विविधा मध्य प्रदेश में गो-अभयारण्य! July 3, 2012 / July 3, 2012 by मा. गो. वैद्य | Leave a Comment इतस्तत: मा. गो. वैद्य गो-अभयारण्य! मतलब गायों के लिए अभयारण्य. अभयारण्य सामान्यत: वन्य पशुओं के लिए होता है. आजकल लोगों का शिकार का शौक बहुत बढ़ा है. इतना कि, वन्य पशुओं की कुछ प्रजाति नष्ट होने का खतरा निर्माण हुआ है. इस कारण उनके लिए अनेक स्थानों पर अभयारण्य हैं. उन अभयारण्यों में वन्य पशु […] Read more » गो अभयारण्य
विविधा मानवाधिकार के ग्लोबल पैराडाइम के अंतर्विरोध July 2, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जगदीश्वर चतुर्वेदी लोकतंत्र की मानवाधिकारों के बिना कल्पना असंभव है। भारत में लोकतंत्र पर बातें होती हैं लेकिन मानवाधिकार के परिप्रेक्ष्य में बातें नहीं होतीं। हमारे यहां का अधिकांश लेखन संवैधानिक नजरिए और उसके विकल्प के वाम-दक्षिण दृष्टियों के बौद्धिक विभाजन या दलीय वर्गीकरण में बंटा है।इसके अलावा मानवाधिकारों पर शीतयुद्धीय राजनीति के परिप्रेक्ष्य के […] Read more » मानवाधिकार
विविधा कश्मीर के पंचायत प्रतिनिधि सिर्फ नाम के! July 2, 2012 / July 2, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment शगुफ्ता वानी हाल ही में जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंचायतीराज व्यवस्था को प्रभावी बनाने की कवायद तेज की है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से संबंधित 14 विभागों के अधिकार पंचायतों को सौंपने का फैसला किया है। जिसमें विकास योजनाओं से लेकर राजस्व वसूली तक के अधिकार शामिल हैं। इससे […] Read more » पंचायत जम्मू कश्मीर
विविधा एलओसी का दर्द तो पूछिए June 30, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment सज्जाद करगिली बलतिस्तान (पाक अधिकृत) के एक प्रसिद्ध शायर स्वर्गीय हुस्नी ने अपने कारगिल दौरे के बाद लिखा था ‘एक दीवार की दूरी है कफस…ये न होती तो चमन में होते।‘ कारगिल लद्दाख का वह जिला है जो भारत और पाकिस्तान को लगने वाली नियंत्रण रेखा यानि एलओसी के बिल्कुल करीब स्थित है। जिसके दूसरी […] Read more » एलओसी
विविधा केलझिरी के आदिवासियों से प्रेरणा लीजिए June 30, 2012 / June 30, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on केलझिरी के आदिवासियों से प्रेरणा लीजिए अवनीश सोमकुंवर बात जब आदिवासियों की की जाती है तो हमारे मन मस्तिष्क में एक ऐसे समुदाय की छवि उभरती है जो असभ्य होगा, विकास की दौड़ में काफी पिछड़ा होगा, जहां कानून नाम की चीज नहीं होगी वगैरह वगैरह। कुल मिलाकर हम आदिवासियों और आम इंसानों के बीच सभ्यता और असभ्यता की लक्ष्मण रेखा […] Read more » केलझिरी आदिवासी
विविधा श्रेय के लिए समीक्षा के बहाने शिलान्यास June 29, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव हमारे राजनेताओं में श्रेय लेने की होड़ इस हद तक हावी हो गई है कि वे बाला-बाला योजना का समीक्षा के बहाने शिलान्यास भी करने लगे हैं। मध्यप्रदेश के शिवपुरी में एक ऐसा ही हौलनाक वाक्या देखने में आया। यहां केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दो केंद्रीय मंत्रियों ने ग्वालियर से […] Read more »
