाली आएगी और देश […] Read more »
विविधा आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-4 March 5, 2013 / July 19, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-4 गतांक से आगे…. ‘ध’ धकार को दकार का विपरीतार्थक माना गया है। दकार में यदि देना ही देना है तो इसमें लेना ही लेना है अर्थात धारण करना। धारण करके धारणा स्थापित कराना बुद्घि का कार्य है, इसलिए बुद्घि को संस्कृत में धी: कहा गया है। गायत्री मंत्र में हम कहते हैं-धियो योन: प्रचोदयात अर्थात […] Read more » आओ समझें: हिन्दी अक्षरों का वैज्ञानिक स्वरूप-भाग 2
विविधा जीवन के लिए संघर्ष करते सरहद के निवासी February 27, 2013 / February 27, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on जीवन के लिए संघर्ष करते सरहद के निवासी काजल काज़मी नौ महीने की अहमियत क्या होती है यह उस मां से अधिक कौन बता सकता है जिसने हजारों कठिनाईयां सहने के बाद एक बच्चे को जन्म दिया हो। यदि वह बच्चा मृत हो तो उसपर क्या गुजरेगी इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है। जम्मू स्थित पुंछ से करीब 14 किमी दूर पीर पंजाल […] Read more »
विविधा कैसे हो इस राक्षसी विनाशलीला का अंत? February 26, 2013 by नरेश भारतीय | 4 Comments on कैसे हो इस राक्षसी विनाशलीला का अंत? नरेश भारतीय भारत में आतंकवाद का राक्षस अपनी विनाशलीला जारी रख रहा है. आए दिन उसका खूनी पंजा फैलता है और निरपराध इंसानों की जान ले लेता है. एक लोकतंत्रीय देश के करोड़ों नागरिकों को उन्हीं तत्वों के द्वारा एक बार फिर चुनौती दी जा रही है जो उन्हें शांति, परस्पर सौहार्द्र और विकास की […] Read more » आतंकवाद
विविधा समाज आखिर श्रमिक कब तक सहेगा शोषण ? February 23, 2013 / February 23, 2013 by राजेश कश्यप | 2 Comments on आखिर श्रमिक कब तक सहेगा शोषण ? राजेश कश्यप श्रमिकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान श्रमिकों का गुस्सा सरकार और पूंजीपति लोगों के खिलाफ जमकर फूटा। फूटे भी क्यों नहीं? श्रमिकों की कोई सुध लेने वाला नहीं है। हर जगह श्रमिकों का भारी शोषण हो रहा है। गरीबी, भूखमरी, बेकारी, बेरोजगारी और दिनोंदिन आसमान को छूती महंगाई […] Read more » आखिर श्रमिक कब तक सहेगा शोषण
विविधा अफजल गुरु की फॉंसी और उसके बाद …- मा. गो. वैद्य February 22, 2013 by मा. गो. वैद्य | Leave a Comment भारत की सार्वभौम संसद पर हमले के सूत्रधार अफजल गुरु को ९ फरवरी को तिहाड जेल में फॉंसी दी गई. सर्वोच्च न्यायालय ने, निचले न्यायालय ने दी सज़ा पर मुहर लगाई. उसके बाद भी पुन: अफजल गुरु की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी. उसका भी फैसला अफजल गुरु के […] Read more »
विधि-कानून विविधा संविधान के विपरीत है वीआईपी और वीवीआईपी श्रेणी February 20, 2013 / February 20, 2013 by बी.पी. गौतम | Leave a Comment बी.पी. गौतम विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा में लगे जवानों और उन पर किये जा रहे खर्च का मुद्दा उच्चतम न्यायलय तक पहुँच गया है। विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को सुरक्षा देनी चाहिए या नहीं, इस पर बहस भी छिड़ गई है। कोई कह रहा है कि सुरक्षा देनी चाहिए, तो किसी […] Read more » वीआईपी और वीवीआईपी श्रेणी
विविधा अखिलेश सरकार -समाजवादी घोषणापत्र व कृषि भूमि अधिग्रहण February 19, 2013 by अरविन्द विद्रोही | Leave a Comment अरविन्द विद्रोही अन्नदाता किसानों के लिए राहुल सांस्कृतायन के लिखे-कहे शब्द ,– ” किसानों सावधान हो जाओ और आँख खोल कर देखते रहो कि तुम्हारे प्रतिनिधि तुम्हारे विरुद्ध कोई काम न कर सकें । ” वर्तमान सामाजिक-राजनैतिक परिस्थितियों के मद्देनज़र आज मनो-मस्तिष्क में कौंध रहे हैं । उत्तर-प्रदेश के विधानसभा 2012 के आम चुनावों के […] Read more » अखिलेश सरकार कृषि भूमि अधिग्रहण समाजवादी घोषणापत्र
विविधा आज भी हमारी सरकार की सभी वेबसाइटे अंग्रेजी की शोभा बढ़ा रही है। February 18, 2013 / February 18, 2013 by विकास कुमार गुप्ता | 3 Comments on आज भी हमारी सरकार की सभी वेबसाइटे अंग्रेजी की शोभा बढ़ा रही है। विकास कुमार गुप्ता हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। लेकिन हमारी जनता आजाद गुलाम की मानिंद जिन्दगी बसर करने मजबूर है। और यह सब हमारी सरकार की कुनीतियों एवं अनदेखी का परिणाम है। हमारे थाने अंग्रेजों के समय के थानों से भी खतरनाक है वो इसलिए क्योंकि अंग्रेजों की लाठी खाने पर कम […] Read more »