विविधा अब जरूरत है वैचारिक क्रांति की June 26, 2012 / June 26, 2012 by प्रकाश नारायण सिंह | 5 Comments on अब जरूरत है वैचारिक क्रांति की प्रकाश नारायण सिंह शहीद भगत सिंह ने 8 अप्रैल 1929 को संसद के सेंट्रल हॉल में बम फेंकने के बाद कहा था कि बहरों को सुनाने के लिए धमाका जरूरी है। उस समय भी युवा हताश और निराश थे। रोज-रोज के घोटाले, सत्ता की हनक और कुलिन वर्ग का उपभोग संस्कृति आज भी युवाओं को […] Read more » वैचारिक क्रांति
विविधा अबू हमजा की गिरफ्तारी भारत की बड़ी कामयाबी June 25, 2012 / June 25, 2012 by नीरज कुमार दुबे | 1 Comment on अबू हमजा की गिरफ्तारी भारत की बड़ी कामयाबी नीरज कुमार दुबे मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के प्रमुख आरोपी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी सैयद जबीउद्दीन उर्फ रियासत अली उर्फ अबू हमजा का सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ना एक बड़ी कामयाबी है। उम्मीद है कि एक बार फिर दुनिया जानेगी कि किस प्रकार पाकिस्तान की धरती से भारत के खिलाफ आतंकवाद की साजिशें बनाई […] Read more » अबू हमजा आतंकवाद
विविधा क्रोध का करें खात्मा June 25, 2012 by डॉ. दीपक आचार्य | 1 Comment on क्रोध का करें खात्मा डॉ. दीपक आचार्य गुस्सा हमेशा उन लोगों को ही आता है जो विवश, असहाय या कमजोर होते हैं। माना जाता है कि अनचाहे का होना और मनचाहे का न होना, यही क्रोध की वजह है। हर व्यक्ति को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति को पूर्वजन्मों के कर्मों के अनुसार निश्चित परिलाभ में […] Read more » क्रोध
विविधा सीमेंट के कार्टेल कारोबारियों पर 6,300 करोड़ का जुर्माना June 24, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जगदीश्वर चतुर्वेदी भारत में नव्य आर्थिक उदार नीतियों के गंभीर दुष्परिणाम आने लगे हैं। बाजार की चालक शक्तियों के कामकाज में सरकार की हस्तक्षेप न करने की नीति का यह परिणाम निकला है कि अब एक ही क्षेत्र में व्यापार करने वाली बड़ी कंपनियां आपस मिलकर समूह या कार्टेल बनाकर कारोबार कर रही हैं। इस […] Read more »
विविधा आनंद और मस्ती चाहें तो पाखण्डियों व शिखण्डियों से दूर रहें June 22, 2012 by डॉ. दीपक आचार्य | 2 Comments on आनंद और मस्ती चाहें तो पाखण्डियों व शिखण्डियों से दूर रहें डॉ. दीपक आचार्य आदमी की पूरी जिन्दगी में उन लोगों का खूब प्रभाव पड़ता है जो किसी न किसी बहाने हमारे आस-पास रहा करते हैं अथवा सम्पर्क में आते रहते हैं। इनमें विभिन्न किस्मों के लोग हुआ करते हैं। जब से आदमी में स्वार्थ और ऐषणाओं की पूर्त्ति जीवन का सर्वोपरि लक्ष्य हो गई है […] Read more »
विविधा पुस्तिका का पूरा पाठ : पश्चिमीकरण के बिना आधुनिकीकरण June 21, 2012 / June 21, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on पुस्तिका का पूरा पाठ : पश्चिमीकरण के बिना आधुनिकीकरण यह पुस्तिका 13 अगस्त 1983 को नई दिल्ली में भारत विकास परिषद् द्वारा आयोजित संगोष्ठी में सुविख्यात विचारक और प्रमुख श्रमिक नेता श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी द्वारा दिए गए भाषण का उन्हीं के द्वारा विस्तृत किया गया रूप है। पूरी पुस्तिका पढ़ने के लिए Pashchimikaran ke bina adhunikaran पर क्लिक करें। Read more »